ही रीडर्स, मैं हू मनोज कुमार. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे मेरी सेक्रेटरी के हज़्बेंड की डेत हो गयी थी, और कैसे उसने अपनी बेहन को उसकी जगह भेजा.
फिर मेरी नज़र उसकी बेहन पर टिक गयी, और वो मुझे अची लगने लगी. फिर एक दिन मैने उसको होटेल रूम में ऑफीस के ही एक लड़के का लंड चूस्टे देखा. मुझसे ये बर्दाश्त नही हुआ, और मैने दरवाज़ा नॉक किया. अब आयेज चलते है.
दरवाज़ा नॉक होने पर वो दोनो दर्र गये. टीना जल्दी से खड़ी हुई, और उसने अपनी ड्रेस ठीक की. अरमान ने भी अपना लंड अंदर किया, और दरवाज़ा खोलने आया.
जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला, तो मुझे सामने देख कर उसकी सिट्टी-बिट्टी गुल हो गयी. मुझे देख कर वो बोला-
अरमान: सिर आप! आप यहा कैसे?
मैं: मैं देखने आया था, की मेरी पीठ पीछे क्या चल रहा है.
ये बोलते हुए मैं रूम के अंदर चला गया. अब मुझे टीना भी देख सकती थी. मैं सीधा उसके पास जाके खड़ा हो गया. वो काँप रही थी. फिर मैं बोला-
मैं: तो हम ये करते ऑफीस में. खूब नाम रोशन कर रही हो तुम नीना का.
टीना की आँखों में आँसू आ गये, और वो बोली: ई आम सॉरी सिर.
तभी अरमान पीछे से आया और बोला: सिर आक्च्युयली वो…
इससे पहले वो आयेज बोलता, मैने उसके मूह पर थप्पड़ मार दिया. फिर मैने उसको बोला-
मैं: कल से ऑफीस मत आना.
अरमान: सिर प्लीज़!
मैं: गेट आउट!
और अरमान वाहा से चला गया. फिर मैने टीना की तरफ देखा और बोला-
मैं: तुम भी कल से मत आना.
और ये बोल कर मैं रूम से बाहर जाने लगा. तभी पीछे से टीना ने मेरा हाथ पकड़ लिया. मैने पीछे देखा तो वो घुटनो के बाल बैठी हुई थी. उसने मेरे आयेज हाथ जोड़े हुए थे, और आँखों में आँसू लिए वो कहने लगी-
टीना: सिर प्लीज़ मुझे माफ़ कर दीजिए. आप जो कहेंगे मैं करूँगी सिर. प्लीज़ आप दीदी को मत बताना. बाबा मुझे घर से निकाल देंगे. प्लीज़ सिर.
मैं: देखो लड़की, हर ग़लती की पनिशमेंट होती है.
टीना: सिर आप कोई भी पनिशमेंट डेडॉ मुझे मंज़ूर है.
मुझे ये मौका बिल्कुल सही लगा. मैने उसी टाइम अपनी पंत की ज़िप खोल कर अपना लंड बाहर निकाला, और उसको बोला-
मैं: चल फिर चूस इसको.
मेरा लंड देख कर वो हैरान हो गयी, और बोली-
टीना: सिर! आप मेरे पापा जैसे है.
मैं: तू भी तो एक रंडी जैसी है कुटिया. चूस इसको, वरना तेरी जॉब तो जाएगी, तेरी बेहन को भी वापस नही रखूँगा.
टीना के पास कोई ऑप्षन नही थी. उसने रोते-रोते ही मेरे लंड को हाथ में पकड़ा, और उसको मूह में ले लिया. जैसे ही लंड उसने मूह में लिया, मैने उसके बाल पकड़े, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को छोड़ना शुरू कर दिया.
बड़ा मज़ा आ रहा था. सालों बाद मैं किसी लड़की को लंड चुस्वा रहा था. और वो भी एक कमसिन और सेक्सी लड़की को. मैं उसके गले तक अपना लंड डाल रहा था. उसके मूह से थूक बाहर आ रही थी, और आँखों से आँसू.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैने लंड निकाला, और पीछे जाके दरवाज़ा अंदर से लॉक कर लिया. फिर मैं दोबारा उसके पास आया, और उसके बाल पकड़ कर उसको खड़ा किया.
फिर मैने अपने होंठ उसके होंठो के साथ चिपकाए, और उसके होंठ चूसने लगा. वाह! क्या मज़ा आ रहा था. मैने उसकी गांद पर हाथ रखा, और उसके चूतड़ मसालने लग गया.
फिर मैने उसकी वन-पीस ड्रेस उसके बदन से अलग कर दी, और अब वो मेरे सामने ब्लॅक ब्रा और पनटी में थी. क्या सेक्सी लग रही थी वो ब्रा-पनटी में.
मैने उसको बेड पर धक्का दिया, और उसकी जांघें चाटने लगा. उसके नमकीन बदन का स्वाद मुझे और उत्तेजित कर रहा था. मैने उसकी पनटी उतारी, तो उसकी कुवारि छूट मेरे सामने आ गयी.
उसकी छूट गीली हुई पड़ी थी. फिर मैने उसकी छूट पर अपनी जीभ चलानी शुरू की. क्या स्वाद था उसकी छूट का, मज़ा आ गया. अब उसकी छूट से तेज़ी से पानी निकालने लगा था. उसकी साँसे भी तेज़ होने लगी थी, और गांद थोड़ी हिलने लगी थी.
मैने उसको कहा: मैं जानता हू तुझे मज़ा आ रहा है. उस लड़के से चुड कर तुझे कुछ नही मिलना था. मेरे से चुड कर तुझे पैसा, नौकरी, और लंड सब मिलेगा. एंजाय कर ले.
फिर मैं उसकी कमर चाटने लगा, और उपर आके उसकी ब्रा उतार दी. अब उसके गोरे-गोरे बूब्स मेरे सामने थे. उसके बूब्स एक-दूं टाइट थे. मैने उसके निपल्स पर हमला कर दिया, और काट-काट कर चूसने लग गया.
कुछ देर में उसने अपने हाथ मेरे सर पर रखे, और अपने बूब्स में दबाने लगी. मैं समझ गया था, की वो मेरी बात समझ चुकी थी. मैने कन्फर्म करने के लिए उसके होंठ चूज़, और इस बार उसने भी मेरा साथ दिया.
फिर मैने अपने बाकी के कपड़े उतारे, और अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया. मैने उसको कस्स पकड़ा, क्यूंकी मेरा लंड बड़ा था, और छूट कुवारि थी. लंड सेट करके मैने जानवर की तरह धक्के लगाने शुरू कर दिया.
5-6 धक्को में लंड छूट के अंदर था, और खून निकल रहा था. टीना उधर दर्द से बेहोश हो चुकी थी. मैने किसी भी चीज़ की परवाह नही की, क्यूंकी मेरे अंदर का शैतान मुझ पर हावी हो चुका था. मैं लगातार धक्के मार कर उसको छोड़ता जेया रहा था.
5 मिनिट बाद वो होश में आई. अब तक उसकी छूट पूरी तरह से खुल चुकी थी, और वो एक बार बेहोशी में झाड़ भी चुकी थी. अब उसको मज़ा आना शुरू हो चुका था.
वो आ आ करके मुझे अपनी तरफ खींच रही थी. वो मुझे और ज़ोर से छोड़ने को बोल रही थी. मैं उसके होंठ और निपल्स काट-काट कर चूस रहा था. कुवारि छूट छोड़ने में बहुत मज़ा है दोस्तों.
20 मिनिट मैने उसको ऐसे ही छोड़ा, और फिर अपना माल उसके मूह पर निकाल दिया. फिर मैं उसके साथ लेट गया. वो उठी और खुद को सॉफ करने बातरूम में गयी. उसकी मटकती गांद देख कर मेरा लंड फिरसे हार्ड होने लगा.
तभी मुझे फोन आया, और मुझे कही जाना पड़ा. मैने जल्दी से कपड़े पहने, और उसको 10000 रुपय देके वाहा से निकल गया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको दोस्तों के साथ शेर ज़रूर करे.