सॉरी फ्रेंड्स, ये पार्ट बहुत टाइम के बाद लिख रहा हू. मैं किसी काम में बिज़ी था, सो स्टोरी लिखने का टाइम नही मिला. आशा करता हू की आपने पिछली स्टोरी पढ़ी होगी, और आपको मज़ा भी आया होगा. तो चलिए अब आयेज बढ़ते है.
जैसे की आपने पढ़ा था, की जब मैं चाची को किस कर रहा था, तब मुझे बाहर से किसी की आवाज़ आई. वो आवाज़ दादा जी की थी. फिर मैं चाची को छ्चोढ़ कर दादा जी के पास गया. दादा जी ने मुझे बोला-
दादा जी: राजीवे तुम खेत का काम अपने चाचा के साथ देख लो, और मज़दूरो को पैसे भी दे दो.
मैं: जी दादा जी, दे दूँगा.
फिर मैं खेतो में गया तो देखा की वाहा पर बहुत काम था. हम सब ने खेतो में काम किया. और फिर मैने चाचा को बोला.
मैं: चाचा जी, दादा जी ने बोला है मज़दूरो को पैसे देने के लिए.
चाचा जी: ठीक है बेटा, अभी देता हू.
मज़दूरो को पैसे दे कर हम घर आए, और घर आके मैं बातरूम में फ्रेश होने के लिए चला गया. बाद में हम सब ने खाना खाया, और अपने-अपने रूम में चले गये.
मुझे नींद नही आ रही थी. मेरे सामने तो चाची का पूरा बदन ही आ रहा था. मैं सोच रहा था, की मैं अब कैसे उनकी चुदाई करूँगा. ऐसे ही सोचते हुए मुझे नींद आ गयी.
फिर करीब आधी रात को मुझे किसी ने उठाया. मैने देखा वो चाची थी. मैं चाची को देख कर हैरान हो गया. उस वक़्त रात के करीब 1 बाज चुके थे.
चाची: उठो राजीवे दोपहर का काम अभी बाकी है.
मैं: चाची जी, इतनी देर कर दी आप ने?
चाची: तेरे चाचा के सोने के बाद आई हू.
मैं: ओक.
मैने चाची को किस करना शुरू कर दिया. वो सिसकारियाँ लेने लग गयी. धीरे-धीरे मैने चाची के सारे कपड़े उतार दिए, और खुद भी नंगा हो गया. क्या कमाल लग रही थी चाची बिना कपड़ों के.
पहले मैने चाची के बूब्स को दबाया. फिर मैने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया.
चाची: राजीवे, आराम से क्या कर रहे हो. छोड़ ले ना, मैं माना तो नही कर रही.
मैं: अब तो छोड़ कर ही छ्चोधुंगा मेरी जान.
चाची: तो फिर अपनी जान को तडपा क्यूँ रहे हो? डाल दो ना अंदर. अब रहा नही जेया रहा है.
मैं: जो मज़ा तडपा कर लेने में आता है, उसका तो मज़ा ही और है.
फिर मैने चाची की दोनो टांगे उठाई, और चाची की छूट को निहारने लगा. क्या सेक्सी लग रही रही थी चाची की छूट.
चाची: देख लो इसको छोड़ने से पहले कैसी है. इसी से तुझे बच्चा पैदा करना है. अब बुझा दे इसकी प्यास.
मैने फिर देर ना करते हुए सीधे ही चाची की छूट चाटनी शुरू कर दी. क्या बतौ की क्या मज़ा आ रहा था. कितनी मुलायम और सॉफ्ट थी चाची की छूट, और चाची भी सिसकारियाँ ले रही थी.
चाची: राजीवे चाट आहह, ऐसे ही चाट. ऐसे तुझसे पहले किसी ने नही छाती मेरी छूट. बहुत मज़ा दे रहे हो तुम सस्सस्स ष्ह.
10 मिनिट चाटने के बाद मैने देखा की चाची की छूट पानी छ्चोढ़ रही थी. तो बिना कुछ बोले मैने अपना लंड अंदर डाल दिया. चाची ने एक लंबी साँस ली, और मोन करने लगी.
चाची: हा हा उफ़फ्फ़ हाअ उफ़फ्फ़ सस्सस्स ष्ह.
मुझे भी चाची की आवाज़ सुन कर मज़ा आ रहा था.
चाची: छोड़ मुझे, आचे से छोड़. और ज़ोर लगा कर छोड़.
फिर मैने अपनी स्पीड तेज़ कर दी.
चाची: अफ अफ सस्सस्स हह मॅर गाज राजीवे. जल्दी कर, मेरा तो हो गया. छ्चोढ़ दिया मेरी छूट ने पानी.
कुछ देर बाद चाची ने अपनी बॉडी को ढीला छ्चोढ़ दिया, पर मेरा अभी तक नही हुआ था. मैं चाची को छोड़े ही जेया रहा था. फिर चाची बोली-
चाची: इतना टाइम कों लगता है?
मैं: चाची मैं लगता हू.
चाची: ये कहा फ़ासस गयी आज मैं?
मैं: चाची आज तुमको पता चलेगा असली चुदाई का मज़ा क्या होता है.
चाची: वो तो तू दे ही रहा है मुझे.
मैने अपना सारा पानी चाची की छूट में छ्चोढ़ दिया, और चाची सीधी लेट गये. फिर वो बोली-
चाची: शूकर है तेरा हो गया. मेरी तो हालत खराब हो गयी थी.
मैं: चाची अभी तो और रौंद भी लगाने है.
चाची: हे भगवान, मैं तो मॅर गये.
मैने चाची को 3 बार छोड़ा रात में और 10 दिन तक ऐसे ही हमारी चुदाई चलती रही. फिर मुझे भी काम से शहर आना था जॉब के लिए.
मैं: चाची अब मैं चलता हू, मेरी जॉब का इंटरव्यू है.
चाची: फिर कब आओगे?
मैं: जब आप मा बन जाओगी.
तो फिर मैं शहर आ गया. मुझे एक बहुत अची जॉब मिल गयी थी. फिर एक दिन चाची का फोन मुझे आया.
चाची: कैसे हो राजीवे?
मैं: ठीक हू चाची, आप बताओ?
चाची: मैं भी ठीक हू, और तेरा बच्चा भी.
मैं: चाची ये बात किसी बाहर वाले को ना पता चले की मैं इसका बाप हू. और चाची आपकी इक्चा पूरी हो गयी मा बनने की. अब हम फिरसे पुराने रिश्ते से ही रहेंगे.
चाची: मैं समझ गयी राजीवे तुम क्या कहना चाहते हो. अब हम नॉर्मल ही रहेंगे, ओक.
फिर कुछ महीने बाद घर से फोन आया की चाची को एक बेटा हुआ था. पूरा परिवार खुश था, और हम साद गाओं गये. वाहा सभी को हम मिले. चाचा तो बहुत खुश थे. फिर मैं चाची के पास गया और बोला-
मैं: चाची कैसे हो आप?
चाची: तेरे सामने ही हू.
हम दोनो ने खूब बातें की. 2 दिन हम गाओं में रहे, और फिर वापस आ गये. मेरी जॉब से मुझे छुट्टी मिलना मुश्किल था. मैं सोच रहा था की मैं अपने चाचा के बच्चे का सीक्रेट बाप हू.
फिर मुझे एक लड़की मिल गयी मेरे शहर की. उसको देखते ही मुझे उससे प्यार हो गया. अब हम दोनो बिज़ी रहते है.
ये कहानी यही समाप्त होती है दोस्तों. फिर मिलते है किसी और कहानी के साथ. अगर आपको कहानी पसंद आई, तो मुझे अपनी फीडबॅक ज़रूर देना. मैं आपकी फीडबॅक और आपके कॉमेंट्स की वेट करूँगा.