बहन के लंड से गांद चुदवाने की सेक्सी कहानी

तो कैसे हो दोस्तों आप सभी? एक बार फिर आपका स्वागत करता हू अपने स्प्ने में. तो चलिए स्टार्ट करते है.

स्प्ना स्टार्ट होता है – मैं सुबा उठा तो मुझे तोड़ा अजीब सा लग रहा था. चक्कर से आ रहे थे, जैसे मैने नशा किया हुआ हो वैसे. मैं कभी नशा नही करता. सूभ के करीब 10 बाज रहे थे. मैं रूम से बाहर आया, और बाहर मम्मी को ढूँढने लगा. तनीशा तो कॉलेज जेया चुकी थी, पर सरिता और मुम्मा घर ही थी.

फिर मैं सरिता के रूम की तरफ गया. वाहा मैं देख कर हैरान था की मों लंड चूस रही थी एक गोरे से आदमी का. मैं बहुत हैरान था, की ये कों था, जिसका लंड मेरी प्यारी आंटी/मम्मी चूस रही थी. मैं उनके पास गया, तो मेरी आँखें फाटती रह गयी.

वो कोई आदमी नही था. वो सरिता थी, जिसका एक बड़ा सा लंड था, जो की मों मज़े से चूस रही थी. उसकी पूरी बॉडी ऐसी ही थी. बड़े-बड़े बूब्स थे, यानी वो एक शेमले थी. मैं बहुत हैरान था.

तभी मम्मी बोली: क्या हुआ? आजा तू भी मज़े लेले. मैं वही बैठ गया, और देखने लगा.

जब सरिता ने अपना पूरा माल मों के मूह में छोढ़ दिया, तो वो मेरे पास आई, और मुझे किस करने लगी. वो बिल्कुल पहले जैसे ही थी, बस उसका एक बड़ा सा लंड था. मैं बस उसे ही घूर रहा था. उसकी टिप बिल्कुल रेड थी, और गीली थी.

वो बोली: क्या देख रहा है? लेले मूह में.

तो मैने माना कर दिया. फिर वो मुझे किस करके चली गयी. मैं मों के पास गया, और उनसे चिपक गया. मों ने मेरे लिए अपना ब्लाउस हटाया, और अपना एक बूब मेरे मूह में डाल दिया. मैं मज़े से चूसने लगा. फिर मैं मों से पूछने लगा-

मैं: मों सरिता का लंड कहा से आ गया?

तो मों चौंक गयी और बोली: क्या कह रहा है तू? तू तो सबसे ज़्यादा लंड चूस्टा था उसका. क्या हुआ तुझे?

फिर मों ने अपनी बूब हटा लिया. अब मैं मों की आर्म्पाइट्स लीक करने लगा. मों को मज़ा आ रहा था. फिर मैने अपना हाथ उनके पेटिकोट में दिया. मों ने पनटी नही पहनी थी. उनकी चूत गीली थी, तो मैं नीचे आ कर छूट चाटने लगा. मों ज़ोर से मोनिंग करने लगी.

अब वो छूट गयी, तो मैने मों को छोड़ना शुरू किया. फिर मैं भी थोड़ी देर बाद झाड़ गया. अब मैं बाहर आ कर सोचने लगा की मैं लंड चूस्टा था ची! ये मुझे बहुत अजीब लगा. मैं ये कर ही नही सकता था, ऐसे ही सोचता रहा.

दो दिन तो ऐसे ही बीट गये. फिर एक दिन जब तनीशा मेरे पास आई और बोली-

तनीशा: भैया आपको क्या हुआ? सरिता आप से गुस्सा है. अब ना तो आप उससे प्यार करते हो, ना ही उससे आचे से बात. क्या हुआ?

तो मैने उससे कहा: नही कुछ नही.

फिर तनीशा को किस किया, और सीधा सरिता के रूम में आ गया जहा मों भी मेरे पीछे ही आ गयी. सरिता मुझसे नाराज़ थी. वो बात नही कर रही थी, तो मैं मों को किस करने लगा.

पर मों ने मुझे हटा दिया, और कहा: पहले अपनी बड़ी बेहन को मनाओ. तब आना मेरे पास.

मक्न हैरान था, और मों वाहा से चली गयी. अब सरिता के पास बैठ गया. वो भी गुस्सा थी.

मैं उसे बोला: क्या हुआ बेबी? चलो कुछ करते है.

मैने पहले दीदी की त-शर्ट में हाथ दिया. उन्होने कोई रिक्षन नही दिया, और बस हल्का-हल्का मोन करती रही.

अब मैने देखा उनका लंड खड़ा होने लगा था. वो उसे हिलने लगी. मैने उनका हाथ अपने लंड पर रखा जो की हार्ड था, और अपना हाथ उनके लोवर में डाला, और उनका बड़ा लंड हिलने लगा. अब मैं तेज़ी से उनका लंड हिलने लगा. उन्हे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर उन्होने अपने बूब्स निकाले, और में उन्हे चूसने लगा. उनके निपल्स काटने लगा, जिससे उन्हे दर्द हुआ. अब उन्होने अपना लोवर उतार दिया. उनका बड़ा लंड मेरे सामने था, पर उससे पहले ही मैने अपना लंड उनके मूह में दे दिया.

वो मज़े से उसे चूसने लगी, और पता नही उन्हे क्या हुआ चूस्टे-चूस्टे, जो अपनी उंगली मेरी गांद में लगाने लगी. मुझे अछा नही लगा, तो उनका हाथ हटा दिया. अब वो खड़ी हो कर बैठ गयी और बोली-

सरिता: हुआ क्या है तुम्हे?

मैं कुछ नही बोला. अब मैने उनके लंड को देखा जो उपर से पूरा रेड था. देखने में बड़ा अछा लग रहा था. पता नही मुझे क्या हुआ, मैने लंड मूह में ले लिया, और उसकी टिप चूसने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा.

अब में तेज़ी से चूसने लगा, तो उन्होने अपना माल भी मेरे मूह में निकाल दिया. गरम-गरम नमकीन सा टेस्ट अछा लगा मुझे. अब वो अपनी गांद को मेरी तरफ करके खड़ी हो गयी. मैं उनकी गांद चाटने लगा. मुझे सच में बहुत मज़ा आया. मैने उनसे कहा-

मैं: दीदी मेरी भी छातो.

और झट से पंत उतार कर खड़ा हो गया. वो भी चाटने लगी. इसमे बहुत मज़ा आया. अछा सा फील हो रहा था. फिर हमने 69 पोज़िशन में एक-दूसरे के लंड को आचे से चूसा.

फिर थोड़ी देर बाद तनीशा वाहा आई. तब हम 69 में ही थे. वो मेरे पास आई और मेरे मूह से निकाल कर दीदी का लंड चूसने लगी. वो बहुत दीपत्र्ोआट मूह में ले रही थी. उसका पूरा थूक मेरे ही मूह में आ रहा था. मैं भी उसे खुशी से चाट रहा था.

अब दीदी खड़ी हुई और बोली: मेरी गांद मारो.

तो मैने अपना लंड उनकी गांद में डाल दिया. वो बिल्कुल भी नही चिल्लाई, बस मज़े से चूतड़ हिलने लगी. तनीशा मुझे अपने बूब्स लीक करने लगी. थोड़ी देर बाद मैं उनकी गांद में ही झाड़ गया, और वही बैठ गया. दीदी ने अपने लंड को तनीशा की छूट में झाड़वा दिया.

अब मैं तनीशा की छूट सॉफ करने लगा. उसको आचे से चाट कर दीदी का लंड भी सॉफ किया.

अब मुझे बस दीदी के लंड का चस्का चढ़ गया था. अब मैं बस उनके ही रूम में ही मूह में लंड लिए पड़ा रहता. मों और तनीशा दोनो आती, चूस्टी, चुड़वति, और चली जाती. मेरे और दीदी का अलग ही था. एक-दूसरे का ही लंड चूस्टे रहते थे.

एक दिन दीदी बोली: चल तेरी गांद मारनी है मुझे.

मैने माना किया तो दीदी नही मानी. मैने अपनी पंत उतरी, तो दीदी ने पहले तो उसपे थूका. फिर उंगली सी फेरने लगी. अब वो उंगली पर थूक लगा कर रब करती. मैने उन्हे रोका, और अपनी उंगली एक बार रब करके अपने मूह में डाली. दीदी ने फिर अपना लंड निकाला और मेरी गांद पर सेट किया, और घुसने की कोशिश की.

पर वो गया नही. अब वो फिरसे थूक लगा कर उंगली डालने लगी. मुझे उससे भी दर्द हुआ, तो दीदी ने अपना एक सॉक्स उतरा, उस पर थूका, और उसे मेरे मूह में दे दिया, और अपना लंड मेरी गांद में घुसा दिया. पहले तो मुझे तोड़ा दर्द सा हुआ, पर बाद में बहुत मज़ा आने लगा.

अब मैं मज़े से गांद मरवाने लगा. अब तो बस मैं दीदी के ही लंड पर बैठा रहता. मेरे और दीदी में अलग ही रिलेशन्षिप था. लेकिन एक दिन जब दीदी मेरी गांद मार रही थी, तो अचानक वाहा से खून आ गया, और मेरा सपना टूट गया.

मैं खड़ा हुआ की ये क्या था. कितना अजीब था. मैने अपने उपर तोड़ा थ-थ किया, और सीधा सरिता दीदी के रूम की तरफ भागा. वो सोई हुई थी. मैने जाते ही उन्हे उठाया भी नही, और उनकी पंत उतरी तो एक शेव्ड छूट को देख कर बहुत खुश हुई. दीदी मुझसे गुस्सा हुई, और फिर मैने उनकी छूट चाट कर उन्हे शांत किया.

तो यही था मेरा सपना. कैसा लगा आपको. तोड़ा अजीब था. अगर अछा लगा तो ज़रूर बताना. स्टोरी अची लगी हो तो कॉमेंट करना, और अपने सजेशन्स के लिए ज़रूर मैल करना. थॅंक योउ