हेलो दोस्तो मेरी पिछली स्टोरी मेरे दो प्यारे भंजो के बारे में थी. अगर अपने वो स्टोरी नही परही तो ज़रूर परहिय.
आज की स्टोरी मेरी बेहन यानी मेरे दो भंजो की मा के बारे में है. अब पिछली स्टोरी में आप पारह चुके होगे केसे मैने अपने 2 भंजों को छोड़ा. और में उंगली डेली गांद मारता था. वो भी मज़े से गांद मरवाते थे और मेरे लंड के मज़े लेते थे.
में अपने भंजों को छोड़ने में खुश था मुझे क्या पता था के मुझे बेहन के भी मज़े लेने का मोक़ा मिलेगा. हुआ कुछ यूँ के मेरे जीजा जी बिज़्नेस ट्रिप पे निकल गये. और उन दीनो हुआ कुछ यूँ के असद और अरबाब दोनो ने क्रिकेट की अकॅडमी जाय्न करली.
अब वो दोनो घर पे रोज़ 8-9 बजे तक आते थे. मतलब में और बहना तकरीबन पूरा दिन अकेले होते थे. अब मेरी बेहन का फिगर बहोट टाइट था. 36-28-36 का फिगर था. बहोट गोरा और स्मूद जिस्म था. दिखने में बिल्कुल पोर्नस्तर लगती थी.
एक दिन हुआ कुछ यूँ के बेहन फोन किसी से चाटिंग कर रही थी. वो काफ़ी खुश खुश दिख रही थी. मुझे लगा शायद जीजा से बात कर रही है. फिर वो नहाने के लिए उठी और अपना फोन बाहर लाउंज में ही रख गयी.
अब मेरे अंदर कीरा जागा और मैने उसका फोन उठाया. फोन पे लॉक था लेकिन उसका पासवर्ड असद की बर्तडे थी. मैने उसके फोन के अंदर देखना शुरू हुआ तो हेरान हो गया.
उसके फोन में पॉर्न वीडियोस भारी पारी थी. और पता नही किस किस के लंड की पिक्स वगेरा. मेसेजस देखे तो काफ़ी मर्दों से चाटिंग कर रही थी. रीसेंट्ली वो किसी इंग्लेंड के आदमी से बात कर रही थी और उससे अपने बूब्स और छूट की पिक्स भेजी थी. उस बंदे ने भी अपने लंड की पिक्स भेजी थी.
में फोन में ये सब देख ही रहा था के मेरी बेहन बाहर आगाई वॉशरूम से और मेरे हाथ में फोन देखा. उसने जिस्म पे टवल लपेटा हुआ था. वो दर गयी और भागके आई और मुझसे फोन चीन लिया. में भी गुस्सा हुआ और उससे पूछने लगा के वो ये क्या कर रही थी.
बेहन: भाई प्लीज़ आप किसी को ना बताओ ये सब वरना मेरी शादी टूट जाएगी.
मे: तो ये काम क्यूँ कर रही है?
बेहन: भाई में कसम खा के बोलती हूँ के किसी से नही मिली बस चाटिंग की हद तक.
मे: लेकिन इस हद तक भी क्यूँ?
बेहन फिर रोने लग गयी और मुझे तोरा दया आया और में उससे तोरा प्यार किया और उसका रोना बंद करवाया.
बेहन ने फिर मुझे खुलके बताया के जीजा उसके साथ सेक्स नही करता. बलके वो तो कह रही थी जबसे शादी हुई है जीजा ने 4-5 बार ही किया है. और दूसरे बेटे होने के बाद तो टच तक नही किया.
फिर मुझे तोरा समाज आया के बेहन ने सेक्षटिंग क्यूँ की अंजान मर्दों से. बेहन को मैने समझाया के ऐसा उससे नही करना चाहिए कल अगर पकारी गयी तो मसला होगा उसके लिए. बेहन अभी भी मेरे सामने टवल में बेती थी. और उससे इस हालत में देख के मेरा लंड भी टाइट हो रहा था.
मे: देखो में समाज सकता हूँ..तुम या तो डाइवोर्स लेलो जीजा से.
बेहन: वो में नही कर सकती मेरे 2 बचे हैं.
मे: फिर तुम क्या बेती मूह मरोगे इधर उधर?
बेहन: मुझे नही पता लेकिन में कर भी क्या सकती हो आख़िर मेरा भी हक़ है सेक्स का.
मे: अब ऐसा तो है नही के कोई तुम्हे खुश करे और जीजा को भी पता ना चले.
बेहन: भाई तो में क्या करूँ?
मे: चाहो तो में कुछ करसकता हूँ.
बेहन: आप क्या करोगे?
मे: में अपनी बेहन को खुश करूँगा और किसी को पता भी नही चलेगा.
बेहन: लेकिन भाई.. आपके साथ???
बेहन अभी सोच में पर गयी थी. मैने अपना हाथ उसकी थाइ पे रखा और आहिस्ता आहिस्ता उसकी छूट तक ले गया. उसकी छूट बिल्कुल सॉफ थी और गीली होने लगी थी.
मैने उसका टवल खोला और उससे सोफे पे लेता दिया. मैने शर्ट उतरी अपनी और उसके उपर आ गया. हम दोनो के चेस्ट आपस में टच होरहे थे. मैने उससे किस करने लगा और छूट को रब करने लगा. वो अब मदहोश होचुकी थी.
फिर मैने उसकी छूट में फिंगरिंग करना शुरू करदी और वो तो इतनी हॉर्नी थी 2 मिन्स में झाड़ गयी. मैने काफ़ी देर किस्सिंग के बाद उसके बूब्स चूसने लगा. चूस चूस के उसके बूब्स लाल कारडीए. वो अभी आ ऊफ़ जेसी आवाज़ें निकल रही थी.
काफ़ी देर बूब्स का मज़ा लेने के बाद में उसकी सॉफ पिंक छूट की तरफ गया. वो पहले से ही एक बार झाड़ गयी थी. मैने अपने होन्ट उसकी छूट पे रखे तो बेहन ने ज़ोर से सिसकियाँ ली.
बेहन: ऊवू भाई उफ़फ्फ़,,,
मैने उसकी छूट को जानवरों की तरहा छाता. उसकी छूट फाउंटन की तरहा बह रही थी. उसकी मोनिंग की आवाज़ पूरे घर में गूँज रही थी. में भी अब पागल हो गया था. मैने उससे उठाया और बेडरूम में ले गया. मैने अपनी पंत उतरी और अपना टाइट लंड उसके सामने रखा.
बेहन: भाई ये क्या है…
मे: ये मेरा लंड है आओ चूसो.
बेहन: नही भाई ये बहोट बरा है… उसका तो इससे आधे साइज़ का भी नही.
मैने बेहन को बालों से पकड़ा और लंड उसके मूह में घुसा दिया. मैने उसका मूह छोड़ने लगा. वो मेरा लंड बर्दाश्त ही नही कर पा रही थी लेकिन में ज़बरदस्ती उसके गले तक लंड घुसा रहा था. मैने लंड निकाला तो वो खाँसने लग गयी. फिर मैने बेहन को फेंका और टाँगें उठा दी और अपना लंड उसकी छूट पे सेट किया.
बेहन: भाई प्लीज़… ये फार देगा मेरी छूट.. प्लीज़ रुक जाओ…
मैने उसकी एक ना सुन्नी और एक ज़ोरदार झटके से आधा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. वो छिला पारी. दूसरे झटके में पूरा लंड घुसा दिया. मुझे तो ऐसा लगा के वर्जिन छूट है उसकी.
बेहन: बहनचोड़… आ… दर्द हो रहा है निकल..
मैने उसके हाथ पाखारे और किस कार्डिया. मैने फिर आहिस्ता आहिस्ता लंड अंदर बाहर करने लगा. शुरू के 10 मिन्स उससे दर्द ज़रूर हुआ लेकिन फिर उससे मज़ा भी आने लगा. उसने मुझे टाइट्ली पाकर लिया और अब मज़े से छुड़वा रही थी. मैने भी स्पीड तेज़ की और स्पीड से उससे छोड़ना शुरू किया.
बेहन: और तेज़.. अया मज़ा आ रहा है और तेज़ और तेज़ में झड़ने वाली हूँ बस निकल गयी अयाया
मे: मज़ा आया?
बेहन: हन अफ आई मज़ा आया अब प्लीज़ निकालो बाहर..
मे: में अभी फारिघ् नही हुआ
बेहन: भाई प्लीज़ मेरी छूट अब दर्द कर रही है
मे: चल फिर चूस्के फारिघ् कर मुझे
फिर वो मेरा लंड चूसने लग गयी. 15 मिन्स तक उसने लंड चूसा फिर.
बेहन: भाई में अनल भी ट्राइ करना चाहती हूँ.
मे: अफ बहना तुम तो मुझे खुश कर रही हो. में हमेशा से तुम्हारे रसीली गांद के मज़े लेना चाहता था.
में बातरूम से आयिल लेके आया और बेहन की गांद पे लगाया. फिर मैने अपने लंड पे आयिल लगया और उसकी गांद पे सेट किया. मैने आहिस्ता आहिस्ता उसकी गांद में लंड डालने लगा. उसकी गांद बहोट टाइट थी लंड घुस ही नही रहा था. लेकिन फिर मेरा टोपा घुसा और बेहन उछाल पारी. लेकिन मैने उसकी वेस्ट टाइट्ली पाकर ली.
मैने आहिस्ता आहिस्ता लंड घुसने लगा और जब वो दर्द बर्दाश्त ना कर पाती में उससे रेस्ट देता. आहिस्ता आहिस्ता करके मैने पूरा लंड उसकी गांद में दल्दिया. फिर जब वो सेट हो गयी तो मैने उसकी गांद की ठुकाई शुरू करदी. मैने ज़ोर ज़ोर से झटके दिए और अपना हाथ उसकी छूट पे लेगया. मैने उसकी छूट की फिंगरिंग भी शुरू करदी. उसके गांद में मेरा लंड था और छूट में 2 उंगलियाँ.
बेहन तो मज़े से पागल हो गयी. 15 मिन्स की धाँडहार चुदाई के बाद में भी झड़ने वाला था और में उसकी गांद में डीप जाके अपना पूरा माल निकल दिया. फिर मैने बेहन को लेता दिया और स्पीड से उसकी छूट की फिंगरिंग की. वो काँपने लग गयी और छीलाने लगी.
बेहन: चोरो बहनचोड़ में और नही झाड़ सकती..!
लेकिन मैने स्पीड से फिंगरिंग कंटिन्यू रखी. बेहन ने कुछ मिन्स बाद ज़ोर से अया किया और उसकी छूट से फाउंटन शुरू हो गया. मैने बेहन को स्क्वर्ट करवा दिया. बेहन बहोट तक गयी. में बेहन के साथ लेट गया और उससे हग कर लिया.
बेहन: बहोट बरा बहनचोड़ है तू!
मे: बहन को छोड़ने वाला बेंचोड़ ही होता है हहा… ये बता मज़ा आया?
बेहन: बहोट मज़ा आया भाई काश मैने तुझसे शादी कर पाती.
मे: आज से तू मेरी बीवी ही है… तुझे बहोट छोड़ूँगा!
बेहन: अफ ई लोवे उ भाई.
में और बेहन फिर नहा धो के बेत गये. रात को असद और अरबाब की भी गांद मारी. मेरी डेली रुटीन बन गयी थी. दिन में बेहन की पलंग तोड़ चुदाई करता था और रात को भांजों की.