ही फ्रेंड्स, मैं यश आज अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. उमीद है आपको पिछला पार्ट पसंद आया होगा. जिन लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, प्लीज़ पहले जाके वो पार्ट ज़रूर पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की हमारे पड़ोस में एक सेक्सी भाभी थी, जिसका नाम मनीषा था. वो कामचोर थी, और इसी वजह से दीवाली की सफाई करवाने के लिए उन्होने मुझे बुला लिया. फिर वो खुद सो गयी, और मैं मौका पा कर उनकी सेक्सी बॉडी को टच करने लगा. अब आयेज बढ़ते है.
मैने भाभी की पनटी में अपना हाथ डाल दिया था. उनकी छूट पर हल्के बाल थे, और छूट पूरी गीली हुई पड़ी थी. मैं धीरे-धीरे अपनी उंगली को उनकी छूट पर नीचे से उपर रगड़ने लगा. वाउ क्या सॉफ्ट एहसास था.
फिर मैने अपने दूसरे हाथ से उनकी निघट्य का रिब्बन खोल कर निघट्य पूरी खोल दी. निघट्य पूरी खोलने से उनकी बॉडी का आयेज का हिस्सा पुवर नंगा हो गया. उनके बूब्स बड़े मस्त लग रहे थे, और बहुत बड़े-बड़े थे. अब मैं रुक नही सकता था, और मुझे उनको छोड़ना था.
फिर मैने अपना हाथ उनकी पनटी से निकाल लिया, और खड़ा होने अपने कपड़े उतारने लगा. जब नंगी भाभी आपके सामने लेती हो, तो आपका दर्र हवा हो जाता है, और उसके छोड़ने के अलावा कोई बात आपके दिमाग़ में नही आती. ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हो रहा था.
मैने अपने कपड़े उतार दिए, और पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड हवा में उछाल रहा था. भाभी का बेड डबल बेड था. और मैं धीरे से भाभी के साथ बेड पर आके लेट गया. अब मैं भाभी के डाई तरफ था.
मैने अपना दया हाथ आयेज बढ़ाया, और फिरसे भाभी की पनटी में डालने लगा. हाथ डाल कर मैं उनकी छूट को सहलाने लगा. फिर मैने अपना मूह उनके बूब पर लगाया, और उसको चूसना शुरू कर दिया. भाभी अब नींद मैं आ आ कर रही थी.
फिर मैने धीरे-धीरे उनकी पनटी को नीचे करना शुरू किया. जैसे ही पनटी उनकी जांघों तक आ गयी, मैने पैर से उनकी पनटी निकाल दी, और छूट सहलाना जारी रखा. मैने अब उनकी छूट को तेज़ी से मसलना शुरू कर दिया. मेरे स्पीड बढ़ते ही भाभी की आँखें खुल गयी.
आँखें खुलते ही उन्होने मेरी तरफ देखा, और हैरान हो गयी. इससे पहले की वो कुछ बोलती, या कर पाती, मैं जल्दी से उनके उपर आ गया, और मैने अपने होंठ उनके होंठो से मिला दिए. भाभी मुझे अपने से डोर करने की कोशिश कर रही थी. लेकिन मुझे अपने उपर से हटता नही पा रही थी.
मैने जल्दी से अपना लंड भाभी की छूट में सेट किया, और धक्का देके अंदर डालने लगा. भाभी की छूट गीली थी, तो एक ही बार में पूरा लंड छूट के अंदर फिसलते हुए चला गया. भाभी के मूह से आ निकली, लेकिन लीप-लॉक होने की वजह से आवाज़ बाहर नही आई.
फिर मैने लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया, और भाभी के लिप्स छ्चोढ़ दिए. लिप्स खुलते ही भाभी बोली-
भाभी: यश तू आ ये क्या कर रहा है आह.
मैं: भाभी मैं आपको बहुत प्यार करता हू, और आज वही प्यार आपको दे रहा हू आ.
भाभी: यश ये ग़लत आ है. ऐसा मत कर आह. छ्चोढ़ दे मुझे आ.
मैं: भाभी आहह कैसे छ्चोढ़ डू मैं आपको. मुझे तो आपको हमेशा के लिए अपना बनाना है.
भाभी: नही यश, ऐसा मत कर. मैं एक पवितरा औरत हू, मुझे ऐसे कलंक मत लगा.
मैं: भाभी एक बार चूड़ने के बाद कोई औरत पवितरा नही रहती. वो चूड़ने के बाद रंडी बन जाती है. और वैसे भी अब तो मेरा लंड आपके अंदर चला ही गया है, और आपको कलंक लग चुका है. अब अगर थोड़ी देर और ये आपकी छूट में रहेगा, तो कोई फराक नही पड़ेगा.
भाभी: नही प्लीज़ आ!
फिर मैने बात करनी बंद की, और भाभी के बूब्स को चूसने लगा. मैने एक बूब दबाना शुरू किया, और दूसरे को चूसने लगा. भाभी आ आ करती रही, और बीच-बीच में मुझे रुकने के लिए भी कहती रही. लेकिन मैं उनको छोड़ता रहा.
फिर 5 मिनिट बाद भाभी ने अपने शब्द बदल दिए. अब भाभी बोली-
भाभी: यश आ, बहुत बाद है तेरा आ. अंदर तक जेया रहा है.
मैं: भाभी आप ये बताओ की आपको मज़ा आ रहा है या नही.
भाभी: आ बहुत मज़ा आ रहा है यश. इतना मज़ा मुझे पहले कभी नही आया है. आ ऐसे ही करते रहो यश.
अब भाभी मुझे अपनी आगोश में लेके बूब्स चुस्वा रही थी. फिर मैं पूरा लंड अंदर डाल कर अपनी कमर को घूमने लगा, जिससे मेरा लंड भाभी की छूट में घूमने लगा. इसमे भाभी को बहुत मज़ा आने लगा.
भाभी बोली: वाह यश, ये कों सा तरीका है चुदाई का? बहुत मज़ा है इसमे.
मैं: भाभी आज तक जो आपने किया है, वो तो टाइम पास चुदाई है. चुदाई का असली मज़ा तो मैं आपको दूँगा.
भाभी: हा यश हा आ. करो यश. तुमने कहा ना चूड़ने के बाद औरत रंडी बन जाती है. तो आज से मैं तुम्हारी भी रंडी हू. इस रंडी को वो सारा मज़ा दो, जो इसकी छूट को आज तक नही मिला आहह.
दोस्तों कभी छूट में लंड घुमा कर देखिएगा, आपके नीचे लेती हुई औरत पागल हो जाएगी. फिर मैने भाभी की टांगे मोड़ ली, और अपने होंठ उनके होंठो से जोड़ लिए. इस बार भाभी मुझे वाइल्ड किस करने लगी. मैं भी पूरा रेस्पॉन्स दे रहा था. मैने उनकी छूट में ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए.
वो मेरे होंठ काटने लगी. जब भी वो मेरा होंठ काट-ती मैं और ज़ोर का धक्का मारता जिससे मेरा लंड उनकी बच्चेड़नी को जाके लगता. 20 मिनिट की चुदाई के बाद अब मेरा निकालने वाला था. मैने जल्दी से लंड बाहर निकाला, और भाभी की ब्रेस्ट के उपर आ गया.
फिर मैं लंड ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा, और अपने माल की पिचकारी भाभी के मूह और गले पर डाल दी. भाभी मेरा माल चाटने लगी, और लंड चाट-चाट कर सॉफ कर दिया. फिर मैं भाभी के साथ लेट गया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी का ये पार्ट पसंद आया हो, तो इसको अपने दोस्तों को भी पढ़ने को बोले. वैसे भी पढ़ना अछा होता है. यहा तो पढ़ाई में मज़ा ही बहुत है. स्टोरी पढ़ने के लिए धन्यवाद.