ही दोस्तों मेरा नाम रवि है. मैं पंजाब का रहने वाला हु. मेरी उम्र २२ साल है और हाइट ५’१०” है. रंग मेरा गोरा है और मैं अच्छा ख़ासा क्यूट हु. मेरी बॉडी फिट है और स्टैमिना भी अच्छा है.
ये कहानी ३ मीहने पहले की है. मैं मोगा में अपनी बुआ के घर रहने गया था. और वही पर मेरे और मेरी बुआ के बीच सेक्स हो गया. तो चलिए शुरू करते है कहानी को.
मेरी बुआ का नाम प्रीती है. वो ४६ साल की है और उनके २ बच्चे है. बच्चे उनके दिल्ली में पढ़ते है और घर पर सिर्फ बुआ और फूफा जी ही रहते है.
फूफा जी की ग्रोसरी शॉप है जो बहुत चलती है. इतने काम की वजह से वो सुबह से शाम तक शॉप पर ही रहते है. रात को भी उनका घर आने का कोई टाइम नहीं है.
मैं काफी सालों से बुआ के घर नहीं गया था. तो घरवालों ने मुझे उनके घर मिलने भेज दिया. जब मैं वह पहुंचा तो बुआ को देखता ही रह गया.
बुआ ने फिटिंग वाली लेग्गिंग और साथ में शर्ट पहना था. उनका फिगर ३६″ ३०″ ३८″ होगा. अब फिगर देख के तो आपको पता चल ही गया होगा की क्या पताका है बुआ मेरी. बुआ का रंग गोरा है और उनको खा जाने का दिल करता है.
फिर मैं अंदर गया और बुआ ने मुझे सोफे पर बिठाया. वो किचन में गयी और मेरे लिए कोल्डड्रिंक लेके आयी. कोल्डड्रिंक देने के लिए जब वो झुकी तो मुझे उनके बूब्स के दर्शन हो गए.
OMG! क्या मस्त बूब्स थे उनके. मेरा तो उनके बूब्स देख कर ही खड़ा हो गया. फिर मैं रूम में चला गया आराम करने. इतने सेक्सी माल को देख कर मुठ तो मारनी ही थी. फिर मैं मुठ मार कर सो गया.
२ घंटे बाद मैं उठा और रूम से बाहर आया. बुआ किचन में काम कर रही थी. पीछे से उनकी गांड कमाल की लग रही थी. मेरा तो दिल कर रहा था की मैं उनको पीछे से पकड़ लू लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था.
फिर मैं उनके पास जाके खड़ा हो गया और बाते करने लगा. मैं उनको ऊपर से नीचे देख रहा था और उनके जिस्म को अपनी आँखों से पी रहा था. तभी उन्होंने मुझे उनको देखते हुए देख लिया. फिर वो बोली-
बुआ: गर्लफ्रेंड है तेरी?
मैं: नहीं बुआ.
बुआ: क्यों?
मैं: मुझे काम ही लड़किया पसंद आती है. और जो आती है वो पहले से कमिटेड होती है.
बुआ: कैसी लड़किया पसंद आती है तुझे?
मैं: हरी भरी.
बुआ: ाचा जी. तो हरी भरी लड़किया पसंद है जनाब को. वैसे ऐसा क्यों?
मैं: जो मज़ा बड़ी चीज़ो में है वो छोटी में कहा.
ये सुन कर बुआ हसने लगी. फिर वो बोली-
बुआ: चल अब तू बैठ मैं कुछ खाने को लाती हु.
फिर रात को फूफा जी आये. कुछ देर बाद बुआ और फूफा के बीच झगड़ा होने लगा. बुआ जी उनको बोल रही थी की वो उनको टाइम नहीं देते. फिर बुआ जी रोने लग गयी और रूम से बाहर आ गयी.
मैं बाहर ही था तो मैंने उनको चुप कराया और अपने रूम में ले गया. फिर मैं बोलै-
मैं: बुआ जी आप इतनी ब्यूटीफुल हो. तब भी फूफा जी आपको टाइम नहीं देते. ये तो गलत बात है. अगर आप मेरी बीवी होती तो..
बुआ: तो क्या?
मैं: मैं आपको इतना प्यार करता की आप मुझसे दूर भागती.
बुआ: तो करो न फिर.
मैं: क्या?
बुआ: प्यार करना चाहते हो न? तो करो.
ये सुनते ही मैंने अपने होंठ बुआ के होंठो से चिपका दिए. मैं पागलो की तरह उनके होंठ चूसने लग गया. वो भी मेरा साथ दे रही थी. उन्होंने लेग्गिंग्स के साथ टी-शर्ट पहनी हुई थी.
मैंने कीस करते हुए बुआ के दोनों बूब्स दबाने शुरू कर दिए. इससे वो आहें भरने लगी. फिर मैं खड़ा हुआ और रूम का दरवाज़ा बंद कर दिया. बुआ भी कड़ी हो गयी. दरवाज़ा बंद होते ही बुआ ने मुझे जकड लिया.
हम दोनों फिरसे कीस करने लग गए. मैं साथ में उनकी गांड दबाने लग गया. क्या मोती और मुलायम गांड थी उनकी. फिर मैंने उनकी टी-शर्ट उतार दी. ब्रा में उनके बूब्स इतने बड़े लग रहे थे जैसे टॉप के गोले हो.
मैंने उनकी क्लीवेज को चूमना- चाटना शुरू कर दिया और ब्रा उतार दी. उनके पहाड़ जैसे बूब्स अब मेरे सामने थे. मैं बूब्स पर झपट पड़ा और पागलो की तरह उनको चूसने लग गया. वो मुझे अपनी आगोश में लेके आहें भर रही थी.
फिर मैंने बुआ को बीएड पर लिटाया और उनकी लेग्गिंग्स और पंतय उतार दी. वाह बेटे! क्या सेक्सी जाँघे थी. और जांघो के बीच की छूट के तो कहने ही क्या. मैंने अपना मुँह उनकी छूट पर रखा और उसकी खुशबु सूंघने लगा.
फिर मैंने उनकी जांघो को चूमा-छाता. क्या मज़ा आ रहा था यार. मैंने बुआ की छूट पर जीभ लगायी और उसको चाटने लग गया. बुआ मेरा सर अपनी छूट में दबा रही थी. वो मस्ती भरी आहें भर रही थी.
फिर मैंने अपने सारे कपडे उतार दिए. कपडे उतारते ही मेरा ७.५ इंच का लुंड उछाल कर बाहर आ गया. बुआ की आँखें मेरा लुंड देख कर चमक उठी. फिर मैंने उनकी टाँगे खोली और अपना लुंड उनकी छूट पर सेट किया.
इससे पहले वो कुछ सोच पाती मैंने एक ज़ोर का झटका मारा. बुआ की चीख निकली और मुझे उनकी छूट की गर्मी का एहसास हुआ. चीख ब्लॉक करने के लिए मैंने अपने लिप्स उनके लिप्स से जोड़ दिए.
फिर मैं ताबड़-तोड़ धक्के देने लगा. बुआ की आँखों में पानी आ गया और वो मेरी पीठ खरोचने लगी. शुरू-शुरू में उनको दर्द हुआ लेकिन फिर उनको मज़ा आने लगा. अब बुआ मुझे अपनी तरफ खींच रही थी.
बुआ ने अपनी टाँगे मेरी कमर पर लपेट ली और मुझे अपने बूब्स चुसवा रही थी. १५ मिनट मैं ऐसे ही बुआ को छोड़ता रहा. उसके बाद मैंने ऑह अहह करके अपना माल उनकी छूट में ही रिलीज़ कर दिया.
कुछ देर मैं बुआ के ऊपर ही लेता रहा. ५ मिनट हम दोनों कीस करते रहे और मेरा लुंड फिरसे खड़ा हो गया. मैंने बुआ को डोगग्य पोजीशन में आने को कहा. बुआ भी जल्दी से कुटिया बन गयी.
फिर मैंने पीछे से लुंड बुआ की छूट में दाल दिया. बुआ की गांड देख कर मेरा लुंड और सख्त हो गया था. अब मैं ज़ोर-ज़ोर से बुआ की छूट में धक्के देने लगा. मेरे जांघो और बुआ की गांड के टकराने से थप-थप की आवाज़े आ रही थी.
मुझे स्वर्ग का मज़ा आ रहा था. एक बार माल निकलने की वजह से दूसरी बार काफी टाइम लग रहा था. बुआ की गांड तो लाजवाब थी. मैंने उनकी गांड को थप्पड़ मार कर लाल कर दिया था.
फिर मैं झड़ने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. ५ मिनट बाद मैंने फिरसे बुआ की छूट को अपने माल से भर दिया.
उस रात हमने ३ बार और चुदाई की. सुबह बुआ बहुत खुश लग रही थी. उस दिन के बाद से मेरा जब दिल चाहे मैं बुआ को छोड़ता हु.
तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी अछि लगी हो तो लिखे और कमेंट ज़रूर करे.