हेलो दोस्तो मैं राज आज एक बार फिर से आप सब के लिए, अपनी एक और सेक्स और मस्ती से भारी खनाई ले कर आया हूँ. आपने मेरी पिछली दो कहानी बहोट ज़्यादा पसंद करी है. एक जिसमे मैने पहले शिफली को छोड़ा था, और उसके बाद मैं उसकी सग़ी बहें पार्टिभा को भी छोड़ दिया था.
इन दोनो कहानियो को आप सब ने इतना पसंद किया है, की मैने कभी सोचा भी न्ही था. मैं आपको लास्ट वाली कहानी के एंड मे ब्टाया था, की मैने प्रतिभा ने मुझसे अपनी फ्रेंड्स को भी चुडवाया था.
आज मैं उसी के बारे मे आपको बताने जा रा हूँ. मुझे आप सब से ये ही उमिद है, की जेसे आपने मेरी पहले वाली कहानिया पसंद करती है, वेसए ही ये वाली कहानी भी पसंद करेगें.
तो चलिए शुरू करते है. शिफली कुछ टाइम मे मा बनने वाली थी. इसलिए शिफली और प्रतिभा के साथ अब उनके मम्मी दादी भी रहने आ गये थे. अब उनके आने पर मैं व्हन न्ही जा स्कता था.
पर वो दोनो बहएने रोज मुझसे फोन पर बातें करती थी. प्रतिभा तो मेरे लंड की दीवानी हो चुकी थी. वो हर व्क़त मेरे लंड की फोटो मनती रहती थी. फिर वो कुछ दीनो बाद व्हन से अपने घर मुंबई मे चली गयइ. फिर व्हन से उसने मुझे फोन किया, और मुझे उसने खा की
प्रतिभा – सुनो जान अब मुझसे और न्ही रुका जाता, प्लीज़ तुम मुंबई मे ही आ जयो ना.
मैं – मैं इतनी डोर केसे अओन ?
प्रतिभा – अरे तुम फिकर ना करो, मुझसे तुमसे एक काम है. अगर वो हो गया तो तुम्हे 50000 रुपए मिलेगें. और मैं हाफ पेमेंट तुम्हारे बॅंक मे दल र्ही हूँ. मुझे बस तुम अपना अकाउंट नंबर बीटीये दो.
मैं – ठीक है, पर ऐसा कों सा काम है. जिसके लिए मुझे इतने पैसे मिलगें.
प्रतिभा – वो तो तुम्हे आ कर ही पता चलेगा.
मैं – ठीक है मैं तुम्हे अकाउंट नंबर सेंड करता हूँ, और तुम मुझे पैसे और मेरी फिलगत टिकेट सेंड करो.
प्रतिभा – ओक जान.
कुछ ही देर बाद मेरे अकाउंट मे 25000 रुपए आ गये और मेरी व्हातसपप पर मेरी एर टिकेट भी आ गयइ. मुझे कल ही निकलना था, इसलिए मैने झट से त्यारी करी और जाने के लिए त्यआर हो गया.
मैं आचे से साँझ चुका था, की ज़रूर व्हन जबरदस्त चुदाई होने वाली है. इसलिए मैने पहले से ही अपने लंड के सारे बाल सॉफ करके उसे चिकना बना लिया था. उसके बाद मैं पास के मेडिकल स्टोर से एक्षता डोटेड कॉंडम और वो गोलिया ले आया.
जिससे लंड का पानी काफ़ी देर मे निकले और लंड भी काफ़ी देर तक खड़ा र्हे. फिर मैं अगले दिन डोफेर की फ्लाइट से मुंबई शाम को पौंछ गया. एर पोर्ट पर मुझे प्रतिभा पिकप करने के लिए न्ही आई.
इसलिए मैने आते ही उसे फोन किया. उसने फोन पर मुझे ब्टाया की मैं टॅक्सी ले कर होटेल कॅन्वस मे चला जौन व्हन 302 रूम मेरे लिए पहले से ही बुक है. उसकी बातें सुन कर मुझे काफ़ी खुशी मिल र्ही थी.
मैं सीधा होटेल मे गया और अपने रूम मे बैठ कर तोड़ा रेस्ट करने लग गया. शाम को 7 बजे मेरे रूम के बाहर बेल बाजी. मैने उठ कर डोर ओपन किया तो मैने देखा की बाहर प्रतिभा अपनी एक फ्रेंड के साथ बाहर खड़ी थी.
उसका नाम श्रुति था, वो दोनो भुरखे मे आई थी. शायद इसलिए की कोई उन्हे देखे तो फेचन ना ले. मैं तो सिर्फ़ श्रुति की आँखो से उसकी खूबसूरती का अंदाज़ा लगा रा था. जेसे ही वो दोनो अंदर आई, पार्टिभा ने झट से डोर बंद किया और मेरे गले से लग कर बोली.
प्रतिभा – राज ई लोवे योउ सो मच, ई मिस योउ यार. जब से तुमसे जुड़ा हुई हूँ, कसम कुछ अछा न्ही लगता. मेरी छूट तुम्हारे लंड की दीवानी हो गयइ है. तुम्हारे बाद मैने जीजू का लंड बहोट मुश्किल से खड़ा किया था. पर वो बहें का लोड्ा कुछ भी न्ही कर पाया.
मैं – अछा अछा मैं साँझ गया. देखो यार अब मैं तुम्हे रोज रोज तो छोड़ न्ही स्कता. इसलिए मेरी बात मानो तो तुम कोई जवान लड़का देखो जो तुम्हे डेली छोड़ सके. तुम कहो तो मैं तुम्हारी सेट्टिंग करवा डून किसी लड़के से.
प्रतिभा – अपनी ये सदी सी बकवास बंद करो, और मेरी बात सुनो मुझे और मेरी फ्रेंड्स को तुम ही बहोट दमदार लगते हो. मैं तो बस तुम्हारे नीचे आकर चूड़ना चाहती हूँ. खैर ये बातें तो होती ही रहनगी.
तुम इससे मिलो ये मेरी फ्रेंड श्रुति इसकी अगले 3 महीने मे शादी होने वाली है. पर इसकी शादी इसके घर वेल ज़बरदस्ती एक 36 साल के लड़के से करवा र्हे है.
मैं – तो इसमे मैं क्या कर स्कता हूँ.
प्रतिभा – अरे बुढ़ू मेरी पूरी बात तो सुनो तुम यार, देखो ये अभी तक कवरी है. और इसकी शादी भी इसकी मर्ज़ी के खिलाफ हो र्ही है. इसलिए ये चाहती है की वो बंदा जो नये माल के चकेर मे इससे शादी कर रा है. उसे नया माल ना मिले तुम इसकी पहले से ही जाम कर चुदाई कर दो. जिससे इसके पति को इसकी खुली हुई छूट छोड़ने को मिले. अब तुम इससे बहोट प्यार से छोड़ना.
मैं – ओक मैं साँझ गया, पर मुझे ये साँझ मे न्ही आता की मैं अकेला और तुम दो मैं केसे करूँगा ?
प्रतिभा – अरे मेरे भोले आशिक़ हम दो न्ही हम चार. अब ज़रा रात भर मे अपने लंड को त्यआर कर लो. क्योकि कल तुम चार छूट को खुश करना है. कल मैं और श्रुति आपको 10 बजे लेने आएगें उसके बाद हम एक फारम हाउस पर चलेगें. ओक गुड नाइट कल मिलते है.
ये कह कर वो अपनी मोटी मोटी गंद मटका कर व्हन से चली गयइ. मुझे अब टेन्षन होने लग गयइ थी, की बहें छोड़ अब क्या होगा. ये साली चार रंडिया मिल कर मेरी गंद मार लेगी.
फिर मैं आराम से बैठ कर सोचने लग गया, तभी मेरी दिमाग़ मे एक आइडिया आया. मेरे कुछ दोस्त यहाँ रहते है, जो जिगलो का काम करते है. मैने झट से उन्हे फोन किया. और अपने दोस्तो को इस बारे मे समझा दिया.
मैने उन्हे खा की कल मुझे मेरी फ्रेंड अपने साथ अपनी टीन और फ्रेंड्स के पास ले कर जा र्ही है. मैं उन चारो को एक साथ न्ही छोड़ स्कता, इसलिए मैं चाहता हूँ. तुम भी मेरे साथ चलो, पर तुम मेरे पीछे ही अपनी कार मे आना. और जेसे ही मैं कहूँ तुम तभी अंदर आ जाना. और फिर हम तीनो मिल कर उन चारो की छूट और गंद को फाड़ देंगें.
मेरा ये प्लान सुन कर वो दोनो भी काफ़ी खुश हो गये. और अब तो सिर्फ़ सुबह होने का इंतेज़ार था. रात को मैं टाइम से सो गया, क्योकि अछा सेक्स करने के लिए आपके पास एक अची नींद होनी चाहईीए.
सुबह 10 बजे ठीक प्रतिभा मेरे रूम मे आ गयइ, उसने आते ही मुझे अपनी बाहों मे भरा और मेरे गाल पर किस करती हुई बोली.
प्रतिभा – ई लोवे योउ जानू तुम रेडी हो ना ?
मैं – हन मैं रेडी हूँ.
ये कहते ही मैने उसके होंठो को अपने होंठो मे भर लिया और उसके होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया.
मैं – जान तुमने ये भुरखा क्यो डाला हुआ है ?
प्रतिभा – जान मैं शुर्ती और मेरी बाकी दोनो फ्रेंड्स एक उँचे खानदान की बहू है. और मैं और वो न्ही चाहते की वो ह्यूम ऐसे बाहर होटेल और बाहर अकेले कार मे घूमते हुए देखे.
और जान तुम्हे तो पता ही है, आज कल किसी ने फोटो या वीडियो बना ली. तो सला बहें छोड़ ब्लॅक मैल करेगा या हुमारे घर वालो को भी सेंड कर स्कता है. इसलिए साफ़टे इस थे बेस्ट पॉलिसी.
मैं – ऑम्ग तुम तो खूबसूरत होने के साथ साथ समझदार भी हो. ई लोवे योउ सो मच चलो अब चलते है.
प्रतिभा – हन चलते है, पहले अपना सारा समान पॅक कर लो.
मैं – मेरे पास समान ही ख़ान जा मैं पॅक करना है.
प्रतिभा – क्यो कुछ न्ही ले कर आए क्या ?
मैं – अरे मैं पूरी रात नंगा सोया और अभी भी जा कर नंगा ही होना है. तो कपड़े ले कर आने का क्या फ्यदा.
प्रतिभा – तुम सच मे बहोट स्मार्ट हो ई लोवे योउ. चलो अब चले नीचे कार मे शुर्ती और पूनम हुमारा वेट कर र्ही है.
मैं – हन हन चलो.
फिर हम दोनो नीचे गये और होटेल से चेक आउट करके हम सीधे कार मे गये. कार मे पूनम आयेज बैठी और श्रुति पीछे बैठी थी. मैं श्रुति के पास पीछे वाली सीट के पास बैठ गया. प्रतिभा कार ड्राइव कर र्ही थी.
पूनम पूरे रास्ते कुछ न्ही बोली थी, पर श्रुति बार बार अपना बुरखा उपेर करके मेरे गालो पर किस कर र्ही थी. मैं पीछे वेल मिरर मे देखा की एक कार लगातार हुमारे पीछे आ र्ही है. मैं साँझ गया की वो मेरे दो दोस्त ही है. कुछ ही देर मे हम एक बड़े से फारम हाउस पर पौंछ गये.
दोस्तो, इससे आयेज क्या हुआ और केसे हुआ. ये जाने के लिए आपको तोड़ा सा इंतेज़ार करना होगा. क्योकि इससे आयेज की कहानी मैं आपको इस कहानी के अगले पार्ट मे ज़रूर ब्टौँगा.
आप को मेरी ये कहानी यहाँ तक केसी लगी, मुझे ये ज़रूर ब्ताना. [email protected]