ही दोस्तो, उमिद है आपको मेरी “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” चुदाई कहानी का पिच्छला पार्ट पसंद आया होगा. अब आयेज पढ़िए..
अब थोड़ी देर के बाद बाबा ने फिरसे सुखी को खड़ा कर दिया. सुखी को एक बाबा ने आयेज से पकड़ा और उसकी छूट मे अपना लंड घुसा दिया. दूसरा बाबा सुखी के पीछे आया और उसके चूतड़ खोल कर अपना लंड उसकी गांद मे डाल दिया.
फिर उन दोनो ने सुखी की छूट और गांद को छोड़ना शुरू कर दिया. सुखी आज दो-दो लुंडो से चुड रही थी. उसकी ज़िंदगी मे ये पहली बार था, जब वो दो लुंडो से एक साथ चुड रही थी. सुखी को अब मज़ा और दर्द दोनो का स्वाद मिल रहा था.
आयेज वाला बाबा दे दाना दान सुखी की छूट को छोड़ रहा था और पीछे वाले बाबा की चुदाई की स्पीड भी कुछ कम नही थी. सुखी दर्द मे थी और बोल रही थी-
सुखी: हाए रे! आहह.. आहह.. मार दिया रे मुझे बाबा जी आपने तो.
बाबा अपने पुर ज़ोर से सुखी की छूट को छोड़ रहा था और सुखी को उसके बड़े से लंड का स्वाद भी आ रहा था. तभी पीछे वाले बाबा ने अपना लंड सुखी की गांद से निकाल लिया और पीछे हॅट गया. उसी वक़्त दूसरा बाबा उसकी जगह पर आ गया और सुखी की गांद मे अपना लंड डाल दिया.
उसके बाद आयेज वाले बाबा ने भी अपना लंड सुखी की छूट से निकाल लिया और उसकी जगह पर दूसरा बाबा आ गया. उसने भी तेज़ी से सुखी की छूट मारनी शुरू कर दी. सुखी हवा मे थी और लुंडो का पूरा मज़ा ले रही थी.
सुखी का बुरा हाल भी हो रहा था और अछा भी हो रहा था. फिर थोड़ी देर बाद उन बाबओ ने भी अपनी जगह छोढ़ दी और उनकी जगह पर दूसरे बाबा आ गये. इस तरह से 8 बाबओ ने सुखी की छूट और गांद का आनंद लिया और उसकी आचे से ठुकाई करी.
फिर कुछ देर बाद एक बाबा ने सुखी को घोड़ी बनने के लिए कहा. सुखी ने अपने दोनो हाथ सामने मंजी पर रखे और गांद पीछे करके घोड़ी बन गयी. फिर एक बाबा जल्दी से सुखी के मूह के सामने गया और अपने लंड को सुखी के होंठो पर रगड़ने लग गया.
सुखी को मज़ा आ रहा था और साथ ही उसको दर्द भी हो रहा था. उसने लंड अपने मूह मे ले लिया और उसको चूसने लग गयी. तभी दूसरे बाबा ने पीछे से सुखी की गांद पर थप्पड़ मारने शुरू कर दिए.
थप्पड़ मारने से सुखी की गांद लाल हो गयी थी. फिर बाबा ने अपना लंड उसकी गांद के छेड़ पर सेट किया और अंदर घुसा दिया. वो दे दाना दान सुखी की गांद की चुदाई करने लग गया.
सुखी को मज़ा आ रहा था और वो ज़ोर-ज़ोर से आहें लेने की कोशिश कर रही थी. लेकिन सुखी की ये कोशिश बिल्कुल बेकार थी, क्यूकी उसके मूह मे भी लंड था, जिसको वो मज़े से चूस रही थी.
कुछ देर ऐसे ही सुखी की गांद और मूह को छोड़ने के बाद, सब बाबा अपनी-अपनी जगह से हॅट गये. फिर नये बाबा उनकी जगह लेने आ गये. उनमे से एक सुखी की गांद मारने लग गया और दूसरे ने सुखी के मूह मे अपना लंड घुसा दिया.
सुखी की चुदाई लगातार चल रही थी और सभी को काफ़ी वेट भी करना पद रहा था. उनकी बारी जल्दी से नही आ रही थी, जिससे उनके रंग मे भंग पद रहा था. तभी एक बाबा ने कहा-
बाबा: ऐसा करते है, की दूसरी को भी यहा बुला लेते है.
ये बात सुन कर सुखी को गुस्सा आ गया. उसने अपने मूह से लंड निकाला और बोली-
सुखी: क्यू? मई हू ना आप सब के लिए. चूस तो रही हू मई आपके लुंडो को.
बाबा सुखी की इस बात को सुन कर खुश हो गया. फिर वो बोला-
बाबा: वो तो ठीक है. लेकिन हमे और काम भी है. हमारी पूजा का टाइम होने वाला है, इसलिए उसको बुला रहे है.
अब एक बाबा गया और वाहा जाके अंजलि को बोला-
बाबा: चल अंजलि, हमारे साथ चल.
पहले तो अंजलि उसको माना करने लग गयी. फिर बाबा ने उसको उठा लिया और लेके आ गये.
रूम मे आते ही अंजलि ने देखा, की सुखी के हाथ मंजी पर थी और वो घोड़ी बनी हुई थी. एक बाबा सुखी की गांद मार रहा था और दूसरा सुखी से अपना लंड चुस्वा रहा था.
जैसे ही अंजलि आयेज आई, तो एक बाबा ने उसको पकड़ कर घोड़ी बना लिया. फिर दूसरे बाबा ने अपने लंड को अंजलि के मूह मे डाल लिया और एक ने अपना लंड अंजलि की गांद मे डाल दिया.
वो दोनो तेज़ी से अंजलि की गांद और उसके मूह को छोड़ने लग गये. अब अंजलि भी सुखी की तरह एक ही बार मे अपनी गांद और मूह की चुदाई करवा रही थी. और उसको भी सुखी की तरह मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर के बाद अंजलि और सुखी नीचे लेट गये और बाबा ने सुखी और अंजलि के होंठो को एक-दूसरे के साथ मिला दिया. फिर दोनो के उपर एक-एक बाबा आया और उनकी गांद मारने लग गया. अंजलि और सुखी दोनो ने आहें भरनी शुरू कर दी थी.
इस बार उनकी गांद की चुदाई थोड़ी देर के लिए नही, बल्कि तब तक हुई, जब तक की बाबओ का पानी नही निकल गया. थोड़ी देर के बाद उन दोनो बाबओ का पानी निकालने वाला था. उन दोनो ने एक लोटा पकड़ा और उसमे अपना पानी निकाल दिया.
अब बाकी बाबओ का भी पानी निकालने वाला था. उन सब ने भी अपने -अपने लंड के पानी को उसी लोटे मे निकाल दिया. अंजलि और सुखी अभी भी एक-दूसरे को किस कर रहे थे. उन दोनो को मज़ा भी आ रहा था और इतनी ठुकाई के बाद दर्द भी हो रहा था. लेकिन वो लगातार एक-दूसरे के होंठ चूज़ जेया रहे थे.
इसके आयेज क्या होने वाला है, वो आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा. अगर आपको स्टोरी पसंद आई हो, तो मुझे मैल करके अपनी फीडबॅक भेजे. कोई आइडिया देना हो, तो भी मुझे मैल करे.
मई आप सब की फीडबॅक का बेसब्री से इंतेज़ार करूँगा.
बाइ आंड टके केर.