ही रीडर्स, उमिद है आपको मेरी सेक्स स्टोरी पिछला पार्ट बहोट पसंद आया होगा, अब आयेज..
अब मेरी छूट मोटी-मोटी और गोरी-गोरी हो गयी थी. तभी बापू ने टाई की गांद मे मूह लगा दिया और चूस लिया. इससे टाई पूरी लाल हो गयी. टाई बहुत ही चालाक औरत थी और वो बापू से बोली-
टाई: गुड़िया की बर को पेल दे आज.
मई बोली: मई नही दूँगी अपनी बर.
बापू का लंड पूरा खड़ा था और वो बोले-
बापू: पेलुँगा, उसको भी पेलुँगा. लेकिन तुझे मई अपनी रखैल बनौँगा.
ये सुन कर टाई हस्स पड़ी और बोली-
टाई: ठीक है, फिर कामली मेरे वाले के साथ रहेगी और मई तेरे साथ रहूंगी.
अब बापू कुत्ते की तरह टाई के चूतड़ चाट रहा था. फिर टाई ने बापू को पीछे की तरफ धक्का दे दिया. इससे बापू नीचे लेट गये. उसके बाद टाई खड़ी हुई और अपनी टांगे चौड़ी करके बापू के इर्द-गिर्द कर ली.
टाई बापू की छाती पर बैठ गयी और उसने मूह की तरफ झुक गयी. बापू ने टाई का मूह पकड़ा और उसके रसीले होंठो को चूसना शुरू कर दिया. फिर टाई उपर की तरफ हुई और उसने अपने चूचे बापू के मूह मे डाल दिए.
बापी बड़े मज़े से टाई के चूचे चूसने लग गया. उसने टाई के चूचो को चूस-चूस कर लाल कर दिया. बापू टाई के पुर चूचे मूह मे डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसने चूचे बहुत ही बड़े थे.
फिर कुछ देर ऐसे ही चूचे चूसने के बाद बापू ने टाई को उठाया और अपने उपर उल्टा लिया लिया. इससे टाई की बालो वाली बर बापू के मूह के सामने आ गयी. बापू टाई की बर को देख कर पागल हो गया और अपना मूह बर मे डाल कर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लग गया.
फिर टाई ने मुझे अपने पास बुलाया और मेरी बर मे अपना मूह डाल दिया. टाई ने जैसे ही अपना मूह मे बर मे डाला, तो मई पागल सी हो गयी. फिर उन्होने बड़े प्यार से मेरी छूट की फांको को अलग किया और अपनी जीभ मेरी बर मे डालने लग गयी.
टाई बड़े प्यार से मेरी बर मे अपनी जीभ उपर-नीचे करके घुमा रही थी. अब मेरी छूट ने झार-झार करके मीठा पानी छोढ़ना शुरू कर दिया था. टाई मेरी छूट का सारा पानी चाट गयी और बोली-
टाई: बिटिया हमारी राजकुमारी है.
और ये बोल कर टाई मे मुझे गले से लगा लिया. उधर टाई की छूट ने भी अपना पानी बापू के मूह मे निकाल दिया था. फिर जैसे एक कुत्ता चाट-ता है, वैसे ही बापू ने टाई की छूट का सारा पानी चाट लिया.
इसके बाद टाई ने मुझे छोढ़ दिया और वही पर अपने चूतड़ उपर करके लेट गयी. बस यही टाई से ग़लती हो चुकी थी. टाई की छूट तो शांत हो गयी थी, लेकिन फ़ौजी बापू का लंड तो अभी खड़ा हुआ था.
उस दिन पहली बार मैने अपने फ़ौजी बापू का खड़ा हुआ लंड देखा था. फिर बापू ने टाई को उल्टा किया और उसके दोनो छूतदो को खोल दिया. इससे टाई की गुलाबी-गुलाबी छूट बापू के सामने आ गयी. बापू ने ज़रा भी देर नही की और अपने लंड को टाई की छूट पर सेट कर लिया.
टाई की छूट अपना पानी छोढ़ चुकी थी, इसलिए पहले से ही गीली थी. फिर बापू ने एक ज़ोर का धक्का मारा और अपना लंड टाई की छूट के छेड़ मे घुसा दिया. अब बापू टाई की छूट को छोड़ने लग गया. बापू का लंड एक फ़ौजी का लंड था और बहुत बड़ा और सख़्त था.
वो टाई की इतनी ज़बरदस्त चुदाई कर रहा था, की टाई अपने पैर पताकने लग गयी थी. तभी बापू ने अपने मूह से थूक निकाली और टाई की गांद के छेड़ पर गिरा दी. फिर बापू ने अपना लंड टाई की छूट से निकाल लिया और उसको गांद के छेड़ पर टीका लिया.
जैसे ही फिर बापू ने तोड़ा ज़ोर लगाया, तो टाई ने अपनी गांद उछाल दी. फिर बापू ने टाई की कमर को आचे से पकड़ा और अपना लंड दोबारा सेट करके धक्के देने लगे. बापू का धक्का इतना ज़बरदस्त था, की उनका पूरा लंड टाई की गांद मे घुस गया.
टाई: आहह.. आहह.. हाए मॅर गयी मई तो आहह.. निकालो इसको.
टाई चिल्ला रही थी और उसने मुझे पकड़ लिया. फिर टाई ने मेरे होंठ अपने होंठो मे दबा लिए और चूसने लग गयी. कालू तो अब पागल सा हो गया था. वो अपना लंड टाई की गांद मे पूरा डालता और फिर बाहर निकाल लेता.
टाई भी ज़ोर-ज़ोर से मेरे होंठो को चूस रही थी और काट रही थी. पीछे से ठप ठप की आवाज़े आ रही थी और टाई की गांद की ज़बरदस्त ठुकाई हो रही थी. कालू बहुत तेज़ी से धक्के मार रहा था और टाई ने अपने पैर पताकने शुरू कर दिए थे.
टाई बोली: कालू, आज मुझे घोड़ी बना ले, भैंस बना ले, चाहे कुछ मर्ज़ी बना ले और फिर खूब ठुकाई कर मेरी आहह..
फिर बापू ने टाई की गांद मे से लंड बाहर खींच लिया. बापू का लंड इतना बड़ा काले साँप जैसा था. उनका लंड टाई की गांद के पानी से चमक रहा था. फिर बापू ने दोबारा से लंड टाई की गांद मे एक ही बार मे उतार दिया.
टाई ने दर्द मे मुझे खींच लिया और मुझे अपने नीचे ले आई. जैसे पहली बार भैंस की गांद मे लंड जाता है और उसका छेड़ उपर की तरफ उभर जाता है, टाई के साथ भी वैसा ही कुछ हो रहा था.
टाई ने मेरे दोनो पैर फैला दिए थे और मेरी बर को अपने मूह मे ले लिया था. वो पागलो की तरह मेरी बर को चूसने लग गयी थी. मेरी बर बहुत सुंदर और ताज़ी थी. बर की फांके अभी क़ास्सी हुई थी और बर मोटी भी थी. ये ऐसी बर थी , जो किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर सकती थी.
टाई संतरे की तरह मेरी बर को चूस रही थी. फिर टाई ने मुझे नीचे जाके अपनी छूट चाटने को बोला. मई नीचे चली गयी और अब टाई की बर मेरे सामने थी. मुझे बापू का लंड टाई की गांद मे जाता हुआ सॉफ दिख रहा था.
फिर मैने टाई की बर मे अपना मूह लगा दिया और उसको चूसना शुरू कर दिया. पहले-पहले मुझे तोड़ा अजीब लगा, लेकिन फिर मुझे मज़ा आना शुरू हो गया. टाई को मेरे चूसने से मज़ा आने लगा था, इसलिए उन्होने अपनी छूट से मेरे मूह मे झटके लगाने शुरू कर दिए थे.
पीछे से बापू टाई की गांद को थोक रहा था, जिससे पुर कमरे मे ठुकाई की आवाज़े आ रही थी. लगभग 5 मिनिट तक ऐसे ही बापू टाई की गांद को छोड़ता रहा और फिर उसने अपना सारा पानी टाई की गांद मे ही निकाल दिया.
जब बापू का गरम-गरम पानी टाई की गांद मे जेया रहा था, तब टाई ज़ोर-ज़ोर दे हाँफ रही थी. टाई की छूट ने भी अपना पानी छोढ़ दिया था, जिसको मई पूरा पी गयी थी. इसके अलावा टाई की गांद से बापू के लंड का पानी बहने लगा था और उसकी की भी कुछ बूंदे मेरे मूह मे गिर गयी थी.
इस तरह मैने पहली बार गांद की चुदाई देखी, वो भी तब, जब मई भोली-भाली थी. फिर कालू बोला-
कालू: अब एक बार इसकी भी गांद मरवा दे बुरा.
टाई: नही रे फ़ौजी नही. ये हमारी भी लड़की है. इसका छेड़ अभी कुवरा है, तो इसको छोड़ कर इसकी जवानी को वेस्ट मत करना. प्रधान जो है, वो इसकी पहली चुदाई करने का काफ़ी कुछ दे सकता है. तू सोच ज़रा, की इसमे कितना फ़ायदा है. इसकी सील अभी टूटी नही है, तो प्रधान इसके 50 टोला सोना, एक भैंस, 2000 रुपय और पता नही क्या-क्या देगा.
टाई: वो इसको सोने की पायल और सोने की नाथ भी देगा. तू चिंता मत कर, पहले मई उससे अपनी छूट की छुड़वा कार्ओौनगी और उसके बाद वो इस्पे चढ़ेगा. फिर वो इसको पूरी रात पेलेगा, लेकिन इसके बदले मे हमे बहुत कुछ मिलेगा.
टाई: अगर तूने अभी इसको छोड़ दिया, तो कोई फ़ायदा नही मिलेगा इसकी कुवारि छूट का. और तुझे किस बात की क्या टेन्षन. तेरी बीवी भी किसी बाप-बेटे से अकेले मे अपनी चुदाई करवाती है और वो भी दोनो साथ-साथ.
तेरे पे वो कहावत बिल्कुल सही बैठती है, की ” फ़ौजी रहे फौज मे और बीवी चुड़े घर मे”. तो तेरी बीवी भी कुछ ऐसी ही है. उन बाप-बिटो ने तेरी बीवी को शीशे के सामने खड़ा कर दिया था. फिर उनमे से एक तेरी बीवी की गांद चाट रहा था और दूसरा उसकी बर चाट रहा था.
उसके बाद उन दोनो ने अपने लंड निकाले और एक ने लंड कामली की छूट मे डाल दिया. फिर दूसरे आदमी ने अपना लंड उसकी गांद मे डाल दिया, जिससे वो चिल्लाने लग गयी. उन दोनो ने कामली को अपनी गोद मे उठा लिया और उछाल-उछाल कर छोड़ने लगे.
मई उनको खिड़की से देख रही थी. मैने उनको रोकने के लिए आवाज़ भी लगाई, लेकिन किसी ने सुन ही नही. कल तो गुड़िया भी ऐसे ही रंडी बन जाएगी. तो इससे अछा ये है, की तू इसको प्रधान के पास भेज दे और माल कमा. उसके बाद तो ये तेरे पास ही रहेगी.
आपको कहानी कैसी लगी, ये मुझे ज़रूर बताना.