ही दोस्तो, मेरा नाम कोमल है. मेरी उमर 22 साल है, और मैं कॉलेज में पढ़ती हू. मेरा फिगर 32″26″34″ है. रंग मेरा गोरा है, और मैं काफ़ी खूबसूरत लगती हू. लड़के मेरी तरफ देख कर लार टपकाते है. लेकिन वो नही जानते की इसका कोई फ़ायदा नही है. क्यूकी मैं एक लेज़्बीयन हू.
हा मैं एक लेज़्बीयन हू. और ये मुझे पिछले साल ही पता चला. तो चलिए शुरू करती हू मैं अपनी कहानी.
मेरी फॅमिली में 4 मेंबर है. पहली मैं, दूसरा मेरा भाई, बाकी 2 मेरे मों आंड दाद. मेरे दाद एक गवर्नमेंट एंप्लायी है, और पिछले साल तक उनकी ड्यूटी देल्ही में थी. फिर उनका ट्रान्स्फर जाईपुर में हो गया.
अब शहर बदला था, तो मेरा कॉलेज भी बदल गया. नये कॉलेज में मेरी काफ़ी सारी नयी फ्रेंड्स बनी. उन्ही फ्रेंड्स में थी एक रजनी.
रजनी बाकी लड़कियो से काफ़ी अलग थी. वो काफ़ी बोल्ड थी, और लड़को जैसे कपड़े पहनती थी. उसका फिगर 34″28″36″ था, और वो बहुत अची बाते करती थी. पहले-पहले वो मुझे थोड़ी अजीब लगती थी, लेकिन जैसे-जैसे मैं उसको जानने लगी, तो वो मुझे अची लगने लगी.
फिर धीरे-धीरे वो मेरी बेस्ट फ्रेंड बन गयी. अभी तक मेरे मॅन में उसके लिए कोई ऐसी बात नही थी. फिर एक दिन कॉलेज में आन्यूयल फंक्षन की अनाउन्स्मेंट हुई. काफ़ी सारी आक्टिविटीस के लिए स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया.
मैने और रजनी ने भी एक प्ले में पार्टिसिपेट कर लिया. उस प्ले का नाम था “रोमीयो आंड जूलिएट”. रजनी उसमे रोमीयो का रोल कर रही थी, और मैं जूलिएट का. रिहर्सल के दौरान हम काफ़ी मस्ती मज़ाक कर रहे थे.
फिर एक दिन हम दोनो बॅकस्टेज ऐसे ही रिहर्सल कर रहे थे. हम एक रोमॅंटिक सीन के डाइलॉग्स की प्रॅक्टीस कर रहे थे. उस सीन में हम दोनो को गले लगना था, और किस करने की आक्टिंग करनी थी.
सब कुछ ठीक चल रहा था. सारे डाइलॉग्स बोलने के बाद हम वैसे ही पास आ गये, जैसे हमे किस्सिंग सीन में आना था. मैं रजनी की बाहो में थी, और मेरा फेस उसके फेस के बिल्कुल पास था.
तभी हम दोनो की साँसे टकराने लगी. हमे सिर्फ़ एक सेकेंड के लिए पास आना था. लेकिन रजनी वैसे ही पॉज़ हो गयी. मुझे तोड़ा अजीब लगना शुरू हो गया, क्यूकी रजनी पीछे नही हॅट रही थी.
तभी मैने रजनी की आँखों में देखा, तो वो मुझे ही देख रही थी. फिर वो और आयेज बढ़ी, और उसने अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए. मुझे समझ में कुछ आता, उससे पहले हमारी किस स्टार्ट हो चुकी थी.
1 मिनिट तक हम दोनो किस करते रहे. फिर मुझे होश आया, और मैने रजनी को अपने से डोर किया. मैं रजनी को बोली-
मैं: रजनी ये क्या था?
रजनी: किस था.
और वो ये बोल कर हासणे लगी. फिर मैं बोली-
मैं: रजनी ये मज़ाक नही है.
रजनी: ई लोवे योउ कोमल.
मैं: रजनी हम फ्रेंड्स है, और तुम मुझे प्यार कैसे कर सकती हो. हम दोनो लड़किया है.
रजनी: तो क्या हुआ, प्यार जेंडर देख कर करते है क्या?
मैं: तुम पागल हो गयी हो.
रजनी: तुम इतनी हाइपर क्यू हो रही हो? ज़रा पिछले 1 मिनिट को याद करो. तुम भी तो किस के मज़े ले रही थी. जैसे ही पता चला, की एक लड़की को किस कर रही हो, तो प्राब्लम हो गयी. डार्लिंग ई आम आ लेज़्बीयन. आंड तुम भी लेज़्बीयन हो.
मैं: ये क्या बकवास कर रही हो तुम?
रजनी: मैं सही बोल रही हू. इतना टाइम हो गया तुम्हे यहा आए को. मैने एक भी लड़के से तुमको बात करते हुए नही देखा. तुम हमेशा लड़कियो के साथ रहती हो, और खुश रहती हो. अपने आप से झूठ मत बोलो.
मैं: तुमसे बात करना ही बेकार है.
फिर मैं ये बोल कर वापस घर आ गयी. उस रात मुझे नींद नही आ रही थी. मेरे दिमाग़ में उसकी बाते ही घूम रही थी. फिर मैने उस किस के बारे में सोचा. जब मैं सोच रही थी, तो मुझे मज़ा आना शुरू हो गया.
किस के बारे में सोचते हुए मेरे मॅन में रजनी के ख़याल आने लगे. पता नही कब उसके बारे में सोचते हुए मेरा हाथ मेरी छूट पर चला गया. मैने महसूस किया, की मेरी पनटी गीली हो चुकी थी.
ऐसा पहले कभी भी मेरे साथ नही हुआ था. फिर मैं अपनी छूट को सहलाने लगी. मेरे मॅन में रजनी के ही ख़याल आ रहे थे, और उसी के बारे में सोच कर मैं अपनी छूट सहला रही थी.
तभी मैं अपनी चरम सीमा पर पहुँच गयी, और मुझे अपनी लाइफ का पहला ऑर्गॅज़म मिला. उसके बाद मैं सोचने लग गयी, की कही मैं सच में लेज़्बीयन तो नही थी. और यही सोचते-सोचते मैं सो गयी.
अगले दिन मैं जब कॉलेज गयी, तो मैने रजनी से कोई बात नही की. उसने मुझे 2-4 बार बुलाने की कोशिश की, लेकिन मैने उसको कोई जवाब नही दिया. फिर जब मैं वॉशरूम में गयी, तो वाहा उसने मुझे घेर लिया. वो मुझे बोली-
रजनी: ई आम सॉरी कोमल. मैने जो किया, शायद मुझे नही करना चाहिए था.
मैने उस वक़्त सलवार-सूट पहन रखा था, और उसने जीन्स और शर्ट पहन रखी थी. जब मैं उसका चेहरा देख रही थी, तो मेरी नज़र उसके होंठो पर थी. मेरा दिल कर रहा था, की मैं उसके होंठो को खा जौ.
वो जो भी बोल रही थी, अब मुझे सुन नही रहा था. मैं बस उसको चूमना चाहती थी. तभी मैं आयेज बढ़ी, और मैने उसके बोलते हुए होंठो से अपने होंठ चिपका दिए.
बस फिर क्या था, हम दोनो पागलो की तरह किस करने लग गये. वो किस करते हुए मेरी गांद दबाने लगी, जिससे मुझे बड़ा मज़ा आया. 10 मिनिट लगातार हम किस करते रहे. इस बीच उसने मेरी गांद और बूब्स दोनो दबाए. मैने भी उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाया.
जब हम अलग हुए, तो हम दोनो की साँसे तेज़ हुई पड़ी थी. इससे ज़्यादा वॉशरूम में कुछ करना सेफ नही था, तो उसने मुझे कहा-
रजनी: मेरे घर चलते है. आज घर पर कोई नही है.
मैं भी माना कैसे कर सकती थी. फिर हम स्कूटी पर बैठ कर उसके घर की तरफ चल पड़े. मैं पीछे बैठी थी, तो मैं पीछे से बार-बार उसके बूब्स को सहला रही थी.
फिर घर पहुँचते कर जैसे हम अंदर घुसे, हमने किस्सिंग शुरू कर दी. हम दोनो एक-दूसरे को खा जाना चाहते थे. फिर मैने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए, और उसने अपनी शर्ट उतार दी. क्या खूबसूरत ब्रेस्ट थी उसकी.
मैं उसकी क्लीवेज में मूह मारने लगी, और उसको चूमने चाटने लगी. उसने भी मेरा शर्ट उतार दिया. अब वो ब्रा और जीन्स में थी, और मैं सलवार और ब्रा में. फिर हम बेड पर आ गये, और हम दोनो ने अपनी-अपनी ब्रा उतार दी.
वो मेरे उपर थी, तो पहले उसने मेरे बूब्स चूसने शुरू किए. हाए मा! कितना मज़ा आ रहा था. मैं उसकी गांद दबा रही थी जीन्स के उपर से. फिर मैने उसको नीचे किया, और उसके उपर आ गयी. मैने उसकी जीन्स उतार दी, और उसके बूब्स चूसने लगी.
उसने भी मेरे सलवार के अंदर हाथ डाल लिया, और सलवार नीचे खिसका दी. अब हम दोनो पॅंटीस में थी. फिर मैं नीचे उसकी छूट पर आई, और मैने उसकी पनटी उतार दी. उसकी छूट बहुत खूबसूरत थी, बिल्कुल जैसे मेरी छूट थी. मैने जैसे ही उसकी छूट पर हाथ फेरा, तो उसकी आहह निकल गयी. फिर वो बोली-
रजनी: छातो इसको कोमल.
मैने एक सेकेंड भी वेस्ट नही किया, और उसकी छूट को चाटना शुरू कर दिए. वो मेरे सिर को अपनी छूट में दबा रही थी, और कामुक आहें भर रही थी. मुझे उसकी छूट का पानी बहुत टेस्टी लग रहा था.
मैं साथ में उसके निपल्स भी खींच रही थी. फिर उसने मुझे अपनी छूट से हटाया, और मुझे अपने उपर आने को कहा. अब हम 69 पोज़िशन में थे. वो मेरी छूट चाट रही थी, और मैं उसकी छूट चाट रही थी. हम दोनो ही पुर मज़े में थे.
मैं अपनी गांद को ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी, जिससे वो चोक हो रही थी. 15 मिनिट हम ऐसे ही एक-दूसरे की छूट को चूस्टे रहे. इस बीच मैं 2 बार झाड़ गयी, और वो एक बार झड़ी. फिर हम थोड़ी देर साथ में लेट गये.
हमने बहुत सी बाते की, और बीच-बीच में किस भी करते रहे. थोड़ी देर में हम दोनो फिरसे हॉर्नी हो गये. फिर उसने अपने ड्रेसिंग टेबल में से एक टू साइडेड डिल्डो निकाला. उसके दोनो तरफ 6-6 इंच का लंड था.
वो मेरे टाँगो के बीच आई, और उसने मेरी छूट पर वो डिल्डो रगड़ना शुरू कर दिया. इससे मेरी उत्तेजना और बढ़ गयी. फिर उसने लंड मेरी छूट में घुसाया. मेरी छूट बहुत टाइट थी, तो मुझे बहुत दर्द हुआ. तोड़ा खून भी निकला मेरी छूट से.
लेकिन इस सब में मज़ा भी बहुत आ रहा था. 2-3 मिनिट में उसने पुर 6 इंच मेरी छूट में घुसा दिए. फिर उसने उसका दूसरा हिस्सा अपनी छूट पर सेट किया. डिल्डो आराम से उसकी छूट में चला गया. उसके बाद उसने धक्के देने शुरू किए.
अब डिल्डो उसकी छूट भी छोड़ रहा था, और मेरी भी. हम दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था. कुछ देर तक धक्के देने के बाद, वो मेरे उपर लेट गयी. डिल्डो दोनो साइड्स से पूरा हमारी छूट के अंदर था.
हम दोनो किस करते रहे, और अपनी गांद को तोड़ा-तोड़ा हिलाते रहे. 20 मिनिट के इसी प्रोसेस के बाद हम दोनो झाड़ गये. ये संतुष्टि की चरम-सीमा थी.
उस दिन से हमारा रिलेशन्षिप ऐसे ही चल रहा है. आयेज क्या होगा, ये तो पता नही. लेकिन मैं रजनी से बहुत प्यार करती हू.
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