पिछला भाग पढ़े:- मेरी चुदक्कड़ मामी और सेक्सी ममेरी बहन-4
मैं और मामी, हम दोनों नंगे ही सोफे पर बैठे हुए थे। मामी ने मेरा लंड पकड़ा हुआ था और हल्के-हल्के दबाते हुए अपनी नारंग के साथ हुई चुदाई की कहानी सुना रही थी I
मामी ने मेरा लंड दबाया और बताने लगी, “जिस दिन हम पहली बार नारंग के ऑफिस में गए थे, जब उसने तुझे भी मुझे चोदने को भेजा था, उस दिन मैं कुर्सी पर बैठी थी।
तुम लोगों के जाने के बाद बलराज ने ही बात शुरू की और बोला,”हां तो रितिका जी मान्या बता रही थी कि आप फिटनेस ट्रेनर हैं।”
मैंने जवाब दिया, “जी हां सर, एक हेल्थ क्लब में फिटनेस ट्रेनर हूं, कालेज के दिनों में भी स्पोर्ट्स में भाग लेती रही हूं।”
“साला नारंग। लंड खुजलाता हुआ बोला, “तभी तो आप इतनी फिट हैं। मान्या बता रही थी आप चालीस की हैं, मुझे तो आप अट्ठाईस तीस से ज्यादा की नहीं लग रही।”
मामी बोली, मैंने भी कह दिया, “सर फिट तो आप भी पूरे हैं। ऑफिस में भी आपने तो एक्सरसाइज की मशीनें रक्खी हुई हैं।”
बलराज हंसा और फिर बोला, “रितिका आप मुझे बलराज या नारंग बुला सकती हैं, सर बोलने की जरूरत नहीं।”
मामी ने बात जारी रखी I “फिर नारंग बोला, “रितिका बहुत से लोग अभी भी लड़कियों का मॉडल बनना पसंद नहीं करते। उनका कहना है ये पेशा भले घरों की लड़कियों के लिए नहीं। उनका कहना है इस पेशे में लड़कियों का शारीरिक शोषण होता है। आपका क्या विचार है? मान्या का तो कहना है आप उसको मॉडल बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।”
मामी बोली, “मैंने बलराज को जवाब दिया, मिस्टर नारंग जहां तक शारीरिक शोषण का सवाल है ये तो कहीं भी हो सकता है। फिल्म लाइन इसके लिए सब से ज्यादा बदनाम है, मगर अमीर से अमीर घरानों की लड़कियां हिरोईन बनने के लिए मारी जाती हैं, फिल्मों में रोल पाने के लिए कितना जोर लगाती हैं, सब को पता है।”
“मान्या आज कल की लड़की है और बालिग है, सुन्दर है उसका शरीर से फिट है। मान्या मॉडल बनना चाहती है। मॉडल बनने के लिए कुछ भी करने को तैयार है।पहली बात तो ये कि अगर आज कल के बच्चे अपना कैर्रिएर चुन लें तो वो अपना इरादा नहीं बदलते। अब अगर मैं उसे मना भी करूं और वो बागी हो कर कोइ खतरनाक कदम उठा ले तो मैं क्या कर लूंगी? वैसे भी मान्या आज के दौर की खुले विचारों की लड़की है।”
मामी मुझसे बोली, “किशोर मेरा इतना कहना था कि बलराज उठ कर मेरे पास आ गया, और बोला “रितिका, सुन्दर और फिट तो आप भी हैं इस उम्र में। उल्टा मान्या से भी ज्यादा फिट हैं।” फिर मेरे गालों पर हाथ फेरते हुए बोला, “अब आप मुझे ये बताईये की आप कितने खुले विचारों वाली हैं?”
मामी बता रही थी “किशोर क्या बताऊं इतना कह कर बलराज ने अपना लंड निकाला और मेरे चेहरे के सामने हिलाने लगा। मुझे तो समझ ही नहीं आया कि ये क्या हो रहा था।”
बलराज बोला, “अरे रितिका क्या हुआ? हिचकिचाए मत लीजिये और बताईये कि आप कितने खुले विचारों वाली हैं।”
“किशोर, बलराज का लंड खड़ा होने लग गया था। नारंग अपना लंड मेरे गालों पर फेरने लगा। मेरी शर्ट में हाथ डाल कर मेरी चूचियां दबाने लगा। बलराज का लंड मेरे गालों और होठों को छू रहा था। मेरी चूत में कुछ-कुछ होने लगा था।”
नारंग बोला, “अरे बताईये भी रितिका, कितने खुले विचारों वाली हैं आप।” “मैंने अचानक से मुंह खोला और बलराज का लंड मुंह में ले लिया। बलराज का लंड एक दम कड़क हो गया। मुझे लगा बलराज के लंड से थोड़ा सा कुछ निकला है – नमकीन-नमकीन खट्टा-खट्टा। बलराज के लंड ने चुदाई की मस्ती का पानी छोड़ा था।”
“किशोर मेरी तो अपनी चूत ही गीली हो रही थी। मैंने बलराज का लंड जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया। बलराज के मुंह से आअह रितिका, आआह रितिका की आवाजें निकल रहीं थीं।” बलराज ने लंड मेरे मुंह से निकाला और बोला,”चलो रितिका अंदर चलते हैं।” और बलराज ने मुझे कंधों से पकड़ कर उठा दिया और हम पीछे वाले कमरे की तरफ बढ़ गए।”
“अंदर जा कर बलराज ने मेरे होंठ अपने होठों में लिए और अपना मुंह खोल दिया और मेरे चूतड़ जोर से दबाये। मैंने अपनी जुबान बलराज के मुंह में सरका दी। बलराज मेरी जुबान चूस रहा था।
“तुझे क्या बताऊं किशोर मुझे क्या हो रहा था। बलराज का घोड़े जैसा लंड मेरे हाथ में था। बलराज मेरी पेंट के बटन खोलने की कोशिश कर रहा था।”
“मैंने बलराज का लंड एक पल के लिए छोड़ा और अपनी पैंट के बटन खोल दिए। मेरी पैंट अब मेरे चूतड़ों पर टिकी हुई थी।”
“बलराज ने अपना हाथ मेरी चड्ढी में डाला और मेरी चूत में उंगली डाल दी। मेरे मुंह से दबी सिसकारी निकली उउउउउऊँह। बलराज उंगली मेरी चूत में अंदर-बाहर कर रहा था। मुझे मजा आ रहा था। चूत मेरी फर्रर फर्रर पानी छोड़ रही थी। बलराज ने मेरी जुबान अपने मुंह से निकाली और बोला, “रितिका कपड़े उतार लो।”
“ये कह कर बलराज ने अपने कपड़े उतार दिए। किशोर क्या फिट शरीर है बलराज का। लगता नहीं पचास पार कर चुका है। और लंड का तो जवाब नहीं। ये लम्बा और सख्त।”
“अब हम दोनो नंगें थे। बलराज ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूचियां चूसने लगा। एक उंगली उसने मेरी चूत में घुसा रखी थी”
“फिर बलराज उठा और मेरे चूतड़ों के नीचे तकिया रख कर मेरी चूत उठाई और मेरी टांगें चौड़ी करके मेरी चूत चूसने लगा। पांच मिनट चूत चूसने के बाद वो उठा और मेरे ऊपर लेट कर लंड को चूत पर रक्खा और एक ही झटके से लंड मेरी चूत में डाल दिया। मजे के मारे मेरी तो सिसकारी ही निकल गयी आआह… मिस्टर नारंग… आआह मजा आ गया।”
“बस फिर बलराज ने मेरे कंधो के नीचे से हाथ डाल कर मुझे अपनी बाहों में ले लिया और जोर से भींच लिया। मेरे चूचियां नारंग के सीने में दबी हुई थीं। नारंग ने चुदाई शुरू कर दी। क्या लम्बे लम्बे धक्के लगा रहा था नारंग। मुझे तो जन्नत का मजा आ रहा था।”
“धक्के लगाने के साथ बलराज बोल भी रहा था, “आअह रितिका क्या मम्मे हैं, क्या फुद्दी है। एक-दम कड़क। चुदाई का मजा आ रहा है।”
“बलराज के लम्बे लंड की चुदाई ने तो मुझे भी मस्त कर दिया था। अभी बलराज ने मुझे दस मिनट भी नहीं चोदा होगा के मैं, “आआआह मिस्टर नारंग निकल गया मेरा”, की आवाज के साथ मैं झड़ गयी। मेरी चूत का पानी निकल गया था, मगर बलराज के लंड ने पानी नहीं छोड़ा था। बलराज का लंड खड़ा ही था।”
“बलराज उसी स्पीड से मुझे चोद रहा था, चोदता ही जा रहा था। मेरे चूतड़ जोर-जोर से हिल रहे थे। मैं मजे के मारे चूतड़ घुमा-घुमा कर बलराज का लंड ले रही थी।”
बलराज के साथ हुई चुदाई को याद करके मामी मस्त हो गयी थी। मस्ती में मामी बोली, “क्या स्टेमिना है किशोर तेरे इस बॉस बलराज का। उसकी इस चुदाई से मैं दुबारा गरम हो गयी। मेरी चूत फिर तैयार हो गयी। इस बार की चली बीस-पच्चीस मिनट चली चुदाई में नारंग ने मुझे जन्नत की सैर करा दी।”
“तभी बलराज के धक्के एक-दम बढ़ गए और “आआह रितिका… रितिका आअह… आअह रितिका अब निकलेगा तेरी फुद्दी में” की आवाजों के साथ बलराज के लंड का ढेर सारा गरम पानी मेरी चूत में निकल गया। बलराज ने मेरी चूत अपने गरम पानी से भर दी। मेरे भी मुंह से एक सिसकारी निकली आअह बलराज, क्या मस्त चुदाई करते हो आप। आअह, क्या मजा दिया आपने आअह। भर दी मेरी चूत आपने आआह।”
“हम दोनों झड़ चुके थे। बलराज ने लंड मेरी चूत में से निकाला और बाथ रूम में चला गया। आ कर उसने कपड़े पहने। मैं भी उठे लगी तो बोला, “नहीं अभी नहीं।” ये बोल कर बलराज बाहर चला गया।
“मैं समझ गयी कि इसका अभी और चुदाई करने का मन है। मैंने सोचा जब अभी और चुदाई होनी है तो कपड़े किस लिए पहनूं? मैं वैसे ही लेटी रही और चादर ओढ़ ली। उसके बाद बलराज ने तुझे भेज दिया मुझे चोदने के लिए।”
मामी कुछ रुक कर बोली, “किशोर एक बात बता। बलराज ने तुझे क्यों भेजा मुझे चोदने के लिए? क्या जिस भी लड़की को तू मॉडल बनने के लिए लाता है, ये बलराज उसको चोदने के बाद हमेशा फिर तुझ से भी उसे चुदवाता है?”
मैंने मामी की गीली चूत में उंगली करते हुए कहा, “नहीं मामी, सब को नहीं। जब कोइ लड़की नारंग से मस्त चुदवाती है और नारंग खुश हो जाता है, तभी नारंग मुझे उस लड़की को चोदने के लिए भेजता है। और इसमें कोई शक नहीं कि तू चुदवाती तो एक दम मस्त है। तेरा नीचे से चूतड़ उछालने घुमाने का अंदाज़ चोदने वाले का मजा दुगना कर देता है। तूने नारंग से भी मस्त चुदवाई होगी, तभी उसने खुश हो कर मुझे तेरी चुदाई के लिए भेज दिया।”
मैंने फिर पुछा, “अच्छा मामी फिर क्या हुआ? मेरे जाने के बाद वो फिर आ गया?”
मामी बोली, “तेरे जाने के पांच मिनट के बाद ही बलराज आ गया। लगता है मेरी चुदाई के इंतज़ार में बाहर ही बैठा था।”
मैंने टोका, “नहीं मामी बाहर नहीं, नेहा के कमरे में था। ये बलराज नेहा और रश्मि दोनों को चोदता है। नेहा तो उसकी समझ लो दूसरी बीवी ही है।”
मैंने फिर मामी को कुरेदा, “अच्छा मामी फिर बलराज आया, फिर क्या हुआ।”
मामी हंसी, “चूतिये तुझे मामी के चुदाई की कहानी सुनने में बड़ा मजा आ रहा है? फिर क्या, आ कर अपने कपड़े उतारता हुआ बोला, कैसी चुदाई कर के गया है किशोर।”
“अब मैं क्या कहती कि ये किशोर जो मुझे अभी-अभी चोद कर गया है मेरा सगा भांजा है?”
“फिर बलराज ने मेरे ऊपर से चादर हटाई और टांगें चौड़ी कर के मेरी फुद्दी की फांकें खोली और अपना मुंह मेरी चूत में घुसेड़ दिया। थोड़ा चूसने के बाद बलराज उठा, लंड चूत पर रक्खा, फचाक से लंड अंदर डाल कर चुदाई चालू कर दी। दो चुदाईयां पहले की और बीस मिनट चली इस चुदाई ने मेरे सारे जोड़ हिला कर रख दिए।”
चुदाई करके बलराज सोफे पर बैठ गया, मगर ना तो मुझे कपड़े दिए जो सोफे पर पड़े थे, ना उठने के लिए ही बोला। थोड़ी देर में लंड हाथ में ले कर फिर बोला, ” रितिका जाओ बाथरूम हो कर आओ, एक दौर और चलाएं चुदाई का।”
“मैं समझ गयी बलराज का फिर से चूत चूसने का मन था। मैं गयी और चूत की धुलाई कर के आ गयी। बलराज ने फिर मुझे साढ़े चार बजे तक चोदा – कितनी बार चोदा, कितनी बार मेरी चूत का पानी छुड़ाया इसका तो मुझे ध्यान नहीं।”
मैंने फिर पूछा, “और वह मामी और बाद वाले दिन?”
मामी हंसी, “अब बस भी कर भोसड़ी वाले किशोर। बाद वाले दिन तो मैं खुद ही बलराज से चुदवाने के लिए मरी जा रही थी। उस दिन तो बलराज ने दो बार मेरी चूत चोदी और दो बार गांड।”
मैं चिल्लाया, “गांड? बलराज गांड भी चोदता है?”
मामी बोली, “चोदता है? ये बोल किशोर रगड़ता है। साला नारंग, गांड भी इतनी बेदर्दी से चोदता है एक घंटा तो गांड का छेद सुन्न ही रहता है। लेकिन किशोर गांड चुदवाने का मजा तो बड़ा आता है।”
फिर मेरा लंड दबाती हुए बोली, “अच्छा किशोर आज तू दो काम कर।”
मैंने कहा, “हां मामी बोलो।”
मामी बोली, “एक तो तू भी मेरी जुबान चूस जैसे उस दिन बलराज ने चूसी थी। सच में किशोर बड़ा मजा आता है उसमें। दुसरा तू आज मेरी गांड चोद, मगर सिर्फ थूक लगा कर – क्रीम नहीं। रगड़ कर चोद। तू भी सुन्न करदे आज मेरी गांड का छेद।”
ये बोल कर मामी ने मेरे होंठ अपने होठों में ले लिए और एक हूं की आवाज निकाली। मतलब मैं मुंह खोलूं,और मामी अपनी जुबान मेरे मुंह में घुसेड़ दे। मैंने वही किया। जैसे ही मैंने मुंह खोला, मामी ने जुबान मेरे मुंह में घुसेड़ दी। मैं मामी की जुबान चूसने लगा। मामी ने जोर-जोर से मेरा लंड दबाना शुरू कर दिया।
फिर मामी मुझसे अलग हुई और बेड के किनारे पर उल्टा हो कर लेट गयी और चूतड़ उठा दिए। मामी के तरबूज जैसे चिकने सफ़ेद चूतड़ देख कर मेरा लंड फुंफकारे मारने लगा। मैं लंड मामी के मुलायम चूतड़ों पर फेरने लगा। मामी बोली, “बस किशोर बस। गरम हो गयी मेरी चूत और गांड, अब दिखा अपने लंड का जलवा।”
उस दिन मैंने मामी की गांड चोदी। वो भी एक बार नहीं दो बार, और गांड में ही अपना गरम गर्म सफ़ेद गाढ़ा पानी छुड़ाया। मामी चूत और गांड बड़ी मस्त चुदवाती थी। मामी जैसे चूतड़ आगे-पीछे करके गांड चुदवा रही थी, लग रहा था मामी गांड भी चुदवाती रहती है।
एक महीना ऐसे ही निकल गया। मैं और मामी अपने जगह खुश थे, मान्या अपनी जगह खुश थी। उसको उसके मनपसंद का काम जो मिल गया था। एक बार फोटो शूट के सिलसिले में गोवा भी हो आयी थी। ग्रुप में आठ लोग गए थे। छः टेक्नीशियन अब क्योंकि मान्या अकेली थी तो उसके साथ ऑफिस की एक लड़की भेजी गयी थी श्रुति।
लड़की फसाऊ सौरभ हुए आशीष भी गोवा जाने वाले ग्रुप में थे। मान्या की चुदाई ना हुई हो ऐसा हो ही नहीं सकता था। उसके बाद तो ये मेरा और मामी की चुदाई का सिलसिला ही चल पड़ा। जिस दिन मान्या का ऑफिस होता, मामी मुझे फोन कर देती, मैं चुदाई के लिए पहुंच जाता। बढ़िया चूत, गांड चुदाई चल रही थी।
एक दिन इतवार को सौरभ का फोन आया, “क्या कर रहा है किशोर, गेस्ट हाउस आजा ऊपर के कमरा नबर दो में। मस्त लड़की आएगी फटाफट निकल ले।”
मुझे अक्सर सौरभ और आशीष मुझे अक्सर मौज मस्ती के लिए वहां बुलाते रहते थे। मैंने कहा, “ठीक है आता हूं।”
तभी मामी का भी फोन आ गया। “किशोर आजा। मस्त चुदाई करेंगे। तेरा मामा आज पानीपत गया है और मान्या को ऑफिस से फोन आया था कुछ अर्जेन्ट काम है।”
मैं हैरान हुआ इतवार को ऑफिस? जरूर मान्य बहाना बना के कहीं और गई होगी चुदाई करवाने।
खैर, मैंने मामी से कहा, “मामी मुझे भी अभी फोन आया है। मुझे भी ऑफिस जाना है।”
मामी बोली, “ओह। चल फिर ठीक है। फिर किसी दिन सही।”
आधे घंटे में मैं गेस्ट हाउस पहुंच गया। सौरभ ऊपर के दो नंबर कमरे में था। मैंने पूछा,”आज किसको पटा लिया।”
सौरभ बोला, “तू अच्छे से जानता यार उसे। मगर एक गड़बड़ हो गयी है। मुझे अभी फोन आया है। मेरी दीदी और जीजा जी आ गए हैं। मुझे जाना होगा। तब तक तू चुदाई कर। मैं अगर जल्दी खाली हो गया तो आ जाऊंगा।”
मैंने कहा ,”ठीक है, पर ये तो बता दे लड़की कौन है?”
सौरभ बोला “मान्या।”
“मान्या?” मैं लगभग चिल्ला कर बोला, “सौरभ, क्या मान्या जानती है की मैं हूं?”
सौरभ बोला, “किशोर क्या हुआ। तू ऐसे चौंका क्यों? तू ही तो लाया था उसे मॉडल बनाने। और जब मैंने मान्य को बताया कि आज तू साथ है तो वो तो बड़ी खुश हुई। तूने नहीं चोदा मान्या को?”
मैंने कहा “नहीं।”
सौरभ बोला “तो फिर आज मजे ले। मस्त चुदवाती है मान्या। ऐसे चूतड़ हिलाती घुमाती है नीचे कि ऊपर लंड अंदर डाल कर तुझे कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। और अगर तेरे लंड पर बैठ गयी तो ऐसे उछल-उछल कर लंड अंदर लेती है की क्या बताऊं।” फिर बोला ,”यार उसकी चुदाई याद कर के तो खड़ा होने लग गया। मैं चलता हूं नहीं तो इस मान्या के नाम ले ले कर यहीं मुट्ठ मारनी पड़ेगी।”
सौरभ निकल गया और मैं मान्या का इंतज़ार करने लगा। लेकिन मेरी परेशानी और झिझक अभी भी दूर नहीं हुई थी।
थोड़ी देर में दरवाजे पर दस्तक हुई। मैंने सोचा मान्या ही होगी। मैंने दरवाजा खोला। मान्या ही थी।
मान्या अंदर आयी और जैसे ही मैंने दरवाजा बंद किया, मान्या मुझसे लिपट गयी।