ही दोस्तो, अगर आपने इस सीरीस की पहली स्टोरी नही पढ़ी है, तो उसको ज़रूर पढ़िएगा. पिछले पार्ट का नाम है- “मम्मी के दुख को डोर किया”
आब आयेज की कहानी-
मैने मम्मी के छूट मे पूरा माल डाल दिया था और हम दोनो तक कर बिस्तर मे लेट गये. फिर मम्मी रोने लगी और बोली-
मम्मी: हमे ये सब नही करना चाहिए था. ये ठीक नही है.
ये सुन कर मई मम्मी को समझाने लगा और बोला-
मई: कुछ ग़लत नही किया हमने मम्मी. जब पापा दूसरी औरत के साथ सो सकते है, तो आप अपनी ज़िंदगी का मज़ा क्यू नही ले सकती.
मम्मी: लेकिन तू मेरा बेटा है.
मई: तो क्या हुआ? आपको मज़ा नही आया क्या?
मेरी ये बात सुन कर मम्मी चुप हो गयी.
मई: जब मज़ा आया, तो बस बात ख़तम. अब और कुछ मत सोचो.
मम्मी उदास हो कर बैठी थी. फिर मई मम्मी को किस करने लगा. लेकिन मम्मी कुछ रेस्पॉंड नही कर रही थी. 3-4 मिनिट तक किस करने के बाद, मई फिरसे मम्मी के बूब्स दबाने लगा. तब मम्मी बोली-
मम्मी: बेटा आज और नही.
मई भी मम्मी को फोर्स नही करना चाहता था. इसलिए मैने भी बाक्कॉफ्फ कर दिया और अपने कमरे मे आ गया. नेक्स्ट दे सुबा जब मई उठा, तो मम्मी किचन मे छाई बना रही थी. मई किचन मे गया और उसको पीछे से हग कर लिया. लेकिन मम्मी कुछ नही बोली-
मई: क्या हुआ? कल वाली बात को लेके अभी तक सोच रही हो क्या?
मम्मी कुछ नही बोली. तो मई फिरसे मम्मी को समझाने लगा-
मई: हमने कुछ ग़लत नही किया है.
इस्पे मम्मी बोली: जेया जाके ब्रश कर. मई छाई लेके आती हू.
फिर मम्मी छाई लेके आई और मेरे बगल मे बैठ गयी.
मम्मी: देख कल जो हुआ सो हुआ. अब हम कुछ नही करेंगे.
मई: क्यू नही करेंगे?
मम्मी: सवाल मत कर. बस मेरी बात मान.
मई: बिल्कुल नही. इतनी अची बीवी मुझे मिलती, तो क्या मई ये सब सुनता?
मम्मी: लेकिन मई तेरी मा हू, बीवी नही हू.
मई: अगर तुम बोलॉगी, तो आज ही सुहाग-रात माना लेते है. वैसे भी पापा के आने मे दो दिन बचे हुए है.
मम्मी: बहुत बदमाश हो गया है तू.
मम्मी की इस बात से मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था.
मई: बस आज आप सुहाग-रात की तैयारी कर लो. लाल सारी तो होगी ही आपके पास.
मम्मी: पागल मत बन.
मई: प्लीज़ मम्मी, प्लीज़, प्लीज़ मान जाओ. मुझे पता है, की आपका भी मॅन है.
मम्मी: लेकिन मेरे पास सुहाग-रात के कपड़े नही है. शादी के समय मई बहुत पतली थी. अब तो वो ब्लाउस भी फिट नही आएगा.
मई: अर्रे वही तो मज़ा है. आपके टाइट ब्लाउस से दूध बाहर आने के लिए तड़प रहे होंगे.
मम्मी: बहुत बदमाश हो गया है तू.
मई: ठीक है, तो मई शाम को 6-7 बजे बाहर चला जौंगा. आप दुल्हन की तरह रेडी हो जाना.
फिर शाम होते ही मई बाहर निकल गया. मई केमिस्ट के पास गया वियाग्रा लेने. मई चाहता था, की आज की इन्निंग्स बहुत लंबी चले. फिर थोड़ी देर इधर-उधर घूम कर मैने मम्मी को फोन किया और पूछा-
मई: मम्मी आ जौ अब मई ?
फिर मम्मी ने बोला: आधे घंटे बाद आना.
मई फिर जब घर पहुँचा, तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. मम्मी के टाइट रेड ब्लाउस मे उनके बूब्स आधे भी फिट नही हो रहे थे और बस निपल्स ही च्छूपे हुए थे. उनके बूब्स के बीच मे मंगल-सट्रा लटक रहा था. ओह हो हो! क्या नज़ारा था दोस्तो. मम्मी सारी मे किसी पोर्नस्तर से कम नही लग रही थी.
मई तो तुरंत ही उन पर टूट पड़ा. मम्मी को मई दीवार से सता के किस करने लगा. तभी मम्मी बोली-
मम्मी: अर्रे सबर करो तोड़ा. पहले अंदर तो चलो.
फिर हम बेडरूम मे गये. मई वाहा भी मम्मी को दीवार से सता के किस कर रहा था और उपर से ही दूध दबाने लगा था. 5 मिनिट ऐसा ही करने के बाद मैने मम्मी को बेड पे लिटाया और उनका ब्लाउस खोल दिया. मम्मी ने ब्रा नही पहनी थी, तो उनके बूब्स उछाल कर बाहर आ गये. मैने मम्मी के दूधो को अपने मूह मे डाल लिया और उनका दूध पीने लगा. मम्मी बस मोन कर रही थी.
मई फिर मम्मी की नाभि मे जीभ डाल के उनको तड़पाने लगा. 5 मिनिट नाभि चाटने के बाद, मई नीचे आया और मम्मी का पेटिकोट खोल दिया. फिर मैने मम्मी की पनटी भी उतार दी.
अब मम्मी पूरी नंगी थी और उनके दोनो बड़े-बड़े दूधो के बीच मे उनका मंगल-सट्रा लटक रहा था. फिर मैने मम्मी की छूट मे जीभ डाल दी और मम्मी ज़ोर-ज़ोर से आ आ करने लगी. 5 मिनिट मे मम्मी की छूट से रस्स निकालने लगा, जिसे मैने पूरा चाट लिया.
फिर मई उठा और मम्मी के मूह मे अपना लोड्ा डाल दिया. मम्मी मज़े से मेरे लोड को चूसने लगी. अब पूरा रूम गल्प-गल्प की आवाज़ो से गूँज रहा था. फिर मई उठा और मम्मी की छूट मे अपना लोड्ा घुसा दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा. मम्मी बस आ आ आ कर रही थी. वो बोल रही थी-
मम्मी: बेटा आहह.. आराम से करो बेटा. मुझे दर्द हो रहा है आअहह.. आराम से आहह..
मई बोला: अब मुझे बेटा नही पति बोलो.
मम्मी: हा मेरे पातिदेव, आराम से छोड़िए.
मई मम्मी की बात को इग्नोर करते हुए ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था. फिर मई बोला-
मई: अब आप मेरे उपर आ जाओ.
फिर मई लेट गया और मम्मी मेरे लोड पे बैठ के उछालने लगी. मम्मी के दूधे ज़ोर-ज़ोर से उपर नीचे हो रहे थे और बीच मे मंगल-सट्रा लटक रहा था. फिर मैने मम्मी को झुकाया और उनके दूधे अपने मूह मे डाल दिया.
थोड़ी देर ऐसे ही छोड़ने के बाद मई उठा और मम्मी को घोड़ी बनने को बोला. क्यूकी मैने वियाग्रा खाई थी, तो बहुत लंबा टिकने वाला था. अब मई मम्मी को घोड़ी बना कर उनकी छूट पेल रहा था. मम्मी के बड़े-बड़े दूध एक-दूं आयेज-पीछे हो रहे थे. उतने मे मम्मी झाड़ गयी.
फिर 15 मिनिट ऐसे ही छोड़ने के बाद मई बोला-
मई: मेरा निकालने वाला है.
मम्मी बोली: मेरी छूट को अपने रस्स से भर दीजिए, मेरे पातिदेव.
फिर मैने भी ज़ोर-ज़ोर से धक्का मारते हुए पूरा माल अंदर ही छोढ़ दिया. उसके बाद मई मम्मी की बगल मे लेट गया. हम दोनो इतना तक गये थे, की वैसे ही मुझे नींद आ गया.
सुबा जब मई उठा, तो मम्मी मेरे बगल मे नही थी. फिर मई बाहर उठ कर गया, तो मैने देखा, की मम्मी किचन मे छाई बना रही थी. पापा अगले दिन शाम को आने वाले थे, तो हमारे पास डेढ़ दिन और था, आराम से चुदाई करने के लिए.
मई नेक्स्ट स्टोरी मे बतौँगा, की हमने फिर आयेज क्या किया. तब तक आप मुझे एमाइल करके अपनी फीडबॅक दे सकते है.