ही गाइस, मेरा नाम देव है, और मैं पुणे, महाराष्ट्रा से बिलॉंग करता हू. मेरी उमर 30 साल है, और मेरी शादी 2 साल पहले दिव्या (मेरी वाइफ) से हो चुकी है.
हाइट मेरी 5’10” है, और रंग सावला है. लंड मेरा 6 इंच लामा है, और बिल्कुल काला है, एक-दूं ब्लॅक चॉक्लेट की तरह. ये कहानी मेरी और मेरी सालियों की चुदाई की कहानी है. तो चलिए अब ज़्यादा विलंब ना करते हुए मैं कहानी शुरू करता हू.
मेरी अपनी फॅमिली में मेरे अलावा कोई नही है. 3 साल पहले मेरे मम्मी-पापा की कार आक्सिडेंट में डेत हो गयी थी. तो शादी के बाद मैं अपनी बीवी की फॅमिली को ही अपनी फॅमिली समझने लग गया.
मेरी बीवी की फॅमिली में 5 लोग थे शादी से पहले. उसकी मुझसे शादी के बाद अब 4 लोग है. उनमे उसकी 2 बहने और मम्मी पापा है. मेरी बीवी की उमर 26 साल है, और उसकी 2 बहनो की उमर 23 और 20 साल है.
दूसरे नंबर की बेहन का नाम प्रिया (23 साल वाली) है. और सबसे छ्होटी बेहन का नाम कणिका है. ये तीनो बहने ही निहायती खूबसूरत है. समझ लीजिए मेरी घरवाली और आधी घरवालियान तीनो मस्त है.
तो ये बात 6 महीने पहले की है. काफ़ी देर से मैं और मेरी वाइफ कही घूमने नही गये थे, तो मैने पूरी फॅमिली के साथ गोआ जाने का प्लान बनाया. मम्मी (मेरी सास) की तबीयत थोड़ी ठीक नही थी, तो पापा ने हम बच्चो को जाने के लिए कहा. वो मम्मी का ख़याल रखने के लिए रुक गये. तो मैं अपनी बीवी और दो सालियों के साथ गोआ निकल गया.
हम लोग गाड़ी में गोआ के लिए निकले. मेरी वाइफ ने फ्लवर्स वाला फ्रॉक पहना था जो बस घुटनो तक था. उसका फिगर साइज़ 36-32-38 है, और हाइट 5’6.5″ है. मस्त लगती है मेरी बीवी, और बिस्तर में भी खूब मज़ा देती है. वो मेरे साथ वाली सीट पर बैठी थी.
पीछे वाली सीट पर बैठी थी प्रिया और कणिका. प्रिया ने डेनिम शॉर्ट्स और वाइट शर्ट हाफ स्लीव वाली पहन रखी थी. उसकी शॉर्ट्स उसकी जांघों तक थी बस, नीचे की पूरी टांगे नंगी थी. शर्ट भी उसकी शॉर्ट टाइप ही थी. क्यूंकी जब वो खड़ी होती थी, तो चलने पर उसकी कमर नज़र आ रही थी. उसका फिगर तकरीबन 34-28-34 होगा.
उसके बाद आती है कणिका. कणिका तीनो बहनो में सबसे ज़्यादा गोरी है. उसने जीन्स त-शर्ट पहनी हुई थी. उसका फिगर 32-28-34 होगा. वैसे उस वक़्त तक मेरे मॅन में उनके लिए कोई ग़लत ख़याल नही था. ये ख़याल आए गोआ जाके.
काफ़ी ड्राइव करने के बाद हम गोआ पहुँच गये. वाहा मैने होटेल में पहले से 2 रूम्स बुक करवा रखे थे. एक रूम मेरे और दिव्या के लिए था, और दूसरा रूम प्रिया और कणिका के लिए. हम सब लोंग ड्राइव के बाद तक चुके थे, तो अपने-अपने रूम में जाके रेस्ट करने लगे.
अब बंदा बीवी के साथ गोआ जाए, और वाहा जाके रेस्ट करे. ये पासिबल नही है. मैं और दिव्या जैसे ही रूम में गये, मैने दिव्या को अपनी बाहों में भर लिया, और अपने होंठ उसके होंठो के साथ चिपका कर उसके होंठो का रस्स पीने लगा. किस शुरू करने से पहले मैने दरवाज़ा बंद करना ज़रूरी नही समझा. दिव्या भी मस्त हो गयी, और मेरा साथ देने लगी.
5 मिनिट तक उसके होंठ चूसने के बाद मैने उसके गले का रुख़ किया. मैने उसकी ड्रेस को गले से शोल्डर की तरफ खिसकाया, और उसके शोल्डर को चूमने लग गया. इस दौरान मेरा फेस दरवाज़े की तरफ था, और दिव्या का उल्टी तरफ था. जब मैं उसके शोल्डर्स को चूम रहा था, तब मेरी आँखें बंद थी. मैं मज़े से अपनी बीवी की सॉफ्ट स्किन को चूमने का मज़ा ले रहा था.
ये सब करते हुए मुझे नही पता था, की मेरी साली कणिका दरवाज़े पर खड़ी थी. फिर मैने दिव्या की फ्रॉक के नीचे से हाथ उसकी गांद पर डाला, और उसकी गांद दबाने लग गया. इससे वो मदहोश होने लग गयी. फिर मैने उसकी फ्रॉक को उतार दिया. अब दिव्या सिर्फ़ ब्रा और पनटी में थी.
फिर मैने उसका हाथ पकड़ा, और उसको बेड पर लेके जाने लगा. तभी अचानक मेरी नज़र दरवाज़े पर पड़ी. मैने देखा मेरी साली कणिका वाहा पर खड़ी थी. जैसे ही मेरी नज़र उस पर पड़ी, तो वो जल्दी से साइड हो गयी. मुझे लगा की वो कुछ पूछने आई होगी, और हमे ऐसी हालत में देख कर चली गयी.
उसके आने का रीज़न तो मुझे नही पता, लेकिन वो हमे देख कर गयी नही थी, सिर्फ़ च्छूपी थी. ताकि मैं उसको ना देख लू. मैने फिर दिव्या को बेड पर लिटाया, और अपने कपड़े उतारने लगा. दिव्या बेड पर मस्त नागिन की तरह लहरा रही थी.
जब मैने अपने कपड़े उतरे, तभी मेरी नज़र उल्टी साइड लगे शीशे से गाते पर गयी. कणिका वही खड़ी थी, और हमे देख रही थी. उसकी साँस भी थोड़ी तेज़ लग रही थी. ये देख कर मुझे लगा की वो हमारी चुदाई देख कर मज़ा करना चाहती थी. मुझे भी पता नही फिर क्या हुआ, मैने सोचा की आज डोर से इसका पानी निकाल दूँगा.
फिर मैने जान-बूझ कर अपना लंड हाथ में पकड़ा उसको मसालते हुए कणिका को दिखाने लगा. मैं चाहता था की वो मेरे लंड को आचे से देख ले. उसका बाद मैं उसकी बेहन के उपर गया, और उसकी जांघों को दबाते हुए चूमने लगा.
जांघें चूमते हुए मैने उसकी पनटी उतार दी. दिव्या की छूट हमेशा क्लीन रहती है. मैने उसकी छूट को मूह लगाया, और चाटना शुरू कर दिया.
मेरे छूट चाटने से मेरी बीवी कामुक सिसकियाँ भरने लगी. मैं ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट चाटने लगा, ताकि ज़ोर की सिसकियाँ ले. मैं चाहता था की उसकी बेहन को ये पता चले की दिव्या मेरे साथ कितना मज़ा कर रही थी.
कुछ देर छूट चाटने के बाद मैं उपर आया, और दिव्या की ब्रा उतार दी. अब मैं उसके बूब्स को एक-एक करके चूसने लगा. तभी दिव्या बोली-
दिव्या: अब डाल भी दो ना देव, कितना तड़पावगे.
ये हुई ना बात. जब एक बेहन दूसरी बेहन के सामने ये बात बोलेगी, तो दूसरी बेहन को जेलस भी फील होगा, और जीजा के लंड की ताक़त का भी एहसास होगा.
आज की कहानी को . पर . है. इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ शेर करे. और उनको बोले की आयेज भी इसको शेर करे.