कॉलेज गर्ल से कॉल गर्ल तक का सफर

हाय दोस्तों, आप सभी को मेरा नमस्कार-नमस्ते। यह मेरी लाइफ की रियल कहानी है। दोस्तों मैं सबीना शैख मुस्लिम समुदाय से हूं। मेरी उम्र 26 साल है। मेरा जिस्म 34″32″36″ है और मैं 34d ब्रा पहनती हूं।

अब मैं कहानी पर आती हूं। मैं एक साधारण परिवार से हूं। मेरे परिवार में अब्बू, अम्मी और 2 बहने हैं। मेरा कोई भाई नहीं था। अभी मैं कॉलेज के थर्ड ईयर में ही थी और मेरे अब्बू की मौत हो गई। अब्बू की मौत बाद हमारे घर की हालत बिगड़ गयी।

मेरे अब्बू की सरकारी नौकरी नहीं थी जिस्से हमारी मदद होती। अम्मी घर-घर काम जाने लगी और मेरी बड़ी आपा रुबीना भी काम पर जाने लगी। अब मेरी कॉलेज की पढ़ाई भी रुक गई फीस की तंगी से, लेकिन अम्मी और आपा के काम करने से मेरी फीस का जुगाड़ हो गया।

लेकिन मेरी किस्मत ठीक नहीं थी और पता नहीं क्यूं मेरी अम्मी बीमार हो गयी। उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। अब फिर से मेरा कॉलेज जाना बंद हो गया। अब सिर्फ मेरी बड़ी आपा कमाती थी और उसकी आमदनी से घर ही चलता था। अब मैं भी जॉब ढूंढने लगी और मुझे दिल्ली में एक मार्केटिंग कंपनी मे जॉब मिल गई।

लेकिन दिल्ली मेरे यहां से दूर था तो अम्मी और आपा ने जॉब के लिए मना कर दिया। फिर भी मैंने उन्हें मना लिया और दिल्ली आ गयी। अब मेरी लाइफ यहा से बदल गई। मैं दिल्ली में किसी को जानती नहीं थी। मुझे जहां जॉब मिली, उसी एरिया में मैंने पी.जी. में रूम ले लिया।

जो रूम था पी.जी. का, उस रूम में 4 लड़कियां और रहती थी। और अब मेरे आने से 5 लड़कियां हो गयी थी। मैंने रूम में सामान रखा, और सबसे मिली। रूम में अंकिता, गीता, सिमरन और नीलोफ़र थी। मैं उन सब से मिली और अपना परिचय दिया।

वो सब भी जॉब करती थी और मैं भी जॉब करती थी। मेरी सैलेरी में घर खर्च और मेरा खर्च मुश्किल से निकलता था। लेकिन सिमरन और नीलोफ़र खूब पैसे उड़ाती, पार्टी करती और एक से एक कपड़े पहनती थी। मैं यह देख कर सोचती थी, कि काश मेरी लाइफ में भी इतना पैसा होता।

खैर मैं बस सपने देखती थी। मेरी नीलोफ़र और सिमरन से खास बात-चीत नहीं होती थी। जबकि मेरी अंकिता और गीता से खूब बात होती थी। मैं उन्हें बोलती थी, कि सिमरन और नीलोफ़र दोनों की लाइफ कितनी मस्त थी। तब अंकिता मुझे उन दोनों से दूर रहने को बोलती थी। मैं बोलती मुझे कुछ लेना देना नहीं उनसे।

फिर देखते ही देखते मुझे 6 महीने हो गए। सैलेरी से कूछ बचत नहीं होती थी और अंकिता अपने गांव चली गयी। उसकी शादी फिक्स हो गयी थी। अब हम 4 लड़कियां रूम में थी और कुछ दिनों बाद गीता भी चली गयी। अब हम 3 थे और किराया रूम का बड़ गया था। पहले हम पाँचो में शेरिंग होती थी, लेकिन अब 3 में होती थी।

अब तो मेरे पास कोई बचत नहीं होती थी। फिर एक दिन मैं नीलोफ़र और सिमरन से बोली-

मैं: यार मुझे कोई जॉब बताओ जिस्से ज्यादि पैसे मिले। तुम कितना कमाती हो?

वो दोनों हसने लगी और बोली: सबीना हमारे वाला काम तू नहीं कर पायेगी। और हमारा खर्चा हमारे ब्वॉयफ्रेंड उठाते है। और हमारे एक नहीं बहुत से ब्वॉयफ्रेंड है। अगर तुझे उधार पैसे चाहिए तो बोल, हम दे देंगी। लेकिन जॉब नहीं दे सकते।

और वो हसने लगी। फिर थोड़े दिनों बाद सिमरन भी अपने गांव पंजाब चली गयी। अब मैं और नीलोफ़र ही थी और पी.जी. के मालिक ने डबल किराया कर दिया, जो मैं नहीं दे सकती थी। लेकिन अब मैं घर पर खर्च कम देती और मेंटेन करती। फिर मैं नीलोफ़र से बोली-

मै: कोई जॉब बता दे यार।

तब नीलोफ़र बोली: देख सबीना, हम जॉब नहीं करती, मैं और सिमरन कॉल गर्ल है। हमारे कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है। हमारा सीधा फंडा है, सेक्स करो और फिर भूल जाओ। अब तू चाहती है तो बोल।

तब मैं बोली: ये मुझसे नहीं होगा। मैंने आज तक किसी के साथ नहीं किया। फिर नीलोफ़र बोली-

नीलोफ़र: तुझसे होने वाला भी नहीं

और फिर कुछ दिन बाद अम्मी की कॉल आयी। और वो बोली-

अम्मी: तेरी आपा का बहुत बुरा एक्सीडेंट हुआ है और ऑपरेशन करना होगा। तू अपनी कंपनी से उधार पैसे लेके दे।

तब मैं नीलोफ़र से बोली: मुझे पैसे चाहिए उधार।

तब नीलोफ़र बोली: कितने?

मैं बोली: 3 लाख।

ये सुन कर नीलोफ़र हसने लगी और बोली: सबीना तेरा दिमाग ठीक है? 3 लाख? मेरे पास इतने नहीं है। मैं 1 लाख दे सकती हू, लेकिन 3 नहीं।

फिर मैं उससे बोली: कुछ भी कर, लेकिन मुझे पैसे चाहिए।

तब नीलोफ़र बोली: ठीक है, एक बंदा है, जो पैसे दे सकता है।

मैं बोली: कौन?

तब नीलोफ़र बोली: नगमा आंटी।

और फिर नीलोफ़र मुझे नगमा आंटी के घर ले गयी। नगमा एक धंधा चलाने वाली औरत थी। नीलोफ़र ने उससे बात की और बोली-

नीलोफ़र: आंटी यह सबीना है। इसको पैसे चाहिए।

तब नगमा बोली: मैं कैसे दूं? और इसकी गेरेन्टी क्या है, कि ये पैसे लौटा देगी?

तब नीलोफ़र बोली: आंटी आपने सिमरन को भी पैसे दिए थे।

तब नगमा बोली: अरे तू और सिमरन काम करती थी। इसको तो मैं जानती भी नहीं।

फिर मैं बोली: मैं भी काम करुँगी, लेकिन आंटी मेरी हेल्प करो।

तब नगमा बोली: ठीक है, दे सकती हूं। लेकिन तू अपनी नंगी फोटो दे। क्या पता, तू पैसे लेकर भाग गयी तो?

फिर मैं ना चाहते हुए भी अंदर रूम में गयी। रूम में एक 40 या 45 का आदमी आया और बोला-

आदमी: नंगी होजा, फोटो लेनी है।

और मैंने अपने कपड़े उतारे। मैं पहली बार किसी अनजाने मर्द के सामने कपड़े उतार रही थी। और फिर उसने मेरी फोटो ली। उसके बाद नगमा आंटी ने मुझे 3 लाख दिए और बोली-

नगमा आंटी: कल से यहा रहने आ जाना।

तब मैं बोली: मैं मेरे घर जाने वाली हूं। आपा के ऑपरेशन के बाद आ जाऊँगी।

तब नगमा आंटी ने मेरा आधार कार्ड ले लिया और बोली-

नगमा आंटी: अगर तू नहीं आयी, तो नेट पर तेरी नंगी फोटो और तेरा पता अपलोड कर दूंगी। जा अब।

फिर मैं जल्दी घर के लिए निकल गयी। लेकिन मेरी आपा नहीं बच पाई और अम्मी की तबीयत और खराब हो गई। फिर मैं 10 दिन बाद वापस दिल्ली आयी और नगमा आंटी के रुम पर गयी। नगमा आंटी बोली-

नगमा आंटी: वाह! अच्छा किया जो आ गयी। तेरी बुकिंग एडवांस में है। अब कल से तेरा काम शुरु।

फिर दूसरे दिन मैं ड्राईवर के साथ गई। उसने मुझे एक फार्म हाउस में छोड़ा। वो मुझे वहां उतार कर चला गया था। मैंने छोटे कपड़े मिडी और स्कर्ट पहनी थी। फिर मैंने बेल बजाई तो अंदर से एक आदमी आया और गेट ओपन किया।

वो बोला: किससे मिलना है?

तब “मैं माल” यह कोड था, जो नगमा आंटी बोली थी। मैं कोड बोली, तो वो बोला-

आदमी: आजा अंदर साली, कब से राह देख रहा हूं तेरी।

अंदर 1 और आदमी था। उन दोनों की उम्र लगभग 40 के आस-पास थी और अब दोनों ने अपने नाम बोले। एक का नाम राजीव था और दूसरे का नवीन था।

फिर राजीव बोला: आजा साली, गोद में बैठ।

और मैं उसकी गोद में बैठ गई। बहुत अजीब लग रहा था मुझे। लेकिन क्या करती मैं? जैसे ही मैं गोद में बैठी, राजीव मेरी कमर पर हाथ घुमाने लगा। फिर वो हाथ मेरी स्कर्ट के नीचे ले गया और नवीन ने 2 पैग बनाए। राजीव ने पैग पिया, और मुझे अपना जूठा पिलाया। मैं पहली बार शराब पी रहीं थी। बहुत अजीब टेस्ट लग रहा था।

फिर नवीन बोला: चल डांस कर।

मैं जैसे-तैसे डांस करने लगी। फिर 15 मिनट बाद दोनों खड़े हुए और मेरे पास आए। उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और अपने भी कपड़े उतार दिए। दोनों के लगभग 7 से 8 इंच के लंड होगे और मैं घुटनों के बल बैठ कर लंड चूसने लगी।

वो दोनों अपना पूरा लंड मेरे मुंह में दे रहे थे। मैंने पहली बार लंड मुंह में लिया था और मुझे बहुत उल्टी जैसा महसूस हो रहा था। लेकिन मैं करती भी क्या, तो मैं लंड चूस रही थी। फिर राजीव ने एक दम से मुझे खड़ा किया और बेड पर मुझे सीधा फैंक दिया।

फिर उसने मेरी चूत मे लंड डाल दिया। मैं पहली बार लंड ले रही थी। मेरी चूत में राजीव का लंड जाते ही खून निकलना शुरु हो गया। लेकिन राजीव बेरहमी से मुझे चोद रहा था। फिर नवीन मेरी छाती पर बैठ गया और पूरे बदन का ज़ोर मेरे स्तनों पर डाल दिया और मेरे मुंह मे अपना लंड दे दिया।

वो मेरे गले तक लंड डाल रहा था और मैं चीख नहीं पा रही थी। मेरी आँखे फटी रह गयी और आँसू भी निकल गए। आप खुद सोचिये कितनी बेरहमी से चोद रहे होंगे वो मुझे। फिर नवीन ने अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया। राजीव सीधा लेट गया और मुझे पीठ के बल करके मेरी गांड को अपने लंड पर रखने को बोला।

तब मैं बोली: नहीं, मेरी गांड मत मारो।

तब नवीन 1 थप्पड़ लगा कर बोला: साली भोंसड़ी की रान्ड, हम पैसे देंगे। चुप-चाप मज़ा लेने दे।

और अब मैंने राजीव के लंड पर मेरी गांड रख दी और ऊपर नीचे करने लगी। लेकिन सिर्फ टोपा अन्दर घुस रहा था पूरा लंड नहीं। फिर राजीव ने अपने दोनों हाथ पीछे मेरी जांघो पर रखे और पूरा बिठा दिया। इससे पूरा लंड मेरी गांड में चला गया और मैं चीख पड़ी-

मैं: आआआ… आआआआआ… मररररररररर.. गयी.. अम्मी….

फिर नवीन ने आगे से मेरी चूत मे लंड डाला और पीछे से राजीव ने लंड डाल दिया। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। ऐ.सी. रूम में मुझे पसीने निकल गए थे। अब राजीव ने मेरी गांड में पानी छोड़ा और आगे नवीन ने पानी छोड़ दिया। फिर दोनों मुझे फिर से लंड चुसवाने लगे और 10 मिनट बाद अब नवीन मेरी गांड और राजीव मेरी चूत मारने लगा।

इस बार लगभग 45 से 40 मिनिट बाद दोनों ने पानी छोड़ा और रात भर 5 से 6 राऊंड किए। उन्होंने पूरे 2 दिन मुझे नंगी रखा और 2 दिन बाद नगमा को फोन करके बोला “लेजा तेरा माल”। अब मैं चलना तो दूर उठ भी नहीं पा रही थी। फिर नगमा आंटी आयी और ड्राइवर ने मुझे उठा कर कार मे डाला और रूम पर ले आया।

फिर नगमा आंटी ने मुझे कोई टैबलेट दी, और मैं सो गयी। जब मैं शाम में उठी, तब नगमा आंटी बोली-

नगमा आंटी: खुश कर दिया तूने तो। बहुत मज़े किए उन दोनों ने। अब तेरी सील टूटी है, अब तू कुंवारी नही रही और तुझे 2 लाख मिल रहे है।

मैं मन ही मन बोल रही थी: मेहनत करती थी तो कुछ नहीं मिला और आज जिस्म ने इतनी कमाई देदी। और अब क्या फर्क़ सही या गलत, इज़्ज़त तो चली गयी है।

फिर मैं नगमा आंटी से बोली: मैं 20 % लूंगी।

पहले उसने मना किया, फिर बाद मे मान गयी। अब मैं सबीना की जगह पर अनीशा रंडी बन गयी क्यूंकी इस धंधे मे नाम बदल दिए जाते है और पहचान बदली जाती है

दोस्तों यह था मेरा कॉल गर्ल बनने का सफर। आगे और चुदाई कहानियां लाऊंगी। आपको केसी लगी कहानी, मुझे बताईए। मेरी ईमेल I’d है:

धन्यवाद