ही फ्रेंड्स, मेरा नाम मानव है. मैं आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट को आपने बहुत प्यार किया, उसके लिए मैं आपका दिल से शूकर-गुज़र हू. जिन रीडर्स ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, वो पहले जाके वो पार्ट ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में मैने आपको बताया की मैं अपनी सेक्सी मा को छोड़ने के लिए पागल हो चुका था. फिर मुझे मा के साथ अकेले हिमाचल जाने का मौका मिला, और मैने ट्रेन में मा के नाम का माल निकाला. अब आयेज बढ़ते है.
मूठ मारने के बाद मैं सो गया. मेरी नींद तब खुली, जब हमारा स्टेशन आ चुका था. मा मुझे उठा रही थी. जैसे ही मारी जाग खुली, और नज़र मा पे पड़ी, तो मुझे उसकी क्लीवेज दिखाई थी. मैने सोचा की काश मा रोज़ नंगी होके मुझे उठाए, तो सारा दिन कितना अछा जाए.
फिर हम स्टेशन पर उतरे, और वाहा पर इधर-उधर देखने लगे. 5 मिनिट में मेरे मामा-मामी वाहा पर आ गये. मेरी मा का एक ही भाई है, जो शादी-शुदा और 2 बच्चो का पिता है. मामी भी मेरी कम सेक्सी नही है, लेकिन मा से ज़्यादा सेक्सी नही है. मेरी मामी का नाम गीता है.
मामी का रंग गोरा है, और फिगर तकरीबन 34-30-36 होगा. मामी ने सारी पहनी हुई थी, और उनकी कमर सेक्सी लग रही थी. मैने मामा-मामी को देखते ही उनके पावं च्छुए. मामी ने मुझे पावं नही छूने दिए, और गले से लगा लिया.
उनके गले लगते ही मुझे अपनी चेस्ट पर उनके बूब्स का एहसास हुआ. मैं तो ट्रेन में चढ़ने से पहले ही हॉर्नी हुआ पड़ा था. उन्होने तो उतरते साथ ही मेरा लंड फिरसे खड़ा कर दिया. फिर हम स्टेशन से निकले, और गाड़ी में बैठे. मामा ड्राइव करने लगे, और मैं और मा पीछे बैठे थे. मामी मामा के साथ बैठी थी.
हम सब बातें करते जेया रहे थे. तभी मेरी नज़र रियर व्यू मिरर पर पड़ी. उसमे मुझे मामी की क्लीवेज दिख रही थी. मेरे मूह में उनकी क्लीवेज देख कर पानी आ रहा था. फिर मैने साइड में बैठी अपनी मा के बूब्स में देखा.
मेरी मा की क्लीवेज मामी से ज़्यादा गहरी और सेक्सी थी. क्या माहौल था. 2 औरतों की क्लीवेज देखने का मौका मिल रहा था. और ऐसी सिचुयेशन में लंड कैसे बैठा रह सकता है?
फिर हम ननिहाल पहुँच गये. वाहा जाके नाना-नानी ने मुझे बहुत प्यार दिया. जब नानी ने मुझे गले से लगाया, तो उनके बूब्स को भी महसूस करके मेरा लंड खड़ा हो गया. जब वो मुझसे अलग हुई, तो मेरी नज़र सीधे उनकी क्लीवेज पर गयी.
नानी बुद्धि थी, लेकिन शरीर अभी भी अछा-ख़ासा था उनका. फिर एक पल के लिए मुझे लगा की मैं ये क्या सोच रहा था. कुछ देर बातें करने के बाद हमे हमारा रूम दिखाया गया. मैने और मम्मी ने अपना समान उठाया, और रूम में चले गये.
रूम में जाते ही मों फ्रेश होने और नहाने के लिए बातरूम में चली गयी. जब वो बाहर आई, तो मैं नहाने चला गया. जैसे ही मैं अंदर गया तो मेरी नज़र मम्मी के अभी उतारे कपड़ो पर गयी. उनकी ब्रा-पनटी मेरी आँखों के सामने थी.
मैने झट से मम्मी की ब्रा और पनटी उतरी, और उसको अपने मूह पे लगा लिया. पहले मैने अपनी मा की ब्रा सूँघी, जिसमे से उसके पसीने और देव दोनो की खुश्बू आ रही थी. फिर मैने उनकी पनटी को अपनी नाक से लगाया, और उसको सूंघने लगा.
जैसे ही मैने पनटी को सूँघा, एक अलग सी ही जन्नत दिखाने वाली स्मेल मैने महसूस की. उनकी छूट में से कुछ ऐसी स्मेल आ रही थी, जिसने मुझे मदहोश कर दिया, और मेरा लंड और टाइट हो गया. अब हालात बर्दाश्त के बाहर थे. मैने जल्दी से अपने कपड़े उतारे, और नंगा होके टाय्लेट सीट के सामने खड़ा हो गया.
फिर मैने अपना लंड हिलना शुरू किया, और मम्मी को सोच के मूठ मारने लगा. जब मैं आँखें बंद करके मम्मी को सोच कर लंड हिला रहा था, तभी मेरे मॅन में मामी के ख़याल भी आने लगे. तो मैने उन दोनो के बारे में सोच कर मूठ मारनी शुरू कर दी.
कुछ मिंटो में लंड से माल की पिचकारी निकली. इतना माल निकला था, जितना पहले कभी नही निकला था. शायद ये 2 औरतों के बारे में सोचने का रिज़ल्ट था. फिर मैं भी फ्रेश होके नहा लिया.
अब रात हो चुकी थी, और सब डिन्नर टेबल पर बैठे थे. मम्मी ने पाजामी सूट पहना हुआ था, जिसके साथ उन्होने दुपट्टा नही लिया था. उनका शर्ट डीप नेक वाला था. तभी मेरी नज़र मामी पर गयी. मामी ने अब पाजामा और त-शर्ट पहनी हुई थी. मामी की त-शर्ट व-नेक थी, तो उनका भी आयेज का समान सॉफ दिख रहा था.
मुझे तो ये समझ नही आ रहा था, की मैं खाना ख़ौ, या उन दोनो के बूब्स को आँखों ही आँखों में खाता राहु. डिन्नर के बाद हम लोग रूम में चले गये. अब मा और मैं एक ही बेड पर थे, और ये मौका मुझे कब से चाहिए था. मैं मा के सोने की वेट करने लगा.
2 घंटे तक मैं ऐसे ही लेता रहा. फिर मैने मा को चेक किया, की वो सोई थी के नही. कन्फर्म करने के लिए मैने उनको आवाज़ भी लगाई. लेकिन मा गहरी नींद में जेया चुकी थी, क्यूंकी उन्होने कोई रेस्पॉन्स नही दिया.
अब मेरे पास पूरा मौका था. सबसे पहले मैं अपना फेस मा के फेस के पास ले गया. उनके गाल के पास जाके मुझे मा की गर्मी का एहसास होने लगा. मैने हल्के से उनके गाल पर किस किया. फिर गाल पर होंठ रगड़ते हुए मैं उनकी गर्दन तक आया.
मा के जिस्म की खुश्बू कमाल की थी. फिर मैं मा के बूब्स पर आया, और कपड़ों के उपर से मा के बूब्स पर किस करने लगा. उसके बाद मैने मा के पेट पर किस किया, और फिर नीचे जांघों पर आया. बड़ी सेक्सी थी मा की जांघें.
जब मैने उन पर हाथ फेरा, तो ऐसा लगा जैसे किसी गद्दे को चू रहा हू. फिर मैने मा के शर्ट को जीतने हो सके उतना उठा दिया, और मा का पेट मेरे सामने आ गया.
इससे आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको शेर ज़रूर करे. मैं जानता हू की कह थोड़ी लंबी चल रही है, लेकिन एंड में पैसे वसूल हो जाएँगे.