तो जैसा की पिछले पार्ट आप सबको पता चला मेरे बहें को राज और रूपेश ने कैसे जाल मे फसाया और मेरे सामने उसको कैसे छोड़ा रूपेश ने अब आयेज.
दोस्तो जब रूपेश ने आयुषी की छूट मे पानी निकल दिया और वो हट गया. तब आयुषी नीचे गिर पड़ी और वो ऐसे गिरी की उसकी गांद उपेर और मूह नीचे एक दूं कुटिया के जैसे.
राज ने पहले उसको देखा और फिर उसके सिर के उपेर पैर रखा और मुझे देखने लगा. वो उसके 2 रुपय की रांड़ बोलने लगा की देख ये ऐसे चुड्ती है ये.
फिर राज मेरी तरफ आया और उसने मेरे मूह से आयुषी की पनटी निकली और मेरी बहें की छूट सॉफ की अंदर तक. और वो पनटी जिसपे अब रूपेश का सारा माल लगा हुआ था उसे अब मेरे मूह पे फिर से डाल दी.
मुझे उसका टेस्ट नमकीन सा लगा तोड़ा मगर मई कुछ नही कर सकता था.
रूपेश : आबे राज जल्दी छोढ़ इसे फिर घर भी जाना है मई बहुत तक गया हूँ.
राज : हन भाई बस छोड़ना ही है अपनी रंडी है आज से ये और इस भद्वे(मेरी तरफ देखते हुए) को लगता था की ये सब एक बार का किस्सा है. मगर अब से तेरी बहें हुमारी रंडी है और हुमेशा रहेगी . हाहहाहा.
और वो हासणे लगा फिर उसने मेरी बहें को उठाया और उसके मेरे पास लेके आया. उसके हाथ मेरी कुर्सी के हाथ के उपेर ही बँधे जैसे उसके मूह मेरी तरफ हो ठीक मेरे सामने.
मई आयुषी का चेहरा देखा वो उसकी आँखें नींद से ढाकी हुई थी. और उसके मूह पे रूपेश और राज का माल पड़ा था जो चिपक चुका था सूख के.
फिर राज ने आयुषी की टाँगे थोड़ी फैलाई और अपना लोड्ा सेट किया और उसकी छूट मे लोड्ा पेलने लगा. मानो जैसा ये उसका आख़िरी दिन हो उसकी स्पीड बहुत तेज़ थी और आयुषी का चेहरा बार बार मेरे मूह से टकरा रहा था.
उसके आयुषी को आधा घंटा ऐसा ही छोड़ा फिर सारा माल उसकी छूट मे ही भर दिया. जैसा ही राज ने लोड्ा हटाया आयुषी की छूट से उसका माल गिरने लगा.
अब आयुषी पूरी तक चुकी थी और माल उसकी छूट से बहके उसके पैर पे जा रहा रहा था. फिर राज से मेरे मूह से पनटी निकली और आयुषी की छूट सॉफ की और मेरे मूह मे लगा दी.
उसने आयुषी के हाथ खोले और उसको नीचे लेता दिया और आयुषी भी तक कर लेट गयी. वो हल्के हल्के आँसुओ के साथ रो रही थी.
मगर रूपेश का मूड एक बार फिर बन चुका था मगर उसकी छूट सूज चुकी थी. तो वो आयुषी के सीने पे आके बैठ गया और उसके मूह मे लोड्ा देके चूसने लगा. और 15 20 मीं आयुषी का मूह छोड़ने के बाद वो फिर झाड़ गया उसी के मूह पे. अबकी बार उसके आयुषी के आँख और नाक पे पूरे माल चोर्र दिया.
राज ने उसकी फोटो निकाली और.मेरी फोटो निकली आयुषी की पनटी मेरे मूह मे लगे हुए. और एक सेल्फी की जिसमे हम चारो आए. मई बँधा हुआ आयुषी नीचे गिरी हुई और वो दोनो हेस्ट हुए.
फिर उन दोनो ने मूज़े खोला और राज ने मुझे बोला-
राज : देख रांड़ के भाई अबसे तू ह्यूम जीजा बोलेगा चाहे कोई भी हो सामने तू जीजा ही बोलेगा और अगर नही बोला तो तेरी बहें की वीडियो सबको दिखा दूँगा.
फिर राज ने एक पेन निकाला और मेरे चेस्ट ले लिखा मेरी बहें रंडी है और एक फोटो खीची.
उन दोनो ने फिर मुझे आयुषी को तैयार करने को बोला. मैने आयुषी को उसकी स्कर्ट और शर्ट पहनाई मगर ब्रा और पनटी के बिना. फिर दोनो के दिमाग़ मे पता नही क्या आया उन दोनो ने मुझे वीडियो बनाने को बोला.
मई दोनो की वीडियो बनाने लगा उन दोनो ने मेरी बहें को नीचे बिताया और लोड्ा निकल के उसके उपेर मूतने लगे.
मेरी बहें एक दूं से चौंक गयी मगर वो हटने की हालत मे नही थी. उसमे बिल्कुल भी ताक़त नही थी और वो दोनो आयुषी पे मूत के हास रहे थे.
मई आयुषी को खड़ा करके लेजने लगा उसके उपेर मूतने से उसकी पूरी शर्ट ट्रॅन्स्परेंट हो गयी थी, उसकी चुचि सॉफ दिख रही थी.
मई आयुषी को बेहोशी की हालत मे लेजा रहा था. गाते पर गाते कीपर ने हम चारो को देखा तो रूपेश ने बोल दिया ये लड़की बातरूम मे फिसल कर बेहोश हो गयी है. तो गाते कीपर ने कुछ नही बोला. फिर मई आयुषी को पीछे बिता स्कूल से घर ले आया स्कूटी से और राज और रूपेश अपने घर चले गये.
मेरे घर पे एक चीज़ आची थी की मम्मी पापा दोनो सरकारी ऑफीस मे काम करते थे तो 7 बजे तक घर आते थे. तो मई घर पर आयुषी को लेके पहुचा तब तक उसमे भी थोड़ी ताक़त आ गयी थी. उसने खुद को सॉफ किया नाहया और फिर सो गयी. जब मम्मी पापा आए तो मैने कह दिया वो स्कूल मे बुखार आ गया था तो वो सो रही थी.
मगर मेरे दिमाग़ मे सिर्फ़ उसकी दर्दनाक चुदाई की कहानी चल रही थी, मई बस उसे ही सोच रहा था. मगर आयेज क्या क्या होना था ये मुझे भी पता नही था.
आयेज की कहानी अगले पार्ट मे और मेरी आप सभी रीडर से रिक्वेस्ट है आप कॉमेंट्स मे बताए आप सबको कैसे लगी कहानी और मुझे मैल करे पर और अपने विचार व्यक्त करे.