हेलो मेरा नाम अदिति है, और मैं देल्ही मे जॉब करती हूँ. ये मेरी पहली कहानी है, अगर मुझसे कोई भी ग़लती हो जाए तो मुझे माफ़ करना.
मैं इंटरनेट पर हिन्दी सेक्सी स्टोरी बहोट टाइम से पढ़ रही हू, और पहले मैं ये सब स्टोरी को फेक मनती थी और सोचती की ये सब केसे हो स्कता है.
पर जब ऐसा मेरा साथ हुआ, तो मैने सोचा क्यो ना मैं भी अपना ये एक्षपिरेँसे आप सब के साथ शेर करूँ.
अब ज़्यादा बोर ना करते हुए, मैं सीधे अपनी कहानी पर आती हूँ. पर पहले मैं स्टोरी के कॅरक्टर के बारे मे बात करते है, सब का नाम इमॅजिनरी है.
मेरे परिवार मे 8 मेंबर है, मम्मी पापा बड़े भाईया अरविंद मेरी भाभी प्रिया, और बड़ी दीदी ज्योति. मेरे जीजू शालेंद्रा, मेरा भाई अमित और मैं.
अरविंद भाईया बंगलोरे मे रहते है और प्रिया भाभी भी उनके साथ ही रहती है. प्रिया भाभी की उमर 22 सा है, और उनका फिगर साइज़ 34-32-36 और उनकी हाइट 5’6 है और वो एक हाउसवाइफ है.
ज्योति दीदी की उमर 30 साल है और उनका फिगर साइज़ 34-30-36 है. वो गुरगाओं मे रहती है अपने पति के साथ और वो जॉब करती है.
मैं अदिति हूँ और मेरी उमर 25 साल है, और मेरा फिगर साइज़ 32-30-32 है. मेरी हाइट 5’5 है और मैं एक नॉर्मल लड़की हूँ. मैं देल्ही मे ही जॉब करती हूँ.
चल अब ज़्यादा बोर ना कटे हुए मैं सीधे ही अपनी स्टोरी पर आती हूँ.
मेरे भाई अमित की शादी थी, तो हम सब घर गये. घर मे सब बहोट ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड थे और मेरे भाई अमित के दोस्त भी आए हुए थे.
भाई के सब फ्रेंड्स रिश्ते मे ही आ गये थे, पर शादी के लिए सिर्फ़ दो ही रुके थे विकास और प्रतिभा. रिश्ते और शादी मे 5 दिन का टाइम था.
रिश्ते के दिन की बात है, भाई के फ्रेंड्स सब पार्टी कर रहे थे और वो सब खुश भी थे. सारा फंक्षन बहोट आचे से निकाला और मैं भी भाई के फ्रेंड्स के साथ ही एंजाय कर रही थी.
अकटुल्ली वो सब ड्रिंक कर रहे थे और मैं भी तोड़ा पीटी हूँ. तो मैं उनके साथ ही एंजाय कर रही थी, मेरे ड्रिंक करने की बात मम्मी पापा को छ्चोड़ कर सब को पता थी.
फंक्षन के बाद सब घर आने लग गये, मेरे भाई के दोस्त विकास और प्रतिभा ही हुमारे साथ वापिस घर आए थे. आते हुए जब हम जिस कार से आ रहे थे, तो मैं पीछे विंडो साइड पर बैठी थी.
बीच मे विकास और दूसरी तरफ प्रतिभा बैठी थी. कार जीजू चला रहे थे और उनके साथ दीदी बैठी हुई थी. हम सब नशे मे थे और हम वापिस आ रहे थे.
कार मे पीछे ही विकास और प्रतिभा आपस मे किस करने लग गये और मैं उन्हे देखने लग गयी. ये सब जीजू ने रियर व्यू मिरर मे से देख लिया था, और उन्होने दीदी को इशारा कर दिया की तुम भी पीछे देखो.
अब जीजू हंस रहे थे और दीदी शर्मा रही थी. ये सब देख कर मुझे भी अछा लग रहा था, मेरे मॅन मे अब कुछ हलचल सी हो रही थी. अब मेरे हाथ अपने आप विकास की थाइस को सहलाने लग गये.
उसने ये बात नोटीस करी और मुझे रोका नही और उसका भी एक हाथ मेरी थाइस को सहलाने लग गया. मुझे भी बहोट अछा लग रहा था, और मुझे नशा भी था.
इसलिए मुझे मज़ा आ रहा था, मैने अपनी आँखें बंद करी और विकास के हाथ को फील करने लग गयी. मैने लहनगा पहना हुआ था, तो विकास का हाथ अब उपेर की और बढ़ने लग गया.
वो एक हाथ से मेरी थाइस को सहला रहा था, तो अब धीरे धीरे वो उपेर आते हुए मेरे बूब्स को सहलाने लग गये. वो अपने दूसरे हाथ से प्रतिभा के बूब्स को भी सहला रहा था.
अचानक से जीजी ने ब्रेक लगा दिया और हम तीनो होश मे आए, और ढंग से बैठ गये. अब हम तीनो के मान मे हलचल हो रही थी, और तीनो शरम रहे थे.
फिर हम घर आ गये, विकास के कार वेल इन्सिडेंट से मैं काफ़ी एग्ज़ाइटेड हो गयी थी. अब मेरे मान मे बहोट हलचल हो रही थी, की अब ना जाने आयेज क्या हॉग.
सब आ चुके थे और हुमारी कार सबसे लास्ट मे आई थी. तो मम्मी पापा अपने रूम मे सो रहे थे. अरविंद भाईया अमित भाई और विकास एक रूम मे जीजू दीदी के साथ सो रहे थे.
मैं प्रतिभा और प्रिया भाभी के रूम मे सो रहे थे. मैं इन सब मे प्रतिभा के बारे मे ब्ताना आप को भूल गयी. प्रतिभा का फिगर मी जेसे ही था, 32-30-34 और उसकी हाइट भी 5’5 थी.
बेड के एक तरफ प्रिया भाभी बीच मे मैं और साइड मे प्रतिभा सो रही थी. भाभी तो आते ही सो गयी थी, पर मेरे मान मे अभी भी कार वाला इन्सिडेंट चल रहा था.
मैं चाहती थी की वो सफ़र कभी रुके ही ना, वो कितना अछा लग रहा था. जब विकास मेरी थाइस को सहला रहा था, और सहलाते सहलाते जब उसका हाथ उपेर की तरफ बढ़ने लग गया.
मुझे तो बस मज़ा आ रहा था, इतना सब सोचते सोचते कब मेरा हाथ मेरी थाइस के बीच मे चला गया. ये मुझे खुद पता नही चला, और मुझे अब नींद ख़ान आने वाली थी.
फिर मैं बेड से उठ कर किचन मे पानी पीने के लिए गयी, मैं पानी पी कर जब वापिस आ रही थी. तभी मुझे दीदी के रूम से कुछ आवाज़ें सुनाई देने लगी.
मैं दीदी के रूम की तरफ देखने गयी, की आख़िर क्या हो रहा है. मैं उनके रूम के बाहर गयी तो दरवजन बंद था, तो मैं व्हन कान लगा कर सुनने लग ई.
तब मुझे दीदी के छीलाने की आवाज़ आई, शायद अंदर विन चल रहा था. अब इससे मैं और भी ज़्यादा उततेज़ीत हो गयी. उनकी आवाज़ सुन कर मेरा हाथ अपने आप मेरी लोवर मे चला गया.
अब अपने आप छूट को राडगने लग गयी, और साथ ही अंदर से आ रही आवाज़ को सुनने लग गयी. तभी अचानक से मुझे किसी ने टच किया, तो मैं एक दम से दर गयी की आज मुझे किसी ने पकड़ लिया है.
पर वो और कोई नही विकास था, और शायद वो भी पानी पीने आया होगा पर वो मुझे देख कर रुक गया. वो मुझे देख कर सिर्फ़ मुस्कुरा रहा था.
मैं भी अब शरम से लाल हो गयी थी, और मैं दर रही थी की ये बात वो मेरे भाई को ना बीटीये दे. मैं इतना सोच ही रही थी, उसने तभी अपने होंठ मेरे होंठो पर लगा दिए.
पहले मैं हैरान हुई पर फिर मैने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया और मैं उसे चूमने लग गयी. उसका एक हाथ मेरे बूब्स को मसल रहा था.
फिर मुझे होश आय तो मैं व्हन से भाग गयी, और वो व्हन खड़ा मुस्कुरा रहा था. मैं भाग कर सीधे अपने रूम मे गयी, और आज मैं अपने रूम का डोर लॉक करके सो गयी.
दोस्तो ये तो सिर्फ़ शुरुवत थी, आयेज क्या और कैसे हुआ. ये मैं आपको इस कहानी के नेक्स्ट पार्ट मे बटूँगी.