नंगी काजल मुझे कमरे में ले गयी। बिस्तर पर लेट कर उसने अपनी टांगें उठा कर चौड़ी कर दी। अपने हाथों की उँगलियों से अपनी चूत की फांकों को खोल दिया।
छोटी सी गुलाबी चूत मेरी आखों के सामने थी।
मैंने चूतें चोदी थी लेकिन उनमें कुछ पेशेवर चुदाई करवाने वाली थीं – कुछ महंगी कॉल गर्ल्स थीं। एक दो आंटीयां पटा कर भी चोदी थीं I
लेकिन ये काजल ? उन्नीस साल के नयी नकोर लड़की। ऐसी गुलाबी चूत मैंने अब तक नहीं चोदी थी। मेरी तो अभी इस उम्र के साथ मेल खाती कोइ गर्ल फ्रेंड भी नहीं थी।
मन में एक ख्याल सा आया पता नहीं अभी तक चुदी भी है ये काजल कि नहीं।
इतनी जवान लड़की को नंगा सामने देख कर अब मेरे दिमाग में चुदाई के अलावा कुछ भी नहीं आ रहा था। मैंने अपने कपड़े उतार दिए।
मेरा लंड भी पूरा खड़ा हो चुका था – एकदम सख्त।
मैंने काजल की खुली चूत में अपने जुबान घुसेड़ दी और चाटने लगा।
जल्दी ही काजल की चूत पानी से भर गयी। मैंने काजल के टांगें थोड़ी और चौड़ी की, चूतड़ों के नीचे तकिया खिसकाया और लंड चूत में डालने ही वाला था की काजल बोली “रुको वरुण”।
मैं अब कैसे रुकता। मेरे सर पर तो चुदाई का भूत सवार था।
मैंने लंड को थोड़ा अंदर किया। काजल बोली “वरुण रुको, मुझे कंडोम लाने दो”।
अब मुझे हैरानी हुई कि चुदाई के इस पागलपन में भी काजल का दिमाग सही काम कर रहा है।
मैं काजल की चूत में से लंड निकाल कर एक तरफ हो गया। काजल उठ कर मौसी के कमरे से कंडोम लाई और मेरे हाथ में दे दिया।
मैंने कंडोम खोल कर अपने लंड पर चढा लिया।
मेरे ज़ेहन में कई सवाल आये।
चुदाई के पागलपन में भी काजल को कंडोम का ख्याल कैसे आया ? कंडोम मौसी के कमरे में कहां है ये बात काजल को कैसे ये पता थी ? क्या काजल को चुदाई का चस्का लग चुका है ? क्या उन्नीस साल के काजल चुदक्क्ड़ हो चुकी है? क्या मौसी भी ?
लेकिन इन सवालों के जवाब ढूंढने से उस वक़्त मेरे लिए काजल की चुदाई जरूरी थी। चुदाई का भूत मेरे सर पर सवार था।
मैंने काजल के खुली फुद्दी पर लंड रखा और अंदर धकेला।
काजल दर्द से बोली, “आअह धीरे वरुण धीरे – तुम कहीं ये तो नहीं सोच रहे में चुदाई के चक्कर में पड़ चुकी हूं”?
“तुम पहले हो वरुण। धीरे धीरे अंदर करो। मैं कहीं भागी नहीं जा रही “।
मुझे अपनी जल्दबाजी पर शर्म आने लगी। फि मैंने काजल की चूत थोड़ी और चूसी। चूत का खूब पानी निकाला। चूत को खोल कर खूब सारा अपना थूक उसमें डाला और धीरे धीरे लंड अंदर डालने लगा।
काजल को अभी भी दर्द हो रहा था। मैं लंड थोड़ा अंदर डाल कर रुक गया और काजल की चूत का दाना रगड़ने लगा। कुछ ही देर में काजल चुदाई के लिए तैयार हो गयी और मेरे चूतड़ दबाने लगी। मैंने अपना लंड थोड़ा और अंदर किया। काजल के मुंह से एक सिसकारी निकली “आह वरुण”।
मैं रुका और लंड थोड़ा और अंदर कर दिया। इसी तरह धीरे धीरे पूरा लंड अंदर बैठ गया। काजल की चूत ने लंड पूरी तरह जकड़ा हुआ थ। काजल की चूत बहुत टाइट थी। मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये और साथ ही धक्कों के रफ्तार बढ़ाता गया।
काजल को अब मजा आने लगा। उसने भी नीचे से चूतड़ हिलाने शुरू कर दिए। मैंने काजल के नीचे बाहें डाल कर उसे बाहों में जकड़ लिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा।
काजल पूरी गरम हो चुकी थी। अब वो मजे की सिसकारियां ले रही थी। “आह वरुण बड़ा मजा आ रहा है आअह आअह्ह जल्दी ही काजल झड़ने के नज़दीक पहुंच गयी। और बोलने लगी …..वरुण मझे मजा आने वाला है आअह वरुण आआह और एक लम्बी सिसकारी “अअअअअह” के साथ काजल को मजा आ गया।
काजल की टाइट चूत के रगड़ों से मेरा भी पानी निकलने ही वाला था मेरे मुंह से भी एक आवाज निकली “आअह काजल” और मेरा भी पानी कंडोम के अंदर निकल गया”।
कंडोम लगा कर चुदाई का ना तो लड़की को चुदाई का पूरा मजा आता है ना लड़के को। ये तो ऐसा है कि लड़की के होठों पर एक पतला कपड़ा डाल कर उसके होठों को चूमा चूसा जाए।
कुछ देर में ऐसे ही काजल के ऊपर लेटा रहा। मेरा लंड काजल की चूत के अंदर ढीला होने लगा था। में काजल के ऊपर से उतरा और उसके साथ ही लेट गया।
चुदाई का मजा उतारते ही काजल को चूत में दर्द महसूस हुआ।
उसने अपनी चूत को हाथ लगा कर देखा तो खून निकला हुआ था। काजल मुझ से बोली “वरुण चूत से खून निकला है लगता है सील फट गयी है। जरा कपड़ा ला दो”।
में तौलिया लाया और काजल की चूत साफ़ की। खून निकला तो था लेकिन अब ठीक था।
मैंने कंडोम पर भी देखा तो कुछ लाल सा दिखाई दिया। मैंने कंडोम उतार दिया और बाथ रूम चला गया। कंडोम को फ्लश में बहा कर लंड साफ़ कर के वापस काजल के पास आ गया। काजल वैसे ही लेटी हुई थी।
मैंने पूछा “काजल तबीयत तो ठीक है ? दर्द तो नहीं हो रहा”?
काजल बोली “दर्द से ज़्यादा तो मजा आ रहा है – अभी भी I आओ मेरे पास ही लेट जाओ”।
मैं काजल के साथ ही लेट गया।
कुछ देर की चुप्पी के बाद मैंने कहा, “काजल ये ठीक नहीं हुआ”।
काजल ने पूछा “क्या ठीक नहीं हुआ वरुण ? ये जो हम दोनों में जो चुदाई हुई है उसके बात कर रहे हो”?
मैंने कहा “हां काजल हमारा रिश्ता इसके इज़ाज़त नहीं देता”।
काजल बोली “वरुण अब जो होना था वो हो गया। अब मम्मी और पापा तीन चार दिनों के लिए बाहर हैं। तुम इन दिनों में मेरे साथ और चुदाई कर लो। उसके बाद मैं कभी भी तुम्हें चुदाई के लिए नहीं कहूंगी। फिर हम भूल जाएंगे कि हमारे बीच ऐसा कुछ हुआ भी था”।
मैं सोच रहा था की भूल जाने से क्या सच्चाई बदल जाएगी कि ये ठीक नहीं हुआ ?
काजल ने फिर मेरे लंड के साथ खिलवाड़ शुरू कर दिया। जवान उन्नीस साल के टाइट चूट फिर लंड मांग रही थी। वासना रिश्तों पर भारी थी।
मेरा लंड फिर तन गया।
मेरा मन चुदाई करने का होने लगा। मैंने पूछा ”काजल कंडोम है”?
काजल बोली, “नहीं वरुण, वो आख़री था”।
मैंने कहा “तुम मौसी के कमरे से कंडोम लाई थी। अगर मौसी को इसकी याद हुई तो उसको शक नहीं होगा ? और फिर बिना कॉन्डोम के हम चुदाई कैसे करेंगे। मैं तो ये खतरा नहीं उठाना चाहता। एक मिनट का मजा सारी जिंदगी का जंजाल बन सकता है “।
काजल ने दिवार पर लगी घड़ी की तरफ देखा। “साढ़े पांच ही हुए थे”।
काजल बोली, “वरुण अभी तो साढ़े पांच ही हुए हैं बाइक घर पर ही है। बाजार से ले आओ। आज है कल है, और परसों भी तो है। कम से कम आठ दस तो तो लगेंगे ही”।
मैं काजल की चुदाई की गिनती और उतावली जान कर हैरान हो गया।
मैंने कपड़े पहने और काजल को बोला, “अच्छा काजल, उस वाले कंडोम का रेपर दे दो। उसी कम्पनी का ले कर आता हूं। मौसी को पता नहीं चलेगा “।
काजल ने साइड टेबल कंडोम का रेपर उठा कर मुझे दे दिया।
मैं बाइक निकाल कर मार्किट की तरफ निकल गया। मेन मार्किट घर से दस मिनट की दूरी पर ही थी।
केमिस्ट की दूकान से मैंने उसी ब्रांड पंद्रह कंडोम का पैकेट खरीदा और चार गर्भ निरोधक गोलियां भी खरीद ली।
काजल की पहली चुदाई थी। लड़की को असली मजा तो तभी आता है जब लड़के का गर्म गर्म पानी चूत में गिर चूत को भर देता है और चूत चिकने और लेसदार पानी से भर जाती है। कंडोम इस मजे के बीच में एक पर्दे का काम करता है।
अब अगर भाई बहन में चुदाई होनी ही है तो ढंग से तो हो।
वापस आ कर ये बिना कंडोम के चुदाई वाली बातें मैंने काजल को बताई और कंडोम और गोलियां काजल को दे दी।
काजल तो एकदम ही उत्तेजित हो गयी और मुझे पकड़ कर बोली, “तो चलो वरुण एक बार बिना कंडोम के चोदो और डालो अपना गरम पानी मेरे अंदर। और ये गोली चुदाई से पहले खानी है या बाद में”?
मैंने बता दिया, “इसे चुदाई के बारह घंटे के अंदर अंदर कभी भी खा सकते हैं “।
काजल ने मेरी बाजू पकड़ी और लगभग घसीटती हुई कमरे में ले गयी। अंदर जाते ही काजल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए।
मैं सोच रहा था इतनी उतावली हो रही है काजल चुदाई के लिए ? इतने दिन कैसे काटे हैं इसने, और अब आगे क्या करेगी?
काजल मेरी पेंट के बटन खोलने के कोशिश करने लगी। मेरे सामने भी कोइ चारा नहीं था। नंगी काजल को देख कर चुदाई का मन तो मेरा भी हो ही रहा था।
मैंने भी कपडे उतार दिए। काजल ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरा लंड चूसने लगी।
मैंने भी सोचा अब अगर काजल को मजा देना ही है तो फिर पूरा ही मजा क्यों नहीं।
मैंने काजल को कहा, “काजल घूम कर अपनी चूत मेरे मुंह पर कर दो। मैं साथ साथ तुम्हारी चूत चूसता हूं”।
काजल घूम गयी। टाँगें मेरे दोनों तरफ कर के अपनी चूत मेरे मुंह के ऊपर कर दी,अब काजल मेरा लंड चूस रही थी और मैं काजल की चूत चाट रहा था – उसकी चूत का दाने पर हल्के हल्के से काट रहा था।
पांच मिनट की चुसाई के बाद ही काजल काजल मस्ती में आ गयी। लंड मुंह से निकाल कर बोली, “आओ वरुण बस अब। चोदो मुझे। मुझसे रहा नहीं जा रहा। देखने का मन कर रहा है जब तुम्हारे लंड का गरम पानी मेरी चूत में गिरेगा तो कैसा लगेगा”।
काजल की चूत चूसते चूसते ये तो मुझे भी पता चल गया था की काजल की चूत बहुत पानी छोड़ रही है।
मुझे लग रहा था की काजल अभी चुसाई के और मजे लेगी। फिर मुझे लगा की काजल लंड का पानी चूत में डलवाने के लिए बेताब है। आखिर को तो ये पहली बार होने वाला था।
काजल मेरे ऊपर से उतरी और बिस्तर पर लेट गयी। खुद ही काजल ने अपने चूतड़ों के नीचे तकिया रख कर अपनी चूत उठा दी और टांगें उठा कर फुद्दी खोल दी।
मैंने लंड थोड़ा काजल की चूत पर रगड़ा और थोड़ा अंदर किया। मैं थोड़ा रुक गया। सील तो काजल की चूत की फट ही चुकी थी, फिर भी मैं रुका था ये देखने के लिए की कजल को अब दर्द तो नहीं हो रहा।
मुझे रुका देख कर काजल बोली, “क्या हुआ वरुण, रुक क्यों गए, डालो अंदर “। और उसने अपने चूतड़ जोर जोर से ऊपर नीचे किये। चिकने पानी से भरी चूत में लंड खुद ही अंदर तक बैठ गया।
काजल की टाइट चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया।
फिर जो बीस मिनट चुदाई चली, बताई नहीं जा सकती। काजल इतनी जोर जोर से नीचे चूतड़ घुमा रही थी और जैसे मुझे जकड़ रही थी — मैं हैरान था। मस्त चुदाई से काजल को मजा आ गया और वो “आआह वरुण” की एक ऊंची सिसकारी के साथ पानी छोड़ गयी।
मैंने भी धुआंधार धक्के लगाए और गरम वीर्य काजल की छूट में उड़ेल दिया। जैसे ही वीर्य काजल की छूट में गया काजल जोर से चिल्लाई “आह वरुण क्या गरम गरम लग रहा है मेरी चूत के अंदर आअह मजा आ गया आअह “।
मुझे हैरानी थी की क्यों काजल चुदाई की इतनी प्यासी हो गयी थी ? उन सेक्स से भरे सीरियल देखने के कारण, या वजह कुछ और थी।
काजल की अब तस्सली हो चुकी थी।
मैंने काजल से इस बारे में बात करने का फैसला किया।
मैंने पूछा, “काजल एक बात बता, तुझे चुदाई की इतने तलब कैसे लग गयी की तू मुझसे – अपने भाई से चुदने को तैयार हो गयी। अभी तो तेरी उम्र भी इतनी नहीं। और फिर तू किसी लड़के से दोस्ती भी तो कर सकती है”।
“काजल चुप रही”।
मैंने फिर पूछा, “काजल मैं कुछ पूछ रहा हूं, मेरे लिए ये जानना जरूरी है। मैं तो चला जाऊंगा, फिर तू क्या करेगी “?
काजल थोड़ा चुप रहने के बाद बोली, “वरुण तेरे जाने की बाद मैं क्या करूंगी, मुझे नहीं पता I मगर आज मेरी चूत में जो आग लगी थी इसकी पूरी जिम्मेदार मम्मी है। इतने गंदे गंदे सीरियल देखती है वो भी मेरे साथ बैठ कर”।
“और वरुण ये आज से नहीं चल रहा। पिछले चार साल से यही हो रहा है – मेरी पंद्रह साल की उम्र से”।
“कई बार तो मैं जब सो जाती हूं मम्मी टीवी पर ब्लू फिल्मे – चुदाई की फिल्मे भी देखती है”।
“मम्मी ने ते ये महंगा वाला स्मार्ट टीवी लिया ही इस लिए है”।
“एक बार जब मम्मी ऐसी फिल्म देख रही थी तो मेरी नींद खुल गयी। मैं यहां कमरे में आयी तो मम्मी फिल्म देखने के साथ साथ अपनी मैक्सी उठा हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी”।
“मैंने उत्सुकतावश मम्मी से पूछा, मम्मी ये क्या कर रही हो और ये क्या देख रही हो। मम्मी से ये नहीं हुआ की टीवी बंद कर दे और अपनी चूत रगड़ना छोड़ दे”।
“उलटा मुझसे बोली, “तू इस वक़्त यहां क्या कर रही है। जा यहां से”।
“उस वक़्त तो मैं वहां चली तो गयी, मगर ब्लू फिल्म के चूत गांड की चुदाई के सीन मेरी आखों के आगे से हट ही नहीं रहे थे”।
“और वो जो मंम्मी अपनी चूत रगड़ रही थी वो”?
“मेरा हाथ अपने आप ही मेरी चूत पर चला गया, और मैंने चूत रगड़नी शुरू कर दी। पांच मिनट में ही मुझे अजीब सा लगने लगा, जैसे पूरा शरीर झनझना रहा है। दिमाग बिलकुल सुन्न हो गया। पूरा शरीर अकड़ गया। आँखें बंद होने लगीं । मैं चाह कर भी ऑंखें को बंद होने से नहीं रोक पा रही थी। फिर ऐसा लगा जैसे मैं हवा में तैर रही हूं – और फिर एकदम मेरा शरीर ढीला पड़ गया”।
“मेरी चूत की रगड़ाई से मुझे मजा आ गया था – जिंदगी का चूत का पहला मजा”।
“वो वाला मजा जिसके लिए लड़कियां लंन्ड लेती हैं। जिस मजे के लिए आज मैंने तुमसे चुदाई करवाई है – वो मजा चार साल पहले मैंने अपनी चूत में उंगली कर के लिया था जब मैं पंद्रह के थी “।