ही फ्रेंड्स, मई 36 साल की प्यारी सी पुष्पा हू. मेरे बहुत सारे रीडर्स मेरे बारे मे जानते है. नये रीडर्स को मई अपने बारे मे बता डेतू हू. मेरी काली गहरी ज़ूलफे, मदिरा छिड़कते मेरे ये मस्त-मस्त दो नैन, रस्स से भरे मेरे दो गुलाबी होंठ और मेरे गोरे-गोरे गालो के सब दीवाने है.
मेरे इस रूप के जाल मे जो भी फ़ससा, बस फ़ससा ही रह गया. संगेमरमर जैसे मेरे बदन का तो कहना ही क्या है. मेरे इस बदन पर जो बड़े-बड़े 38″ के चूचे है, उसकी तो दुनिया दीवानी है. हर कोई मेरे इन काससे हुए चूचो का मज़ा लेना चाहता है.
मेरी उभरी हुई मस्त गांद के तो कहने ही क्या है. जब मई मटक-मटक कर चलती हू, तो चाहे वो बच्चे हो, बुड्दे हो, या जवान हो, सबके लंड खड़े हो जाते है. मुझे देख-देख कर सब आहें भरते है और हाए-हाए करते है.
मई बस इसी तरह से अपने जवान और मादक जिस्म का प्रयोग करती हू और हमेशा जवान, स्मार्ट और हॅंडसम लड़को से अपनी छूट चुड़वाती हू और उनको अपने रूप का रस्स-पॅयन करवाती हू. अब मई अपनी कहानी पर आती हू-
मेरी ये कहानी बिल्कुल सच्ची है. मई शहर की हाइ प्रोफाइल कम्यूनिटी मे, एक हाइ प्रोफाइल कॉल गर्ल हू. बड़े-बड़े होटेल्स मे मेरे कॉंटॅक्ट्स है और मेरे ज़रूरत के अनुरूप मुझे कॉल की जाती है. बात 2020 की है, जब मुझे होटेल से कॉल आई.
होटेल वाला: पुष्पा जल्दी आ जाओ. कमाल का छ्होकरा मिला है. वो काफ़ी माल-दार है और सिर्फ़ 18 साल का है. आचे पैसे मिलेंगे तुझे.
18 साल के छ्होक्रो से चुदाई करवाना मेरी सबसे बड़ी कमज़ोरी है. मई ऐसे लड़को को देखते ही छूट छुड़वाने के लिए फड़फड़ाने लगती हू और अपने आप को रोक नही पाती हू. फिर मैने उसको बोला-
मई: मई आ रही हू.
और ये बोल कर मैने फोन काट दिया. फिर 10 मिनिट मे मई तैयार होके शीशे के सामने आई. मेरे गोरे बदन पे गुलाबी स्कर्ट काफ़ी जाम रही थी. मई सिर्फ़ 24 साल की लग रही थी. फिर मई होटेल मे आ गयी और मुझे 311 नंबर रूम मे जाना था.
मुझे उस रूम मे भेज दिया गया और मई रूम मे पहुँच गयी. वाहा जो लड़का था वो बहुत कोमल सा लग रहा था. वो 18 से भी कम उमर का लग रहा था. उसकी हाइट लंबी थी और रंग एक-दूं गोरा था. दाढ़ी मूछो के तो अभी निशान ही थे उसके फेस पे.
उस लड़के का नाम सुमित था. मई उसको देख कर हासणे लग गयी और बोली-
मई: बेटा, तू मेरी बर छोड़ने आया है, या मेरा दूध पीने.
सुमित ने बिना रुके जवाब दिया-
सुमित: ये तो बेड पर पता चल जाएगा रानी, की मई बर छोड़ने आया हू, की दूध पीने. वैसे मई तुमको बता डू, की मई बर भी छोड़ूँगा और दूध भी पियुंगा.
उसका जवाब सुन कर मई हक्की-बक्की रह गयी, की छ्होकरा बात तो मर्दो वाली कर रहा था. सुमित उस समय हाफ पंत और त-शर्ट पहने हुए था. फिर मई झपट कर सुमित की आगोश मे आई और बोली-
मई: ज़रा देखु तो, की तेरा लोड्ा कैसा है.
फिर एक झटके मे मैने सुमित की हाफ पंत उतार दी. जैसे ही उसकी पंत उतरी, उसका लंड देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. उसके लंड पर बालो के नाम पर मुलायम से रेशम के धागे थे, जो अभी निकल रहे थे.
लेकिन इसके विपरीत सुमित का लंड पूरा डेवेलप्ड था. उसका लंड लगभग 7 से 8 इंच लंबा था और 2 से 2.5 इंच मोटा था. उसका लंड पूरी तरह तन्ना हुआ था और सुपादे का रंग सुर्ख गुलाबी था. इतने मनमोहक लंड को देख कर मई अपने आप को रोक नही पाई.
मैने घाप से उसके लंड को अपने मूह मे ले लिया और उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया. सुमित शायद चुदाई का पक्का खिलाड़ी था. अभी लंड चूस्टे को 5 मिनिट भी नही हुए थे, की सुमित ने मेरी स्कर्ट के उपर से मेरे चूचे पकड़ लिए. फिर उसने मेरी स्कर्ट, ब्रा सब उतार दिए.
अब मेरी गोरी-गोरी 38″ की चूचिया सुमित की आँखों के सामने लहरा रही थी. फिर सुमित ने मेरा बॉटम और पनटी भी उतार दिए. अब मेरी चिकनी और सपाट छूट सुमित की आँखों के सामने थी. सुमित एक अनुभवी पारखी की तरह मेरे चमकते हुए और रस्स भरे बदन के दीदार कर रहा था.
वो मेरे चिकने बदन को उपर से नीचे तक देख रहा था और मेरी रसीली चूचियो को बीच-बीच मे सहला रहा था. फिर सुमित ने अपना हाथ मेरी नाभि पर रखा और उसको नीचे सरकाते हुए मेरी छूट तक जाने लगा.
जब वो मेरी छूट पर पहुँच गया, तो वो मेरी छूट को अपने हाथ से फील करने लगा. उसने अपनी उंगली मेरी छूट मे डाली, ताकि वो मेरी रसीली छूट की गहराई नाप सके. अपनी बाकी की चार उंगलियो से वो मेरी छूट की फांको को सहलाने लग गया.
मेरे पुर बदन मे झन-झनाहट सी होने लगी और मई खुद अपनी छूट को उपर की तरफ करने लग गयी. इससे सुमित समझ गया, की मई अपनी बर मे उसका लोड्ा लेने के लिए तड़प रही थी. लेकिन वो माँझा हुआ खिलाड़ी था और अभी वो साइड से ही खेलना चाहता था.
फिर सुमित ने अपना मूह आयेज किया और मेरी छूट के द्वार पर रख लिया. इतने मे मेरी छूट से भी पानी टपकने लग गया. अब सुमित मज़े से मेरी छूट का पानी चाटने लगा. कुछ देर ऐसे ही छूट चाटने के बाद, सुमित ने मुझे छूट पर बियर डालने को कहा.
मैने बियर की बॉटल पकड़ी और अपनी छूट पर बियर डालने लग गयी. सुमित मज़े से उस बियर को पीने लग गया. फिर मेरी छूट की दीवारे आपस मे रग़ाद खाने लगी. सुमित अपनी पूरी जीभ मेरी छूट मे डाल रहा था और मेरे मूह से बार-बार आहह आह की सिसकिय निकलनी शुरू हो गयी थी.
फिर सुमित ने मुझे पकड़ा और मुझे बेड पर चिट लिटा दिया. उसके बाद उसने मेरी टाँगो को खोल दिया. टांगे फैलाने के बाद वो अपना लंबा और मोटा लंड लेकर मेरी टाँगो के बीच बैठ गया. अब सुमित अपने लंड से मेरी छूट को रग़ाद रहा था.
फिर रगड़ते-रादगड़े लंड का सुपाड़ा छूट के मुहाने पर अटक गया और सुमित ने ज़ोर का धक्का मारा. उसका धक्का उतना ज़बरदस्त था, की एक ही बार मे उसने अपना पुर का पूरा लंड मेरी छूट मे पेल दिया. अब उसका पूरा लंड मेरी बर मे समा चुका था.
लेकिन सुमित ने लंड को पूरा बाहर निकाला और फिरसे अंदर झटका मारा. सुमित का लोड्ा मुझे परम सुख की अनुभूति करवा रहा था. अब सुमित ने मेरी बर को छोड़ना शुरू कर दिया था. फिर 10 मिनिट धीरे-धीरे पेलने के बाद सुमित ने अपनी स्पीड तेज़ कर दी.
उसकी छोड़ने की स्पीड लगभग 60 से 70 धक्के पेर सेकेंड होगी. ऐसी तेज़ चुदाई मे मई ठीक से साँस भी नही ले पा रही थी और मेरी बड़ी चूचिए ताबड़तोड़ चुदाई मे बालियो सी उछाल रही थी. फाटक फाटक की आवाज़े पुर कमरे मे गूँज रही थी.
मेरी छूट से निकलता हुआ पानी नीचे नही गिर पा रहा था, तो छूट पानी से भर गयी थी और फॅक फॅक की आवाज़े आ रही थी. छूट की दीवारे सिकुड़ने लगी थी और सुमित के बड़े से लंड को बार-बार जाकड़ रही थी.
फिर थोड़े और धक्के पड़ने पर मई अपने चरम सुख पर पहुँच गयी और ढीली पद गयी. लेकिन सुमित मुझे अभी भी ताबाद-तोड़ छोड़े जेया रहा था. फिर ऐसे ही छोड़ते-छोड़ते सुमित का बदन अकड़ने लगा और उसके लंड से गरम-गरम मदन रस्स की पिचकारी मेरी छूट मे निकल गयी.
उसके रस्स की फुहार ने मेरी छूट को सराबोर कर दिया. पानी निकालने के बाद सुमित निढाल होकर गिर गया और थोड़ी देर लेटने के बाद उसने पूछा-
सुमित: क्यू रानी, संतुष्ट हुई के नही?
मैने जब हा मे सिर हिलाया, तो सुमित बोला-
सुमित: साली तू तो मुझे सिर्फ़ दूध पीला रही थी और अभी अपनी बर छुड़वा कर संतुष्ट हो गयी है. ऐसा नही होगा. आज रात तो मई तुम्हे कम से कम 4 बार छोड़ूँगा.
इस्पे मई बोली: अर्रे सेयेल, जितनी बार छोड़ना है छोड़ ले. तेरे लोड पर तो मई अपनी छूट को कुर्बान भी कर दूँगी.
फिर ये सब बाते करते हुए सुमित का लोड्ा फिरसे खड़ा हो गया और मेरी छूट भी फंफनाने लगी. उसके बाद चुदाई का सिलसिला दोबारा से शुरू हो गया. सुमित पूरी रात मुझे छोड़ता रहा और मई भी मज़े से उससे चुड्ती रही.
तो यही तक थी कहानी. दोस्तो, अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो मुझे मैल करके ज़रूर बताए. आपकी मेल्स मुझे और कहानिया लिखने के लिए प्रेरित करती है. तो जल्दी ही मिलते है नयी कहानी के साथ. तब तक के लिए अलविदा.