निशा की छूट में मेरा 7 इंच का काला लंड पूरा अंदर तक जेया रहा था. निशा बस आँखें बंद करके मोन भर रही थी. क्यूंकी उसकी छूट ने फिरसे झरना बहा दिया था. कहानी अब आयेज-
छूट से पानी निकलते हुए मेरे लंड से होके मेरी बॉल्स पर से तपाक रहा था. निशा का बदन पसीने से भर चुका था. मैं बिना रुके उसके बूब्स पकड़ कर छूट में अपनी गांद आयेज-पीछे करके छोड़ने लगा.
इस पोज़िशन में मैने निशा को 25 मिनिट तक छोड़ा. जिससे अब मेरा भी वीर्या निकालने को था. मैने छोड़ते हुए दोस्त की मा से कहा-
मैं: उहह, ये ले, और ले. मैं अब निकालने वाला हू. साली क्या मस्त गरम छूट है तेरे. और ले साली.
निशा: ह्म उहह. निकाल दो ना अपने लंड की सारी हवस मेरे छूट में. मुझे भी आपसे चूड़ने में बहुत मज़ा आ रहा है.
प्लीज़ रोहित, मुझे कभी छ्चोढ़ कर मत जाना. ई लोवे योउ, ई लोवे योउ बेबी, ई लोवे योउ सो मच.
मैं भी उससे लोवे योउ बोलते हुए छूट में ही एक धक्के के साथ झाड़ गया. झड़ने के साथ ही मैने उसका गाल मूह में लेके दबा दिया. इससे मेरे दाँत के निशान उसके गाल पर पद गये.
वो भी आँखें बंद करके ज़ोर-ज़ोर से साँस लेने लगी थी. लगभग 10 मिनिट तक मैं उसके गाल को मूह में दबा कर उसके उपर ही पड़ा रहा. निशा की हालत पसीने से भर गयी थी. वो काफ़ी तक गयी थी.
फिर मैने उसका कान चूमा, जिससे वो बस हल्के मोन्स भर रही थी. निशा मेरे नीचे नंगी दबी हुई थी. 5 मिनिट बाद मेरा लंड उसकी छूट से बाहर आ गया. मैने देखा छूट से मेरा वीर्या भी निकल रहा था.
मैने कहा: मेरी जान, आज तो तुझे छोड़ने में बहुत मज़ा आया है.
निशा: आपने तो मेरे जान ही निकाल दी है. लेकिन आज मुझे भी आप से संतुष्टि हुई है. क्या तबीयत से करते हो. प्लीज़ तोड़ा आराम से भी कर लिया करो. अपनी इस जान पर रहम किया करो. देखो मेरा बदन और छूट दर्द कर रही है.
मैं: साली चूड़ते टाइम तू ही बोल रही थी, और ज़ोर से छोड़ो.
निशा ने अपना मूह तकिये में च्छूपा लिया. मैने उसे अपने उपर लिया और कहा-
मैं: सच बता रंडी. तुझे कैसा लगा आज मुझसे चुड कर?
निशा मेरी आँखों में देखते हुए बोली-
निशा: बहुत अछा लगा है. आपके साथ जो भी लड़की प्यार करेगी, उसकी लाइफ हमेशा खुशियों से भर जाएगी. लोवे योउ सो मच फॉर कमिंग इंटो मी लाइफ.
मैने उसके होंठ चूम लिए. उसने देखा बेडशीट पर उसकी छूट से निकाला मेरे लंड का रस्स लगा हुआ था. फिर उसे देख कर वो हेस्ट हुए बोली-
निशा: देखो आपने पूरी चादर खराब कर दी. अब इसे भी बदलना पड़ेगा. चलो हटो अब.
ये बोल कर वो उठने लगी थी. मैने उसकी गांद पकड़ कर वापस अपने उपर गिरा लिया. इससे उसका खूबसूरत सा फेस मेरे फेस के सामने आ गया. निशा के बाल बिखरे हुए थे. मैने उसके होंठ चूस लिए. 2 मिनिट बाद वो मुझसे बोली-
निशा: प्लीज़ बेबी, अब बातरूम जाने दो. मैं फ्रेश होके आती हू जल्दी से.
मैने उसकी नरम गांद पर एक छाँटा मारा और कहा-
मैं: कही नही जाना है अभी. अभी प्यार करना और बाकी है.
निशा: कर तो लिया ना. अब जाने दो. देखो 12:30 बाज गये है. मैं आपके लिए खाना लेके आती हू.
मैं: 1 रौंद और कर लेते है. फिर खाना भी खा लेंगे.
निशा: पहले खाना खा लो और फ्रेश हो जाओ. बाद में कर लेना. मुझे भी तोड़ा रेस्ट मिल जाएगा. वरना मेरी छूट रात भर दर्द करेगी. आपने इसे वैसे ही फाड़ के रख दिया है.
मैने कहा: चल दोनो फ्रेश होते है.
वो हेस्ट हुए मुझे चूम रही थी. मैने उसे गोद में उठाया, और बातरूम में ले गया. वो बहुत खुश थी. हम दोनो नंगे ही थे. बातरूम में जाके मैने शवर ओं कर दिया. फिर मैं उससे चूमने लगा. वो पानी से अपनी छूट सॉफ करने लगी. निशा ने मेरा लंड भी अपने हाथो से सॉफ किया. जैसे ही उसका गोरा हाथ लगा, लंड फिरसे खड़ा हो गया.
निशा ने मुझे पलट कर देखा और मुस्कुराने लगी. वो हेस्ट हुए बोली-
निशा: लो ये फिरसे खड़ा हो गया मुझे तंग करने के लिए.
मैं: तू इसे फिरसे ठंडा कर दे मेरी जान.
वो नीचे बैठ कर मेरे बड़े 7 इंच के लंड को मूह में लेके चाटने लगी. अब वो बिना कोई नाटक किए लंड चूस रही थी. उपर से शवर का पानी गिर रहा था. माहौल को देख कर मेरा और भी टाइट होने लगा. निशा हाथ में लंड पकड़ कर मेरे काले बॉल्स को एक-एक करके चूस रही थी. पानी गिरने से उसने आँखें बंद कर ली थी. बंद आँखों से मेरी बॉल्स चूस्टे हुए वो बहुत ही कामुक औरत लग रही थी.
निशा ने 10 मिनिट तक पुर मज़े से मेरे दोनो बॉल्स चूज़. मेरे मूह श उहह निकल रहा था. वो हेस्ट हुए लंड की मूह में लेके अपना मूह आयेज-पीछे करने लगती. इससे उसके बूब्स भी हिल जाते थे.
10 मिनिट्स तक उसने मेरे लंड को खूब चूसा. उसके बाद मैने उसका मूह लंड में दबा दिया. पूरा लंड निशा के मूह में दबा हुआ दिख रहा था. उसके गाल फूलने लगे थे.
मैने लंड की पिचकारी दोस्त की मम्मी के मूह में छ्चोढ़ दी. निशा सारा रस्स आचे से चाट गयी. उसने फिर ज़ुबान से लंड को चाट कर सॉफ किया. निशा मेरे लंड पर साबुन लगा कर उसे आचे से सॉफ करने लगी. उसके बाद मैने भी उसकी छूट को खूब देर तक छाता. करीब 20 मिनिट तक छूट में अपनी उंगली और ज़ुबान घुमाई, जिससे उसके मूह से श आह उफ़फ्फ़ निकल रहा था.
बातरूम का माहौल उसकी सिसकियों से गरम हो गया था. फिर एक-दूं से आंटी ने मेरा मूह छूट में दबा दिया, और एक ज़ोर की आह आह के साथ झाड़ गयी.
आयेज की कहानी अब अगले भाग में. पढ़ने के बाद मैल करके ज़रूर बताए, की कैसी है ये सेक्स कहानी.
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थॅंक्स फॉर रीडिंग.