हेलो दोस्तो में स्वरना. आप सब ने आज तक मेरी सारी सेक्स स्टोरीस को बहोट प्यार दिया है बहोट अप्रीशियेट किया है.
इश्स स्टोरी का 1स्ट्रीट पार्ट तो आप सभी ने पढ़ कर मज़े लिए ही होंगे. और अगर नही लिए तो प्लीज़ पढ़ लीजिए ताकि आप यह पार्ट का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले पाए. तो अब ज़्यादा यहा वाहा की बाते नही करते हुए डाइरेक्ट्ली स्टोरी पे आते है.
अब आयेज..
एक दिन रामलालजी ने मूज़े अपनी कॅबिन मे बुला कर इधेर उधेर की भौत बाते की और बाते करते करते उन्होने मौका देखते हे मूज़े अपनी तरफ खिछा. मेने भी हाइ हील्स पहें ने की वजह से लड़खड़ाई तो उन्होने मूज़े अपने सीने से लगा लिया और अपने होतो को मेरे होतो पे रख दिया.
उनके मूह से भौत हे अजीब तरह की बदबू आ रही थी. यूयेसेस वक़्त मे भौत गभहरा गयी और मूज़े साँझ हे नही आ रहा था की अब में क्या करू और इश्स हालत का किस तरह से सामना करू. उन्होने तो बिंडसस अपने दोनो हाथ मेरी
हुचियो के रख कर ब्लाउस के उपेर से हे मसालने लगे थे.. और बाद मे एक हाथ नीचे ले जेया कर मेरी स्कर्ट के अंदर दल कर पनटी के उपर से सहलाने लगे. उनकी यह सब हरकत से में उनसे अलग होने की ट्राइ करने लगी तड़प रही थी. पर उन्होने मूज़े अपनी बहो मे झाकड़ कर पकड़ रखा था.
यह सब करने मे उनका एक हाथ उन्होने सीधा मेरी पनटी के अंदर दल दिया और मेरे टॅंगो के जोड़ो तक पॉच गया था.
मेने भी मेरी दोनो टॅंगो के एक साथ ज़ोर से भिच लिया था लेकिन तब तक उनकी उंगलिया मेरी छूट तक पॉच चुकी थी. उनकी डू उंगलिया मेरी छूट मे घुसने के लिए कसमसा रही थी.
तब मेने भौत हिम्मत से उन्हे ज़ोर का धक्का दे कर खुद से अलग किया और दौड़ कर उनकी कॅबिन से बाहर आ निकली.
जब में बाहर आ रही तब उनकी आवाज़ आचे से मेरे कानो मे पड़ी जो कह रही थी की.
रामलालजी:- अगर इश्स कंपनी मे तुम्हे काम करना है. तो मेरी हर तरह की इक्चा का ध्यान रखना होगा और उन्हे पूरा भी करना पड़ेगा.
में गुस्से मे अपनी डेस्क पे आई तो मेरी सासे भौत हे तेज़ चल रही थी. डेस्क पे रखे ग्लास से ठंडा पानी पिया तो बेबासी से मेरी आखो मे आसू आ गये. रोते रोते हे मेने तभी अभी रेसिग्नेशन लेटर टाइप किया और उससे वही पटक कर ऑफीस से बाहर निकल गयी.
यह सब होने के बाद मेने फिर से भौत सारी कंपनी मे अप्लाइ किया. और कुछ दीनो बाद आख़िर मूज़े एक कंपनी से इंटरव्यू के लिए कॉल आया. मेरा इंटरव्यू होने के बाद मूज़े सेलेक्ट कर लिया और बाद मे मूज़े यूयेसेस कंपनी के सेयो से मिलने के लिए ले जया गया. मूज़े उन्ही के प.आ की पोस्ट के लिए सेलेक्ट किया गया था.
एक बार ऑलरेडी धोका खा चुकी थी इसलिए इश्स बार दिल भौत जोरो से धड़क रहा था भौत दार लग रहा था. मेने लास्ट एक्सपीरियेन्स के बाद सोच हे रखा था.. की अगर कही जॉब करूँगी तो अपनी मर्ज़ी से और ना की किसी मजबूरी या किसी की रखेल बन कर.
मेने सेयो के डोर को नॉक किया और पर्मिशन से अंदर गयी. जैसे हे डोर खोल कर में अंदर गयी वाहा से आवाज़ आई की ” योउ अरे वेलकम तो तीस फॅमिली”.
तब मेने देखा सामने चेर पर एक करीब 50-55 साल का भौत हे हॅंडसम आदमी खड़ा था. वोही इश्स कंपनी के सेयो मिस्टर. नौशाद खनजी खड़े थे जिन्हे में बस देखती हे रह गयी.
वो पास आए और उन्होने हाथ बढ़ाया पर में वही भूत की तरह खड़ी थी. यह बिल्कुल तहज़ीब के खिलाफ था.
में अपने बॉस का ऐसे करने से इन्सल्ट कर रही थी. लेकिन उन्होने बिना कुछ कहे मुस्कुराते हुए मेरी हथेली को थम लिया और तब जेया कर मूज़े वो पल का होश आया.
मेने इन्स्टेंट हे उनसे हाथ मिलाया. वो मेरे हाथ को पकड़ते हुए अपने सामने की चेर तक ले गये और मॅनर्स के साथ चेर को खिचते हुए मूज़े बैठने को कहा.
जब तक वो घूम कर अपनी चेर पर बैठे तब तक में उनके इश्स बिहेवियर पे मार चुकी थी. बस यह सोच रही थी की इतना बड़ा आदमी और इतना अछा नेचर और इतना हंबल इंसान. सच काहु तो में तो बस ऐसे हे किसी कंपनी मे काम करने का सपना देख रही थी.
खैर अब सपने से बाहर आ कर नेक्स्ट दे से हे में अपने काम मे लग गयी थी. ढेरे ढेरे रोज़ उनकी कोई अचाई से रूबरू होती गयी. सारी ऑफीस के स्टाफ मेंबर्ज़ उनको दिल से रेस्पेक्ट करते थे और मान देते थे.
तो में भला उन्न सब से अलग कैसे रहती. मेने यह कंपनी जाय्न करने से पहले अपने बॉस के बारे मे जो राई बनाई थी वो बिल्कुल उल्टी पद गयी थी.
यहा पर तो उल्टा में हे खुद अपने बॉस पर मार मिटी और उन्हे एक एक काम को पूरे मान से पूरा करना मेने अपना ईमान मान लिया. पर मेरे बॉस थे जो मूज़े पे घास हे नही डालते थे.
यह ऑफीस मे भी में सलवार सूट हे पहें कर आती थी. पर सूट के गले मेने डीप करवा दिए थे जिस से मेरे गोरे बूब्स दिखे और साथ हे हाइ हील्स भी पहें ने लगी थी. जिस वजह से मेरी चल मे पूरी नज़ाकत आ जाए और मेरा फिगर ज़्यादा उभर सके.
यह कहानी अभी यहा आधी रोक रही हू. पर यह भौत लंबी कहानी है तो आशा करती हू आप सब इश्स के सभी पार्ट्स पढ़ेंगे.