तो कहानी सुरू करने से पहले मई आप को बता डू की मई इंडोरे मई रहता हू अपनी पूरी फॅमिली के साथ.
ये कहानी है की केसे मुझे एक कमाल की माल भाभी ने अपनी गांद और छूट से ब्रश कराया.
तो मेरे घर के सामने एक भाभी रहते थे जो की थोड़े से काले है पर सही माएनए मई वो किसी मॉडल से कम नही है उनकी मोटे मोटे बूब्स और उनकी कमर, गांद किसी का भी लॅंड खड़ा कर दे. तो ऐसे ही मई भाभी को देखता रहता था और वो भी मुझे हमेशा देखती रहती थी.
एक दिन मैने हिमत कर के उनसे उनका नंबर माँगा तो उन्होने सॉफ माना कर दिया.
भाभी :- मुझे आचे से पता है आज कल के बचो के दिमाग़ मई क्या चलता है.
मई:- मई कुछ समझा नही मई तो बस फ्रेंडशिप करना छा रहा था.
भाभी :- मेको फ्रेंडशिप नही करना किसी से भी कुछ और करना हो तो बोलो?
मई:- मतलब ?
भाभी उस टाइम कुछ नही बोली बस बोला की तू हन बोल देना.
मई समझा नही कुछ.
उसके अगले दिन ही मम्मी ने मुझसे कहा की सामने वाली भाभी के वाहा टुटीओन जाएगा क्या वो बोल रहे थे. मेको साँझ आ गया की भाभी किस बात के लिए. हन बोलने का बोल रही थी.
और मई अगले ही दिन भाभी के घर चला गया.
भाभी ने गेट खोला तो मैने देखा की भाभी ने लाला सारी पहनी थी और उसपे गीले बाल.
मई:- भाभी जी मैने हन बोल दिया.
भाभी :- तो बुक खोल और पड़ने बेत जा.
मई :- मई तोड़ा उदास हुआ और बेत गया.
भाभी ने बोला की फ्रेंडशिप करना हेना टेको?
मई :- हन भाभी जी.
भाभी तो एक काम करना पड़ेगा.
मई :- क्या?
भाभी 2 मीं रुक आई
फिर भाभी उठी मई उनकी गांद के तरफ देख रहा था वाहा की सारी उनकी गांद की छेड़ मई घुसी हुई थी पूरी. मई वाहा भोथ द्यान से देख रहा था. तो उन्होने मुझे देखा और वाहा पे अपने हाथ के 4 उगली दल के झुजलते झुजलते वाहा की सारी को भर निकाला और मुस्कुरा के चली गई.
मई तो देखते ही रहे गया की ये मैने क्या देख लिया. भाभी थोड़ी देर मई छाई लेके आई और मुझसे बोला की फ्रेंडशिप करना है तो टेको मेरा एक काम करना होगा.
मेको तो बस केसे भी भाभी को छोड़ना था क्यू की उनकी एसी हरकत देख के मेको ये तो पता चल गया था की भाभी मेरे से कुछ छा थी है. मैने बोला जी भाभी जी बोलिए आप के लिए तो मई कुछ भी कर सकता हू.
तो भाभी ने अपने हाथ की वही 4 उंगली मेरे गाल पे रखी और बोला की इनको सुघ के बता केसी खुसबु है.
मई साँझ गया की ये वही हाथ है मैने बोला भाभी हाथ क्या सुघु आप बोलो तो वही सुघ लेता हू.
(मेरा मतलब उनकी गांद से त.आ)
भाभी ने कहा वो सुघना नही है वाहा तो तेरा मूह जाएगा पहले ये कर जो बोला है. मेको एसी ही भाभी पसंद है जो सब मूह पे बोल दे, मैने तुरंत वो उगली सुघ ली.
भाभी ने कहा अब अपना मूह खुल. मैने मूह खोला ही था की भाभी ने जो छाई उनके मूह मई थी वो मेरे मूह मई थूक दी और जेसे ही मैने मूह बंद करा तो भाभी ने कहा मूह खोलो बेटा जी अभी.
मैने मूह खोला तो भाभी ने वही 4 उगली एक एक करके मेरे मूह मई दल के घुमाई और बोला अब पी.
मई सही बतौ तो मेको उस मई भाभी की लिपस्टिक का सुवद आया और छाई के साथ उनकी गांद का भी आया.
उन्होने मेरी तरफ देखा और बोला केसी लगी मेरे हाथ की छाई?
मैने बोला सही मई आप के हाथ मई जादू है.
उन्होने कहा और पिएगा क्या?
मैने कहा हन पर अब तो हाथ का जादू ख़तम हो गया.
तभी भाभी ने बोला तू मूह खोल मई सब कर दूँगी. मैने मूह खोला भाभी ने छाई पी और मेरे मूह मई थूक दी. और सारी उपर कर के छूट और गांद दोनो मई उगली डाली मई.
ये सब देखता ही रहे गया. उनकी छूट काली थी पर अंदर से पूरी गुलाबी. और गांद तो पूरी काले गुलाब्ज़मुन की तरह थी.
उन्होने मेरे मूह मई फिर से उगली डाल डाल अकर घुमाई और इस बार आखरी मई ठुका और कहा अब पी जेया. इस बार मेको छाई थोड़ी से खाती लगी शायद उसमे छूट की उगली गई हो इस लिए.
भाभी ने पूरी छाई ऐसे ही मेको पिलाई फिर टाइम हो गया था तो. मई अपने घर आ गया क्यू की मैने घर पे टाइम 4 से 6 बताया था.
मैने घर आ के सबसे पहले भाभी जी की नाम की मूठ मारी और उनको छोड़ने के सपने सजाने लगा. पूरी रत मेरे मूह मई उनकी गांद का सुवद और छूट का सुवद आ रहा था.
अगले दिन जब मैने सुबा छाई पी तो उसमे तोड़ा सा नाँक डाला ताकि मेको ये छाई भी उनकी गांद और छूट की छाई जेसी लगे. मई बस अब 4 बजने का इंतेजर करने लगा की कब 4 बजे और मई भाभी के वाहा जौ.
और मई आज बहभही के वाहा गया और मैने डोर बेल बजाई तो कोई आया ही नही मैने सोचा की क्या पता भाभी को कुछ हो तो नही गया. मैने एक और बार आवाज़ दी तो भाभी आई. उनके बाल पूरे बिखरे हुए थे और उनके मूह से राल निकल रही थी शयड वो सोक उठी थी.
और वो दरवाजा खोल के अलग हटी और इशारे से मेको बेत्ने के लिए बोला. मई साँझ नही पाया तो उन्होने एक और बार बोला. मेको कुछ साँझ नही आया.
उनका मूह थूक से भरा था इस लिए वो बोल नही रही थी मैने एक और बार पूछा की क्या बोल रहे हो?
तो उन्होने मेको किस करा और सारा थूक मेरे मूह दल दिया और मेको तोड़ा सा अजीब लगा उनका थूक पर मई सारा पी गया. मेको उनके मूह की बॅश भी आ रही थी. मैने दीरे दीरे सारा पी गया जब तक भाभी जी ने लिप्स नही हटाए और जेसे ही मई पी गया उन्होने बोला बेत जा वाहा. आज का वेलकम तो भोथ ही जाड़ा अछा था मेरे लिए.
भाभी भी आ के बेत गई तो मैने बोला की भाबी आज छाई नही पी रहे? तो भाभी मुस्कुरई और बोला की-
क्यू तू छाई के लिए आया था क्या?
मैने भी हेस्ट हुए कहा नही पर फिर भी.. तो भाभी ने बोला की अभी तो उठी हू. मैने बोला अरे भाभी प्लीज़ जल्दी करो ना मेको छाई पीनी है. उन्होने बोला आ आज टेको पहले ब्रश करना सिखाती हू.
उन्होने मेको पीछे पीछे आने को कहा. मैने उनकी गांद से लॅंड टीका के उनके पीछे पीछे जाने लगा. उन्होने बोला की आराम से मेको गड़ रहा है वो. मैने सॉरी भाभी जी कहा.
उन्होने बोला की इसका एक इलाज है रुक. बातरूम मई जाते ही उन्होने बोला की चल अब अपना लॅंड निकल मैने पहली बार भाभी के मूह से लॅंड सुना था. मैने तुरंत लॅंड निकल दिया भाभी ने उस पर क्लोज़ उप लगा दिया मेरी तो जान निकल गया इतना टांडा लग रहा था की जान निकल जाए.
पर जेसे ही भाभी जी ने मूह मई लॅंड को रखा तो उनका मूह इतना गरम था की क्या बतौ. मैने भाभी का मूह पकड़ा तो भाभी ने बोला की रुक मई कर लुगी सब तू बस मज़े ले आज.
भाभी ज़ोर ज़ोर से अंदर भर कर रही थी फिर मैने बोला की भाभी बस करो और उके बाल पकड़ लिए भाभी ने लॅंड भर निकल दिया और कहा की अब एसी हरकत करी तो याद रखना.
मैने कहा पर मेरे से कंट्रोल नही हुआ तो उन्होने बोला मेको सेक्स की कमी नही है कोई मई ये सब न्यू ट्राइ करने के लिए कर रही हू मैने उनको सॉरी बोला.
तो उन्होने बोला सॉरी नही अब तेरी बारी है. मई तो खुस हो गया की भाभी की छूट चाटने को मिलेगी. भाभी ने एक ब्रश लिया और उसको अपनी गांद मई डाला और फिर उसको उनकी टपकती छूट पर रखा. तो उन्होने ज़ोर से मेरे बाल पकड़ लिए और उनके मूह से आआआआ की आवाज़ निकली.
उसकी काली छूट उसके पानी से और भी चमक रही थी और मॅन कर रहा था उसकी काली छूट को खा जौ.
भाभी ने ब्रश को अपनी छूट के उपर की तरफ गिशा शयड उनको ब्रश गड़ रहा होगा. फिर उन्होने वो बुरष मेरे हाथ मई दिया और उसपे थूक के मेरे मूह दे दिया. उस ब्रश पर साफ साफ भाभी की छूट का पानी दिख रहा था मेरे मूह से तो ऐसे भी पानी तपाक ने लग गया.
मेको उस का सुवद बिल्कुल अजीब जा लगा तोड़ा नमकीन और तोड़ा सा उनके मूह की बॅश जेसा लग रहा था. फिर मैने जेसे ही थूकने के लिए मूह आयेज करा. भाभी ने मेरे बाल फिर से पकड़े और बोला थूकना नही है.
मैने उनकी तरफ देखा तो उन्होने छूट आयेज करी और उसमे एक उंगली डाल के मेरे मूह खोला. मैने भी उनकी छूट के आयेज मूह खोल दिया उन्होने मेरे मूह मे मुतना चालू कर दिया.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मई गरम पानी पी रहा हू. उन्होने मुझे बोला की थूकना नही है, पीना है. वो अपने पिसाब को बहुत आचे से पीला रहे थे. तोड़ा तोड़ा कर कर के मेरे मूह मे मूठ रहे थे, मैने सारा की सारा पी लिया.
तब भाभी ने बोला की बस आज के लिए इतना ही, मई कुछ बोलता उस से पहले ही भाभी ने मुझे जाने के लिए बोल दिया.
तो अगर आप को ये कहानी पसंद आई है तो मेको ज़रूर बताना, मई इसका पार्ट 2 ज़रूर लेके ओँगा.
थॅंक्स.
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