ही दोस्तों, मेरा नाम अंकुश है. मैं 23 साल का हू, और देल्ही में रहता हू. तो अब मैं स्टोरी स्टार्ट करता हू. ये बात कुछ 4 मंत पहले की है. मैं ऑफीस जाता था, और वाहा मेरा एक दोस्त बन गया था.
उसका नाम कुलदीप था. हम आपस में काफ़ी घुल-मिल गये थे. मैं ऑफीस का टेक्निकल बंदा था, तो मेरे पास सब चीज़ों का आक्सेस होता था. हमारे ऑफीस के साथ वाले ऑफीस में 2 लड़कियाँ रहती थी तारा और मीनाक्षी.
तारा दिखने में सेक्सी थी. उसका रंग गोरा था, और फिगर 30-28-32 था. उसको ऑफीस का हर बंदा छोड़ना चाहता था, मगर मीनाक्षी की तरफ कोई ख़ास ध्यान नही देता था. दिखने में उसका रंग सावला था, और फिगर 28-25-30 था.
मुझे मीनाक्षी का फिगर पसंद था, मगर उसको छोड़ा कैसे जाए, ये प्राब्लम थी. वो भाव भी सब को कम देती थी. मगर मुझे ये पता था, की तारा को कुलदीप डटे कर रहा था, और चुदाई भी. तो मैने कुलदीप को बुलाया, और बोला-
मैं: भाई एक बार मुझे भी दिलवा दो.
उसने बोला: कल आ जाओ.
मैने बोला: इसकी नही रे, इसको तू छोड़. तू मीनाक्षी का जुगाड़ लगवा.
फिर मैने कुलदीप को बोला: भाई एक प्लान है. तारा की एक ग्रूप चुदाई करते है, और उसकी वीडियो बना के रख लेते है.
कुलदीप ने हा बोला, और फिर हमने प्लान बनाया. फ्राइडे को कुलदीप और तारा फ्लॅट पे गये, और उस फ्लॅट की एक चाबी कुलदीप ने मुझे दे दी. फिर क्या था, उनके जाने के 30 मिनिट बाद कुलदीप का मेसेज आया-
कुलदीप: आजा भाई, दोनो पेलते है इसको.
फिर मैं धीरे से अंदर गया. मैं नंगा होके उस रूम में चला गया. वाहा देखा तो तारा कुलदीप के उपर बैठ के चुड रही थी. मैं धीरे से अंदर गया.
फिर कुलदीप ने तारा को अपनी और खींच लिया, तो मुझे उसकी गांद दिखी. मैं बेड पे गया, और गांद पे थूक लगा के लंड अंदर डालने लगा. अब तारा घबरा गयी और कुलदीप से बोली-
तारा: कों है मेरे पीछे?
कुलदीप ने बोला: अंकुश है.
ये सुनते ही जैसे ही तारा मुड़ने को हुई, तो मैने एक-दूं से झटका मारा. कुलदीप ने उसको टाइट से पकड़ रखा था. इस मौके का फ़ायदा उठा के मैने एक और झटका मारा, मेरा आधा लंड अंदर घुस गया. इससे तारा तिलमिला उठी.
फिर कुलदीप हॅट गया, और 30 मिनिट तक मैं झटके देते गया, और तारा रोटी रही. अब मेरा स्पर्म निकालने वाला था, तो मैने तारा को सीधा किया, और छूट में डालने लगा. 2 झटको में मेरा लंड अंदर चला गया, जिससे तारा बोल पड़ी-
तारा: मार दोगे क्या आज दोनो?
फिर मैने अपना स्पर्म निकाला, और लेट गया.
अब मैने कुलदीप को बोला: चल अब ग्रूप चुदाई स्टार्ट करते है.
मैने फोन लिया, रेकॉर्डिंग ओं करी, और फोन सेट करके रख दिया. 2 घंटो तक हमने उसको हर तरीके से छोड़ा. फिर हम तीनो तक गये, और घर को निकल गये. अब सॅटर्डे आ गया था, और मैं और कुलदीप ऑफीस के लिए निकल गये.
मैने तारा को फोन लगाया और बोला: ऑफीस मैं आओ, कुछ बात करनी है.
उसने हा बोला, और ऑफीस में आ गयी. मैने उसको अपने पास बुलाया और एक हाथ से उसकी छूट को सहलाने लगा. फिर मैने उसको फोन आयेज करके दिखाया. वो देखते ही बोली-
तारा: तुमने ऐसा क्यू किया? मैने वैसा ही किया जैसा तुमने बोला. तो फिर क्यूँ?
और वो रोने लगी.
फिर मैने उसको बोला: कल वाले फ्लॅट में मीनाक्षी को गरम करो, और जब वो बिना कपड़ो के हो, तो मेसेज करना.
ये सुन के तारा भाग के गयी, और 5 मिनिट बाद मीनाक्षी आई. उसने मुझे बहुत कुछ सुनाया, और बोली-
मीनाक्षी: वीडियो डेलीट क्यूँ नही करते?
मैं समझ गया तारा ने उसको बाकी बात नही बताई थी. मैने फिर शाम को घर जाते हुए कॉल की तारा को.
फिर मैं बोला: अपनी इज़्ज़त बचानी है या नही ?
उसने बोला: हा, मैं ले अवँगी उसको.
मैने बोला: एक मिनिट पार्किंग में आओ.
वो पार्किंग में आई, तो मैने उसको कार में बिताया और लंड बाहर निकाला.
फिर मैने उसको बोला: एक बार चूस लो.
उसने वैसा ही किया, और बोली: कल आ जाना, मैं मीनाक्षी को ले अवँगी.
मैने उसके हाथ में गोली दी, और बोला: एक तेरे लिए, बच्चा नही होगा, बाकी 3 कल मीनाक्षी को पानी में मिला के पीला देना. और हा, उसको धीरे-धीरे सहलाते रहना. जब वो मोन करने लगे, तो एक हाथ से उसकी छूट पे उंगली करना स्टार्ट करना.
उसने हा बोला, और मैने बोला: ठीक है फिर कल मिलते है. तेरे लिए ये गिफ्ट भी है, और कल भी एक गिफ्ट मिलेगा उसके लिए.
मैने एक ट्रॅन्स्परेंट ब्रा और पनटी गिफ्ट की, और बोला-
मैं: कल पहन के आना.
वो बोली: हा ठीक है.
मैने कुलदीप को भी फोन करा, और बोला: भाई कल वियाग्रा की 4 गोलियाँ ले आना.
वो बोला: ठीक है.
फिर मैं सनडे का वेट करने लगा. अब सनडे भी आ गया. उस दिन तारा की 10 बजे कॉल आई, और वो बोली-
तारा: मैं मीनाक्षी को फ्लॅट पे ले आई हू.
मैने बोला: ठीक है.
फिर मैने कुलदीप को फोन किया, और बोला: भाई मेरा एक दोस्त और आ रहा है.
वो बोला: मेरा भी.
मैने बोला: भाई सबसे पहले मैं मीनाक्षी की ठीक से चुदाई कर लू. फिर तुम लोग भी आ जाना.
कुलदीप ने हा बोला, और हम निकल पड़े. मैने रास्ते से राकेश को भी ले लिया, और हम फ्लॅट पे आ गये. फिर मैने फोन निकाला, और वीडियो बना ली. वीडियो में सॉफ दिख रहे थे तारा और मीनाक्षी. दोनो न्यूड थी.
तारा की उंगली मीनाक्षी की छूट पे थे. बस फिर क्या था, मैने बाकी तीनो को बोला-
मैं: मैं तारा को यही भेज रहा हू. मैने कुलदीप को बोला: देख आज तारा की ब्रा और पनटी.
वो भी बोला: भाई मज़ा आ आएगा आज.
फिर मैं अंदर गया तो मीनाक्श दर्र गयी, और मैने तारा को बोला-
तारा: जेया डार्लिंग, वाहा तेरा गिफ्ट है.
वो अंदर चली गयी तो मैने मीनाक्षी को वीडियो दिखाई. वो भी रोने लगी और बोली-
मीनाक्षी: मुझे छोड़ ली, और माफ़ कर दो.
मैने मीनाक्षी को बोला: आज माफी तो मैं तेरी सील तोड़ के दूँगा मीनाक्षी.
उसने बेडशीट से अपने आप को धक लिया.
फिर मैने बोला: देख तू चाहती है ये वीडियो सब देख ले?
वो बोली: नही.
मैने बोला: तो फिर चादर हटा, और मेरी गोद में आके बैठ जेया. वरना मैं वाहा आ गया तो सील भी तोड़ूँगा, और गांद भी मारूँगा.
फिर मीनाक्षी मुझे गाली देने लगी, तो मैं गुस्से में बेड पर गया और बेडशीट खींच के निकाल ली. फिर क्या था, मैने उसको पैरों से खींचा, और जीभ उसकी छूट पे रख कर चाटने लगा.
उन गोलियों ने अपना असर कर रखा था, तो मीनाक्षी च्चूदवा नही पाई अपने आप को, और मैं उसकी छूट चाट-ता रहा. फिर 10 मिनिट में उसका पानी निकल गया, और वो हाँफने लगी. मैने फिर अपना लंड बाहर निकाला. मेरे 8 इंच लंबे, और 4 इंच मोटे लंड को देख के वो बोली-
मीनाक्षी: अंकुश ये नही जाएगा, हाहूत दर्द होगा.
मैने बोला: वो तो हो जाएगा, पहले जैसे तेरी छूट छाती है, वैसे मेरा लंड चूस. मीनाक्षी माना करने लगी, तो मैने उसको कन्विन्स किया, और वो फिर मूह में लेने को मान गयी. इसी बहाने मैं उसके बूब्स को दबाने लगा. उसके बूब्स मेरे हाथ में आ रहे थे, तो मैं बिना टाइम वेस्ट करे ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा.
इससे उसके दर्द होता, मगर वो चिल्लती भी तो कैसे, मेरा मोटा लंड उसके मूह में जो था. 10 मिनिट बाद मैं स्पर्म छ्चोढने वाला था, तो मैने उसके बाल पकड़े, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को छोड़ने लगा.
इससे उसकी आँखों से पानी निकालने लगा. मैने 5 मिनिट में उसका पूरा मूह अपने माल से भर दिया. वो फिर चल के बातरूम में गयी, और सारा थूक के निकाल दिया. अब मैने मीनाक्षी को उठाया, और पेड़ पे पटक दिया.
फिर उसकी दोनो लेग्स को उठा के कंधे पे रख लिया, और एक तेल की बोतटेल निकली. मैने छूट पे ढेर सारा तेल डाल दिया. तेल की एक बूँद छूट दे होते हुए गांद में चली गयी. ये देख के मुझे भी मज़ा आने लगा.
फिर मैने बिना देर किए झटका मार के लंड को अंदर किया. लेकिन अभी बस टोपा ही अंदर किया था, की मीनाक्षी चिल्ला उठी. मैने एक हाथ से उसका मूह बंद किया, और छूट पे शॉट लगाने लगा.
इससे वो तड़प गयी, और अपने आप को चुधवाने की भरपूर कोशिश करती रही. मगर मैने बिना देर किए उसकी गांद पे ज़ोर का थप्पड़ मारा, जिससे वो तोड़ा नीचे को हुई. फिर मैने एक ज़ोर का झटका मारा, जिससे मेरा पूरा लंड अंदर चला गया. एक छररर.. की आवाज़ आई.
मैने देखा मेरा लंड और बेडशीट पूरी उसके ब्लड से लाल हो चुकी थी. मेरे इस झटके को मीनाक्षी सहन नही कर पाई, और अनकॉन्षियस हो गयी. मैने धीरे-धीरे धक्के लगाने स्टार्ट किए, और पानी डाल के उसको जगाया. करीब एक घंटे तक मैं ऐसे ही करता गया.
मीनाक्षी: अया अयाया ऊवू दर्द हो रहा है. प्लीज़ छोड़ दो.
वो ये सब बोल रही थी. मैं फिर ज़ोर-ज़ोर से झटके मारता रहा. 1 घंटे तक मैने उसकी छूट बजाई, और फिर सारा पानी छूट में निकाल दिया. फिर मैं साइड हो गया.
उधर दूसरे रूम से तारा के चिल्लाने की आवाज़े आई तो वो बोली-
मीनाक्षी: क्या कर रहे हो उसके साथ?
मैने कुलदीप को बोला: भाई गाते खोल.
जब मीनाक्षी ने वाहा का नज़ारा देखा, तो वो सहम गयी. उसने देखा कैसे एक लड़का तारा की छूट मार रहा था. कुलदीप उसकी गांद पेल रहा था, और राकेश का लंड उसके मूह में था.
फिर मैने बोला: तोड़ा वेट कर मीनाक्षी डार्लिंग. तेरी चुदाई तो अभी स्टार्ट हुई है. आज ये सभी छोड़ेंगे तुझे. मगर पहले मैं तेरी गांद की तो सील तोड़ डू.
इतना बोलते ही मैने मीनाक्षी को उल्टा लिटाया, और गांद के नीचे तकिया लगाया. मैने राकेश को बुलाया, और बोला-
मैं: डाल दे साली के मूह में लंड.
फिर राकेश ने अपना लंड मीनाक्षी के मूह में दे दिया, और टाइट से पकड़ लिया. मैने फिर एक ज़ोरदार झटका मारा, जिससे मेरा 2 इंच लंड ही अंदर गया था. दर्द से मीनाक्षी बेहोश हो गयी थी.
मैने पूरा लंड बेहोशी में ही अंदर डाल दिया था. फिर मैने पानी डाला, तो मीनाक्षी को होश आया. उसने देखा की कुलदीप उसकी छूट छोड़ रहा था. करीब 30 और मैने उसकी गांद चुदाई करी, और फिर पानी गांद में ही निकाल दिया.
कुलदीप ने भी पानी उसकी छूट में निकाल दिया. राकेश और वीरू जो तारा को छोड़ रहे थे, वो भी तक के गिर गये थे, और तारा चल भी नही पा रही थी. मैने मीनाक्षी को बोला-
मैं: चल जेया तारा के साथ.
वो जाने लगी तो उसकी छूट और गांद से खून के साथ माल भी निकल रहा था, और वो काफ़ी लड़खड़ा के चल रही थी. फिर दोनो जब बाहर आई कपड़े पहन के, तो मैने दोनो को पैसे दिए, और बोला-
मैं: मीनाक्षी तेरी चुदाई अब जब मैं चाहूँगा तब करूँगा. और तारा, तू तो आज से हम सब से चूड़ेगी जो भी तुझे बुलाएगा, और मीनाक्षी मेरी पर्सनल रंडी है.
ये बोल के मैने दोनो को ई-पिल दी, और बोला: खा लेना, बच्चा नही होगा. और ख़ास कर मीनाक्षी, क्यूंकी काफ़ी बार मैने अपना माल तेरी छूट में निकाला है. चलो जाओ अब दोनो, घर जेया कर सो जाना.
ये बोल कर मैने उन दोनो को 5000-5000 दे दिए, और मीनाक्षी को बोला-
मैं: तेरी गांद अब 3 दिन बाद मारूँगा. बहुत टाइट थी.
ये सुन के उसने हा बोला, और चली गयी. और फिर हम सब भी घर को निकल गये.
अब नेक्स्ट स्टोरी में आपको बतौँगा, की कैसे मैने तारा और मीनाक्षी को प्रेग्नेंट किया.