ही दोस्तों, मैं हू नितिन. एक बार फिर मैं आप सब के सामने हाज़िर हू अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके. जिन लोगों ने कहानी का पिछला पार्ट नही पढ़ा है, वो पहले उस पार्ट को ज़रूर पढ़े. तभी आपको कहानी का मज़ा आएगा.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की मेरे भैया और भाभी के बीच बहुत झगड़ा होता था. उसको सॉल्व करने की ज़िम्मेदारी मुझे दी गयी. फिर जब मैने भाभी से दोस्त बन कर पूछा तो पता चला वो भैया से संतुष्ट नही थी.
फिर भाभी ने मेरी तरफ हाथ बढ़ाया, और मैं उनको माना नही कर सकता था. क्यूंकी मैं नही चाहता था की वो कही बाहर जाके किसी गैर मर्द का लंड अपने अंदर ले. वैसे भी वो इतनी सेक्सी थी, की मैं माना नही कर सकता था. फिर मैने भाभी को छोड़ कर संतुष्ट किया. अब आयेज बढ़ते है.
उस चुदाई के बाद कुछ दिन बीट गये. अब मेरी भाभी और भाई में झगड़ा होना बंद हो गया था. घर वाले भी हैरान थे की ऐसा कों सा जादू चल गया था मेरा, की भाभी और भैया का झगड़ा रुक गया था. मैने भी सोचा चलो घर में कालेश तो ख़तम हुआ. लेकिन भाभी के मूह को जो लहू लग चुका था, उसके बारे में मैने नही सोचा.
एक दिन रात के 1 बजे मेरे रूम का दरवाज़ा नॉक हुआ. मैं गहरी नींद में था, तो काई बार नॉक होने के बाद मैं उठा. मैने घड़ी पर टाइम देखा, तो सोचा कही कोई दिक्कत तो नही हो गयी किसी को. ये सोच कर मैने जल्दी से दरवाज़ा खोला.
जब मैने दरवाज़ा खोला, तो सामने भाभी खड़ी थी. भाभी ने लेगैंग्स और शॉर्ट त-शर्ट पहनी हुई थी. उनकी लेगैंग्स ग्रे कलर की थी, और त-शर्ट पिंक कलर की लूस त-शर्ट थी. उनकी त-शर्ट का गला काफ़ी लूस था. उसमे से उनकी सेक्सी क्लीवेज और ब्रा की स्ट्रॅप दिख रही थी.
इससे पहले मैं उनसे कुछ पूछता, वो सीधे मेरे रूम में आ गयी. मुझे कोई अंदाज़ा नही था, की वो क्यूँ आई थी. फिर मैं दरवाज़ा बंद करके जैसे ही मुड़ा, भाभी ने मुझ पर हमला कर दिया. उसने मुझे बाहों में भर लिया, और अपने होंठ मेरे होंठो के साथ जोड़ दिए.
अचानक हुए इस हमले को मैं समझ नही पाया, और मैने भाभी को धक्का देके पीछे हटता दिया. मेरे ऐसा करने से भाभी बोली-
अमीलिया: क्या हुआ, उस दिन वो बड़े वाइल्ड तरीके से छोड़ रहे थे. बस एक बार ही छोड़ना था?
मैं समझ चुका था, की भाभी अब हमेशा के लिए मेरी रंडी बन चुकी थी. फिर मैने उसको उपर से नीचे तक देखा. उसकी सेक्सी बॉडी देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. फिर मैं बोला-
मैं: अब तो जब तू चाहे मैं तुझे छोड़ूँगा मेरी जान.
ये बोल कर मैने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया, और हम दोनो वाइल्ड किस करने लगे. क्या स्वाद था भाभी के होंठो का एक-दूं ज़बरदस्त. मैने जल्दी से भाभी की त-शर्ट निकली, और उनकी गर्दन और क्लीवेज को किस करने लगा.
साथ में मैने भाभी की सॉफ्ट गांद दबानी शुरू कर दी. भाभी पूरी तरह गरम थी, और आहें भर रही थी. उन्होने अपनी ब्रा के स्ट्रॅप्स को शोल्डर्स से नीचे करते हुए ब्रा उतार दी. अब उनके रस्स के दोनो प्याले मेरे सामने थे.
मैने भाभी के बूब्स को अपने दोनो हाथो में पकड़ा, और चूसना शुरू कर दिया. भाभी मुझे अपनी आगोश में लेके अपने बूब्स चुस्वा रही थी. मैं अपनी जीभ को भाभी के निपल्स पर गोल-गोल घूमता. इससे भाभी को बहुत मज़ा आता.
फिर मैने भाभी को अपनी बाहों में उठाया, और बेड पर पटक दिया. उसके बाद मैं उन पर कूद पड़ा. मैने उनकी कमर चाटनी शुरू की, और नाभि में जीभ डालने लगा. ऐसा लग रहा था जैसे वो रस्स से नहा ली हो, इतना मज़ा आ रहा था उनको चाटने में.
फिर मैने उनकी लेगैंग्स और पनटी उतार दी. अब मेरी आँखों के सामने स्वर्ग का द्वार था. मैने उनकी जांघें खोल कर अपना मूह उनके स्वर्ग के द्वार पे लगा दिया, और उसको चूसने-चाटने लग गया. क्या क्लीन-शेव्ड छूट थी एक-दूं किसी कक़ची काली जैसी, और क्या मस्त स्वाद था भाभी की छूट के रस्स का.
मैं उनकी छूट में जीभ घुसा-घुसा कर चाट रहा था, और वो मेरा सर अपनी छूट में दबा रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे अपनी छूट के अंदर डाल लेना चाहती थी. मैं फिर अपने दांतो से उनकी छूट की फांको को खींचने लगा. इससे भाभी की आहें और तेज़ हो गयी.
फिर मैं उनकी छूट के दाने को अपनी उंगलियों की चुटकी में लेके मसालने लग गया. उसको तो जन्नत का मज़ा मिल रहा था, और मैं तो मज़े में था ही.
फिर मैने अपने कपड़े उतारे, और मेरा खड़ा हुआ लंड भाभी की आँखों के सामने झटके मारने लगा. मेरा खड़ा लंड देख कर वो जल्दी से बेड पर घुटनो के बाल हो गयी, और लंड हाथ में लेके सहलाने लगी.
फिर उसने ज़रा भी देरी ना करते हुए लंड अपने मूह में डाल लिया, और उसको मज़े से चूसने लगी. मैने भाभी के खुले हुए बालों को इकट्ठा करके पकड़ा, और उनके मूह में धक्के देने शुरू किए. अब मैं ज़ोर-ज़ोर से उनके मूह में धक्के देके उनका मूह छोड़ने लगा.
उनके मूह से लार पानी की तरह बह रही थी. उनको साँस नही आ रही थी, लेकिन मज़ा बहुत आ रहा था. फिर कुछ देर उनका मूह छोड़ने के बाद मैने उनको सीधा लिटाया, और अपना लंड उनकी छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो मुझे जल्दी से लंड को अंदर डालने के लिए बोलने लगी.
फिर मैने लंड छूट के मूह पर सेट किया, और एक ही धक्के में पूरा अंदर डाल दिया. भाभी की मज़े वेल दर्द की चीख निकली, और मैने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. हम दोनो की चुदाई फुल स्पीड पर होने लगी.
हम दोनो एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे, और लंड और छूट का संगम पूरी स्पीड पर था. भाभी इतनी वाइल्ड हो गयी थी, की मेरे होंठ काटने लगी थी. मैं भी फिर उनके निपल पर काटने लग गया.
20 मिनिट की चुदाई के बाद मेरा निकालने वाला था. मैने लंड निकाला, और भाभी के मूह पर सारा माल निकाल दिया. वो मेरा सारा माल चाट गयी. उनका 2 बार पानी निकल चुका था. उसके बाद वो वापस चली गयी.
दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.