ही फ्रेंड्स, मेरा नाम आकाश है. मैं देल्ही का रहने वाला हू. मेरी उमर 22 साल है, और मैं कॉलेज में पढ़ता हू. कॉलेज में पढ़ने वाले सभी लड़कों की तरह मैं भी बहुत हॉर्नी हू. मेरी हाइट 5’10” है और जिम जाके मैने अची बॉडी बनाई हुई है. चलिए अब मैं कहानी शुरू करता हू.
मेरी मम्मी की एक स्कूल टाइम की फ्रेंड है. आंटी का नाम सलोनी है. वैसे तो मैं आंटी को बचपन से देखता आ रहा हू, क्यूंकी उनका हमारे घर आना-जाना लगा रहता है. लेकिन आंटी पे मेरी गंदी नज़र जवान होने के बाद पड़ी.
आंटी का रंग गोरा है, और बॉडी हेवी है. हेवी मतलब वो मोटी नही है. लेकिन जहा-जहा माज़ होना चाहिए, वाहा पर पर्फेक्ट माज़ है. उनका साइज़ तकरीबन 36-30-38 होगा. अपने इस साइज़ के साथ वो बहुत सेक्सी लगती है. वो जिम जाती है, इसलिए उनका पेट अंदर है. और पेट अंदर होने पर बूब्स और गांद और बड़े लगते है.
मुझे तो वो किसी मिलफ पॉर्न वीडियो की हेरोयिन लगती है. मैने आंटी के बारे में सोच-सोच कर मूठ तो बहुत मारी थी, लेकिन कभी उनको सच में छोड़ने के बारे में नही सोचा था. लेकिन 6 महीने पहले कुछ ऐसा हुआ, की मुझे उनको छोड़ने का मौका मिल गया.
6 महीने पहले एक दिन आंटी हमारे घर आई हुई थी. मम्मी और आंटी बाल्कनी में बैठ कर कुछ ऐसी बातें कर रही थी, जो मैने सुन ली.
मम्मी: और सलोनी क्या हाल है तेरा.
सलोनी: काहे का हाल यार, बस घर के काम ही करती रहती हू. वो भी क्या दिन थे, जब पुर मज़े होते थे.
मम्मी: वैसे कितनो से चुडवाई है तूने?
सलोनी: पक्का तो नही पता, लेकिन 50 से तो उपर ही होंगे.
मैं मम्मी के इस सवाल और आंटी के इस जवाब को सुन कर हैरान था. उनकी चुदाई के नंबर को सुन कर तो वो बहुत बड़ी चुड़क्कड़ लग रही थी. फिर मम्मी बोली-
मम्मी: पुर मज़े लिए है तूने जवानी में.
सलोनी: हा वो भी क्या दिन थे. सुबा किसी और के साथ, और रात किसी और के साथ. लड़के मेरे दीवाने थे. एक मेरा हज़्बेंड है, सेयेल को इंटेरेस्ट ही नही है.
मम्मी: और वो दीवानो का क्या हुआ?
सलोनी: सब कही ना कही सेट्ल है. बीवी आने के बाद मर्द बहुत डरते है.
मम्मी: तो किसी यंग लड़के को पत्ता ले. अभी भी अची-ख़ासी है तू तो.
सलोनी: लड़के अपना मूह बंद रखना नही जानते. कोई सेक्यूर लड़का जल्दी कहा मिलता है.
आंटी की ये बात सुन कर मैं हैरान हो गया. मैने सोचा की अगर मैं आंटी का बाय्फ्रेंड बन जौ, तो मेरे तो मज़े ही मज़े होंगे. फिर मैं वाहा से चला गया. अब मैं सोचने लगा की आंटी को अपनी गर्लफ्रेंड बनौ कैसे. फिर मेरे दिमाग़ में आया की आंटी पहले से ही बहुत हॉर्नी थी, और उनको भी चूड़ना था. तो मैने सीधे ही उनको मेसेज किया.
मैं: हेलो आंटी.
आंटी: ही आकाश, कैसे हो?
मैं: मैं ठीक हू आंटी, आप बताओ.
आंटी: मैं भी ठीक. आज कैसे याद किया.
मैं: आंटी मुझे कुछ पूछना था आपसे.
आंटी: पूछो.
मैं: आंटी आज आप जब मम्मी से बातें कर रही थी, तो मैने आप दोनो की बातें सुन ली थी.
आंटी: कों सी बातें?
मैं: सब कुछ आंटी.
आंटी: तो?
मैं: आंटी मैं घुमा फिरा कर नही बोलूँगा. आपको चूड़ने के लिए एक लड़का चाहिए, और मुझे एक आप जैसी सेक्सी औरत. अगर आप मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ, तो हम दोनो मज़े कर सकते है. किसी को कुछ पता नही चलेगा. तो क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनेंगी.
आंटी ने मेसेज देख तो लिया, लेकिन उनका कोई जवाब नही आया. काफ़ी देर तक जब उनका जवाब नही आया, तो मेरी गांद फटत गयी. मुझे लगा की कही वो मम्मी को ना बता दे इसके बारे में. फिर मैने वेट करके उनको मेसेज किया-
मैं: आंटी अगर आपको मेरा ऐसे मेसेज करना ठीक नही लगा हो तो मुझे माफ़ कर देना. लेकिन मम्मी को इसके बारे में कुछ मत बताना. नही तो वो मेरा बुरा हाल कर देंगी. ई आम सॉरी प्लीज़.
आंटी ने फिरसे मेसेज रेड तो कर लिया, लेकिन उसका कोई जवाब नही दिया. अब मेरे दिल की धड़कन बढ़ चुकी थी. ऐसे ही रात हो गयी, और मैं जैसे-तैसे सो गया. सुबा उठा तो देखा आंटी का अभी तक कोई रिप्लाइ नही आया था. फिर मैं कॉलेज चला गया.
कॉलेज जाके मेरा पढ़ाई में ध्यान नही लग रहा था. मेरे दिमाग़ में बस यही चल रहा था की आंटी ने मुझे जवाब क्यूँ नही दिया. मुझे लगा की आंटी ना भी तो बोल सकती थी सीधे-सीधे अगर उनको मेरे साथ कुछ नही करना था तो.
फिर मेरे दिमाग़ में अलग-अलग सीन आने लगे की अगर घर पे पता चल गया तो मेरे साथ क्या-क्या हो सकता था. लेकिन फिर मैने सोचा की अब जो होगा देखा जाएगा. मैं कोई पहला लड़का तो होऊँगा नही जिसने किसी आंटी को प्रपोज़ किया हो. फिर ऐसे ही दिन बीट गया, और कॉलेज की छुट्टी हो गयी. मैं फिर घर की तरफ निकल पड़ा.
जब मैं घर पहुँचा, तो देखा घर के बाहर आंटी की स्कूटी खड़ी हुई थी. उनकी स्कूटी देख कर दर्र से मेरे टटटे मेरे गले तक पहुँच गये. फिर मैं घर के अंदर गया, और अंदर देखा, तो मम्मी और आंटी दोनो हॉल में बैठी बातें कर रही थी.
मुझे लगा अब तो मैं मररा ही मररा. मैं जैसे-जैसे उनके करीब जेया रहा था, मेरे दिल की धड़कने तेज़ होती जेया रही थी. तभी आंटी की नज़र मुझ पर पड़ी, और उन्होने मेरी तरफ देखते हुए मम्मी से बोला-
आंटी: आ गया आपका लाड़ला.
आंटी जिस तरह से ये बोली थी मुझे लगा की आज मेरा घर से बाहर निकाले जाना तो टाई था. लेकिन फिर भी मैने हिम्मत नही छ्चोड़ी, और उनके पास जाके खड़ा हो गया. तभी मेरी मम्मी ने मेरी तरफ देखा और बोली-
मम्मी मुझसे क्या बोली, और आयेज क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको यहा तक की कहानी पसंद आई हो, तो इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेर करे. सभी रीडर्स को कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.