हेलो रीडर्स होप की आप सब ठीक हो मस्त होंगे ये पार्ट पिछली पार्ट का कंटिन्युयेशन है. पीछे की कहानी जाने के लिए पिछले पार्ट्स ज़रूर पढ़े और मुझे कॉमेंट्स मे बताए आपको कैसा लगा.
तो अगले दिन मई सुबह सुबह आयुषी को लेके स्कूल निकल गया. ये बोलके की स्कूल इवेंट की टायारी हो रही है. हम रास्ते मे ही थे और आयुषी ने मेरा हाथ पकड़ा और बोला भैया वो लोग मेरे साथ क्या करेंगे.
मई : आयुषी ये तो वहाँ जाके ही पता चलेगा और अगर तुम्हे दर्र लग रहा है तो हम वापस चले जाते है मई कुछ बहाना बना दूँगा.
फिर मई और आयुषी सोचने लगे और हुँने डिसाइड किया की स्कूल ही नही जाते है. कह देंगे हम सिटी के बाहर है.
तब तक घड़ी देखा तो 6 बाज चुके थे. तो हम वापस चले आ गये और मम्मी पापा भी जा ही रहे थे. ऑफीस उन्होने पूछा क्या हुआ तो मैने बोला की इवेंट कॅन्सल हो गया आंड च्छुटी हो गयी है आज हुमारी.
मम्मी पापा मान गये और वो चले गये अपने अपने ऑफीस. हम दोनो ने स्कूटी घर के पीछे पार्क की. ताकि किसी को पता ना चले और अंदर चले गये. अंदर गये ही थे की राज का फोन आ गया “कहा है मदारचोड़ तू अभी?!”
मई : भाई मई पापा मम्मी के साथ बाहर आ गया हूँ आज उनको गाओं जाना था. तो मई और आयुषी दोनो उसके के साथ है.
राज : भाई किसे बोला भोसदीके जीजा बोलेगा याद दिलौं क्या बार बार??!
मई : सॉरी जीजा मुझसे ग़लती हो गयी.
राज : चल ठीक है माफ़ किया जब आना तब बताना.
मई : ओक जीजा.
और फोन कट गया. फिर मैने और आयुषी ने अपने कपड़े चेंज किया और ये लगा की अब पूरा दिन शांति से बिताना है घर मे. मई टीवी देखने लगा और आयुषी अपने कमरे मे चली गयी.
आधे घंटे बाद घंटी बाजी और हम दोनो दर्र गये. ह्यूम लगा राज लोग चेक करने आए है. मैने दूरहोले से देखा तो दूध वाला था. मैने गाते खोला और आयुषी को बर्तन लेके बुलाया. उसने दूध किया और दूध वाला चला गया. मई तुरंत गाते बंद किया मगर वो बंद नही हो रहा था. तो मैने पिच्चे देखा तो राज और उसकी पूरी गांग खड़ी थी.
मेरी गांद फटत गयी उन सबको देख के और वो सब अंदर घुस आए एक साथ. वो लोग सब 4 लड़की रजनी, माया, पूजा और रिया. और 11 लड़के विपिन, गौरव, राज, शुबँ, अनिल, अभिसेक, आशु रूपेश, संतोष और मयंक थे. मई समझ गया की आज मेरा और मेरी बहें का बहुत बुरा हाल होने वाला है.
तब तक आयुषी भी बाहर आ गयी और उसने भी सबको देखा और वो भी हक्का बक्का हो गयी. मेरी बहें साँझ गयी आज उसकी छूट का भोसड़ा बनने वाला है. आज उसकी छूट फटने वाली थी बुरे तरीके से.
राज से 2 तमाचे मारे और बोला मदारचोड़ हुंसे जूथ बोलता है और फिर 2 तमाचे मारे.
फिर रजनी और उसकी गांग मेरे पास आए, रजनी ने भी मुझे छानते मारे. और उसके दोस्तो ने मुझे पकड़ा फिर रजनी ने मेरे बाल पकड़े और खीच के घुटने के बैठा दिया. मई अब कुत्ते की तरह बन गया सबके सामने और मेरी बहें भी मुझे देख रही थी. माया ने मेरी गांद पे 2 लात मारी और मुझे सोफे पे गिरा दिया.
फिर लड़को की पूरी गांग आयुषी के पास गयी और उसे घेर के खड़े हो गये. फिर डिसाइड हुआ की एक एक करके छोड़ेंगे पहले फिर डबल चुदाई करेंगे. मुझे समझ आ गया ये लोग रजनी की गांद भी मारने वेल है आज.
फिर रजनी ने मुझे नंगा कर दिया और ज़मीन पे बंद दिया टेबल के पैर से.
आयुषी को वो लोग मेरे सामने लाए और सोफे ऐसे रखा जैसे उसकी चुदाई मेरे सामने होने वाली है. और जो नही करेंगे वो सोफे पे बैठ के देखेंगे.
आयुषी का टॉप उतरा फिर ब्रा फिर पनटी और वो पूरी नंगी हो गयी. और एक एक करके सबने उसे छोड़ा मेरे सामने ही. सबसे पहले विपिन गया उसने 15 मीं झटके मारे फिर गौरव और सुभम गये उन्होने लग भाग 10-10 मीं छोड़ा.
फिर सुभम ने उसे छोड़ा. वो तोड़ा बॉडी बिल्डर टाइप का है और लंड भी बाकी सबसे ज़्यादा मोटा और लंबा था. उसने जब आयुषी की छूट मे लंड डाला तब आयुषी के चेहरे पे मई उसकी छूट फटने का दर्द देखा. मेरी बहें की आँख से आँसू गिर गये. मगर आयुषी अब रेज़िस्ट नही कर रही थी.
शुबँ अकेला था जिसने मेरी बहें आयुषी को 25 मीं छोड़ा और उसके बाद बाकी सारे लड़को ने राज और रूपेश को चोर्र के.
उन्होने सबने मिल कल आयुषी को करीब घंटे छोड़ा. और एक ही पोज़िशन मे छोड़ा और उसे वही चोर्र दिया. सबने अपना माल अलग अलग जाग निकाला था. किसी ने मूह पे किसी ने पीठ पे किसी ने गांद पे तो किसी ने छूट मे ही छोरा.
फिर सब आयुषी के चोर के सोफे पे बैठ गये और मेरी तरफ देखने लगे और राज ने रजनी को इशारा किया.
रजनी ने माया को बोला वो उठी और मेरे पास आई और मेरे सामने खड़ी हो गयी. मई ज़मीन पे बँधा हुआ था और उसकी छूट बिल्कुल मेरे सामने थी. उसने अपनी स्कर्ट उतारी और पनटी उतरी और अपनी छूट मेरे मूह पे रख दी और मेरे मूह मे घिसने लगी और रुकी और मुझे जीभ अंदर डालने को बोली.
मैने फिर उसे टंग फक किया. फिर वो घूम गयी और अब मेरे फेस मे सामने उसकी गांद का च्छेद था और उसने अपनी गांद मेरे मूह पे घुसा दी. मैने उसमे भी जीभ डाल के छोड़ा उसकी गंद फिर पूजा और रिया ने भी यही किया.
फिर रजनी उठी वो मेरे पास आई, पनटी खोली और मेरे उपेर मूतने लगी और मुझे पूरा गीला कर दिया और बोली-
रजनी : देखा मदारचोड़ यही होता है जब कोई मुझसे बेवजह टकराता है, ये है तेरी औकात!!
मैने घड़ी देखी तो अभी सिर्फ़ 11 ही बजे थे और मम्मी पापा तो शाम के 7 बजे तक आते थे. मतलब अभी 8 घंटे बाके थे. इन 8 घंटो मे क्या क्या होना ये मुझे भी नही पता था. बस इतना पता था की आज आयुषी की गांद फाड़ चुदाई होने वाली है.
नेक्स्ट कहानी अगले पार्ट मे. बाकी आप सब मुझे कॉमेंट्स मे ज़रूर बताए कैसी लगी आपको कहानी और मुझे एमाइल करे – बेवाफ़ग्फमेरी69@गमाल.कॉम पर अपने पायंट्स देने के लिए.