ही फ्रेंड्स, मेरा नाम हर्ष रॉय है. और आज मैं आप लोगों के लिए लेके आ गया हू अपनी कहानी का अगला पार्ट. तो सबसे पहले पिछले पार्ट को खूब सारा प्यार देने के लिए थॅंक योउ. तो अब ज़्यादा टाइम ना वेस्ट करते हुए पार्ट-4 पे आते है.
घर आके मैं हॉल में बैठा, तो भाभी मेरे लिए छाई लेके आई. उस वक़्त भाभी ने पीली सारी पहनी थी, और आके मेरे सामने बैठ गयी और बातें करने लगी. हम दोनो नॉर्मल बातें कर रहे थे, और उसी वक़्त मेरी नज़र भाभी के ब्लाउस पे पड़ी. तो मैने नोटीस किया, की ब्लाउस बीच में से गीला था.
फिर मैने और ध्यान से देखा तो पता चला की वो भाभी के बूब्स से निकला हुआ दूध था. शायद वो अपने बच्चे को दूध पीला के आई होंगी, तो ब्लाउस पे लग गया होगा. मैं अपनी नज़रे हटाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन नही हॅट रही थी. उसी वक़्त भाभी का फोन आ गया तो वो चली गयी.
मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा था, की मेरे साथ क्या हो रहा था. लेकिन किसी तरह मैने अपने आप को समझाया और सिचुयेशन को नॉर्मल किया, और अपने रूम में चला गया, और मोविए देखने लगा. उसके 2 घंटे बाद भाभी ने खाने के लिए बुलाया और हम सब खाना खा के सोने चले गये.
भाभी कुछ देर बाद लूस निघट्य पहन के सोने के लिए आ गयी. भाभी ने लाइट बंद की, और बेड पे आ गयी. उसके बाद हम दोनो में कुछ बात हुई, और भाभी सो गयी. लेकिन मुझे नींद कहा आने वाली थी, तो मैं करवाते बदलते रहा. 1 घंटा हुआ, फिर 2 घंटे हुए, लेकिन मुझे नींद कहा आ रही थी. बस मैने आँखें बंद की हुई थी.
करीब 2 बाज रहे होंगे, भाभी का लड़का फिर रोने लगा, और उसके बाद भाभी फिर मेरे सामने उसको दूध पिलाने लगी. मेरी ये सब देख के हालत खराब होने लगी. गर्मी ना होते हुए भी मेरे पसीने छूट रहे थे. भाभी 10 मिनिट दूध पिलाने के बाद सो गयी, लेकिन मुझे चैन कहा था.
फिर मैं उठा, और बातरूम में चला गया. मैने बहुत सोचा की मूठ मारू की नही. लेकिन अगर मूठ नही मारता तो मुझे नींद कहा आने वाली थी. तो मैने ये सीन सोच के मूठ मार ही ली, और आके सो गया. फिर सुबा उठा तो ऑफीस जाने का टाइम हो गया था.
मैं जल्दी से रेडी हो कर ऑफीस के लिए निकल दिया, और काम करके घर आ गया. कल सनडे था तो मैं मस्त रिलॅक्स कर रहा था. लेकिन अब हवस मेरे अंदर फिरसे भर गयी थी. तो मैं भाभी की हर हरकत को नोटीस कर रहा था, जैसे की उनकी बूब्स, गांद, सभी चीज़ों को और ऐसे करते-करते रात हो गयी.
हमने खाना खाया, और सोने आ गये और भाभी ने फिर वही लूस निघट्य पहनी थी. लेकिन आज वो ब्रा नही पहनी थी अंदर. तो जब वो चल के बेड पे आ रही थी, तो उसके बूब्स बहुत हिल रहे थे. वो सीन देख के मेरा तो खड़ा हो गया था. उसके बाद भाभी बेड पे आते ही सो गयी. शायद वो आज बहुत ज़्यादा काम कर के तक गयी होंगी. उसके थोड़ी देर बाद मैं भी सो गया.
करीब 3 बाज रहे होंगे. मुझे ज़ोर का सस्यू लग गया, तो बिना कही देखते हुए मैं सीधा बातरूम में चला गया. थोड़ी देर बाद जब मैं बातरूम से निकल कर बेड पे सोने गया, तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी.
क्यूंकी मैने देखा की भाभी के बूब्स निघट्य से बाहर निकल आए थे, और मुझे एक-दूं सॉफ-सॉफ दिख रहे थे. मॅन तो किया की दबा डू, लेकिन मैने खुद को कंट्रोल किया, और सोने की कोशिश करने लगा.
लेकिन मेरा मॅन कहा मानने वाला था. मेरा हाथ आउट ऑफ कंट्रोल हो गया. फिर मैने हल्के हाथ से बूब्स को टच किया. क्या सॉफ्ट-सॉफ्ट से थे. दर्र तो लग रहा था. लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था. इसके बाद भी मेरा मॅन नही माना, तो मैने सोचा की आज मौका है, तो भाभी का दूध भी तो टेस्ट करे.
उसके बाद मैं अपना सर भाभी के पास ले गया, और निपल को मूह में ले लिया. भाभी को लगा की उनका लड़का था, तो नींद में ही अपनी बूब्स को पूरी तरह से बाहर निकाल दी. मेरे लिए तो और भी बढ़िया हो गया था. मैं तो मस्त दूध पी रहा था.
क्या मस्त टेस्ट था, बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन ये मज़ा ज़्यादा देर तक नही रहा. क्यूंकी अचानक लंडन से भैया का फोन भाभी के फोन पे आ गया. मुझे तो कुछ समझ नही आया. मैं जल्दी से सीधे हो कर आँखें बंद करके सो गया.
उसका बाद भाभी उठी, और बूब्स को अंदर किया. वो थोड़ी कन्फ्यूज़ हो गयी की मेरा लड़का तो सो रहा था नींद में, तो दूध पी कों रहा था. फिर उसके बाद उन्होने थोड़ी देर तक मुझे देखा, और फिर फोन लेकर रूम से बाहर चली गयी भैया से बात करने.
मेरी तो फटत गयी थी, और उसके बाद मेरी आँखें सुबा ही खुली. मैने देखा की सुबा के 10 बाज चुके थे, और आज सनडे था, तो भाभी ने इसलिए मुझे उठाया भी नही. उसके बाद मैं नहा धो के नीचे भाभी के पास गया, तो भाभी ने बोला-
भाभी: बैठिए, खाना खा लीजिए.
तो मैने बोला: ठीक है.
और मैं डाइनिंग टेबल पे बैठ गया. उसके बाद भाभी खाना लेके आई, और मैं खाने लगा. मैने नोटीस किया की भाभी मुझे घूर रही थी. मेरी तो हिम्मत ही नही हो रही थी. उसने नज़रे मिलने की कोशिश की, लेकिन मैं नीचे देख के खाना खाए जेया रहा था. थोड़ी देर बाद भाभी मुझसे पूछती है-
भाभी: देवर जी, कल को नींद तो आई ना?
तो मैने बोला: हा भाभी, अची नींद आई.
और उसके बाद मैने पूछा: आप ऐसा क्यूँ पूच रही है?
तो उन्होने बोला: बस ऐसे ही.
और उस दिन भाभी ने मेरी हर आक्टिविटी को नोटीस किया. मैं भी एक-दूं सीधा क्यूट सा फेस बना कर घूम रहा था. फिर रात हुई, और मैं बेड पे ही जाके सो गया. क्यूंकी मुझे पता था, की आज कुछ भी उल्टा सीधा किया तो भाभी को पता चल जाएगा.
उसके बाद सुबा उठा तो ऑफीस चला गया, और ये स्ट्रॅटजी लगभग 5 दिन तक फॉलो हो पाई. क्यूंकी एक दिन की सुबा मैं नहाने के लिए अपने बातरूम में गया तो देखा की मेरा सोप ख़तम हो गया था. फिर मैने सोचा की भाभी ने ज़रूर एक एक्सट्रा सोप रखा ही होगा. ये सोच कर मैं उनके रूम की तरफ जाने लगा. मैने देखा की डोर तो लॉक था.
फिर जब मैं डोर नॉक करने ही जेया रहा था तो मैने देखा की डोर तो सही से लॉक ही नही था. तो मैने बिना नॉक किए ही डोर खोल दिया. डोर खोलते ही मैने देखा की भाभी अपना ब्लाउस उपर करके अपने लड़के को दूध पीला रही थी. और ये देखते ही मेरी नज़र वही पे अटक गयी.
उसके बाद भाभी ने बूब्स को च्छुपाया, और हकलाते हुई बोली: क्या हुआ देवर जी, क्या चाहिए? मुझे तो कुछ सुनाई ही नही दे रहा था. उसके बाद भाभी ने फिर बोला-
भाभी: क्या चाहिए देवर जी?
तो मैने बोला: सोप चाहिए था, मेरा ख़तम हो गया है.
तो भाभी ने बोला: रुकिये मैं लेके आती हू.
फिर वो सोप लेके आई और मुझे दे दिया. और मैं लेकर वापस अपने बातरूम में आ गया और नहाने लगा. अब मेरे से कंट्रोल नही हो रहा था, क्यूंकी मेरा इंटेर्नशिप्स भी ख़तम होने वाला था और 2-3 दिन में भैया भी आने वाले थे. और मुझे ऐसा मौका दोबारा नही मिलने वाला था.
तो मैं आज डिसाइड कर लिया की आज कांड कर ही देना था, फिर चाहे कुछ भी जो जाए. फिर रात हुई और आज मैं फुल मूड में था. भाभी आई बेड पे, और आज वो सारी पहने हुई थी. क्या बवाल लग रही थी वो. वो उसके बेड पे लेती, और मेरी तरफ फेस करके सो गयी. मैं भी कुछ देर तक उनको देखते रहा.
क्या बेऔटयफुल लग रही थी वो. उसके बाद मुझसे रहा नही गया, तो बिना सोचे ही मैने अपने लिप्स भाभी के लिप्स से लगाए, और किस करने लगा. फिर किस करते ही भाभी की आँखें खुल गयी, और उन्होने मुझे धक्का दे दिया.
वो बोलने लगी: ये क्या कर रहे हो? ये ग़लत है.
तो मैने बोला: भाभी कुछ ग़लत नही है. मैं आप से बहुत प्यार करता हू, और बस मैं प्यार कर रहा हू.
तो भाभी रोने लगी और बोली: देवर जी ये ग़लत है.
फिर उसके बाद भाभी रोते हुए रूम से बाहर बाल्कनी में चली गयी. मैं भी रूम से बाहर गया, और भाभी को पीछे से पकड़ लिया और बोला-
मैं: मैं आपको बहुत प्यार करता हू.
और भाभी मुझसे अपने आप को च्चूदवाने लगी.
वो बोली: ये ग़लत है.
और फिर वो अपने रूम में जेया कर अपने रूम का डोर अंदर से लॉक कर ली. फिर मैं भी अपने रूम में आ कर सो गया. सुबा मैं लाते उठा, क्यूंकी आज सनडे था. फिर जब नीचे गया, तो देखा की भाभी किचन में खाना बना रही थी. तो मैने फिरसे उनको पीछे से पकड़ लिया, और उनके गले पे किस करने लगा. उन्होने अपने आप को च्चूदवया, और मुझे धक्का देने लगी.
तो मैने बोला: क्या प्राब्लम है? क्यूँ मुझसे डोर जेया रही है आप? मैं आप से बहुत प्यार करता हू.
अब वो फिरसे रोने लगी और बोली: ये ग़लत है. तुम्हारे भैया को पता चला तो बहुत बुरा होगा.
तो मैने बोला: बस यही बात है? देखिए भैया को बताएगा कों?
तो वो बोली: फिर भी ये ग़लत है.
तो मैने बोला: आप मुझसे प्यार करती हो की नही?
उन्होने बोला: अगर करती भी हू, तो भी कोई फराक नही पड़ता. क्यूंकी ये ग़लत है.
तो मैने बोला: आप मेरे प्यार को समझ नही रही हो. जब मैने पहली बार आपको देखा था, तभी मुझे आप से प्यार हो गया था. आप को मैने हर पल याद किया है, और हर पल आपको पाने की कोशिश की है.
और फिर भाभी ने बोला: क्या सच में तुम मुझसे इतना प्यार करते हो?
तो मैने बोला: जान से भी ज़्यादा.
फिर भाभी ने बोला: फिर भी कोई फराक नही पड़ता. क्यूंकी अब मैं तुम्हारे भैया की बीवी हू. और तुम्हे ये बात को समझना होगा.
तो मैने बोला: फिर मेरे प्यार का क्या?
उसके बाद भाभी ने मुझे कुछ देर तक देखा और किचन से बाहर चली गयी. मुझे कुछ समझ नही आया तो मैं भी उनके पीछे चला गया. और जब मैं गया, तो देखा की भाभी कपड़े धो रही थी. मैं गया, और पीछे से मैने शवर चालू कर दिया, और चुकी भाभी शवर के नीचे ही थी, तो वो भीग गयी.
फिर जब वो हटने की कोशिश कर रही थी, तो मैने उनका हाथ पकड़ लिया. फिर भाभी बोलने लगी-
भाभी: क्या कर रहे है देवर जी? मेरा हाथ छ्चोढिए.
और ऐसे करते-करते भाभी अब पूरी भीग चुकी थी. अब उनकी पीली सारी पूरी तरह ट्रॅन्स्परेंट हो चुकी थी, और उनके बड़े-बड़े बूब्स के निपल मुझे सॉफ-सॉफ दिखने लगे थे.
मैं निपल्स को देखने में इतना खो गया था, की भाभी मेरा हाथ च्चूधा के अपने रूम में चली गयी, और अपने रूम का दरवाज़ा बंद करने ही जेया रही थी, की मैं अंदर घुस गया और दरवाज़ा अंदर से लॉक कर दिया. उसके बाद क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.
तो दोस्तों अगर मुझसे कोई ग़लती हुई तो माफ़ कीजिएगा. और कोई भी सजेशन या फीडबॅक देना हो, तो आप लोग मुझे- हर्शरॉय@स्किफ.कॉम पे मैल कर सकते है.