मा ने बॉक्स को खोलने लगी थी.
मा- खोल कर देखती हू. आख़िर इसमे है क्या.
तभी मैं नींद से जगा और नीचे गया तो देखा की मा बॉक्स को खोल रही है.
मा- तो तुम उठ गये ये करियर आया है तुम्हारे लिए.
ये बात सुन कर मैं शॉक मे रह गया और जाकर तुरंत उन बॉक्स को उनके हाथो से चीन लिया.
मैं- इसमे मैने अपनी आयेज की स्टडी के लिए बुक मँगवाए थे. इंजिनियरिंग की. आपको बताना भूल गया था.
मा- तो तुम इतना घबरा क्यो रहे हो
मैं- अपने कमरे मे जाता हू मा. मैं जल्दी से उस बॉक्स को लेकर अपने कमरे मे गया और दरवाजा लॉक कर दिया. मैने अपना लंड निकाला और उस नकली छूट मे घुसाने लगा. वो सिलिकन की बनी थी और मुलायम थी.
धीरे धीरे मैने उस टॉय छूट मे घुसाने मे काम याब हो गया. फ़्लेशलीघत अंदर से ऐसा लग रहा था जैसे असली छूट हो. मैं उसे हिलने लगा. उसमे मुझे बहुत मज़ा आअनए लगा. तो मैने अपनी स्पीड बड़ा दी और मैं झड़ने वाला था. तभी झाड़ते समय मैने ज़्यादा ज़ोर लगाया और वो 2 टुकड़े मे फट गया. जिसकी आवाज़ सुनकर-
मा- बेटे कुछ गिरा है क्या.
मैं- हा बस टीवी का रिमोट गिरा है.
फिर कुछ समय बाद मा खाना खाते समय बोली
मा- आकाश क्या मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे कमरे मे सो सकती हू.
ये सुन कर तो मैं खुस हो गया.
मैं- क्यो नही मा ज़रूर.
फिर हम दोनो सोने के लिए गये. लेकिन मा कुछ देर बाद नीचे आई और मैं चेक करने के लिए नीचे गया तो देखा की मा प्लास्टिक लंड को जला रही थी और कह रही थी. ये तो जल्दी कराब हो गया. अब दूसरा मंगवाना पड़ेगा.
वो वापस कमरे मे आई. हम एक ही बेड मे सो रहे थे. मैने लाइट बुझा दी थी. मैने उनको छोड़ने की सोची अपना हाथ मैने उनकी पेट पर रखा. उन्हे कुछ पता नही चला.
मैं धीरे धीरे अपना एक उनकी बूब्स मे ले गया और सॅडी की बाहर से ही उनकी बूब्स को दबाने लगा. फिर एक हाथ को धीरे से नीचे छूट की ओर ले जाने लगा. उनकी पेटीकोआट को उठाने लगा और उठाने पर उनकी चूत मे पनटी को टच किया और मैने उनकी टांगे फैला दी. उनकी पनटी की उपर मे ही हाथ फैलने लगा. तभी वो कास्की तो मैं रुक गया और सो गया.
सुबह नींद खुली. मैने जेया कर देखा नीचे तो मा लॅपटॉप उसे कर रही थी.
मैं- आप क्या कर रही है?
मा- कुछ नही बेटा बस ऐसी ही.
उसके बाद मा खाना बनाने के लिए किचन मे गयी. तो मैं लॅपटॉप मे चेक करने लगा की मा क्या कर रही थी. मैने ब्राउज़र हिस्टरी चेक की तो पता चला उन्होने ďइल्डो ऑर्डर की है. फिर मैने दूसरी फ़्लेशलीघत ऑर्डर करदी लॅपटॉप बंद की और खाना खाने चला गया.
मैने क्या किया दाद की वियाग्रा गोली देखी थी उसे खा लिया. जिस के कारण मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया. मा मेरे ने पंत को देखा और कहा
मा- ये क्या बेटे अपनी मा का तो लिहाज़ करो
मैं – ये मैं जान बुझ कर नही कर रहा हू मा. ये अपने आप हो रहा है. तो उन्होने पूछा.
मा- कही तुमने कोई गोली तो नही खाई है.
मैं – बस वो किचन मे तंगी थी ना वो खाली.
मा- हे भगवान इसने विग्रा खाली.
उन्होने तुरंत मुझे पकड़ा और कमरे मे ले गयी और दरवाजा बंद कर. लाइट बंद कर. अंधेरा कर दिया.
मैं- ये आप क्या कर रही हो.
मा – कुछ पूछ मत. मैं तेरा लंड को हिलने वाली हू. क्योकि तू मेरा बेटा है तो मैने लाइट बंद कर दी है.
फिर मा ने मेरी पंत निकली और मेरे लंड को जैसे ही चुवा एक करेंट से दौड़ पड़ी सरीर मे. उन्होने लंड को मुट्ही मे पकड़ कर धीरे धीरे हिलने लगी. अब मेरी मूह से आ आह की आवाज़े आने लगी.
उन्होने धीरे धीरे स्पीड बड़ाई. मा ने मेरे लंड को ऐसे पकड़ी हुई थी. जैसी मछली को पकड़ी हो. मेरे मूह से आह आह आह की आवाज़ आने लगी. तभी मेरे लंड से माल निकल गया और उनकी मूह मे चली गयी.
मा- बेटा याद रहे फिर वैसी दवाई मत खाना. ये मैने इसलिए किया ताकि तुम्हे सांत कर साकु. फिर उन्होने मुझे पंत पहनाई और लाइट को चालू की. हम नीचे आए. आज का दिन मैं कभी नही भूल सकता.
मैं- मा क्या ऐसे ही आप मेरी मदद करींगी. अगर ऐसा दोबारा हुवा तो.
मा- हा करूँगी पर तुम ऐसा क्यो पूछ रहे हो.
मैं- बस ऐसे ही.
फिर साम को डोर बेल बाजी. मैं बाहर गया तो पता चला. करियर आया है. मैने पेपर पर साइन की और बॉक्स को अंदर ले जाकर खोलने लगा.
तभी पहुचि.
मा- बेटा रुक जाओ. मत खोलो उसे.
तभी मैने बॉक्स खोल दी और देखा उसमे एक प्लास्टिक लंड था और मैने फ़्लेशलीघत ऑर्डर की थी. उसे मैने कन्फर्म नही की थी. इसलिए वो नही आया था. मैने उस प्लास्टिक लंड को बॉक्स से निकाला और मा को दिखाते हुवे कहा.
मैं- ये क्या है मा. ये तो लंड जैसा है.
मा- ये वो छ्चोड़ो इसे मैं इसे ले जाती हू.
मैं- मैं इसे दे तो दूँगा पर बताइए. ये आपने क्यो ऑर्डर की.
मा- ये तुम्हारी जान ने की चीज़ नही है. दो मुझे इसे.
तो उन्होने डिल्डो मेरे हाथो से च्चीं ली और अपने कमरे मे चली गयी.
फिर रात के समय जब हम सोने लगे
तो मा ने ट्रॅन्स्परेंट ब्लॅक सॅडी पहनी हुई थी. वो सीधी ही लेती. फिर मैने अपना हाथ उनकी सॅडी की ओर बदाया. तभी वो हिली मैने तुरंत हाथ हटा दिया.
मैने अपना आँख बंद रखा था. अचानक वो उठी उन्हे लगा मैं सो रहा हू और वो नीचे अपने कमरे मे गयी और बेड के नीचे से प्लास्टिक लंड को निकाला. मैने अपने आँखे खोली और उनके पीछे पीछे मैं गया और एक कपड़े रखने वेल अलमारी मे चुप गया.
उन्होने अपनी सॅडी निकली उसके बाद रेड कलर की पेटीकोआट को. फिर उन्होने धीरे धीरे अपनी ब्रा निकली क्या बड़े बड़े बूब्स थे मा के. मेरा लंड खड़ा हो गया.
फिर उन्होने अपनी पनटी निकालने लगी. धीरे धीरे अब वो पूरी तरह से नंगी हो गयी थी. तभी उन्होने डिल्डो को पकड़ा और उसे धीरे धीरे अपनी छूट मे डाल रही थी.
धीरे धीरे वो प्लास्टिक लंड मा की छूट मे चला गया. वो प्लास्टिक लंड 7 इंच लंबा था. धीरे धीरे अंदर बाहर करना चालू कर दिया. छाप छाप की आवाज़े और मा की सियाकारिया आने लगी और आह आह आह àआह आहा आह की आवाज़. ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे कह रही हो. छाप छाप की आवाज़ बदती ही जेया रही थी और मेरी साँसे भी. उन्होने अपनी स्पीड बड़ा दी.
1 घंटे तक ये नज़ारा चलता रहा फिर वो झाड़ गयी फिर. मा कपड़े सॉफ करने के लिए वॉशरूम मे चली गयी. तो मैं वाहा से चुपके से निकल गया और अपने कमरे मे आ कर सो गया. कुछ देर बाद वो भी आ गयी.
अगली सुबह मैने जब मा नाह रही थी तो उनकी पनटी ले लिया और अपने कमरे मे जाकर मूठ मारने लगा. क्या अहसास था यार. तभी मा ने दरवाजा खोला.
मा- हे भगवान तुम मेरे पनटी के साथ क्या कर रहे हो बेटे.
मैं- सॉरी मा ये ये मैं बस
मा- तुम मास्टरबेशन कर रहे हो. वो तो ठीक है तुम्हारी उमरा के करेंगे ही. लेकिन तुम मेरी पनटी मे कर रहे हो.
उन्होने मुझे थप्पड़ मारा और पनटी च्चीं ली और मेरे लंड को पकड़ लिया.
मैं- मा मुझे सेक्स करने का मान करता है.
मा- हा मैं समझ गयी हू. तू बड़ा हो गया है. तुझे सेक्स एजुकेशन देनी होगी. उन्होने मेरा लंड हिलना चालू कर दिया और हिलाने के बाद मैं झाड़ गया.
मा- आज मैं तुम्हे सेक्स एजुकेशन दूँगी. नालयक ऐसे पनटी मे हिलना मत फिरसे. फिर उन्होने रात को अपने कमरे मे गयी और लाइट बंद कर छूट मे प्लास्टिक लंड डाल कर अंदर बाहर कर रही थी. तो मैं उठा और उनके दरवाजे को खटखटाया जो अंदर से लॉक थी और खिड़की भी बंद थी.
मैं- मा आप इस कमरे मे क्यो आ गयी और ये आवाज़े कैसी है.
छाप छाप रुक गयी.
मा- बेटे तुम रूको मैं आती हू.
उन्होने दरवाजा खोला. तो वो पसीने से भीगी थी.
मा- बोलो क्या बात है.
मैं- आपने कहा था की आप मुझे सेक्स एजुकेशन देंगी.
मा ने फिर मेरे लंड की ओर देखा जो खड़ा था.
मा- अरे हा मैं तो भूल गयी थी. अंदर आओ
मा- अच्छा देखो ये बहुत इंपॉर्टेंट होती है. ज़िंदगी मे. तो देखो मेरे सरीर को. तो मैं कैसी लग रही हू. तुम्हे.
मैं- एक दम हॉट मा.
मा- बदमाश हॉट क्यो बोल रहे हो. आक्ची लग रही हो बोल सकते हो.
तो मा ने अपनी बाल बाँधी और सीधी खड़ी हो गयी.
मा- देखो बेटा सेक्स ऐसी चीज़ है जो दिमाग़ मे घूमती रहती है. तुमसे कहना ठीक रहेगा या नही. जब कोई आदमी अपने पार्ट्नर के या माले फीमेल के छूट मे लंड डालता है. तो उसे असली सांटी मिलती है.
मैं – ओह
मा- चलो अपना पंत निकालो.
और मैने अपना पंत निकाला तो लंड एकदम टन गया. मा थोड़ी सर्मा गयी.
मा- देखो बेटा सॅडी मे औरत ऐसी दिखती है. मेरे बूब्स जो तुम देख रहे हो. इसके ठीक नीचे होता है. गुफा जहा लंड डाला जाता है.
मैं- मा क्या आपको भी सेक्स से मज़ा आता है.
मा- ऐसी सवाल मत कर.
मैं- मा क्या मैं आपको च्छू सकता हू.
मा- हा च्छू सकता है.
मैं आयेज गया मा सीधी खड़ी थी. मैने उनके कंधो को धीरे से पकड़ा और हाथ को उनके बूब्स मे ले गया.
मैं- क्या मैं आपकी बूब्स को च्छू सकता हू.
मा- हा बेटा तू च्छू सकता है.
मैं धीरे से बूब्स च्छू कर उसे सॅडी की उपर से दबाने लगा और मेरा लंड मा की सॅडी की उपर से ही छूट से टकरा रही थी.
मा- बस रुक जा बेटा.
मैं- क्यो क्या हुवा मा.
उन्होने मुझे थोड़ी दूर किया और मेरे सामने झुक गयी और मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर अपनी मूह मे ले लिया और धीरे धीरे चूसने लगी.आह आह आ आहा आह आहा आह मैं करने लगा. मैं झड़ने वाला था तभी. मुझे डिल्डो की याद आई.
मैं- मा आपने बताई नही वो क्या थी. वो लंड जैसी थी ना.
मा- उसे जान कर तुम क्या करोगे.
फिर उठी
मा- जाओ हम दोनो के लिए पानी लेकर आओ प्यास लगी है.
मैं जब किचन मे गया तो मुझे सामने दाद का वियाग्रा बॉटल दिखा. तो मैने उस मे 2 गोली मा की पानी मे मिला दी और कमरे मे आकर वो वाली गिलास मा को दे दिया. मा पानी गत से पी गयी.
मैं- बताओ ना मा वो क्या है.
मा- बेटे तुम क्यो उसके पीछे पड़े हो.
थोड़ी देर बाद वियाग्रा का असर होने लगा.
मैं- मा क्या मैं आपको सिर्फ़ ब्रा और पनटी मे देख सकता हू.
मा- पिछली बार तो देखा था.
मैं- वो अलग बात है. मुझे अभी देखना है.
मा- ओक ठीक है.
मा ने अपनी सॅडी निकली और फिर पेटीकोआट. वो अब पूरी ब्रा और पनटी मे मे आ गयी.
मैं- मा प्लीज़ बताओ ना वो क्या था.
मा- तू मानेगा नही ना.
उन्होने बेड के नीचे से प्लास्टिक लंड को निकाला और मुझे पकड़ा दिया.
मैं- मा इसे क्या कहते है.
मा- इसे प्लास्टिक का लंड यानी डिल्डो कहते है.
मैं- पर इसे आपने क्यो ली
मैं जनता था की मा ने इसे क्यो ली है पर मुझे उनके मूह से सुन ना था.
मा- ये ये मैने तुम्हारे लिए मतलब तुम्हे सेक्स एजुकेशन देने के लिए ली है . तुमने उस दिन हिलाई थी तो.
मैं- (क्या झुत बोलती है यार.) तो बताए ना इसे कैसे इस्तीमाल करते है.
ये बात सुन कर वो हिचकी और वियाग्रा का असर बाद रहा था.
मा- तो मैं तुम्हे बताती हू इसका इस्ती माल बेटा.
वो बेड मे सीधी लेट गयी और तकिये को पकड़ लिया अपने सकल के आयेज ताकि की मैं उन्हे फेस तो फेस ना देखूं.
मा- देखो बेटा मैं अपनी टांगे फैला रही हू और मुझे देखना मत या तकिये को मेरे फेस से हटाना मत.
अब उस प्लास्टिक लंड को मेरी पनटी मे रखो और आयेज पीछे करो. मैने ऐसा ही किया. मैने जब प्लास्टिक लंड को पनटी मे आयेज पीछे किया तो मा की छूट गीली होने लगी थी और वो सिसकारिया ले रही थी. मेरा लंड उफान मार रहा था. छूट गीली होती जा रही थी. स स स की आवाज़ पनटी से आ रही थी. उस ट्रॅन्स्परेंट पनटी मे छुपे छूट मे जाने के लिए मेरा लंड फड़फदा रहा था.
वियाग्रा का असर और बढ़ गया, तभी-
मा- बेटा मैं अपनी पनटी निकालने वाली हू ये अच्छा नही रहेगा की तुम अपनी मा का छूट देखो तो तुम प्लीज़ लाइट बंद कर दो.
मैं- मा मैं देख नही सकूँगा तो क्या करूँगा.
मा – तुम देख नही सकोगे तो क्या तुम प्लास्टिक लंड को मेरे छूट मे जाते हुवे महसूस कर पाओगे. लाइट बंद करो और प्लास्टिक लंड को मुझे दो.
मैने लाइट बंद कर दी. लाइट के बंद होते ही. मुझे पनटी की छार्र की आवाज़ आई और छाप की आवाज़ आई.
मा- मैने प्लास्टिक लंड को छूट मे सता दी है. अब तुम्हे उसे पेलना होगा बस.
उन्होने मेरा हाथ पकड़ा और प्लास्टिक लंड मे रख दिया.
मैं- मा अब मैं पेलू.
मा- हा बेटा पेल अंदर की ओर छूट मे ही जाएगा.
मैने धीरे से प्लास्टिक लंड को पेला तो मुझे टाइट लग रही थी. तो ज़ोर दिया तो मा की मूह से आ की आवाज़ आई.
मा- हा बेटे प्लास्टिक लंड को आयेज पीछे करो.
मैं धीरे धीरे प्लास्टिक लंड को आयेज पीछे करने लगा. छूट गीली हो रही थी जिसके कारण प्लास्टिक लंड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था. मा सिसकारिया लेने लगी और मूह से आह आह आह आह की आवाज़ धीरे धीरे आने लगी. मेरे आयेज पीछे करने से छाप छाप की आवाज़ आने लगी. छाप छाप छाप.
मा- आह ओह आ आह आ आह वेरी गुड बेटे.
आवाज़ बादने लगी आह आह आह आह मैने स्पीड बड़ा दी छाप छाप छाप छाप छाप छाप.
तभी मेरे हाथ से प्लास्टिक लंड छूट से बाहर निकल गया. फिर मैने मा की छूट को खोजा च्छू कर अपनी हाथो से.
मा- अरे बेटा तूने भी ना उसे पूरा निकाल दिया.
मैने मा की छूट को च्छुवा वो एक दम गिल्ली हो चुकी थी.
जैसे ही मैने प्लास्टिक लंड को मा की चूत मे डालने के लिए आयेज बड़ा तो मुझे ईडिया आया की क्यो ना मा की छूट मे अपना लंड डाल डू.
तो क्या आकाश अपनी मा की छूट मे लंड डाल पाएगा? क्या वो उसे छोड़ पाएगा? ये पता चलेगा पार्ट 3 मे.