ही रीडर्स, मैं कमाल किशोरे अपनी कहानी का लास्ट पार्ट लेके आप सब के सामने वापस आ गया हू. अगर आपने अभी तक पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले उसको ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की जब पूजा पढ़ने नही आई, तो मैने उसके ससुर को कॉल करके पूछा. उसने कहा की वो बीमार थी, तो मैं उसका हाल पूछने के बहाने उनके घर चला गया. वाहा मैने पूजा को बातरूम में फिंगरिंग करते हुए देखा.
फिंगरिंग करते हुए वो राकेश नाम ले रही थी बार-बार, जबकि उसके पति का नाम राकेश नही था. मैं समझ गया की राकेश उसका कोई पुराना यार होगा, जिसका नाम लेके वो अपनी छूट ठंडी कर रही थी. फिर मैं वाहा से आ गया. अब हम आयेज बढ़ते है.
घर आके मैने सोचा, की अब मेरे पास पूजा से पूछने का बड़ा अछा मौका था. क्यूंकी एक तो वो संतुष्ट नही थी. दूसरा मुझे अब उसके यार के बारे में पता था. अब इससे कोई फराक नही था की वो यार उसका अभी भी था, या पहले था. मैं बात ये थी, की उसकी छूट में आग लगी थी, और मैं उस आग को बुझाना चाहता था.
अब बस मैं अगले दिन की वेट करने लगा जब वो मेरे पास पढ़ने आने वाली थी. रात को सोने से पहले मुझे 3 बार मूठ मारनी पड़ी. फिर जाके कही मुझे नींद आई. फाइनली वो दिन आ गया, जब मैं पूजा को अपने दिल की बात बताने वाला था.
फिर शाम को बेल बाजी. ये पूजा के आने का टाइम था, तो मैं दरवाज़े की तरफ भागा. मैने दरवाज़ा खोला, तो सामने पूजा लाल रंग के लिबास में लाल पारी बन कर खड़ी थी. उसने लाल रंग की लेगैंग्स और कुरती पहनी थी. साथ में येल्लो कलर का दुपट्टा था.
मैं उसको देख कर ही उत्तेजित हो गया, वो इतनी सेक्सी लग रही थी. अछा हुआ उसने लाल पहना था, क्यूंकी सुहग्रात में लाल ही पहना जाता है. और आज मेरे लिए तो मेरी और उसकी सुहग्रात ही थी. फिर वो अंदर आई, और मैने दरवाज़ा बंद किया. हम पढ़ने बैठे, और मैने उसको ताड़ना शुरू किया. फिर मैं बोला-
मैं: तबीयत कैसी है तुम्हारी?
पूजा: ठीक हू अब अंकल.
मैं: क्या हुआ क्या था?
पूजा: कुछ नही, तोड़ा फीवर था.
मैं: ध्यान रखा करो अपना.
ये बोल कर मैने टेबल पर रखे उसके हाथ पर हाथ रख दिया. मेरे ऐसा करने से वो थोड़ी हैरान हुई. फिर मैने कहा-
मैं: तुम्हारा पति तुम्हारा ख़याल तो रखता है ना आचे से?
ये बोल कर मैने उसका हाथ मसल दिया. उसने हाथ हटाया, और बोली-
पूजा: अंकल आप क्या कर रहे है?
मैं: कुछ नही, मेरा टच करना तुम्हे अछा नही लगा? पूजा तुम बहुत खूबसूरत हो. मैं तुम्हे प्यार करना चाहता हू.
पूजा: अंकल! मैं आपकी बेटी जैसी हू.
मैं: हा लेकिन कुछ देर के लिए बीवी भी तो बन सकती हो ना.
पूजा: लगता है आपका दिमाग़ खराब हो गया है.
ये बोल कर वो जाने लगी. तभी मैने उसको बोला-
मैं: अगर जाओगी, तो राकेश-राकेश ही करती रह जाओगी.
ये सुन कर वो रुक गयी. वो मूडी और बोली-
पूजा: आप राकेश के बारे…
मैं: हा मैं सब जानता हू. तुम अपने पति से खुश नही हो, मैं ये भी जानता हू. लेकिन मैं तुम्हे वो खुशी दे सकता हू. नही तो अगर तुम्हारे ससुर के सामने राकेश का नाम आ गया, तो मुझे मत कहना (मैं उसको इनडाइरेक्ट्ली दर्रा रहा था राकेश के नाम लेके. हलकी मुझे भी कुछ पता नही था उसके नाम के अलावा).
पूजा: नही आप ऐसा कुछ नही करेंगे. और ये सच है मैं अपने पति से खुश नही हू. इसका मतलब ये नही की मैं आपके साथ.
मैने उसको अपनी बाहों में भरा और कहा: मैं जवान मर्दों से ज़्यादा मज़ा दूँगा तुम्हे. एक बार आज़मा कर देखिए.
ये बोल कर मैने अपने होंठ पूजा के होंठो को लगा दिए, और उसको दीवार के साथ लगा लिया. उसके होंठ चूस्टे हुए मैं उसके बूब्स भी दबाने लगा. पूजा मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मेरी पकड़ से आज़ाद नही हो पा रही थी.
मैं ऐसे ही उसके होंठ, गर्दन, गाल चूमता गया, और उसके बूब्स दबाता गया. धीरे-धीरे उसने रेज़िस्ट करना बंद कर दिया, और शांत होने लगी. उसको उत्तेजना चढ़ रही थी. जब उसने मुझे धक्के देना बंद किया, तो मैने उसकी गांद दबानी शुरू कर दी. इससे वो मदहोश होने लगी, और ह्म ह्म करने लगी. मैं समझ गया की लड़की काबू में थी.
फिर मैने पहले उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी पर वार किया, जो थी उसकी छूट. मैं नीचे बैठा, उसकी लेगैंग्स और पनटी नीचे की, और उसकी छूट में मूह डाल लिया. मेरा मूह लगते ही उसकी ज़ोर की आ निकल गयी. वो मेरे मूह को हटाने के लिए बोलने लगी, लेकिन मैं कहा सुनने वाला था.
मैने उसकी छूट को ज़ोर-ज़ोर से चाटना-चूसना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे उसने माना करना बंद कर दिया, और गांद हिलाते हुए आ आ करने लगी. उसकी छूट से पानी बह रहा था, जिसको मैं चाट रहा था. फिर उसने मेरे मूह को अपनी छूट में दबाना शुरू कर दिया.
क्या खुश्बू थी उसकी छूट की, एक-दूं मस्त. कुछ देर में वो ज़ोर-ज़ोर से आ आ करने लगी, और उसकी छूट से पानी की पिचकारी निकली. मैने उसका सारा पानी पी लिया. फिर जब मैने उसकी तरफ देखा, तो उसके चेहरे पर संतुष्टि थी.
फिर मैं खड़ा हुआ, और दोबारा उसको लीप किस करने लगा. इस बार वो भी मेरा साथ देने लगी. किस करते हुए मैने उसको नंगी कर दिया, और उसके बूब्स चूसने लगा. फिर मैने उसको बेड पर लिटाया, और खुद भी नंगा हो गया. मेरा लंड देख कर वो खुश हो गयी, और घुटनो के बाल मेरे सामने बैठ गयी.
मैने लंड उसके सामने किया, और उसने लंड मूह में डाल के चूसना शरु कर दिया. आ, मेरे सपनो की रंडी मेरा लंड चूस रही थी.
दोस्तों आज की कहानी यही तक. इससे आयेज की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आ रहा हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेर ज़रूर करे. कहानी पढ़ने के लिए आप सब का धन्यवाद.