मेरी पिछली कहानी में मैंने आपको बताया कि कैसे मैं अपने कंप्यूटर कोचिंग सेंटर के इंचार्ज अजय के आकर्षण में पड़ गयी थी। अजय भी मेरे पीछे पागल था। हम दोनों करीब छह महीने से एक-दूसरे को चाहने लगे थे, और करीब 15 दिन पहले हमारे बीच शारीरिक सम्बन्ध भी बन गए थे। इसीलिए अब हमारे बीच कोई झिझक जैसी चीज़ नहीं थी।
परन्तु हमने भावनाओ में बह कर बिना किसी प्रोटेक्शन के सम्बन्ध बना लिए थे। तो अंदर ही अंदर घबराहट तो थी, कि कहीं मैं प्रेग्नेंट ना हो जाऊं?
खैर,अब चूंकि अजय और मुझको जिस्मानी प्यार करे दस पंद्रह दिनों का समय हो चुका था। इसलिए हम दोनों फिर प्यार करने को मचल रहे थे। मैं अंदर से जानती थी कि अजय से मेरा लगाव कोई बहुत भावनात्मक नहीं था। तो फिर ये बेकरारी क्या थी? मेरी जिस्मानी भूख? क्यों?
मैं पिछले सत्रह साल से शादी शुदा थी। मेरे और मेरे पति के बीच गहरा प्रेम था। हम शारीरिक रूप से एक-दूसरे को पूर्ण रूप से संतुष्ट करते रहे थे। फिर यकायक एक दूसरे मर्द के लिए ऐसी बेकरारी क्यों थी? यह मुझे समझ नहीं आ रहा था? शायद मन में हमेशा जवान रहने की चाहत। और पराए पुरुष को आकर्षित करके अपने मोह पाश में बांधने की इच्छा। पर कोई मौका नहीं मिल पा रहा था। कोई सुरक्षित जगह भी नहीं थी।
कहीं बहार जाने में मुझे डर लगता था, कि कोई हमें साथ ना देख ले। हम दोनों का मिलन बस अकेले में, किसिंग और स्मूचिंग तक सीमित रह गया था, और अंदर ही अंदर हम कसमसा रहे थे। मैं पिछली बार की तरह टेबल पर प्यार नहीं करने वाली थी। क्योंकि ये बहुत कष्टदायक और रिस्की था। सेंटर में मेरी एक कलीग शालिनी मेरी अच्छी सहेली थी। जो ये तो समझ गयी थी कि अजय सर मुझे लाइन मारते थे। और मैं भी उन्हें अंदर ही अंदर दिल से लाइक करती थी।
पर उसे यह नहीं मालूम था कि मैं और अजय इससे कहीं आगे जा चुके थे। वह मुझे अकेले में छेड़ती रहती थी। “मैडम, आप आज जब स्टूडेंड्स को पढ़ा रही थी, तो अजय सर आपको पीछे से ताड़ रहे थे”, या “मैडम आपको देख कर सर कैसे स्माइल देते है। कभी आपको डांटते नहीं। और हम लोगों से तो वह कितने स्ट्रिक्ट रहते हैं।” वगैरा-वगैरा।
उस दिन मुझसे रहा नहीं गया। मैं अजय का प्यार पाने को तड़प रही थी। पर वह सिर्फ अपनी बेकरारी दिखा कर रह जाता। तो मैंने सोचा कि आज मैं एंडिरेक्टली अजय को उकसाती हूं। शायद हिम्मत करके वह कुछ करे।
“नहीं सर, बहुत लेट हो जायेगा। बच्चे अकेले हैं। शाम के छह सेंटर में ही बज जाएंगे। बच्चों के डिनर का भी अरेंजमेंट करना है? शाम को पॉसिबल नहीं है।”, मैं बोली।
मैंने अजय को देखा उसकी नज़र में मुझे “शुद्ध वासना की भूख” दिखाई दी। मुझे यह अच्छा नहीं लग रहा था कि मैं उसके निवेदन को ठुकरा रही थी।अपनी आँखों के माध्यम से उन्होंने मुझे बताया, कि वह चाहते थे कि मैं उसकी यह इच्छा पूरी करूं। इसी बीच अजय अपने मोबाइल से मेरी सेल्फी लेते हुए कहने लगा कि, “आपके सेक्सी फिगर आगे तो अच्छी एक्ट्रेस भी फेल है।”
मैं उसे फोटो खींचने से मना करने लगी। पर वो नहीं माना। वो बोला, “मेरे देखने की लिए बस।”
वह बोला, “डार्लिंग आज तो कहर ढा रही हो आप। आपके अंदर एक अलग ही अपील है। आपके शरीर में आपकी हिप्स सबसे अलग ही दिखती है, और जब आप चलती हो। तो आपके हिप्स ऐसे ऊपर-नीचे हो रहे हैं।
आप हमेशा वेस्टर्न ड्रेसेस में ही आफिस आती हो जीन्स या ट्राउज़र में। आपकी गांड बहुत सेक्सी लगती है। मन करता है कि आपकी गांड पे बहुत तेज स्लैप करूं, और उसे खा जाऊं। आज तो आप कुछ कर लेने दो मुझे।”
मैं: प्लीज मुझे समझो अजय। शाम को पॉसिबल नहीं है।
मैं सिर्फ इतना ही कह सकी क्योंकि उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया। मैंने बहुत कोशिश की अपने को छुड़ाने की, मगर सब बेकार रही। उसने मुझे अपनी बांहों में लेके मुझे अपने से चिपटा लिया और मेरे फेस पे जगह-जगह किस करने लगा। कभी मरे गालों को चूमा, कभी मेरी आँखों पर चूमता, कभी किधर, कभी पूरे फेस पर उसने चुंबन की बोछार सी कर रखी थी।
मैं इच्छा से बेचैन हो रही थी। मैं सोच रही थी कि मैं यह मौका कैसे गवां सकती थी।
मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं। इसकी चाहत के कारन मेरा होश पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गया था। और मैंने कहा, “कहां करोगे प्यार?” उसने कहा, “आप फ़िक्र ना करो। मैं सब इंतजाम कर दूंगा। आप बस रुक जाना। आप मुझसे प्यार किए बिना जाओगी नहीं।” मैंने अजय को ऐसा करने से रोकने की कोशिश करते हुए उसको कहा,”अजय क्या कर रहे हो? कोई देख लेगा। प्लीज यह सब यहां अभी न करो।”
मगर उस पर मेरी किसी बात के कोई असर नहीं हो रहा था। वह मुझे अपनी बांहों में लिए बराबर किस करने की कोशिश कर रहा था।
मैंने ना चाहते हुए भी अजय को बड़े बे-मन से कहा, “अजय मैं भी तुमको प्यार करने के लिए तड़प रही हूं। मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा है। पर सोचो ऑफिस के बाद रुकने और यहां पर ये सब करना कितना खतरनाक है। पूरे समय गार्ड्स ड्यूटी पर रहते हैं। कल से ही अफवाहें उड़ने लगेंगी।
हम दोनों शादी-शुदा हैं। अगर कुछ ऐसा हुआ तो कल से यहां नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा, और बदनामी होगी सो अलग। मैं प्रॉमिस करती हूं जब कहीं अच्छी जगह का इंतजाम करोगे, मैं जरूर चलूंगी। पर प्लीज, यहां नहीं।”
वह जीन्स के ऊपर से ही मेरी पुसी को ज़ोर-ज़ोर से सहलाते हुए कहने लगा, “जानू, मुझे लगता है मुझे तुमसे प्यार हो गया है। सीमा, जब से मैंने तुम्हें देखा है, मैंने तुम्हारे, बारे में सोच कर कई बार हस्तमैथुन किया। मैं रात भर सो नहीं पाता। पता नहीं आज कैसे कंट्रोल कर पाऊंगा।” फिर उसने अपने हाथ मेरे ब्लाउज के नीचे खिसका दिए, और मेरे बूब्स को मसलने लगा।
अजय के मेरा टॉप और ब्रा हटाते वक़्त भी मैंने कहा, “ये क्या बचपना है?” पर वो नहीं माना।
मैंने अजय को धीरे से अपने से अलग किया। मैं इस समय सिर्फ मदहोशी महसूस कर रहा थी। मेरी सेक्स ड्राइव अजय के लिए लगभग छह महीने से पागल हो रही थी। फिर भी उसके साथ केवल एक बार मैं समय निकाल पायी थी। इसका रोमांच बहुत अधिक था। पर अजय बेकाबू था।
वह मानने को तैयार नहीं हुआ। फिर वह बोला, “अगर शाम को नहीं तो अभी ही चाहिए मुझे?” मैंने पुछा, “कहां?” वह मुझे लगभग धकेलते हुए वाशरूम में ले गया। इस समय मुझे अपने जीवन का सबसे बड़ा झटका लगा। मिस्टर अजय और मैं बाथरूम के अंदर सेक्स करेंगे?
अजय ने मेरा पहले मंगल सूत्र और नेकलेस उतार दिया, और मेरी गर्दन को बेतहाशा चूमने लगा। वह मेरी टॉप के ऊपर से ही बूब्स को मसलने लगा, मानो उन्हें निचोड़ देना चाहता हो। जैसा कि वह मेरी प्रशंसा कर रहा था।
मुझे महसूस नहीं हुआ कि वह क्या कर रहा था, और फिर अचानक मुझे लगा कि मेरे हाथ उसकी गर्म त्वचा को अपने आप महसूस करने लगे। मैं हैरान रह गयी जब मुझे महसूस हुआ। मैं उनके जुनून को समझ गयी थी।
मैं जानती थी कि मेरा आकर्षण उसके लिए ऐसा था, कि वह मुझे चोदने के लिए इस समय कुछ भी कर सकता था। उसने फिर मुझे खींच लिया और मुझे मेरे होठों पर जोर से चूमा। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं, क्योंकि मैंने महसूस किया कि उसकी मोटी जीभ मेरे मुंह में प्रवेश कर रही थी, और वह मेरी जीभ खोज रहा है।
मैंने उसे अपना खजाना समेटने दिया। मैं उसकी बाहों में पिघल गयी । हम किस बात के लिए दोस्त थे? मित्र वही जो मुसीबत में काम आए। मैंने अपने आप को सही ठहराया। अजय ने कहा, “यह वाशरूम हमारा सीक्रेट लव एरिया है।” उन्होंने आश्वासन दिया कि यहां कोई नहीं आ सकता। मेरे कंधे की लम्बाई के बाल मेरे चेहरे के ऊपर बिखरे हुए थे, और मैं अजय और अपने को मेरे पीछे शीशे में देख सकती थी।
उनके हाथ मेरे चारों ओर चक्कर लगा रहे थे। मेरी शर्ट को मेरे स्तन तक सहला रहे थे। उसका बैट जैसा लिंग सचमुच मेरी पीठ के निचले हिस्से में जा लगा। मन में डर और कामुक उत्तेजना भावनाओं का मिश्रण बढ़ने लगा। अब तक उसने मेरी कमीज़ उतार दी थी, और मेरे बूब्स को पकड़ कर मस्त निचोड़ रहा था, और अपनी उंगलियों से निप्पल को घुमा रहा था।
“वाह! आपके स्तन विशेष रूप से भगवान द्वारा गढ़े गए हैं। मेरी वाइफ के पास बहुत बड़े हैं लेकिन आपके जैसा कुछ भी नहीं है। आपके पास बेहतरीन निपल्स है। मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा है।”, उसने तारीफ की। मैंने पलट कर उसका सामना किया। मेरी स्तन उसके सीने पर धंस गए। जैसे ही उसने अपना ध्यान मेरे होठों की तरफ किया, उसका हाथ मेरे पीछे मेरी ब्रा के ऊपर चढ़ गया था।
कुछ ही समय में मुझे अपने स्तनों को धक्का लगना महसूस हुआ। मेरी ब्रा केवल मेरे कंधे की पट्टियों से लटक रही थी। मैंने उसकी आँखों में देखा। उनमें एक जोश और वासना भरी हुई थी। उसके हाथ मेरी पीठ पर और बढ़ गए, और उसने पट्टियों को ब्लाउज की आस्तीन की ओर सरका दिया। मैंने उसे अपने हाथ से पट्टियां नीचे करने में मदद की, और ब्रा से मुक्त हुई।
इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी का मजा आया हो तो लाईक और कॉमेंट जरूर करें।