लगभग 10 मिनिट तक मैने आंटी की गांद मसालते हुए उसके होंठो को खूब चूसा. इतने में मेरा लंड उसकी छूट में डब रहा था. उसने नज़रे नीचे करके मेरी जीन्स में उभर रहे लंड को देखा, और बोली-
निशा: लो जाग गया आपका ये शैतान भी. दोनो के दोनो पुर मूड में है.
मैं भी हेस्ट हुए बोला: तेरी खूबसूरती और तेरे प्यार ने मूड बना दिया है.
निशा: इस बदन और मेरी खूबसूरती पर आपका हक है.
आपके अंकल मुझ पर कभी ध्यान नही देते, और आप मुझे इतना प्यार करते हो. थॅंक्स रोहित.
मैं: तुझे पहली बार देखा तभी तुझे मैने पसंद कर लिया था. आज तुझे अपना बना कर मुझे बहुत ख़ुसी हो रही है.
निशा: हा आपकी खुशी जीन्स में दिख रही है.
निशा ने इतना बोला हम दोनो हासणे लगे. वो खूब हस्सी. फिर मैने कहा-
मैं: साली, तू हस्ती हुई और ज़्यादा खूबसूरत लगती है.
निशा: मैं काफ़ी टाइम से हसना भूल गयी थी. ये आपका कमाल है. आप इतने रोमॅंटिक हो. मुझे हसते भी हो.
हम दोनो एक-दूसरे से रोमॅंटिक बातें करते हुए हस्सी-मज़ाक कर रहे थे. साथ में एक-दूसरे को चूम भी रहे थे. मैने उससे कहा-
मैं: चल अब तेरे सारी उपर कर, तेरी गरम छूट चाटनी है.
निशा: आपकी मर्ज़ी है. आप करो जो करना है. आप जो भी करते हो मज़ेदार करते हो.
फिर मैने वही खड़े-खड़े उसकी सारी को उपर किया. नीचे उसने पनटी नही पहनी हुई थी. मैने कहा-
मैं: क्या बात है साली, अब तू रंडी बन गयी है.
वो मुस्कुराते हुए बोली: अर्रे वो पनटी खराब हो गयी थी, और आप हमेशा मस्ती करते हो. इसलिए मेरे गीली हो जाती है. देखो अब गीली हो गयी है.
मैं हेस्ट हुए उसकी गरम रसीली छूट पर को चूमने लगा. निशा ने अपनी आँखें बंद करके एक होंठ को दांतो से चबा लिया. फिर एक हाथ मेरे बालों में घूमने लगी. मैने देखा की छोड़ने के बाद आंटी की छूट पूरी तरह से खुल गयी थी. मैने अब अपनी ज़ुबान छूट के दाने पर घुमाई. छूट पर ज़ुबान घूमते ही निशा की गरम सिसकियाँ निकल गयी.
निशा: आह उहह श क्या मज़ा देते हो. ई लोवे योउ.
निशा की छूट पूरी गरम थी. मैं अपनी ज़ुबान छूट के अंदर-बाहर करने लगा. कुत्ते की तरह ज़ुबान घुमा रहा था. छूट का रस्स निकले जेया रहा था. निशा ने मेरा मूह छूट में दबा दिया. वो बस आँखें बंद करके ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी. वो भूल गयी थी उसका बेटा रूम में था.
निशा: श उम्म्म उफ़फ्फ़. मेरे राजा रोहित. और छातो, खा जाओ इसे. आप ही गरम करते हो इसे. अब आप ही ठंडा करो.
मैं लगातार बिना रुके छूट की पलकों को चूसने लगा. चाट-चाट कर छूट को गीला करने लगा. अब मैं एक उंगली छूट में डाल कर छूट को चाटने लगा. इससे आंटी मस्ती में गरम सिसकियाँ ले रही थी. मैं छूट में उंगली अंदर-बाहर करता रहा. छूट गरम थी, तो मैने कहा-
मैं: साली रंडी, तेरी छूट बहुत मज़ेदार और गरम है. मज़ा आ रहा है इसे चाटने में.
निशा: हा उहह बेबी. छातो ना, किसने रोका है. आपने तो मुझे गुलाम बना लिया है. मैं निशा सिर्फ़ आपकी हू.
ऐसे छूट चाट-ते और उंगली से छोड़ते हुए मुझे 15 मिनिट हो गये थे. वो बस झड़ने वाली थी. निशा ने मेरा मूह ज़ोर से छूट में दबा दिया. उसने कहा-
निशा: आह उहह मेरे मलिक, और ज़ोर से करो ना. प्लीज़ अब मैं झड़ने वाली हू. आह रोहित उहह.
निशा बस अब झड़ने वाली थी, और मैं छूट में मूह दबाते हुए उसे चूज़ जेया रहा था. तभी अचानक डीपू की आवाज़ आती है.
डीपू: मम्मी, कहा हो आप?
उसकी आवाज़ सुन कर हम दोनो अलग हुए. निशा डरने लगी. वो झाड़ते हुए रुक गयी. सेयेल ने हमे डिस्टर्ब कर दिया. क्लाइमॅक्स पर उसने आवाज़ लगाई थी. निशा ने अब जल्दी से अपने आप को ठीक किया.
निशा: हा बेटा आई.
वो जल्दी से डीपू के रूम में गयी, और मैं वही किचन में काम करने लगा. फिर 5 मिनिट बाद आई और बोली-
निशा: रोहित, हम बाल-बाल बच गये है. वो नीचे ही आने वाला था. अछा हुआ मैं चली गयी.
मैं: कोई बात नही बेबी. मज़ा आया ना?
निशा: आप ना बहुत वो हो. यहा दर्र के मारे जान निकल रही थी.
मैं: साली, तेरे इस छूतिए बेटे ने क्लाइमॅक्स पर डिस्त्रूब किया है. तेरी छूट गरम ही रह गयी.
निशा: कोई बात नही ना. आप गुस्सा मत हो. बाद में कर लेंगे. वो नीचे आ रहा है. तुम बाहर जाके बैठ जाओ.
मैने जाते हुए आंटी के होंठो पर किस किया. तो वो बोली-
निशा: आप ना पागल हो. अब जाओ जल्दी.
मैं: किस दे मुझे. तभी जौंगा.
उसने भी जल्दी से मुझे किस किया, और मुझे धक्का दिया, जिससे मैं बाहर जौ. मैं हेस्ट हुए जाने लगा. मैं बाहर आ कर बैठ गया. अब तक शाम के 5 बाज गये थे. मुझे भी निकलना था. डीपू नीचे आके मुझे बोला-
डीपू: क्या भाई, कहा रह गया तू नीचे?
मैं: वो आंटी की हेल्प कर रहा था. इसलिए चल अब मैं चलता हू. फिर मिलते है.
डीपू: ओक भाई. बाद में कॉल पर बात करते है.
फिर मैं घर आ गया. मुझे सारे रास्ते निशा का वो प्यारा सा चेहरा ही याद आ रहा था. वो उसकी गरम रसीली छूट जिसे मैं चाट रहा था. उसकी गीली छूट मेरी आँखों के सामने थी. लेकिन उसके बेटे ने सारा मूड खराब कर दिया.
मैं आंटी के नशीले बदन के बारे में सोचते हुए घर आ गया. फिर रात के 10 बजे मुझे व्हातसपप पर मेसेज आया. निशा ने मुझे ही लिखा था. मैने भी उससे रिप्लाइ दे दिया. उसके बाद वो भी बोली-
निशा: सॉरी बेबी, आपका मूड खराब हो गया.
मैं: नही मेरे रानी. तू मेरी जान है.
निशा: हा जान को बिना बताए चले गये. ये प्यार है आपका?
मैं: क्या करता यार. तेरा बेटा बैठा हुआ था. और तूने ही कहा ना हमे सावधानी रखनी होगी.
निशा: ऑश आप मेरे बात भी मानते हो?
मैं उसके मेसेज पर हस्स दिया. वो फिर बोली-
निशा: सच बतौ, तो आपके साथ जितना अछा मुझे आज लगा है. ज़िंदगी में कभी नही लगा.
मैं: तुझे मुझसे प्यार हुआ या नही?
निशा: हा, मुझे भी आप से बहुत प्यार हो गया है. मुझे आपका साथ चाहिए.
मैं: मैं तेरे साथ हू. ई लोवे योउ मेरी जान.
निशा: लोवे योउ टू मेरे रोहित.
मैं: तेरी छूट गरम ही रह गयी ना. मुझे अछा नही लगा.
निशा: कोई बात नही. आपने जितना मज़ा दिया है. उसी को याद करके खुश हू. आयेज भी तो करना है ना. आप तो करके ही मानोगे. आप मेरे सुनते कहा हो.
मैं: आज की गरम चुदाई कैसी लगी?
निशा: बहुत दर्दनाक थी. आपने मुझे पूरा रंडी की तरह छोड़ा है. वैसे बोलते हो की प्यार करते हो. प्यार करने वाले के साथ कोई ऐसा करता है?
नेक्स्ट पार्ट में पढ़िए आयेज की कहानी. मुझे मैल ज़रूर करे गम0288580@गमाल.कॉम पर.