ही फ्रेंड्स मई हू काव्या. मई आज आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आई हू. पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा था, की मेरी मम्मी की डेत के बाद मुझे पॉर्न देखने की आदत हो गयी थी.
फिर मुझे लंड की तलब लगने लगी, और मेरी नज़र अपने पापा के लंड पर जाने लगी. पापा का लंड देख कर मुझे उनसे प्यार हो गया. फिर हमारे घर मे पुष्पा नाम की नौकरानी आई. उसने मुझसे कहा, की वो मेरी पापा से चूड़ने मे हेल्प करेगी.
फिर वो पहले खुद उनसे चूड़ी, और चूड़ने के बाद उसने पापा से कहा-
पुष्पा: आप बिना चुदाई के कैसे रहते हो?
पापा: बस मूठ मार कर गुज़ारा कर लेता हू.
पुष्पा: एक लड़की के घर पर होते हुए भी?
पापा: हा अब तो तुम हो ही.
पुष्पा: मई अपनी बात नही कर रही.
पापा: फिर कों सी लड़की है यहा?
पुष्पा: आपकी बेटी.
अब आयेज-
पापा: तू पागल है? वो मेरी बेटी है.
पुष्पा: वो एक लड़की भी तो है. और हर लड़की की छूट होती है, जिसके लिए उसको लंड चाहिए होता है. वो जवान हो गयी है, और कॉलेज भी जाती है. किसी बाहर वाले के साथ मूह काला करने से अछा, आप उसको लंड डेडॉ. बाद मे जब शादी हो जाएगी उसकी, तो उसका पति उसको लंड दे देगा.
ये सुन कर पापा सोच मे पद गये. फिर पुष्पा बोली-
पुष्पा: ज़रा देखना उसको ध्यान से, उसकी जवानी आपको दिखेगी. और लाते करोगे, तो कल को किसी और की रंडी बन जाएगी.
अगले दिन से पापा मुझे गौर से देखने लगे, और मेरी हरकटो पर ध्यान रखने लगे. मई भी जान-बूझ कर उनके सामने किसी लड़के के साथ फोन पर बात करने का नाटक करने लगी. इससे पापा को पुष्पा की बातो पर विश्वास हो गया.
फिर एक दिन पुष्पा पापा को रात मे मेरे रूम मे लेके आई. मेरी और पुष्पा की पहले से ही इस बारे मे बात हो गयी थी. उसने मुझसे कहा था-
पुष्पा: चाहे कुछ भी हो जाए, तू बस उतना मत.
और मैने भी उसकी बात मानी थी. मेरे रूम मे आके उसने मेरे पापा को मेरे पास बिता दिया. मैने पिंक कलर का नाइट सूट पहना था. फिर उसने पापा को मेरी जाँघो पर हाथ फेरने के लिए कहा. जब पापा ने माना किया, तो उसने पापा का हाथ पकड़ कर मेरी जाँघ पर रख दिया.
मेरी सॉफ्ट जाँघ देख कर पापा से रहा नही गया, और वो मेरी जाँघ पर हाथ फेरने लगे. फिर वो मेरे बूब्स पर आए, और हल्के-हल्के से मेरे बूब्स को दबाने लगे. इससे मेरी साँस चढ़ने लगी. इस्पे पुष्पा बोली-
पुष्पा: देखो उसकी साँस तेज़ हो रही है. इस उमर मे इसको कोई भी आसानी से पत्ता सकता है. ज़रा इसकी छूट पे हाथ लगाओ.
फिर पापा ने मेरी छूट पर हाथ लगाया, और मेरी छूट उसी वक़्त गीली हो गयी. पुष्पा बोली-
पुष्पा: देख कितनी गर्मी है इसकी छूट मे?
पापा: हा.
पुष्पा: छोड़ दो इसको, वरना इज़्ज़त बाहर नीलाम हो जाएगी.
फिर वो दोनो चले गये. पापा अभी भी नही मान रहे थे. फिर पुष्पा उन्हे बोली-
पुष्पा: अगर मई उसको राज़ी कर लू, फिर तो करोगे?
पापा: हा.
फिर अगले दिन मैने और पुष्पा ने प्लान बना लिया. हम नाटक करते हुए बाते करने लगे. मुझे पता था, की पापा हमारी बाते सुन रहे थे, लेकिन मुझे अंजान बने रहना था.
पुष्पा: और काव्या पढ़ाई कैसी चल रही है?
मई: ठीक.
पुष्पा: कोई बाय्फ्रेंड बनाया के नही?
मई ये सुन कर हासणे लगी.
पुष्पा: हस्स क्यू रही है. बनाया के नही?
मई: नही.
पुष्पा: कोई पसंद नही आया?
मई: पसंद तो है.
पुष्पा: अछा बाय्फ्रेंड बना कर क्या करेगी?
मई: वही जो करते है.
पुष्पा: क्या करते है? सेक्स?
मई: हा.
पुष्पा: और अगर वो बाद मे छोढ़ गया तो?
मई: फिर दूसरा देख लेंगे.
पुष्पा: तुझे सेक्स ही करना है तो घर पर कर ले.
मई: घर पे किसके साथ करू?
पुष्पा: तेरे पापा है ना.
मई: पापा!
पुष्पा: हा.
मई: पागल है तू, वो मेरे साथ क्यू करेंगे?
पुष्पा: क्यूकी वो उनके पास लंड है, और तेरे पास छूट.
मई: मैने कभी सोचा नही. पता नही पापा को कैसा लगेगा.
पुष्पा: वो तो मान ही जाएँगे, तुझसे प्यार जो करते है.
मई: हा अगर वो मान जाते है तो कर सकती हू.
बस यही बात पापा को सुनानी थी. लेकिन फिर भी पापा दर्र रहे थे. प्लान के मुताबिक पापा को उसी वक़्त एंट्री मारनी थी, लेकिन वो नही आए. फिर रात को फिरसे हमने प्लान बनाया. पुष्पा फिरसे पापा को मेरे रूम मे ले आई. मई सोने का नाटक कर रही थी.
पापा मेरे पास बैठे, और हल्के से मुझे छूने लगे. फिर हिम्मत करके वो मुझे किस करने लगे. जब वो मेरे होंठो पर किस कर रहे थे, तभी मैने अपनी आँखें खोल ली. पापा दर्र गये, और बोले-
पापा: ई आम सॉरी काव्या.
मई: पापा कोई बात नही, आप कर सकते हो.
और ये बोल कर मैने अपने होंठ पापा के होंठो से चिपका दिए. पापा एक-दूं से जोश मे आ गये, और मेरे होंठ चूसने लग गये. मैने अपना एक हाथ पापा के लंड पर फेरना शुरू कर दिया. पापा मेरे लिप्स चूसने के बाद मेरी गर्दन को किस करने लगे.
अब पुष्पा रूम से बाहर चली गयी थी. फिर पापा ने मेरे कुर्ते के बटन खोले और मेरे शोल्डर्स और क्लीवेज को चूमने लगे. मुझे बड़ा सुकून और मज़ा मिल रहा था. पापा ने पीछे हाथ डाल कर मेरी ब्रा खोली, और मेरे बूब्स चूसने शुरू कर दिए.
वो निपल्स ऐसे चूस रहे थे, जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने उनके सिर को अपनी बाहो मे जाकड़ लिया, और उनसे अपने बूब्स चुसवाने लगे. उन्होने मेरे बूब्स पकड़े, और दबा-दबा कर चूसने लगे. मई आहें भर रही थी, और बोल रही थी-
मई: ई लोवे योउ पापा आहह. ई लोवे योउ सो मच आहह.
फिर पापा नीचे गये, और मेरा पाजामा उतार दिया. उसके बार वो मेरी जाँघो को मसालने लगे, और मेरी छूट को पनटी के उपर से रगड़ने लगे. मई तो सिसकिया ले-ले कर पागल हो रही थी. फिर उन्होने मेरी जांघे चूमनि शुरू की.
मई उनके सिर को अपनी जाँघो मे जाकड़ रही थी. मेरी पनटी भी गीली हो गयी थी. फिर उन्होने मेरी पनटी उतार दी, और मेरी बालो से भारी छूट पर किस करने लगे. मुझसे रहा नही गया, और मई बोली-
मई: फक मे पापा प्लीज़!
पापा ने मेरी छूट पर जीभ फेरी, और उसको आचे से छाता. फिर उन्होने अपने कपड़े उतार दिए. अब जिस 7 इंच के लंड के लिए मई पागल थी, वो मेरे सामने था. पापा का लंड देखते ही मैने अपनी टांगे खोल दी.
पापा मेरी टाँगो के बीच आए, और अपना लंड मेरी छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया. मेरी तो लंड लेने के लिए जान निकल रही थी. फिर पापा ने अपना लंड मेरी छूट के मूह पर सेट किया, और प्रेशर बनाने लगे. मुझे दर्द होने लगा, और मई आहह अहहा करने लगी.
पापा प्रेशर बनाते गये, और उनका लंड मेरी सील तोड़ कर छूट मे चला गया. अभी आधा लंड ही गया था, की मैने पापा के पेट पर हाथ रख कर उनको रोका. मई बोली-
मई: पापा दर्द हो रहा है. और मत डालो.
ये सुन कर पापा ने अपना मूह मेरे पास किया, और अपने होंठो से मेरे होंठ बंद कर लिए. फिर पापा ने मुझे जाकड़ लिया, और मेरी छूट मे ज़ोर का धक्का मारा. मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी, लेकिन मुझे पापा ने जकड़ा हुआ था.
फिर 2 मिनिट मे मेरा दर्द कम हो गया, और पापा ने अपना लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. अब मुझे मज़ा आने लगा था, और मई गांद उठा-उठा कर उनका साथ दे रही थी. कितना मज़ा आ रहा था पापा का लंड लेने मे, मई बता नही सकती.
पापा मुझे छोड़ते हुए मेरे होंठ और बूब्स चूस रहे थे. मई बोल रही थी-
मई: अया पापा, ई लोवे योउ पापा. ज़ोर से करो पापा आह, हा और ज़ोर से.
पापा अपनी स्पीड बढ़ा रहे थे, और मेरा मज़ा भी बढ़ता जेया रहा था. वो मेरा पूरा मूह चाट रहे थे. 15 मिनिट लगातार धक्के मारने के बाद मुझे अपनी छूट मे पापा का गरम-गरम वीर्या महसूस हुआ.
वो इतना ज़्यादा था, की मेरी छूट पूरी भर गयी. पापा शांत हो गये, और मेरे पीछे लेट गये. उन्होने मुझे पीछे से गले लगा लिया, और मेरी पीठ चूमते रहे. फिर उन्होने मुझे उल्टा लिटाया, और मेरी गांद भी छाती.
थोड़ी देर मे हम दोनो फिरसे गरम हो गये, और पापा ने मेरी फिरसे चुदाई की. उस रात पापा ने मेरी 4 बार चुदाई की, और सुबा तक हम सेक्स करते रहे. उस रात के बाद पापा ने मुझे बहुत छोड़ा, और आज तक छोड़ रहे है. यही वजह है, की मेरे बूब्स और गांद इतने बड़े हो गये है.
अब तो मेरे पापा मुझे कभी भी कही भी पकड़ लेते है, और छोड़ने लगते है. मई भी मज़े से उनसे चुड़वति हू. मुझे अब शादी की भी कोई ज़रूरत नही है, क्यूकी मेरी छूट को तगड़ा लंड मिल रहा है.
तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.