हेलो गाइस, मेरा नाम उरूज़ है. और मई कराची मे रहती हू. ये कहानी तब की है, जब मई कॉलेज मे 1स्ट्रीट एअर मे पढ़ती थी. मई सबसे पहले आपको अपना फिगर बता डू. मेरा फिगर 37″32″41″ है. मई देखने मे बहुत हॉट और सेक्सी हू.
मेरा रंग भी ब्राउन है. ना ज़्यादा गोरा रंग है मेरा, और ना ही ज़्यादा काला. पर्फेक्ट ब्राउन कलर है मेरा. मेरी आँखें बड़ी-बड़ी है, और मैने बॉय कट किया हुआ है. तो आप लोगो का टाइम ज़्यादा ना वेस्ट करते हुए, मई सीधा स्टोरी पे आती हू.
मई मेट्रोपोलिटों कॉलेज मे पढ़ती थी. मेरा एक बाय्फ्रेंड था, जिसका नाम उबैद था. मेरा बाय्फ्रेंड हमारे कॉलेज की बॅस्केटबॉल टीम का कॅप्टन था, और फुटबॉल टीम मे गोलकीपर था. उबैद का और मेरा रेआलतीॉंशिप अफीशियल था, और ये सारे स्टूडेंट्स को पता था.
हमने बहुत दफ़ा सेक्स, किस, और पता नही क्या-क्या किया था. अगर आप सब को वो जान-ना हो, तो कॉमेंट्स मे बता देना मुझे. नेक्स्ट एक दिन हमारे यहा स्कूल मे स्पोर्ट्स दे था. और उबैद की फुटबॉल टीम टूर्नमेंट से बाहर हो गयी थी. अब वो इस बात से बहुत साद था.
हम लोग जब उसके घर पे गये, तो हमारा फालतू सी बात पे झगड़ा हो गया. हम दोनो मे बहुत ज़्यादा लड़ाई हो गयी थी, और मई रोटी हुए अपने घर आ गयी. मेरे मम्मी और पापा उन दीनो बिज़्नेस ट्रिप के लिए दुबई गये हुए थे. ये बात मुझे मेरे नौकर मुश्ताक़ अंकल से घर आके पता चली.
फिर मई सीधा अपने रूम मे गयी. जब मैने मोबाइल देखा, तो उसमे उबैद का कोई मेसेज नही आया था. मई भी अपने बेड पर लेट गयी, और सोने की कोशिश करने लगी. जब कुछ देर तक मुझे नींद नही आई, तो मैने सोचा उठ कर कुछ खा लेती हू.
फिर मई उठी, और अपने रूम से निकल कर नीचे गयी. मैने मुश्ताक़ अंकल को आवाज़ लगाई, लेकिन उन्होने नही सुना. फिर मई सीधा उनको ढूँढते-ढूँढते सर्वेंट क्वॉर्टर चली गयी. और मैने वाहा जो देखा, वो बहुत अमेज़िंग था.
मुश्ताक़ अंकल वाहा पे नरगिस आंटी को डॉगी-स्टाइल मे छोड़ रहे थे, और वो भी फुल ओं सॉंग्स के साथ. मई उनकी चुदाई आँखें फाड़ कर देख रही थी, और अंकल बहुत ज़ोर-ज़ोर से आंटी को छोड़ रहे थे. उनकी चुदाई देख कर मेरी छूट भी गीली होने लगी थी.
मैने अभी भी कॉलेज यूनिफॉर्म सलवार-कमीज़ ही पहनी हुई थी. पता नही कब मेरी उंगली मेरी छूट पे चली गयी, और मई सलवार के उपर से ही अपनी छूट सहलाने लग गयी. तभी मुझे नरगिस आंटी का चेहरा नज़र आया, और वो पूरा लाल हुआ हुआ था.
शायद अंकल का लंड बहुत बड़ा था, और आंटी से बर्दाश्त नही हो रहा था. इसलिए शायद उनका चेहरा लाल था. मई उनकी चुदाई देख कर उबैद के साथ की हुई चुदाई इमॅजिन करने लगी थी. मई छूट मे उंगलिया डाले जेया रही थी, और मई मदहोश होने लगी थी.
मुझे भी अब लंड चाहिए था. मुझे अब अपने पेट से ज़्यादा, अपनी छूट की भूख ज़्यादा प्यारी हो गयी थी. मई सोच रही थी, की उबैद को बोलू या नही. फिर इतने मे अंकल और आंटी की चुदाई ख़तम हो गयी, और ये मैने देख लिया. उसके बाद मई फ़ौरन वाहा से भाग कर रूम मे आई और गाते लॉक कर दिया.
फिर मैने अपना मोबाइल उठाया, और उबैद का नंबर निकाला. मैने उसको मेसेज किया-
मई: ई आम सॉरी जानू. मुझसे ग़लती हो गयी. प्लीज़ मुझसे मिलो आज शाम को.
और ये लिख कर मैने उबैद को मेसेज सेंड कर दिया. मई फिर उन्ही कपड़ो मे नीचे गयी. फिर जब मई किचन मे गयी, तो वाहा नरगिस आंटी जो की कुक थी, वो वाहा खड़ी थी. मैने उनको बोला-
मई: आंटी कुछ खाने को दो. बहुत भूख लग रही है.
और फिर मई अपने रूम मे आ गयी. मैने रूम मे आके अपना मोबाइल उठाया, तो उसमे उबैद का मेसेज आया हुआ था. शायद वो मेरे मेसेज की ही वेट कर रहा था. उसके मेसेज मे लिखा था-
उबैद: नो बेबी, ई आम सॉरी. मई आप से बिना वजह लड़ा हू. ई आम सो सॉरी. आज शाम को 8 बजे रेडी रहना. मई आपको लेने आ जौंगा. ई लोवे योउ. बाइ.
मैने उसको ओक का मेसेज किया. फिर आंटी खाना लेके आई, और उसकी साँस बहुत फूली हुई थी. उसके बाल भी खराब थे. मैने उनको बोला-
मई: आंटी क्या बात है? तबीयत ठीक नही है क्या आपकी?
तो उन्होने बोला: नही बेटा मेरी तबीयत तो ठीक है. मई बस तोड़ा सा तक गयी हू.
फिर मैने बोला: ओक तक गयी है.
और ये बोल कर मैने आंटी को एक शैतानी स्माइल दी. फिर मई खाना खाने लगी. खाना खा कर मई नहाने गयी, और मुझे फिरसे वही सीन दिमाग़ मे आया. फिर मई हॉर्नी फील करने लग गयी, और मई फिरसे अपनी छूट मे उंगली करने लग गयी.
मैने अपने आप को किसी तरह से सॅटिस्फाइ किया. मैने सोचा, की बस उरूज़ तुझे रात मे लंड मिल जाएगा, अब बस कर. फिर मई नहा कर बाहर रूम मे आ गयी. उस वक़्त मैने टवल लपेटा हुआ था. फिर जैसे ही मई बातरूम से रूम आई, तो वाहा अंकल खड़े हुए थे.
अंकल वाहा इसलिए खड़े थे. क्यूकी उबैद आ गया था, और वो मुझे बताने आए थे, की उबैद आ गया था. अब मई टवल मे खड़ी थी, और अंकल मुझे देखे जेया रहे थे. मई और गरम होने लगी, और आंटी की हालत याद आने लगी.
मेरा दिल तो किया, के टवल गिरा डू और अंकल को अपने जिस्म का नज़ारा करवा डू. लेकिन मई कुछ और सोच रही थी, इसलिए मैने अपने आप को संभाला, और अंकल को बोला-
मई: अंकल आप उसको अंदर बिताओ. और मई बस आ रही हू.
फिर मई जल्दी से दोबारा वॉशरूम गयी, क्यूकी छूट को शेव करना भूल गयी थी. और वॅक्सिंग करने की अभी तो ज़रूरत नही पड़ी थी. फिर जल्दी-जल्दी मई शेव करके बाहर आ गयी. मैने अपना पिंक बॅकलेस टॉप वित ब्लॅक ब्रा, और एक शॉर्ट्स, जो सिर्फ़ घुटनो तक था, वो पहन लिया.
फिर मई एक-दूं बूंब बनके उबैद के साथ चली गयी. अब बाहर उबैद और मई बाते कर रहे थे आज की लड़ाई के बारे मे, और हस्स रहे थे. फिर उसने कहा-
उबैद: तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ है.
मैने कहा: क्या?
तो उसने बोला: फार्म हाउस चलो, बताता हू.
फिर हम लोग फार्म हाउस पहुँचे, तो वाहा पे पहले से दो कार्स खड़ी थी. मैने उबैद से पूछा-
मई: कों आया है?
तो उसने कहा: अंदर तो चल.
फिर मई अंदर गयी, तो वाहा पे 4 लड़के थे. उनके अलावा वाहा कोई नही था. फिर मैने उबैद को बोला-
मई: ये लोग कों है?
तो उसने कहा: ये लोग मेरे दोस्त है.
मुझे उनके नाम नही पता. उनको देख कर मेरा मूड ऑफ हो गया.
फिर उबैद ने बोला: टेन्षन क्यू लेती है? मई जेया रहा हू, और ये चारो तेरी खूब सेवा करेंगे.
और इससे पहले मई कुछ पूछती, तभी उनमे से एक लड़के ने बोला-
एक लड़का: रंडी तो एक-दूं कड़क लेके आया है तू.
उसकी ये रंडी वाली बात सुन कर मैने कहा-
मई: माइंड युवर लॅंग्वेज. मई कोई रंडी नही हू.
और ये सुन कर वो सारे हासणे लगे. फिर उबैद वाहा से बिना कुछ बोले चला गया. तभी फिर एक ने बोला-
एक लड़का: आज रात के लिए तो तू रंडी ही है.
मैने कहा: क्या?
तो उसने बोला: देख चुदाई तो तेरी होगी ही. अब आराम से मान जेया, वरना मनवाना आता है हमे. खुद भी मज़े ले, और हमे भी दे. तेरे बाय्फ्रेंड ने हमारे से 4 लाख लिए है आज रात के.
मई तो उसकी बात सुन कर शॉक हो गयी, और सोचने लगी, की अगर मई उनसे चड़वौनगी, तो मुझे ही फ़ायदा होगा. मुझे 1 लंड की जगह चार मिल रहे थे. और उबैद को तो मई बाद मे देख लूँगी. मैने शरमाते हुए कहा-
मई: ठीक है. लेकिन मेरी एक शर्त है. मेरे कपड़े कोई नही फाड़ेगा. कोई मेरे उपर मूटेगा नही, और कोई मुझे मूह पर थप्पड़ नही मारेगा.
तो वो सब राज़ी हो गये, और कुत्ते की तरह मुझ पर कूद गये. अब कोई मेरे बूब्स दबा रहा रहा था, तो कोई मेरी गांद दबा रहा था. वो साथ-साथ मुझे बोल रहे थे-
वो लोग: क्या रांड़ है यार ये. आज तो मज़ा ही आ गया. आज तो खूब छोड़ेंगे इसको.
मई भी अब गरम हो गयी थी, और मैने भी जोश मे बोला-
मई: छोड़ो ना, कों माना कर रहा है तुम्हे.
मेरी ये बात सुन कर उन्होने मेरा टॉप उतार दिया. फिर उन्होने मेरी ब्रा भी उतार दी, और 1 लड़का ज़ोर-ज़ोर से मेरे बूब्स चूसने लगा. दूसरे ने मेरे शॉर्ट्स और पनटी उतार दी, और सीधा मुझे उठा कर मुझे बेडरूम मे ले गये. फिर वाहा उन्होने मुझे बेड पे लिटा दिया, और बॉडी पे आयिल से मसाज करने लगे.
मई और गरम होने लगी थी. मेरी खूब मसाज हुई, और पुर दिन की थकान उतरने लगी. मई अब गरम होने लगी थी, और मई उनको बोल रही थी-
मई: प्लीज़ मुझे छोड़ो. अब मुझसे बर्दाश्त नही होता.
तो वो बोले: बहुत जल्दी है लंड लेने की छिनाल. रुक अभी तो रात जवान है.
फिर एक ने मेरा एक हाथ पकड़ा, और बेड की साइड पर बाँध दिया. उसके बाद उसने मेरा दूसरा हाथ भी बाँध दिया, और फिर टांगे भी बाँध दी. मैने कहा-
मई: हो गया? तो अब तो छोड़ो मुझे.
भोंसड़ी वालो छोड़ो मुझे प्लीज़.
ये सुन कर वो सारे हासणे लगे और बोले-
वो सब: रुक-रुक छोड़ेंगे तुझे. तू टेन्षन मॅट ले.
फिर वो दो डिल्डो ले आए, और एक मेरी छूट मे और दूसरा गांद मे डाल दिया. मुझे इससे मज़ा आने लगा, तो फिर उन्होने मुझसे बोला-
वो लोग: ओं करे?
मैने बोला: करो.
तो एक ने रिमोट विबर्टोर ओं कर दिया. वाइब्रटर ओन्न होते ही मेरे जिस्म मे जैसे करेंट दौड़ गया. और मई पहले ही बहुत गरम थी, इसलिए फ़ौरन झाड़ गयी. लेकिन उन्होने वाइब्रटर बंद नही किया, और उसे ओन्न ही रखा. फिर मई दोबारा झाड़ गयी.
पर अभी भी उन्होने मुझे छोढ़ा नही, और मई वही पर बेहोशी सी हालत मे पड़ी रही.
अभी मेरी चुदाई बाकी है. आप लोगो को अगर मेरी चुदाई पढ़नी हो, तो लाज़मी कॉमेंट्स कीजिए. और जानिए बाद मे मेरी कैसी मस्त चुदाई हुई थी. ये मेरा पहला गंगबांग था. तो पढ़ते रहिए, थॅंक योउ.