पिछला भाग पढ़े:- रात में मा ने, और दिन में दीदी ने जन्नत दिखाई-3
एक रात पूरी सोसाइटी की एलेक्ट्रिसिटी ऑफ हो गयी, और उस रात मैने अपनी मा को पहली बार छोड़ा. 2 रौंद की चुदाई के बाद खुश हो कर मा ने कहा, की बहुत जल्दी मेरी दीदी भी मुझसे चुडवाएगी.
मा को 2 बार छोड़ कर मैं अनिल अपने रूम में आ कर सो गया. सुबा काँटा ने ही मुझे उठाया.
काँटा: बहुत बड़े बेवकूफ़ हो तुम. कितनी मुस्किल से उस कुटिया को तैयार किया था उस रूम में सोने के लिए, और तू यहा है
मैं: मेरी प्यारी काँटा, कल्पना और बाबू जी की चुदाई देखने के बाद मैं उस रूम में गया था. बहुत देर तक नॉक किया, लेकिन किसी ने दरवाज़ा नही खोला? लेकिन तुमने किस कुटिया को मुझसे छुड़वाने के लिए तैयार किया था?
मेरी बात का जवाब दिए बिना काँटा चली गयी. फ्रेश हो कर बाहर आया तो देखा की लिविंग रूम में बाबू जी पेपर पढ़ रहे थे, और थोड़ी ही डोर पर अनिता कोई मॅगज़ीन पढ़ रही थी. एलेक्ट्रिसिटी रेज़्यूमे हो गयी थी. मैं बाबू जी के बगल में बैठा. मैने धीरे से उनका एक हाथ पकड़ लिया.
बाबू जी: क्या हुआ अनिल, क्या बात है? बहुत उदास दीख रहे हो?
मैने अनिता की तरफ देखा, तो वो मॅगज़ीन पढ़ने में बिज़ी थी.
मैं: बाबू जी, पिछली रात टेरेस पर कल्पना ने मेरे और दीदी के बारे में जो भी कुछ कहा, सब झूठ कहा. मैने अभी तक अपनी दीदी को हाथ भी नही लगाया है. मैने दीदी को कभी नही छोड़ा है. मैं भी आप की ही तरह दोनो काँटा और कल्पना को ही छोड़ता हू. वैसे भी घर में वो आपको ज़्यादा पसंद करती है. कल्पना ने ये बात तो सही कही की आप अगर कोशिश कीजिएगा तो अनिता अपने बाप से छुड़वा लेगी.
मैने ज़िंदगी में पहली बार अपने बाबू जी के साथ चुदाई की बात की थी, वो भी उनकी बेटी की चुदाई की. मा ने मुझे रात में ही बता दिया था मैं इस आदमी, सो कॉल्ड बाबू जी का बेटा नही था.
मुझे इसका भी दर्र नही था की अगर इस आदमी को कभी पता चलेगा का सामने बैठे लड़के ने अपने से 23-24 साल बड़ी औरत, यानी की उसकी घरवाली को छोड़ा था, तो ये आदमी क्या सोचेगा, क्या करेगा.
बाबू जी ने मेरी बात का जवाब नही दिया. बाबू जी को शॉक्ड छ्चोढ़ मैं अनिता के पास आ गया. उसके बगल में बैठा. बाबू जी हम दोनो की तरफ घूर रहे थे.
मैं: दीदी, अजंता मार्केट में एक नयी मोविए हॉल खुली है. वाहा सिर्फ़ ख़ास टाइप की मूवीस दिखाते है, चलॉगी देखने?
दीदी आख़िर दीदी थी, मुझसे 2 साल बड़ी थी
अनिता: मेरी काई सहेलिया वाहा से मोविए देख कर आ गयी है. वी कह रही थी की बहुत ही गंदी मोविए दिखाते है, पॉर्न मोविए दिखाते है. और तुम्हे वैसी मोविए देखने की ज़रूरत क्या है? उमर में मैं तुमसे 2 साल बड़ी हू. इसलिए समझा रही हू. ऐसी गंदी-गंदी सिनिमा नही देखनी चाहिए. वैसे भी तुम्हे पॉर्न फिल्म देखने की ज़रूरत क्या है? डेली काँटा और कल्पना के साथ पॉर्न करते हो.
अनिता: आक्च्युयली, अगर मैं तुम लोगों की पॉर्न फिल्म बना कर बेज़ार में बेचुंगी तो बहुत कमाई होगी. दोनो रंडिया तुम्हारी चुदाई से बहुत खुश है. जाओ कॉलेज के लिए रेडी हो जाओ.
हम दोनो साथ ही कॉलेज जाते थे. हम बस से उतार कर कॉलेज गाते की तरफ जेया रहे थे.
अनिता: रिसेस टाइम में कॉलेज गाते के बाहर मेरा वेट करना. मैने पहले कभी पॉर्न मोविए नही देखी है. तुम मुझे वाहा ले जाओगे? अगर कभी किसी को ये बात मालूम हुई की तुम मुझे पॉर्न फिल्म दिखाने ले गये थे, तो मा कसम मैं तुझे मरवा डालूंगी.
दीदी की बातों से मुझे ज़ोर का झटका लगा. ये सोच कर की दीदी मेरे साथ चुदाई की सिनिमा देखने जाएगी, मेरा लोड्ा दीदी की उनदेखी बर में घुसने के लिए तड़पने लगा था. काई लड़कों और लड़कियों ने देखा की दीदी मुझे छ्चोढ़ कर अकेली ही कॉलेज की तरफ चली गयी थी. काई स्टूडेंट्स ने पूछा,
अनिल, ये अनिता तुमसे भी झगड़ा करके गयी है ना? मालूम नही साली किसी से ठीक से बात क्यूँ नही करती है?
लेकिन घर में अनिता सभी के साथ बहुत प्यार से, हेस्ट हुए ही बातें करती थी. मुझे विश्वास नही हो रहा था, की एक बार ही बोलने पर मेरी बड़ी बेहन मेरे साथ पॉर्न फिल्म देखने के लिए तैयार हो जाएगी.
रिसेस के पहले चार पीरियड थे, लेकिन मेरा ध्यान लेक्चर पर था ही नही. पिछली रात अंजाने में मैने मा को छोड़ा. भले ही मा को मेरे जैसे छ्होटी उमर के साथ चुदाई में कोई मज़ा ना आया हो, उन्होने मुझसे 2 बार चुडवाया और खुल कर कहा की उन्हे मेरे साथ की चुदाई पसंद आई. मा के साथ की चुदाई के बारे में सोचते हुए मुझे ऐसा लगने लगा की मेरी दीदी भी मुझसे, अपने भाई के साथ छुड़वाना चाहती थी.
फाइनली, रिसेस की बेल बाजी. दूसरे दीनो की तरह मैं कॅंटीन नही गया. मैने अपना बाग लिया और कॉलेज गाते से थोड़ी डोर खड़ा हो कर दीदी का वेट करने लगा. मैं ही अकेला स्टूडेंट नही था जो गाते के बाहर था. काई स्टूडेंट्स, दोनो लड़के और लड़कियाँ गाते से बाहर आ रहे थे.
या तो 23 लड़के एक साथ थे या फिर 23 लड़कियाँ एक साथ रिक्शा लेकर कही जेया रही थी. मैने काउंट किया. चार कपल्स, सभी सीनियर्स गाते के बाहर निकले, और वी भी रिक्शा में बैठ कर चले गये.
मुझे वेट करते हुए 10-12 मिनिट हो गये थे. लेकिन दीदी नही आई थी. मुझे लगा की या तो दीदी भूल गयी थी की उन्हे मेरे साथ सिनिमा देखने जाना था, या फिर वो मेरे साथ पॉर्न फिल्म देखना ही नही चाहती थी. तभी एक काला बुर्क़ा पहने एक औरत मेरे पास आई और धीरे से बोली-
वो औरत: चलो, लड़कियों के साथ कॅंटीन जाना ही पड़ा. बहुत मुस्किल से पीछा च्चूधा कर आई हू.
हम दोनो भी एक रिक्शा पर बैठे. मैने रिक्शा वाले को अपना डेस्टिनेशन बताया.
रिक्शा वाला: पिछले 10-12 दीनो से ज़्यादातर लोग वही जाते है. वाहा क्या कोई बहुत बढ़िया फिल्म दिखाई जेया रही है?
मैं चुप रहा.
दीदी: हा, चुदाई की फिल्म दिखाते है. वैसी सिनिमा का पूरा मज़ा लेना है तो अपनी घरवाली को नही अपनी किसी बेटी या बेहन को ही साथ लेकर जाना.
रिक्शा वाले ने क्या समझा क्या नही मुझे मालूम नही. मैने बुर्क़ा के उपर से दीदी की जाँघ को दबाया और सहलाने लगा. कपड़ो की लेयर्स के उपर से भी थाइस बहुत कड़क, चिकनी और मांसल लग रही थी. दीदी ने मेरा हाथ नही हटाया. उसने बहुत ही धीमी आवाज़ में मुझे वॉर्न किया.
दीदी: आज हम जितनी देर बाहर है भाई बेहन नही है. ना तो मुझे दीदी कहोगे, ना ही मेरे नाम से पुकरोगे. मैं रुखसाना हू, रुखसाना नाम से ही बुलाना.
हमने पुर रास्ते और कोई बात नही की. मैं दीदी की जांघों को सहलाता ही रहा, और उसने एक बार भी मेरा हाथ नही हटाया. सिनिमा हॉल आ गया. हम दोनो रिक्शा से नीचे उतरे. अपना भाड़ा लेकर रिक्शा वाला चला गया. दीदी ने विस्परिंग की.
दीदी: देख रही हू की मेरी काई सहेलिया भी है और तुम्हारे दोस्त भी. कोई भी कितना भी बोले मेरा चेहरा उन्हे मत दिखना और याद रखो, मैं तुम्हारी बेहन अनिता नही, रुखसाना हू.
“वाह अनिल, तुम्हारी गर्लफ्रेंड भी है? हमे भी तो मिलाओ”, मेरी एक क्लासमेट अंकिता ने कहा.
उसने मुझे अपने बाय्फ्रेंड से मिलाया जो किसी कंपनी में नौकरी करता था. मेरे बार-बार बोलने पर भी रुखसाना ने अपना फेस किसी को नही दिखाया. कैसे दिखती. वो नही चाहती थी की किसी को ये मालूम पड़े की वो अपने भाई के साथ पॉर्न फिल्म देखने आई थी.
खैर, हम सब टिकेट लेकर हॉल के अंदर घुसे. ये नॉर्मल सिनिमा हॉल से कम केपॅसिटी का हॉल था. हॉल खचा-खच भरा हुआ था. टिकेट्स पर सीट नंबर था. हमे पीछे की साइड में एक लाइन के बीच में सीट्स मिली थी. हमारे बगल की सीट खाली थी, लेकिन तुरंत ही वो दोनो सीट्स भी ऑक्युपाइ हो गयी. मेरे बगल में एक लड़की बैठी थी, जबकि दीदी के बगल में एक माले आ कर बैठा था.
मैने विस्पर करते हुए पूछा की क्या वो सीट चेंज करेगी, लेकिन दीदी ने माना कर दिया. वो शायद एक साथ 2-2 माले का मज़ा लेना चाहती थी. हॉल की लाइट्स बंद हुई और स्क्रीन पर एक वॉर्निंग अनाउन्स्मेंट आई. और वो थी-
“सिर्फ़ आपके साथ आई हुई औरत ही आपकी औरत है. किसी दूसरे की औरत को हाथ लगाओगे तो आप पर सख़्त करवाई की जाएगी”.
मैने चैन की साँस ली की मेरी दीदी को कोई दूसरा परेशन नही करेगा. लेकिन देखा की दीदी अपने बगल बैठे आदमी के साथ बात करने लगी थी. कुछ आड्स के बाद मैं सिनिमा शुरू हुआ.
कुछ दोस्त अपनी पत्नी और गर्लफ्रेंड के साथ च्छुतटी गुज़ारने एक गेस्ट हाउस में जाते है. कुल मिला कर 6 औरते थी, और उनके साथ 3 मर्द थे. . में . . का . भी उन्हे . करता है.
सवा 2 घंटा की मोविए थी, और पूरी मोविए में सिर्फ़ चुदाई ही चुदाई दिखाई गयी थी. लोड्ा चूसना, बर का चूसना और चाटना, गांद में लंड पेलना, और दूसरे के सामने और स्विम्मिंग पूल में भी चुदाई दिखाई गयी थी.
रिक्शा में पुर रास्ते बेहन की जांघों को सहलाया था, तो यहा क्यूँ चुप बैठता? मैने दीदी की एक जाँघ को अपनी तरफ खींचा, और उनके एक हाथ को ट्राउज़र्स के उपर लोड पर रखा. फिर मैं आंद्रूणई जांघों को सहलाने लगा.
दीदी: तुम्हारी ग़लती नही, सिनिमा ही इतनी गंदी है की कंट्रोल करना मुस्किल है. मैं भी बहुत गरम हो गयी हू.
फिर मैने ट्राउज़र का ज़िप खोला, और ट्राउज़र्स को अंडरवेर के साथ नीचे किया. लोड्ा स्प्रिंग जैसा उछाल कर दीदी के हाथ से टकराया.
दीदी: वाह, लोड्ा तो बहुत ही मस्त है.
दीदी ने लोड्ा पकड़ लिया, और उसको सहलाने लगी. मेरी नज़र दीदी के दूसरी तरफ गयी तो मेरा लोड्ा और भी टाइट हो गया.
दीदी ने चेहरे के उपर से कवर नही हटाया था, लेकिन वो अपने लेफ्ट हॅंड से बगल में बैठे दूसरे आदमी का भी लोड्ा सहला रही थी. जैसा मैने सोचा था दीदी एक साथ 2-2 लंड का मज़ा ले रही थी. वो आदमी तोड़ा घूम कर दोनो हाथो से दीदी की चूची को भी सहलाता था, और गालों और होंठो को भी चूमता था.
कल्पना ने ठीक ही कहा था, की दीदी कॉलेज में चुड़वति थी. जब अपने भाई के सामने दीदी बेशरम हो कर मस्ती ले रही थी, तो मैं क्यूँ पीछे रहता. बीच-बीच में उसकी तरफ घूम कर मैने भी दीदी की चूची को काई बार मसला, और गालों को चूमा.
काई बार तो हम दोनो आदमियों ने एक साथ दीदी की चूचियों को दबाया. इंटर्वल तक दीदी दोनो हाथो से 2 लोडो को सहलाती और दबाती रही. ना मेरा ही लोड्ा ढीला हुआ, ना ही दीदी के बगल में बैठे आदमी का. दीदी एक घंटा से ज़्यादा दोनो लोड्ा को सहलाती रही थी.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट ज़रूर करे.