तो चलिए आयेज बढ़ते है मेरे हवस से भरे दोस्तों. आपने अभी तक की स्टोरी में पढ़ा की कैसे जेथलाल माधवी को छोड़ता है रंडी बना कर. अब आयेज की स्टोरी में देखिए क्या-क्या होने वाला है. अब इस स्टोरी में तोड़ा सा ट्विस्ट है जैसे की अब माधवी की साथ सोनू को भी रंडी बना के छोड़ा जाएगा. तो शुरू करते है ‘मीया खलीफा’ का नाम लेकर.
तो जैसे की भिड़े अपने घर आता है, और माधवी की गांद देख के समझ जाता है की माधवी को किसी ने बहुत छोड़ा था. लेकिन भिड़े कुछ नही बोलता, और अपना काम करने लगता है. अब अगली सुबा भिड़े उठता है, तो माधवी सो रही होती है.
तभी भिड़े माधवी की निघट्य के उपर से उसकी गांद ध्यान से देखता है. इससे उसका खड़ा होने लगता है. तभी माधवी करवट बदलती है, और देखती है की टाइम कितना हो रहा था. फिर वो उठ के नहाने चली जाती है. जब वो जेया रही होती है, तब गांद बहुत उछाल रही होती है. इससे भिड़े को अब कन्फर्म हो गया था.
अब भिड़े अपनी टेबल में बैठ के बच्चो के पेपर चेक कर रहा था. तभी माधवी छाई लेकर आती है, और बोलती है-
माधवी: आओ छाई लेलो.
तब भिड़े बोलता है: वही रख दो.
तभी सोनू अंदर से आती है, और सोनू ने शॉर्ट ड्रेस पहनी थी ब्लॅक कलर की. अब माधवी अंदर चली गयी थी, और सोनू बाहर आ गयी थी. सोनू आपने बाबा के पास मतलब भिड़े के पास खड़ी होती है. भिड़े ने सोनू को बहुत चोदा था गोन ले जेया कर.
वो आके बोलती है: बाबा अपन को गोन में कितना मज़ा आया.
तभी भिड़े खड़ा होता है, और जाके अपने घर का मैं डोर बंद कर देता है.
तो सोनू पूछती है: बाबा डोर क्यूँ बंद कर दिया?
भिड़े सीधा अंदर आके सोनू को पीछे से गले लगा के फिर हग करता है, और सोनू के बूब्स दबाने लगता है.
वो बोलता है: आज मैं तुझे बहुत छोड़ूँगा.
तो सोनू बोलती है: बाबा आपने मुझे लगातार 15 दिन दरवाज़ा बंद करके गोन में छोड़ा है.
भिड़े बोलता है: तुम चुप रहो.
और फिर भिड़े उसकी ओनेपीएसए ड्रेस निकाल देता है, और ब्रा पनटी में ले आ कर उसके बूब्स दबाता है ज़ोर-ज़ोर से. वो उसकी कामुक आवाज़े निकळवता है. तभी उसकी पनटी भी फाड़ देता है, और उसकी गांद में अपना लंड फ़ससा देता है.
अब भिड़े का लंड सोनू की गांद में फ़ससा हुआ था, और सोनू बहुत ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ निकाल रही थी. तभी भिड़े ज़ोर से धक्का देकर सोनू की गांद छोड़ने लगता है, और सोनू को गाली देता है.
भिड़े: तू छिनाल की लड़की है.
क्यूंकी ये सब करके वो माधवी पर अपना गुस्सा उतारने की कोशिश कर रहा था. तभी माधवी को अंदर आवाज़ आती है और माधवी हॉल में आती है अपनी बड़ी मोटी सी गांद लेकर.
वो भिड़े को देखती है और बोलती है: बस कर दे मदारचोड़, कितना छोड़ेगा अपनी बेटी को रंडी-बाज़?
तो भिड़े इग्नोर करके सोनू को सोफा में घोड़ी बना के छोड़ने लगता है. सोनू कुछ नही बोल रही होती है, और भिड़े सोनू को बहुत ज़ोर-ज़ोर से छोड़ते जेया रहा था. तभी माधवी ने भिड़े को खींचा और उसके लंड को हाथ में पकड़ कर बोली-
माधवी: मदारचोड़ सुन, अगर तेरे को सिर्फ़ छोड़ना रहता है, तो गोन से क्यूँ आया? वही पे अपनी रंडी लड़की को छोड़ते रहता ना. वैसे भी मुझे तो रंडी बना ही दिया है. इतनी बड़ी गांद बना दी मेरी रोज़-रोज़ छोड़-छोड़ के.
तभी भिड़े बोलता है: क्या पता मेरे छोड़ने से हुई है की मेरे पीछे भी कोई छोड़ता है.
तो माधवी को गुस्सा आ जाता है, और वो भिड़े के लंड को दबा के बोलती है-
माधवी: मैं रंडी नही हू. तूने जो छोड़-छोड़ के मेरी गांद का भोंसड़ा बनाया है, उसे देख के लोग मेरे को घर में छोड़ने आते है.
ये बोल के माधवी ने भिड़े के लंड पे थूक दिया. तो भिड़े ने इग्नोर कर दिया.
फिर माधवी बोलती है: तेरे जैसा मदारचोड़ इंसान मैने नही देखा है, जो दिन रात अपनी बीवी और बेटी को छोड़ता रहता हो, और तूने तो अपनी टुटीओन की लड़की तक को छोड़ा है, और उसकी मम्मी को भी मदारचोड़.
भिड़े चुप था, और सोनू नंगी सोफा में पड़ी थी.
तब माधवी बोलती है: तू और तेरी ये रंडी लड़की को यहा से लेकर चले जेया. गोन में रहना और वाहा पे ही दिन भर इसको छोड़ना.
अब भिड़े से सहन नही होता और वो माधवी के बाल खींचते हुए उसे अंदर ले जाता है, और बोलता है-
भिड़े: छिनाल रुक, तुझे बताता हू.
फिर वो माधवी को झुकता है, और उसकी बड़ी मोटी गांद में स्पॅंक पे स्पॅंक करता है. इससे उसकी गांद बहुत उछाल रही होती है. अब भिड़े ने माधवी की निघट्य फाड़ दी, और माधवी ने अंदर कुछ नही पहना था.
तभी भिड़े बोलता है: रंडी छिनाल, ऐसे रहती है कुटिया.
माधवी कुछ बोल नही पाती. तभी भिड़े उसके मूह में पूरा लंड तूस देता है, और बहुत ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगता है.
फिर वो बोलता है: तेरी मा छोड़ूँगा देख. जैसे तेरी मा रंडी थी ना, वैसे तू भी रंडी है. उसको भी गोन में सब ने छोड़ा हुआ है, और तू यहा सब से चुड रंडी साली.
ये बोल के भिड़े ने खींच के माधवी को घोड़ी बनाया, और गांद के च्छेद में अपना लंड तूस दिया. अब वो उसको छोड़ने लगा रंडी की तरह. माधवी की गांद बहुत उछाल रही थी, क्यूंकी बहुत बड़ी थी उसकी गांद.
अब माधवी को 2-3 घंटे छोड़ने के बाद भिड़े बोलता है: ऐसे ही तेरी मा को गोन में रंडी बनूंगा देखना गोन जाके.
तब माधवी को गुस्सा आ जाता है, और वो भिड़े के मूह पे थूक के बोलती है है-
माधवी: मदारचोड़!
और वो भिड़े को धक्का दे देती है. तो भिड़े नीचे गिर जाता है. तभी उसको जेथलाल का फोन आता है, तो वो बात करने लगता है. माधवी अपनी ब्रा-पनटी पहन के सारी पहनने चली जाती है. भिड़े पीछे देखता है तो माधवी नही दिखती. फिर वो माधवी को ढूंढता है छोड़ने के लिए, तो माधवी अंदर से तैयार होके बाहर आती है.
भिड़े उसके कपड़े फाड़ने ही वाला होता है, तभी सोसाइटी की औरतें माधवी को लेने उसके घर आ जाती है. माधवी सब के सामने भिड़े को बोलती है-
माधवी: वो तुम्हारा बाग पड़ा है. उसमे तुम्हारे और सोनू के कपड़े है. अभी निकल जाओ गोन के लिए.
तो भिड़े सभी औरतों की गांद देखता रहता है. आख़िर में अंजलि और माधवी खड़ी होती है. तभी भिड़े गुस्से में घर से निकल रहा होता है, तो माधवी की गांद बहुत ज़ोर से छाँटा मारता है, और सारी लॅडीस को बोलता है-
भिड़े: मुझे माधवी से 2 मिनिट काम है. आप लोग नीचे जाओ, मैं माधवी को भेजता हू.
तो सारी लॅडीस और सोनू नीचे चली जाती है. फिर भिड़े दरवाज़ा बंद करके माधवी की गांद में स्पॅंक मार के बोलता है-
भिड़े: रंडी देख अब तू कैसे तुझे आके बाताता हू. देख वाहा जाके तेरी बेटी और तेरी मा ( मतलब भिड़े की सास ) दोनो को कैसे रंडी बनूंगा, और छोड़ूँगा.
ये बोलते ही माधवी को धक्का मारता है जिससे माधवी सोफा पर बैठ जाती है. फिर माधवी की पूरी सारी उठा के चला जाता है, और माधवी अपनी सारी ठीक करके नीचे चली जाती है.
अब माधवी की गांद बहुत ज़्यादा बड़ी हो गयी थी, और भिड़े और सोनू वापस गोन के लिया निकल गये थे.
अब सोनू का गोन में जो होने वाला था, वो उसे नही पता था. इधर अब माधवी की गांद फटने वाली थी, क्यूंकी भिड़े फिर 15-20 दिन के लिया चला गया था. अब माधवी अपने घर जाती है, और अपने सारे कपड़े उतार के अपनी गांद ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगती है.
बाकी की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. अगर कहानी पसंद आई हो, तो प्लीज़ बहुत सारे कॉमेंट्स करो ताकि मैं जल्दी-जल्दी न्यू पार्ट्स लाउ, और आप उसे एंजाय कर पाओ.
तो बे कंटिन्यूड…