हेलो दोस्तो, कैसे है आप सब? उमीद करता हू, की सब अपने-अपने घर पर मस्ती कर रहे होंगे. अगर आपको ये सेक्स स्टोरी पसंद आए, तो मुझे मैल ज़रूर करना.
इस स्टोरी मे मई बताने वाला हू, की कैसे मेरी पड़ोसन भाभी मेरी सेक्स टीचर बनी और कैसे मुझे उसने छोड़ना सिखाया. अब ज़्यादा टाइम ना लेते हुए, मई देसी स्टोरी शुरू करता हू.
ये कहानी लॉक्कडोवन् के टाइम की है. जब सब के स्कूल और कॉलेजस बंद हो गये थे और ऑनलाइन क्लासस चालू थी. मई तो अपना नाम बताना ही भूल गया. मेरा नाम रिज़्ज़ है और मेरी आगे 22 साल है. मई बंगलोरे का रहने वाला हू. इस वक़्त मई ब.कॉम फाइनल एअर मे हू और ये स्टोरी जिसके साथ घाटी थी, उनका नाम सोफीया था.
सोफीया की आगे 32 थी और उनका फिगर 35″25″36″ था. उनकी हाइट 5’7″ थी और गोरा रंग था. काले लंबे बाल थे उनके और उनकी सबसे ख़ास चीज़ थी उनके रसीले होंठो का तिल, जिसे सोच-सोच कर मई मूठ मारता था.
अब आप समझ ही गये होंगे, की इस उमर मे भी वो किस तरह की दिखती होंगी. ऐसा लगता था मानो कोई अप्सरा इस धृती पे आई हो. अगर कभी वो फिल्म इंडस्ट्री मे जाती, तो आज शायद वो एक उबरती हुई आक्ट्रेस बन जाती. खैर मई अपनी कहानी शुरू करता हू.
वैसे तो हम बहुत टाइम से पड़ोसी थे. लेकिन हमारी जॉइंट फॅमिली थी और इसी वजह मई कभी उनसे इतना खुल के बात नही कर पाता था. हालाँकि वो कभी-कभी मेरी मम्मी को कह कर मुझसे बेज़ार का समान मँगवाती थी और मई ला कर दे देता था.
जब लॉक्कडोवन् शुरू हुआ, तो सब के लिए समान लाना बहुत मुश्किल था. उस वक़्त उन्होने मुझे घर पे बुलाया और कहा-
सोफीया भाभी: इस लॉक्कडोवन् मे हम कही बाहर नही जेया सकते. अगर कभी तुम बेज़ार गये कुछ समान लाने के लिए, तो हमे इनफॉर्म ज़रूर करना.
क्यूंकी वो सिर्फ़ अपने सास और ससुर के साथ ही रहती थी और उनके घर समान लाने के लिए कोई नही था. तो पड़ोसी होने की वजह से उन्होने मेरी हेल्प माँगी थी. और मैने भी हा कर दी थी. हालाँकि मुझे उनपे पहले से ही क्रश था, लेकिन कभी मौका नही मिला था, की मई उन्हे ये सब बता साकु.
लेकिन इस बार उन्होने खुद ही अपना व्हातसपप नंबर भी दे दिया, ताकि कभी बेज़ार जौ, तो उन्हे इनफॉर्म कर साकु. फिर ऐसे ही लॉक्कडोवन् के 2 महीने गुज़र गये. एक दिन भाभी ने मुझसे कहा-
सोफीया भाभी: मुझे पद चाहिए.
और ये कहने मे वो बहुत शर्मा रही थी. फिर मैने उनसे कहा-
मई: भाभी ये सब आम बात है. आप चिंता मत कीजिए, मई मेडिकल से ले आता हू. उस टाइम मेडिकल सारा दिन खुला नही रहता था, तो मई सुबा-सुबा ही चला गया. लेकिन उन्हे वो पद देना मुझे याद नही रहा और वो पद मेरी बिके पे ही रह गया.
फिर दोपहर मे उन्होने मुझे मेसेज किया-
सोफीया भाभी: मेरा पद कहा है?
तब मई टूरनत उनके घर पद देने चला गया. फिर जैसे ही मई उनके घर पहुँचा, तो उस वक़्त वो निघट्य मे थी. शायद उन्होने ब्रा नही पहनी थी और इसी वजह से उनके बूब्स उभर कर दिख रहे थे.
फिर उसी वक़्त मेरा लंड पंत मे ही खड़ा हो गया और शायद उन्होने भी मेरे लंड को नोटीस किया और मुस्कुरा कर चली गयी. उसके बाद मई सीधा घर वापस आ गया.
दूसरे दिन मई अपने फ़्रेंड के साथ चाटिंग कर रहा था. तभी मेरे एक दोस्त ने एक वल्गर मेसेज किया और वो मेसेज मुझे अपने दूसरे दोस्त को भेजना था. लेकिन ग़लती से वो मेसेज भाभी को चला गया और मैने भी गौर नही किया. फिर उसी वक़्त उनका रिप्लाइ आया-
सोफीया भाभी: रिज़्ज़, ये क्या बदतमीज़ी है! ऐसा गंदा मेसेज मुझे क्यू भेजा तुमने?
उनका मेसेज पढ़ कर मई दर्र गया और कहा-
मई: भाभी ये मई आपके लिए नही, अपने दोस्त के लिए भेजने वाला था. ग़लती से आप को चला गया. ई आम सॉरी प्लेसाए. और ये मेसेज डेलीट कर दीजिए.
सोफीया भाभी (गुस्से से): तुम दोस्त लोग ऐसी गंदी बाते करते हो ? रूको मई तुम्हारी मम्मी को बताती हू.
भाभी की ये बात सुन कर मई दर्र गया और सोचा, की अगर ये सब वो घर पे बता देंगी, तो घर पर मेरी इज़्ज़त का क्या होगा. फिर उसी वक़्त मैने भाभी से कहा-
मई: सॉरी भाभी, मुझे माफ़ कर दीजिए. आयेज से ऐसा कभी नही होगा और आप जो भी कहोंगी, मई वो करूँगा.
सोफीया भाभी: अछा? मई जो भी कहुगी, वो तुम करोगे?
और मैने इस्पे हा कर दी.
सोफीया भाभी: अछा एक बात बताओ. जब तुम कल पद देने आए थे, तो तुम्हारा पप्पू( लंड) क्यू खड़ा हो गया था?
ये सुन कर मई शॉक मे आ गया और सोचा, की अब क्या जवाब डू. फिर मैने उनसे कहा-
मई: ऐसा कुछ नही है भाभी. वो कभी-कभी खड़ा हो जाता है.
सोफीया भाभी: कल मेरे बूब्स देख कर खड़ा हो गया था ना ?
उस टाइम मैने सोचा , की भाभी अकेली रहती थी और उनको सेक्स की बहुत भूक होगी और वो सिर्फ़ नाटक कर रही थी. फिर मैने कहा-
मई: हा भाभी, आप हो ही इतनी सुंदर, की कल आपको देख के मेरा खड़ा हो गया था.
सोफीया भाभी: अछा? मई तुम्हे इतनी अची लगती हू?
मई: भाभी मुझे ही क्या, यहा तो सारे मोहल्ले वाले आपके दीवाने है और उन दीवानो मे मई भी एक शामिल हू.
ये सुन कर भाभी मुस्कुराइ और कहने लगी-
सोफीया भाभी: वो तो मई जानती हू, की सारे मोहल्ले वाले मुझे गंदी नज़र से देखते है. क्या तुम भी मुझे उसी नज़र से देखते हो?
मई: नही भाभी, मई आपको उस नज़र से नही, बल्कि प्यार भारी नज़रो से देखता हू. क्यूंकी आप हो ही इतनी सुंदर.
सोफीया भाभी: तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नही है क्या?
मई: नही भाभी, आज तक कोई आप जैसी मिली ही नही.
सोफीया भाभी: तो फिर तुम अपने आप को शांत कैसे करते हो?
मई: क्या करू भाभी, पॉर्न वीडियो देख कर मूठ मार लेता हू.
सोफीया भाभी: अछा तुम्हारे पास पॉर्न वीडियो है?
मई: हा बहुत सारी. क्यू आपको देखनी है ?
सोफीया भाभी: नही, मई तो ऐसे ही पूच रही थी.
मई: अगर कभी आपको पॉर्न वीडियो चाहिए हो, तो आप मुझे बता सकती है. और एक बात पूचु, आप बुरा तो नही मानेंगी?
सोफीया भाभी: नही मानती, पूछो.
मई: आप अपने अप को कैसे शांत करती हो?
सोफीया भाभी : जैसे तुम अपने आप को करते हो, वैसे ही मई अपने आप को करती हू.
मई: उंगली से?
सोफीया भाभी: उंगली से मज़ा नही आता. मेरा पास डिल्डो है.
मई: मुझे वो देखना है.
सोफीया भाभी: नही.
मई: भाभी प्लीज़.
आयेज की स्टोरी अगले भाग मे.