भाई बहन की चुदाई हिन्दी में

ही दोस्तो, उमिद इस सेक्स कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए “हवस के रिश्ते-10” ज़रूर पढ़िए. अब आयेज..

सुनीता और अजय दोनो अपनी बहें अनिता दीदी के घरपर आए हुए होते है. अनिता दीदी ने भी उनकी बहोट खातिर डारी करी होती है. और सब खुश होते है.

सुनीता – दीदी वेसए मौसा जी कही दिखाई न्ही दे र्हे है.

अनिता – तुझे बड़ी खलबली मची है उनसे मिलने की.

सुनीता – न्ही मैं तो वेसए ही पूछ र्ही हूँ क्योकि उनको देखा न्ही ना इसलिए.

अनिता – तू टेन्षन ना ले. वो अभी बाहर एक शॉप तक गये है, बस आते ही होगे.

सुनीता – अछा दीदी आप ये ब्ताओ की जीजू मे कोई फराक आया या न्ही.

अनिता – तू उनकी बात तो कर ही मत.

सुनीता – क्यू क्या हुआ दीदी, ऐसा क्या हो गया.

अनिता – टा है तुनहरे जीजू ने मुझे तो सॉफ कह दिया है. की मेरे से कुछ न्ही हो पाएगा इसलिए तुम भर किसी साथ भी सेक्स करके रिलेशन्षिप ब्ना सकते हो, मुझे इसमे कोई दिक्कत न्ही होगी.

और अगर कॉर्ड कर जाना है तो वो भी जा सकती है.

सुनीता – हाए राम दी, आपको जीजू ने इतना सब बोल दिया.

अनिता – अछा तू बीटीये इतनी जल्दी य्चा केसे, मौसा जी की याद खीच लाई क्या!

सुनीता ने फिर अनिता की हाँ मे हाँ मिलाई और फिर उसके बाद ऐसे ही वो ब्ताने लग गयइ.

सुनीता – दीदी टा है अपने जो सीडी मुझे दी थी. वो देख कर मैं पागल हो गयइ थी. उसको देख कर मेरा दिमाग़ हिल गया था. और वो मैने वाहा पर भी काई बार देखी थी.

अनिता – अछा तो और क्या देखा फिर.

सुनीता – और क्या देखना बाकी रह गया, आपको टा है मैने अपनी छूट अजय भैया से भी मरवा ली है.

अनिता – ये तुम क्या कह र्ही हो.

सुनीता – हा दीदी मैं सच ही कह र्ही हूँ. असल मे दिन मैने अपनी मामी और मामा जी का सेक्स कार्त्र देख लिया था और वो मैं अकेले ही न्ही बल्कि अजय साथ देख र्ही थी. तो बस फिर क्या था मैं टोब पहले ही गरम थी और अजय भी गराम हो गया था. और फिर ऐसे ही उसने अपने हाथो को मेरे बूब्स पर रख डाला और मसालने लग गया.

मैं भी बड़े मज़े से उसकी इस हरकत का मज़ा लेती रही. और फिर एक एक करके उसने कपड़े उतने शुरू कर दिए. और फिर मुझे और गरम करने लग गया. काफ़ी देर तक ऐसे करने के बाद उसने मुझे पागल कार्डिया जिसको वजह से मैं बस लंड को अंदर लेना चाहती थी.

तभी उसने लंड को छूट पर टीकाया और ज़ोर से मेरी छूट को मारना शुरू कार्डिया. मुझे तो बहोट मज़ा आया और मैने उससे अपनी खूब छूट छुड़वा यानी मैने 4 बार उसके लंड से छूट छुड़वा. क्योकि मुझड़ तो अपनी चोपत को शांत करना था.

अनिता – अछा तो तुमने मेरे बारे मे तो न्ही ब्टाया ना, क्योकि तू ये बात याद रखले की मैं अब किसी और साथ सेक्स न्ही करूगी.

सुनीता – वो तो ठीक है दीदी पर एक बार आप मरवा के तो देखो, कितना मज़ा आएगा.

अनिता – न्ही मैं अब किसी और साथ न्ही कर सकती और तू ये बीटीये की अजय का लंड कितना मोटा है. और केसा है.

सुनीता – अजय का लंड बहोट मोटा हैं और उधर मौसा जी का भी लंड काफ़ी बड़ा है.

अनिता – चलो अछा है

सुनीता – पर दीदी तुम एक बार इससे अपनी छूट मरवा लो फिर देखना क्या हाल हो जाएगा आपका, ये आपको मेरी तरफ से चॅलेंज है. टा है मेरी जब उस दिन पूरा एक घंटा बिना रुके छोड़ी थी तो मेरा तो बहोट बुरा हाल हो गया था.

अनिता – देख तू बेशक जितना मर्ज़ी कह, मुझे जो मर्ज़ी कह कर फुसला पर मैं तेरी बतो मे न्ही आने वाली हूँ.

सुनीता – वो तो ठीक है दीदी पर मैं तो आज य्चा मौसा जी से चूड़ने आई हूँ एर उनसे आज की रत चुड कर ही रहूगी.

अनिता – हा तो तू चुड जा, तुझे कों रोक रा है.

सुनीता – वो तो मैं चुड कर ही रहूगी. इसमे कोई शक्क न्ही है और तो और ऐसे ही चलेगा. वेसए मैं आपको बीटीये डून की अजय आपके साथ ही सोएगा. और मैं बीच मे खुद ही उठ कर मौसा जी के पास चली जौगी.

अब ये कह कर सुनीता कही चली गयइ और अनिता ये सब सोचती र्ही की अब डून अपनी छूट अजय को या न्ही, क्या होगा उसे खुद साँझ न्ही आ रा था.

और ये सब सोचते हुए कब रात हो गयइ उसे टा ही न्ही चला. और फर तभी राम लाल उसके सामने आ गया.

अनिता – मेरे शोना आज मेरा भाई य्चा आ रखा है तो बीच मे रात को सुनीता आपके पास चुप कर खुद ही आजाएगी पर मुझे मत बुलाना और ना ही आवाज़े निकलना.

राम लाल – कोई बात न्ही.

और फिर सभी खाना खाने लग गये. और फिर उसके बाद अजय बोला.

अजय – क्या बात है. जीजू कही दिखाई न्ही दे र्हे.

राम लाल – वो तो ना गये हुए मंदी. वो अब सुबा ही आएगा.

ये सुन कर अजय अंदर ही अंदर खुश हो गया और सोचने लग गया की बस अब जो मैं सोच कर आया था वो पूरा हो जाए.

अब सारे अपने अपने रूम मे चले गये. अनिता और अजय एक ही रूम मे थे और आँख लग जाने का इंतेज़ार कर र्हे थे. अनिता बहोट ही घबराई भी हुई थी की कही कुछ ग़लत ना होज़ाये.

दोनो नींद आने का इंतेज़ार कर र्हे थे पर नींद खा आने वाली थी.

अजय – दीदी आप जाग र्ही हो क्या.

अनिता – हाँ जाग र्ही हूँ बोल क्या बात है.

अजय – कुछ न्ही वेसए ही. पर आपको नींद क्यू न्ही आ र्ही.

अनिता – वो असल मे मेरा सिर दर्द कर रा है इसलये आँख न्ही लग र्ही है. वेसए लग जाएगी तुम टेन्षन मत लो.

अजय – हाँ ये तो है पर मैं आपके सिर्र की मालिश कर सकता हूँ और तो और मैं बहोट ही अची मालिश करता हूँ.

अनिता ये सुन कर चुप रही और उसने अपना हाथ उसके माथे पर रख कर दबाना शुरू कार्डिया.

अजय तो यही चाहता था और फिर ऐसे ही फिर उसने कंधो को भी दबाना शुरू कार्डिया.

अनिता बस चुप छाप बेती रही. और उधर अजय भी अब उनके कंधे दबाने लग गया था. दोनो को बहोट ही मज़ा आ रा था. दोनो पागलो की तरह ही लगे हुए थे.

और फिर उसके बाद ऐसे ही तभी अनिता नीचे सीधा लाते गयइ क्योकि वो अब नींद की झपकीया लेने लग गयइ थी. पर अब अजय भी लगा हुआ था. वो तो बस अब अपनी बहें को छोड़ना चाहता था.

अब जेसे ही अनिता सीधा लाते गयइ तो वो अब उसके उपर आ कर उसके बूब्स को दबाने लग गया. दोनो को खूब मज़ा आ रा था. क्योकि अब ऐसे ही अनिता भी पागल हो र्ही थी. उसकी छूट भी पागल हो र्ही थी. उसकी छूट को भी लंड की ज़रूरत थी जिसकी वजह से अब ऐसे ही अनिता अपन्द हाथ मे उसके लंड को पकड़ कर खुश हो गयइ थी.

अनिता – अजय भाई तू मुझसे छोटा है और तू अपनी छोटी बहें को छोड़ेगा.

अजय – हाँ छोटा हूँ और छोड़ूँगा भी क्योकि मैने सुनीता को भी छोड़ा था.

अनिता – अछा तो वो कुछ न्ही बोली.

अजय – न्ही ऐसा न्ही है. वो तो बल्कि काफ़ी खुश थी और तो और काफ़ी मज़े से उसने अपनी छूट भी मरवाई थी मुझसे. मैं तो उसको कॉर्ड कर खूब मज़ा लिया था. और फिर उसके बाद ऐसे ही मैने उसको छूट को खूब छोड़ा है. और उसने मुझे ये भी ब्टाया है की वो आपके ससुर से पहली बार चूड़ी है.

अनिता – अछा और क्या खा है.

अजय – कहना क्या है. अब तो उसने ये भो ब्टाया की आपका पति तो ना मर्द है और तो और फिर ऐसे ही आप भी उससी से ही अपनी छूट की प्यास मिताई है.

अनिता – तो चल ठीक है आजा फिर अपनी इस बहें की भी मार ले. पर ये याद राखियो की किसी को भी टा न्ही चलना चाहिए.

अजय- दीदी आप ये क्या बात कर रो हो. अगर मैं ये किसी को ब्टौँगा तो सारे मुझे बहें छोड़ कह कर बुलाएँगे.

अनिता – तो ठीक ह कोई बात न्ही अब तू आजा.

अब ये सुनते ही अजय ने उसकी सारी उपर करू और अपना लंड उसकी छूट पर रख कर ज़ोर का धक्का देते हुए अंदर दल दिया और फिर छोड़ने लग गया

अनिता को थोरदा बहोट दर्द हो रा था. और वो सिसकारी भी भारी जा र्ही थी. फिर क्या था दोनो के दोनो एक दूसरे मे लग कर चूड़ने लग गये. और दोनो खूब मज़े से चूड़ी जा र्हे थे. और फिर काफ़ी देर तक ऐसे करने के बाद उम दोनो का एक साथ हो गया और फिर ऐसे ही एक दूसरे से लिपट कर वो सो गये.

सुबह जब हुई तो सुनीता ने आ कर देखा तो वो नंगे ही लेते हुए थे. और तो और ऐसे ही हासणे लग गयइ.

फिर दोनो की आँख खुली तो अनिता भो हासणे लग गयइ. और फिर ऐसे ही वो अब अगले दिन चले गये.

पर अजय औड सुनीता अब ये सोच र्हे थे की मामा जी मधरी मामी को केसे ब्लॅक मैल करके उनसे मज़े लिए जाए.

दोस्तो आयेज हुआ, जानिए इस कहानी के एक और मस्त अगले पार्ट मे. तब तक के लिए आप मुझे बतो की यहाँ तक आपको कहानी मे कितना मज़ा आया.

थॅंक्स.