नमस्ते, अगर अपने मेरी और सेक्स चाची की मस्त स्टोरी का 2न्ड पार्ट न्ही पढ़ा तो प्लीज़ पढ़ लीजिए.
जन्वरी का महीना था और ठंड बहुत थी, ऐसे मे अगर लंड को छूट मिल जाए तो लंड भी खुश रहता है और मेरी चाची जो की लंड लेने मे बहुत अनुभाववी तीन. अनगिनत बार मेरे चाचा ने चाची की छूट को अपना लंड से रौदा था. लेकिन अब मैं भी चाची की छूट को अपने पूरी ताक़त से छोड़ना चाहता था.
चाची ने अपनी मॅक्सी निकल के बगल मे रख दी और बिंकुल नंगी हो गयी और मेरे भी कपड़े निकल के मेरा लंड पकड़ लीं.
चाची- ये तो लंड नही, पूरा हात्ोड़ा है रे. कितना मोटा है, ये. तेरा लंड बिल्कुल तेरे चाचा पे गया है. उनका लंड जब मेरी छूट मे घुसता है, मेरी चीखें निकल जाती है.
हर झटके पे ऐसा लगता है, मेरी जान निकल जाएगी, लेकिन ऐसे लंड से छुड़वाने का मज़ा भी अलग है.
चाची मेरा लंड हाथ मे लेकर सहलाने लगीं और अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिन. मेरी चाची ने अपने बाल खोल दिए और मेरे लंड पे भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ीं.
“क्या लंड है, मेरे बेटे का, आज अपनी चाची की चूत को पेल-पेल के फाद दे” चाची बोल रहीं तीन.
मैं – कल रात आपकी चूंचियों को देखा तो मान दोल गया, मान कर रहा था, आपके उपर चॅड के अपना लंड आपकी छूट मे पेल दूं.
चाची- ह्म, मुझे लग रहा था लेकिन चाची की हरी झंडी आज मिल चुकी है. अब तू अपनी चाची को जैसे चाहता है, छोड़ सकता है.
चाची मेरे तरफ मुहन करके लेट गयी और अपने दोनो रसीले आम मेरे हाथो मे दे दी, बोलने लगी- इसे खूब अकचे से चूस ले. तेरी चाची के ये आम गाओं के सारे मेरे देवर चूसना चाहते है.
मैं चाची के रसीले आँो को अकचे से मसल-मसल कर चूसने लगा, चाची मस्ती मे आहें भर रही तीन. चाची की उमर ज़रूर तोड़ा जयदा थी, लेकिन पूरी प्टखा माल तीन और चुदाई के लिए पूरी प्यासी तीन.
चाची- चूस मेरे बेटे, खूब चूस अपनी मा की एन चूंचियों को, पूरा रस निकल ले. तुझसे बहुत प्यार करती है, तेरी चाची.
मैं- चाची इन चूंचियों को पीने के लिए बचपन से तरस रहा हूँ. मुझे पता है, चाचा कैसे आपके इन आँो को चूस-चूस के आपकी चूत को अपने लंड से जम कर छोड़ते है, आप खूब चीखती है, लेकिन चाचा से लंड अपने चूत मे पेलने के लिए बिनटी करती रहती है.
चाची- तू तब बाकचा था, अपनी चाची की जवानी को नही निचोड़ सकता था. तेरे चाचा, पूरी तरीके से चुदाई करके मेरे बदन की नस-नस ढीला कर देते है. मेरी चूत बिना उनके लंड के नही रह सकती.
मैने बातो ही बातों मे चाची से अपनी मान की बात पूछ लिया. जिसे मैं बहुत दीनो से पूछना चाहता था.
“चाची, आपको बच्चा क्यों नही हुआ, जब की मुझे चाचा मे कोई कमी नही दिखाई देती. आपको चाचा तो लगभग हफ्ते मे 3 -4 दिन छोड़ते ही होंगे और पूरा माल आपकी चूत मे डाल देते है.”
चाची- मेरे बाकछे! मैने अपनी सॅडी के कुछ ही महीनो बाद नसबंदी करवा ली थी, जिससे की बाकचा ना हो.
मैं- आपने ऐसा क्यों किया, हर कोई औरत चाहती है की उसके बाकछे हो. जो उनके ओल्ड आगे मे उनका सहारा बने.
चाची- ह्म, मैने इसलिए अपनी नसबंदी कराया क्योंकि तेरे चाचा की रेग्युलर कमाई नही है. मुझे हमशा से ये लगता था, की तेरे चाचा बाकछे की देख भाल अकचे से नहीं कर पाएँगे और एक अकचे पापा नही बन सकते.
मैं- ऐसा नही है, आपको बाकचा करना चाहिए था, मेरा भी एक भाई होता. आपने ये सही नही किया.
चाची – सुनील, तू मेरे इस घर मे आने के कुछ ही महीनो बाद पैदा हो गया था. मैं तुझे अपना बाकचा मनती हूँ. तुझे मैं अपने बाकछे की तरह ही, तेरे बचपन से प्यार देती आ रही हूँ. मैं अपना टन-मान-धन सब कुछ तुझे दे देना चाहती हूँ. तू बस मेरा है और किसी का नहीं.
मैं- चाची, मैं भी आपको अपनी मा से ज़्यादा मानता हूँ. मेरे, मम्मी-पापा भी आपका बच्चा मुझे बोलते है.
चाची- सुनील, मैं तेरी आज से चाची नही हूँ, जब तू बाकचा था, तब तक मैं चाची थी. अब जवान हो गया है. मुझे तू रंडी साँझ के छोड़ और मेरी छूट को तू जैसे चाह, जिस पोज़िशन मे चाह, सेट करके अपने लंड से अच्छे से पेल. तेरी चाची तेरा पूरा साथ देगी.
मैं- चाची, आपकी इतनी उमर होने के बाद भी आप बहुत सेक्सी लगती हो. आपके बदन की बनावट मुझे बहुत ही लुभाती है,आप लड़कियों को भी फैल कर देती हो.
चाची- बेटा, तेरी चाची जैसे लाखों मे एक होती है, इतनी गरम और हॉट, जिसके पूरे गाओं मे सब दीवाने है, तू अपनी चाची के बदन के मज़े लूट.
मैं, चाची के चूंचियों को चूसने मे बिज़ी था. चाची मस्ती मे खूब सिसकारियाँ लेकर अपनी चूंचियाँ मेरे मूह मे दे रही थी.
ठंड बहुत हो रही थी, तो हम लोग नग्न अवस्था मे ही कंबल मे लेते हुए थे,मेरा हाथ अब चाची के छूट पे भी जा रहा था. चाची की छूट गरम हो रही थी. मैने उपर से ही अपने हाथ उनकी छूट पे फिरने लगा और चाची धीरे-धीरे अब जोश मे आ रही थी. उनकी छूट की गीली गीली बड़ी-बड़ी फांके मैं महसूस कर रहा था.
मैं-चाची, मैं आपकी छूट देखना चाहता हूँ.
चाची- ठीक है. नाइट बल्ब ओं कर. मैं कंबल हटती हू. फिर, अपनी मा के पूरे नंगे बदन को देखना.
मैने बल्ब ओं किया और चाची ने अपना कंबल हटा दिया और अपने दोनो परों को चौड़ा कर दिया. चाची की छूट मेरे सामने थी. उनकी छूट की चाँदी थोड़ी-थोड़ी बाहर आ रही थी और छूट की लंबाई सामान्या छूट के अपेचा ज़्यादा थी, छूट की फहाँको मे से पानी निकल रहा था. ऐसा लग रहा था की चाची ने चाचा से अपनी छूट खूब चुडवाई थी. उनका गोरा बदन बल्ब की लाल रोशनी मे चमक रहा था. उनकी पतली कमर मुझे लुभा रही थी.
मैं- चाची, ये तो आपकी छूट पूरी खुल चुकी है और पानी भी बहुत छोड़ रही है.
चाची- तेरे चाचा मुझे जबसे लाए है, तेरी चाची ने कभी उनको छोड़ने के लिया माना नही किया. तेरे चाचा का लंड 8 इंच के लगभग मोटा होगा. जब उनका लंड मेरी छूट छोड़ने को तैयार होता है तो और भी मोटा दिखता है और जब मुझे छोड़ते है. मेरी छूट की दीवारों से रगतदता हुआ जाता है. इसीलिए इतनी चुदाई के बाद मेरी छूट की चाँदी भी थोड़ी निकल आई है और सुनील, तेरी चाची बहुत गरम माल है. तू आज से अपनी चाची के छूट से अपने लंड को मज़े दे. तू सब भूल जा.
मैं- चाची, आपके छूट के जैसे छूट मैने कभी नही देखी. ये तो मुझे पहली बार पता चला, ज़्यादा चुदाई करने से छूट की चाँदी तोड़ा बाहर आ जाती है.
चाची- जब लंड छूट मे जाता है, तो औरतें ये नही देखती की उनकी छूट के साथ क्या हो रहा है, बस उनके छूट मे मोटा मूसल चाहिए, जो छूट का चटनी बना दे. तू, आज अपनी चाची को छोड़ के देख, पता चल जाएगा.
फिर, मैने चाची को सीधा लिटाकर उनकी टांगे चौड़ी करके छूट पे धीरे से अपना जीभ फिरा दिया, उनकी सिसकारियाँ निकालने लगी, लेकिन चाची ने देर ना लगते हुआ मेरा ताना हुआ मोटा लॉडा पकड़ लिया.
चाची- कितना प्यारा है ये बेटा तेरा लंड. मैं, नौजवान लॉड से अपनी छूट छुड़वाने को सालो से तड़प रही हूँ. तेरे, चाचा अब उतने जोआश मे मुझे नही छोड़ते है. चाची की चूत अब प्यासी ही रहती है. तेरा लंड लग रहा है, मुझे आज संत्ुस्त कर देगा.
चाची एक छूट की खिलाडन की तरह मेरे लंड पे अपना हाथ फिरा रही थी और धीरे-धीरे अपने मूह मे पूरा भर-भर के चूसना शुरू कर दिन. उन्होने अपनी चूत मेरे सामने कर दिन. हम दोनो 69 पोज़िशन मे आ गये. उनके मांसल चूतड़ पे मैने 3-4 ठप्पियन मरीन.
मुझसे चाची ने बोला-चाची की गांद पे तापी कर रहे हो, क्या इरादा है. तुम अपनी चाची की चूत गरम करो. चाची अपनी गांद सिर्फ़ अपने पति से चुड़वति हैं, तुम सिर्फ़ चाची की चूत पेलोगे.
मैने उनकी टॅंगो को चौड़ा किया और उनकी मलाईदार छूट को अपनी जीभ से चाट-चाट कर गरम करने लगा, उनकी छूट जल्द ही गरम हो गयी. मैं उनकी छूट मे अपनी 2 अँगुलियन गुशा के खूब गरम करके पानी निकल देता फिर जीभ से चाटने लगता और अंगुली करता रहता. लेकिन उधर चाची खूब पायर से क्स –क्स के मेरे लंड पे अपने मूह का सारा लार टपका-टपका के मेरा लंड छत रही थी. करीब, 15 मिनिट मे उन्होने मेरे लॉड का 2 बार माल निकाला और छत-छत के सॉफ कर दी.
चाची- तेरे लंड मे बहुत ताक़त है, मुझे पता है. इतना माल फहेक रहा है. चाची की छूट लेते ही तेरा लंड मेरी छूट का दीवाना हो जाएगा फिर देखना ये माल जल्दी नही निकलेगा और चुदाई ज़्यादा करेगा.
चाची बहुत ही अनुभवाई तीन, उन्हे कई साल का छूट छुड़वाने का अनुभव था और उनकी मांसल चूतड़ और उनकी थोड़ी-थोड़ी लटकी हुई चूंचियाँ सब देखकर मैं भी उत्तेजित हो रहा था, एक 36 साल की औरत को छोड़ने का मेरा पहला अनुभव था.
मैं- चाची आप का बदन बहुत कामुक है, मुझसे कंट्रोल नही हो रहा, अपनी छूट मे मेरा लंड ले लो.
चाची सीधा लेट गयीं और अपनी टांगे फैला के अपनी छूट को मेरे लंड के सामने कर दी. मुझसे बोली- आ जा बेटे, अब मेरी छूट मे अपना लंड डालकर सुभारंभ कर.
मैं चाची के उपर जाते ही उनकी चुच्च्ो को खूब मसालने और चूसने लगा. नीचे मेरे लंड का सुपरा चाची की चूत के पानी से गीला हो रहा था. मैने अपने एक हाथ से चाची के चूत की दरवाज़े पे अपना लंड सेट करने लगा. चाची ने तुरंत अपना हाथ आयेज बढ़ाया और मेरे लंड को पकड़ के ले जाके अपने छूट के दरवाज़े पे सेट कर दिया. चाची की छूट मे, मैने अपना लंड एक ही झटके मे अंदर डाल दिया और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा.
मैने चाची की आँखो मे आँके डाल के उनके नरम छूट पे अपने लंड से धक्के मार रहा था, उनके चहरे पे एक शुकून था, उन्होने मेरी कमर पकड़ ली और बोलीं- तू मेरे छूट मे खूब ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड से ढाके मार. मैं, चाची के कहने पे उनका एक पायर अपने कंधे पे रख के खूब ज़ोर-ज़ोर से अपनी पूरी ताक़त से उनकी चूत को अपने लंड से पेले जा रहा था.
चाची- क्या पेल रहा है, मेरे बाकचा. अपनी चाची की इस जलती हुई चूत को छोड़ ले. तेरा लंड मुझे बहुत शुकून दे रहा है. मेरी छूट जवान लॉडा काफ़ी दीनो बाद ले रही है. छोड़ दे अपनी चाची को. ठंडी मे चाची की छूट का गरम पानी निकल ले. आआहह…हााईयइ…उूुुउउ..म्म्माआ क्या लंड है तेरा, चोद तेज़ी से चोद, चूत मे और अंदर तक घुसा अपना लंड, पेल, पूरी ताक़त लगा बेटे. और तेज, चाची की चूत चोद.
चाची की छूट मेरे लंड से चूड़ते वक्त पानी चोद रही थी. बिना किसी रिकावट के चाची की छूट मे मेरा लंड चाची के छूट के पानी से नाहकार उनकी छूट की मरम्मत कर रहा था. चाची की छूट को छोड़ते-छोड़ते मैं उनकी छूट के अंदर ही झाड़ गया. मैं चाची के उपर लेट गया. उनकी छूट से मेरा माल निकालने लगा. चाची ने कपड़े से सॉफ किया. मैं, छोटे बाकचो की तरह चाची की चूंचियों को चूसने मे बिज़ी हो गया.
चाची मेरे बालों पे हाथ फहेर रही तीन. बोलीं- क्या झटके दिए है तूने बेटा, मैं तेरे लंड को आज और अपने छूट मे लेना चाहती हूँ.
मैं- चाची, इस रसीली छूट को आज मैं तब तक छोड़ूँगा, जब तक इसमे से रस ना निकलना बंद हो जाए.
चाची- बेटा, तेरी चाची की चूत के रस को ख़तम करने के लिए बहुत ताक़त चाचिए. 2 साल हो गये, मेरी चूत के रस को अकचे से किसी ने निचोड़ के नही छोड़ा है.
मैं- आज आप तैयार रहो, देखो कैसे आपकी छूट का रस निचोड़ता हूँ.
हम लोग एक घंटे ऐसे ही एक दूसरे से चिपक के बातें करते रहे, मैं चाची की छूट को च्छेदता, कभी उनके मम्मो को को ज़ोर से मसल देता, चाची मेरे लंड को पकड़ के मुट्त् मरने लग जातीं.
तो बे कंटिन्यूड..