चुदाई की दीवानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम स्वाती है. मैं देहरादून की रहने वाली हू. मेरी आगे 21 साल है. मैं एक स्लिम ब्यूटिफुल फिगर वाली लड़की हू. मुझे देख कर हर कोई पहली नज़र में ही मेरा दीवाना हो जाता है. मेरा फिगर 36-24-36 है. अब मैं ज़्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए अपने साथ घाटी एक साची घटना बताती हू.

जन्वरी का महीना था. मेरी बुआ की लड़की की शादी थी. तो हम सब पूरी फॅमिली के साथ शादी में जा रहे थे. हमारी फॅमिली में मैं, पापा, मम्मी, भाई, बहन कुल 5 मेंबर्ज़ है. मेरी बुआ नॉइदा में रहती है. हम शाम तक वाहा पहुच गये. अगले रत को बारात आनी थी.

हम बोहुत तक चुके थे तो हुँने खाना खाया और सो गये. अगले दिन शादी की टायारी में बिज़ी हो गये काम में. दिन का पता ही नही चला. रत 8 बजे बारात आई. मैं बुआ की लड़की के साथ पार्लर गयी थी. वाहा पर मैने भी मेकप कराया. मेकप के बाद में और भी खूबसूरत लग रही थी.

10 बजे हम बॅंक्वेट हाउस पहुँचे. फिर हुँने खाना खाया और रिब्बन कटवाने की त्यारी करने लगे. 11.30 बजे जीजू रिब्बन काटने के लिए पहुँचे. उनके साथ उनके फ्रेंड्स भी थे. उनमे से एक लड़का जो बोहुत हॅंडसम था मुझे पहली नज़र में ही पसंद आ गया.

मैं उसे एकटक देखे जा रही थी. वो भी मुझे देख कर स्माइल कर रहा था. थोड़ी देर बाद मैने शर्मा के नज़र झुका ली. रिब्बन काटने के बाद हुँने 11000 रुपये सागूं में माँगे. उनके उसी दोस्त ने पैसे दिए और चुप से अपना मोबाइल नंबर भी दे दिया.

मैने थोड़ी देर बाद उसे फोन किया. उसने कॉल उठाई.

मैं – हेलो.

राहुल- हेलो कों?

मैं- जिसे आपने नंबर दिया था.

राहुल- ओह, और सुनाए क्या नाम है आपका?

मैं – स्वाती और आपका?

राहुल- नाइस नामे. मेरा नाम राहुल है. आओ कही बैठ कर बात करते है.

मैं- कहा?

राहुल- मेरी कार में.

मैं-ओक.

उसने ब्टाया की उसकी वाइट कलर की वेर्ना कार 6555 नंबर. मैं उसकी कार के पास चली गयी. वो वाहा पहले से खड़ा था. उसने मुझ से हाथ मिलाया और मुझे कार में बिताया. हुँने फिर बोहुत बातें की. फिर वो कहने लगा की, “चलो कही घूमने चलते है.” मैं ओक कहा.

फिर हम ड्राइव पे चल दिए. रास्ते में उसने गियर शिफ्ट करने के बहाने मेरे टॅंगो को टच करता था. मैं भी चाहती थी की आज कुछ कर लिया जाए. साथ में हॅंडसम लड़का है मौसम भी अछा है. मैने भी रेस्पॉन्स देना सुरू कर दिया. उसने अपना हाथ मेरी जाँघो पर रख कर सहलाने लगा.

फिर उसने कार रोकी और एक टॅबलेट ली. मैने पूछा की, “कोई दिक्कत तो नही है?” उसने कहा, “नही कोई दिक्कत नही है.” मैने कहा, “तो तुमने टॅबलेट क्यू ली?” उसने कहा, “तुम्हे ज़्यादा मज़ा देने के लिए.” मैं सर्मा गयी. फिर उसने कार को एक सुनसान जगह पर रोक दिया. और कार रोकने के बाद एकदम मुझ पर टूट प्डा.

मेरे होंठ चूसने लगा, मेरे बूब्स दबाने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी. उसने मुझे कहा के कपड़े उतरो तो मेरे उपर के कपड़े उतार दिए. उसने कहा के सारे कपड़े उतरो. मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए. मैं अब पूरी तरह नंगी थी. मेरा गोरा गोरा शरीर देख कर उसकी आँखे चंक उठी.

वो मेरे बूब्स चूसने लगा. मैं पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. उसने मेरी छूट में उंगली करनी सुरू कर दी. मुझे भी अब मज़ा आना सुरू हो गया था. फिर राहुल ने भी अपने कपड़े उतार दिए. उसका लगभग 7 इंच लंबा लंड मुझे देख कर सलामी दे रहा था.

उसने मुझे लंड चूसने को कहा. उसका लंबा मजबूत लंड देख कर मेरी छूट में पानी आ गया. मैं उसके लंड को चूसने लगी. वा क्या स्वाद था उसके लंड का मज़ा आ गया. वो मेरी छूट में उंगली कर रहा था. मैं उसका लंड चूस रही थी. बोहुत मज़ा आ रहा था.

फिर उसने मुझे अपने लंड पर बैठने को कहा. मैने जल्दी से उसके लंड पर बैठ गयी. उसका लंड धीरे धीरे मेरी गीली छूट में उतार गया. मुझे हल्का सा दर्द महसूस हुआ. फिर तोड़ा रुक कर मैने उपर नीचे होना सुरू किया. बस पूछो मत कितना मज़ा आ रहा था.

मेरे मूह से ‘आ’ की आवाज़े निकल रही थी. मैं चुदाई में पागल सी हो रही थी. फिर नीचे से राहुल ने ढके मरने सुरू किए. उसने बोहुत तेज़ी से धक्के मार रहा था. मेरे मूह से अब तेज़ आवाज़े निकल रही थी. राहुल कह रहा था की, “स्वाती मेरी जान तुम्हारी छूट तो बोहुत गरम है.”

मैने भी कहा की, “तुम्हारा लंड भी जान बोहुत सॉलिड है.” थोड़ी देर बाद मैं झाड़ गयी. फिर राहुल ने मुझे पिछली सीट पर ले जा कर घोड़ी बना कर छोड़ा. इस पोज़िशन में मैं दो बार झड़ी. राहुल था के झड़ने का नाम नही ले रहा था. मेरी हालत खराब होती जा रही थी.

मैं बोहुत तक चुकी थी. पर राहुल था के छोड़े जा रहा था. फिर उसने मुझे लेता दिया. और पीछे से ही मुझे छोड़ने लगा. मैं बुरी तरह तक चुकी थी. थोड़ी देर बाद राहुल भी झाड़ गया. उसने अपना सारा स्पर्म मेरी आस पर छ्चोड़ दिया.

फिर मुझे कार से बाहर निकल कर उसने मेरी आस पर पानी डाला और कपड़े से स्पर्म को साफ किया. फिर कपड़ा मुझे दिया और मैने अपनी छूट साफ की. मैने कहा, “जान तुमने तो मेरी हालत खराब कर दी. अब जल्दी चलो बोहुत देर हो गयी है.” हुँने जल्दी जल्दी कपड़े पहने और चल दिए.

जब मैं गाड़ी से उतरी तो मैं तोड़ा लड़खड़ा कर चल रही थी. तो राहुल ने कहा के, “कोई पूछे की तुम एसए क्यू चल रही हो तो कह देना के पैर मूड गया.” मैने कहा ओक. फिर मैं धीरे धीरे गयी तो मम्मी कहने लगी की कहा चली गयी थी.

मैने कहा के मैं टाय्लेट गयी थी मेरा पैर मूड गया. तो उन्होने कहा के, “जा तू आराम कर ले. थोड़ी देर में चॅलेंज. फिर दवाई लगाना घर जा के.” मैं लेट ते ही सो गयी. सुबा मम्मी ने मुझे उठाया 5 बजे. फिर हम बुआ जी के घर पहुचे. मैं तो जाते ही सो गयी.

फिर उसके बाद मैं और राहुल रोज बातें करते थे.

तो दोस्तो आपको मेरी साथ घटित ये घटना कैसी लगी, कॉमेंट कर के बताना ज़रूर.