ही दोस्तों, मैं राजेश हू उप के पीलीभीत से. मेरी आगे 21 साल है, और मैं कॉलेज के फाइनल एअर में पढ़ता हू. मेरा रंग ठीक-ताक है, और हाइट 5’11” है. लंड मेरा 7 इंच का है. अब ज़्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हू.
मेरी फॅमिली में मेरे अलावा मेरी मम्मी, पापा, और एक छ्होटी बेहन है. मेरी बेहन का नाम काजल है, और वो 19 साल की है. जिस कॉलेज में मैं फाइनल एअर में पढ़ता हू, वो फर्स्ट एअर में पढ़ती है.
दोस्तों अब मैं क्या बतौ आप सब को अपनी बेहन के बारे में. पूरा पताका है पताका. उसकी हाइट 5’6″ है, और रंग गोरा है. फिगर उसका मस्त 34-29-36 है. जो लड़का उसको देखता है, उसकी लेने के बारे में ज़रूर सोचता है.
वो ज़्यादातर लेगैंग्स के साथ शर्ट्स पहनती है. लेगैंग्स में क़ास्सी हुई उसकी गांद जब कोई भी लड़का देखता है, तो उसका लंड खड़ा हो जाता है. बाकी लड़कों की छ्चोढो, मेरा, उसके भाई का लंड उसको देख कर खड़ा हो जाता है.
घर में जब भी वो इधर-उधर जाती है, उसका जिस्म मेरे रोम-रोम में आग लगा देता है. मैने काई बार सोचा की साली को पकड़ के छोड़ डू. लेकिन हिम्मत नही होती अपनी बेहन पर हाथ डालने की.
पर फिर भी मैं बहाने से उसको टच ज़रूर करता रहता हू. कभी मैं उसके शोल्डर को टच करता हू, और कभी लेग्स को. और ये करते हुए ऐसा दिखता हू, की मुझसे ग़लती से हुआ है.
लेकिन फिर एक दिन मुझे अपनी बेहन को छोड़ने का सपना साकार होता नज़र आया. मेरी क्लास में एक लड़का है, जिसका नाम अंकित है. अंकित मेरा बेस्ट फ्रेंड है, और हम दोनो कोई भी बात कर लेते है. हम दोनो में कुछ भी च्छूपा नही है.
एक दिन मैं कॉलेज जेया रहा था. मैं और काजल एक साथ कॉलेज जाते थे. जब मैं कॉलेज में एंटर हुआ, तो गाते पर ही अंकित खड़ा था. मैने बिके पार्किंग में लगाई, और काजल अपनी क्लास की तरफ चली गयी. काजल ने उस दिन पिंक कलर का लेगैंग्स-सूट पहना हुआ था, और वो क़यामत लग रही थी.
दोस्तों मुझे अपनी बेहन के साथ कॉलेज जाना बिल्कुल अछा नही लगता. इसमे अपना खुद का मज़ा किरकिरा हो जाता है. लेकिन अब घरवालो को ये बात को समझाए, जो ज़बरदस्ती बेहन को साथ में भेज देते है.
तो फिर काजल के जाने के बाद अंकित मेरे पास आया, और बोला-
अंकित: क्या हाल है भाई?
मैं: मैं ठीक हू, तू बता कैसा है?
अंकित: बढ़िया हू मैं भी. अछा एक बात बोलू?
मैं: हा बोल ना.
अंकित: बुरा तो नही मानेगा?
मैं: अर्रे तू तो जानता है मैं तेरी किसी बात का बुरा नही मान सकता. बिंदास बोल तू.
अंकित: यार काजल बहुत मस्त लगती है यार मुझे. अगर तू बोले तो उसको अपनी गर्लफ्रेंड बना लू उसको.
उसकी ये बात सुन कर मैं एक-दूं से शॉक हो गया. फिर मैने उसको कहा-
मैं: अंकित तू क्या बोल रहा है यार? वो मेरी बेहन है, तो तेरी भी बेहन हुई ना.
अंकित: अर्रे नही-नही, मेरी कोई बेहन नही है वो. तू नही चाहता की वो मेरी गफ़ बने, तो मैं ट्राइ नही करूँगा. लेकिन उसकी मेरी बेहन ना बना.
मैं: वैसे तुझे पुर कॉलेज में मेरी बेहन ही मिली है गफ़ बनाने को?
अंकित: यार देख, तू मेरा दोस्त है. और काजल एक मस्त लड़की है. ये बात तो तू भी जानता है की वो बहुत सेक्सी है. कल को किसी ना किसी के साथ तो वो सेट होगी ही. अगर वो किसी और के साथ सेट होती है, तो तुझे पता नही चलेगा की वो क्या कर रही है. लेकिन मैं तुझे सब बता कर करूँगा. और मैं अकेला थोड़ी ना मज़े लूँगा. हम दोनो मिल कर उसके साथ मज़े करेंगे.
मैं उसकी इतनी डाइरेक्ट बात सुन कर हैरान हो गया. मैने उससे पूछा-
मैं: अर्रे ये तू क्या बोले जेया रहा है?
अंकित: यार राजेश, हम बहुत टाइम से फ्रेंड्स है. हम दोनो हॉर्नी है. काजल बहुत सेक्सी है. और जितना तू हॉर्नी है, मुझे पता है तू भी उसको छोड़ने के बारे में ज़रूर सोचता होगा. और ये मौका मैं ही तुझे दिला सकता हू, और कोई नही. वरना तू सोचता ही रह जाएगा, और उसको कोई और लेके चला जाएगा.
मैने सोचा बात तो अंकित सही बोल रहा था. फिर मैने उससे पूछा-
मैं: तू सिर्फ़ इसलिए उसको अपनी गफ़ बनाना चाहता है ताकि मेरा उसके साथ सेक्स करवा सके?
अंकित: नही.
मैं: तू कोई और भी तो लड़की पत्ता सकता है.
अंकित: यार तू मेरा दोस्त है. तेरे ज़रिए मैं तेरे घर में आसानी से आ-जेया सकता हू. किसी और लड़की के घर तक पहुँचने में बहुत टाइम लग जाएगा. इतना टाइम किसके पास है.
मैं: चल ठीक है, मेरी पर्मिशन है तुझे. लेकिन मुझे भी छोड़ना है उसको.
अंकित: अर्रे पक्का यार.
फिर हम क्लास अटेंड करने चले गये. जब कॉलेज ख़तम हुआ, तो मैं बिके स्टॅंड पर जाके काजल की वेट करने लगा. फिर वो आई, और बिके पर मेरे पीछे बैठ गयी. तभी प्लान के मुताबिक अंकित आ गया, और उसने मुझे कॉफी के लिए चलने बोला.
मैने काजल से पूछा की उसको कोई प्राब्लम तो नही थी हमारे साथ जाने में. तो उसने कहा की उसको कोई प्राब्लम नही थी. फिर मैं, काजल और अंकित कॉफी शॉप पर चले गये.
वाहा जाके वो दोनो आमने-सामने टेबल पर बैठ गये, और मैं तीसरी चेर पर बैठ गया. फिर अंकित टाइम पास के लिए ऐसे ही बातें करने लगा. अपनी बातों के दौरान वो काजल को ही घूरे जेया रहा था. मैं ऐसा शो कर रहा था, की मैं नही देख रहा था कुछ.
तभी मैने नोटीस किया, की काजल भी अंकित की तरफ बार-बार देख रही थी, और उसको नज़र से नज़र मिला रही थी. वो मंद-मंद मुस्कुरा भी रही थी. ये देख कर मुझे लगा की काजल जल्दी ही अंकित से पट्ट जाएगी. और अंकित से पाटने का मतलब मैं भी उसको छोड़ पौँगा. कॉफी ख़तम होने तक काजल अंकित को स्माइल देना शुरू हो चुकी थी. फिर हम उठे, और घर के लिए चल पड़े.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों कहानी रोमांचक होने वाली है, तो आयेज के पार्ट्स मिस ना करे. अगर आपको कहानी पसंद आ रही हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ भी ज़रूर शेर करे.