पिछला भाग पढ़े:- हॉस्पिटल की सेक्सी नर्स-1
ही फ्रेंड्स, मेरा नाम हेमंत है. मैं वापस आ गया हू अपनी कहानी के अगले पार्ट के साथ. उमीद है की आपने पिछला पार्ट पढ़ा होगा, और पसंद भी आया होगा. अगर नही पसंद आया हो तो कोई बात नही, शायद ये पसंद आ जाए.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था की मेरी नज़र एक हॉस्पिटल की नर्स पर पड़ी, और फिर मैने उसको उसके घर तक लिफ्ट दी. लेकिन मैने उसकी चुदाई के इरादे से उसको लिफ्ट दी थी. और हुआ भी यही. मैने उसको उसी के घर में छोड़ा. अब आयेज बढ़ते है.
हम दोनो एक बार चुदाई कर चुके थे. अब हम दोनो नंगे लेते हुए थे. मुझे और मज़ा करना था, लेकिन मुझे घर वालो की कॉल आ गयी. फिर मैने जल्दी से कपड़े पहने, और उसको फिरसे मिलने का बोल कर मैं वाहा से निकल गया.
जब मैं वाहा से निकला, तो वो नर्स नंगी बेड पर लेती हुई थी. उसको वाहा से छ्चोढ़ कर निकलना बहुत मुश्किल था. फिर अगले दिन वो मुझे हॉस्पिटल में मिली. मैं अपनी बीवी वाले कॅबिन में था. वो चेक-उप करने आई थी. जब वो आई तो मेरी बीवी सोई हुई थी.
उसने पहले मेरी बीवी का चेक-उप किया, और फिर मेरी तरफ देखने लग गयी. रूम के साथ अटॅच्ड बातरूम भी था. वो चेक-उप करने के बाद बातरूम में गयी. वाहा जाके उसने कहा-
नर्स: सिर एक मिनिट यहा आएँगे.
मुझे लगा कोई काम होगा, और मैं बातरूम में चला गया. बातरूम में जाते ही उसने दरवाज़ा बंद किया, और जब मैने उसकी तरफ देखा, तो मेरी हवा टाइट हो गयी. उसने अपनी शर्ट के बटन पुर के पुर खोले हुए थे.
ब्लॅक ब्रा में उसके काससे हुए बूब्स मुझे दिख रहे थे, और वो सीन देख कर मेरा लंड उसी वक़्त खड़ा हो गया. फिर मैने उससे कहा-
मैं: अर्रे ये क्या कर रही हो? मेरी बीवी उठ गयी तो पंगा हो जाएगा.
नर्स: कुछ नही होगा. वो नही उठेगी, मैने उसको इंजेक्षन दिया है नींद का. तुम बस मेरी छूट की प्यास बुझाओ.
ये सुनते ही मैने उसको अपनी बाहों में खींचा, और उसकी शर्ट और ब्रा दोनो उतार दी. अब उसके दो रस्स के बड़े-बड़े प्याले मेरी आँखों के सामने थे. मैं देखते ही उन पर टूट पड़ा. उसने भी मुझे अपने चूचों में दबा लिया.
क्या मज़ा आ रहा था उसके चूचे चूसने में मैं बता नही सकता. ऐसा लग रहा था जैसे मैं उसके चूचों को काट कर खा जौंगा. वो भी चूचे चुसवाने का पूरा मज़ा ले रही थी.
फिर मैने उसका पाजामा उतरा, और चूचों से नीचे जाने लगा. वो खड़े रह कर मेरी हरकतों का मज़ा ले रही थी. पहले मैं घुटनो के बाल बैठ गया, और उसकी नाभि में जीभ डाल कर चाटने लगा. फिर मैने उसके पुर पेट को छाता.
उसके बाद मैने उसके पाजामे के हुक को खोला, और उसको नीचे करके पैरों पर ले गया. उसने जल्दी से पाजामे में से अपने पैर निकाले, और उसको साइड पर खिसका दिया. फिर मैं पनटी के उपर से उसकी छूट को चूमने लगा, और उसकी जांघों को भी चाटने लगा.
वो पूरी काम-वासना में डूब चुकी थी. फिर मैने उसकी पनटी उतारी. मैने जैसे ही उसकी पनटी उतारी, उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी छूट में दबा लिया, और कामुक आहें भरने लग गयी.
मैं कुत्तों की तरह उसकी गीली छूट को चाट कर और गीली करने लग गया. वो छूट चुस्वते हुए अपनी गांद बड़ी मस्ती से हिला रही थी. 5 मिनिट तक मैने उसकी छूट में अपना मूह डाले रखा, और पूरा स्वाद लिया.
फिर मैं खड़ा हो गया, और मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए. मेरा लंड देखते ही उसने लंड हाथ में ले लिया, और घुटनो पर बैठ कर उसको चूसने लग गयी. मैने उसके बाल पकड़ लिए, और उसके मूह में ज़ोर-ज़ोर के धक्के देने लग गया. उसके मूह से लार तपाक रही थी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसको खड़ा किया, और उसको 2 थप्पड़ मारे. उसने कहा-
नर्स: मार क्यूँ रहे हो?
मैं: ऐसे ही दिल कर रहा है.
फिर मैने उसके हाथ वॉश-बेसिन पर रखवा दिए, और उसको खड़ी हुई घोड़ी बना लिया. उसके बाद मैने अपना लंड हाथ में लिया, और पीछे से उसकी छूट पर रगड़ने लगा. वो मोन करने लगी, और अपनी गांद हिलने लग गयी.
फिर जैसे ही मेरा लंड उसकी छूट के मूह पर टीका, मैने ज़ोर का धक्का देके पूरा लंड उसकी छूट में डाल दिया. उसकी ज़ोर की आ निकली, और मेरा लंड अब उसकी छूट की गर्मी को महसूस कर पा रहा था. अब मैने लंड अंदर बाहर करना शुरू किया, और वो भी आहह आ करते हुए चूड़ने का मज़ा लेने लगी.
मैने अपने हाथ आयेज ले-जाके उसके चूचे पकड़ लिए, और उनको दबाते हुए उसको छोड़े जेया रहा था. बड़ा मज़ा आ रहा था. जब मेरी जांघें उसके मोटे छूतदों के साथ टकराती थी, तो ठप ठप की आवाज़ आती. क्या मस्त एहसास था, मैं बता नही सकता.
फिर मैने उसके चूतड़ अपने हाथो में काससे, और अपनी स्पीड बढ़ा दी. ठप ठप और आ आ की आवाज़ो की स्पीड भी बढ़ रही थी. कुछ देर में मुझे उसकी छूट का गरम पानी अपने लंड पर महसूस हुआ.
मेरा भी निकालने वाला था, तो मैने भी साथ के साथ पानी उसकी छूट में ही छ्चोढ़ दिया. अब हम दोनो का पानी उसकी जांघों पर बह रहा था. फिर हम दोनो फर्श पर लेट गये.
15 मिनिट में मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. मुझे अब उसकी गांद छोड़नी थी. मैने उसको फर्श पर ही घोड़ी बनाया, और उसके पीछे आ गया. फिर मैने उसकी गांद के च्छेद को अपनी थूक से गीला किया.
उसकी गांद पहले चूड़ी हुई थी, तो उसको कोई दिक्कत नही थी. फिर मैने गांद के च्छेद पर लंड सेट किया, और ज़ोर का धक्का मार कर लंड अंदर घुसा दिया. काफ़ी टाइट थी उसकी गांद, और उसको दर्द भी हो रहा था. लेकिन मैं उसको ताबाद-तोड़ छोड़े जेया रहा था.
कुछ देर के दर्द के बाद वो मज़े से आहें भरने लग गयी. बहुत मज़ा आ रहा था हम दोनो को. मैने उसके चूतड़ थप्पड़ मार-मार कर लाल कर दिए थे. 15 मिनिट की गांद चुदाई के बाद मैं उसके अंदर ही झाड़ गया. फिर जीतने दिन मेरी बीवी अड्मिट रही उतने दिन तक मैने उसको रोज़ छोड़ा.
अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.