लंड ने अपना सारा गरम पानी छूट की गहराई में निकाल दिया. निशा की गरम छूट भी उसे पी गयी. मैं आंटी से लिपट गया. हम दोनो पसीने-पसीने हो गये थे. आंटी भी मुझे चूमते हुए लिपट गयी. अब आयेज:-
मैं और निशा बेड पर नंगे एक-दूसरे पर लिपटे रहे. निशा बहुत तक चुकी थी. उसका बदन पसीने से भर गया था. मैने उससे चूमते हुए कहा-
मैं: क्या हुआ मेरे रानी? मज़ा नही आया क्या?
निशा: तुम ना बहुत बेशरम हो. इतनी बुरी तरह से कों करता है? मेरा बदन दर्द कर रहा है.
मैं: सच बता साली. ऐसी चुदाई पहले की है किसी ने?
निशा: नही, ऐसा सेक्स मैने कभी देखा भी नही. आपके अंकल तो 5 मिनिट में फ्री हो जाते है. वैसे आज बहुत पूरी संतुष्टि महसूस हुई है.
फिर निशा हल्का सा मुस्कुरा कर उठने लगे. मैने उसे अपने नीचे दबाए रखा, और उसके बूब्स चूसने लगा. वो बोली-
निशा: उहह रोहित, जाने दो ना. अब बहुत टाइम हो गया है. अब मैं तुम्हारी ही हू. कही नही जेया रही. अब हट्तो, रूम ठीक करना है. डीपू आने वाला होगा. देखो हमे पूरा 1 अवर से ज़्यादा हो गया. मुझे फ्रेश होने जाना है. प्लीज़ जाने दो ना.
मैने कहा: श बेबी, मेरा अभी मॅन नही भरा है. देख फिरसे खड़ा हो रहा है.
निशा: आपका मॅन कभी नही भरेगा. और मैं कों सा कही जेया रही हू. अब तो मैं आपकी ही हू ना. कभी भी कर सकते हो. देखो यार, अब हमे सब कुछ संभाल कर करना होगा. तुमने कहा था ना मेरा ख़याल रखोगे. अब हमे सब कुछ सेक्यूर रह के करना होगा.
मैने भी उसकी बात मान ली, और वो नंगी ही बातरूम जाने लगी. फिर मैने सोचा मैं भी बातरूम जाता हू. निशा के साथ मैं भी बातरूम चला गया. फिर निशा ने कहा-
निशा: क्या कर रहे हो? हर टाइम मस्ती करते हो. जाओ अब यहा से.
मैं आंटी की कमर पकड़ कर बातरूम में चला गया, और मैने उसे कस्स कर पकड़ा था. मैने अंदर जाते ही शवर ओं कर दिया. निशा मुझसे डोर हटना चाह रही थी. लेकिन मैने नही जाने दिया. मैं वही उसके होंठो को चूमने लगा, और नहाते हुए छूट में 2 उंगली घुसा दी, जिससे वो सिसक गयी.
निशा: ह उहह प्लीज़. रहने दो ना अब. बाद में कर लेना.
मैं: चुप रह. नहाते हुए एंजाय करने का मज़ा अलग है.
लेकिन मैने भी उसकी वॅल्यू समझी, और जल्दी-जल्दी उंगली छूट में अंदर-बाहर करने लगा. उसके बाद निशा ने हेस्ट हुए मुझे साबुन लगाया. हम दोनो एक-दूसरे को नहलाने लगे. 20 मिनिट बाद हम बातरूम से नंगे ही बाहर आ गये.
मैं वही चेर पर नंगा बैठ गया. वो कपड़े पहन कर बेड ठीक करने लगी. उसके बाद मुझे बोली-
निशा: क्या रोहित, तुम अभी तक नंगे बैठे हो.
मैने उसे लंड की तरफ इशारा किया, जो अभी खड़ा था. वो उसे देख कर मुस्कुरा रही थी, और बोली-
निशा: तुम्हे और इसे शरम बिल्कुल नही है. दोनो हमेशा मूड में रहते हो. अब रेडी हो जाओ जल्दी.
मैं: मेरी जान, इसे शांत तो कर दे. ये तेरा काम है ना?
निशा: हा काम तो मेरा है. लेकिन अब टाइम नही है ना. प्लीज़ बेबी.
मैने उसे पकड़ा, और नीचे बिताया. फिर उसके बूब्स को ज़ोर से मसल कर मैने कहा-
मैं: बेहन की लोदी रंडी. ज़्यादा नाटक मत कर. चुप-छाप इसे चूस.
निशा: आह श. हा करती हू बस. आप नही सुधरोगे. प्लीज़ जल्दी करो.
मैने चेर पर ही अपनी टांगे फैला दी. वो कुटिया की तरह आके मेरे 7 इंच के लोड को चाटने लगी. मेरे मूह से श निकल गयी. निशा भी मुस्कुराते हुए लंड को पूरा चाट रही थी. मुझे बहुत आनंद आने लगा था. मैने उसके बाल पकड़े, और लंड मूह में दे दिया. निशा आधा लंड मूह लेके चूसने लगी. निशा बड़े मज़े से ज़ुबान घुमा रही थी.
मैने कहा: उम्म्म मेरी रानी, क्या चूस्टी है तू. मज़ा आ गया. तुझे तो रोज़ छोड़ा करूँगा.
निशा लंड चूस्टे हुए बोली: आप मेरी रोज़ जान निकाल दोगे. प्लीज़ जो भी करो, सब कुछ देख भाल कर करना. किसी को पता चल गया तो मेरी जान चली जाएगी.
मैं: हा मेरी निशा. तू इसकी चिंता मत कर. मैं सब संभाल लूँगा. तू बस मेरे सामने छूट खोल देना.
निशा ने लंड चूस्टे हुए मुझे देख कर लंड पर दाँत गाड़ा दिए. मेरे मूह से उहह उफ़फ्फ़ निकल गयी. मुझे देख कर वो हासणे लगी. मैं उसे गुस्से से देखने लगा.
निशा: अब आया ना मज़ा. बहुत शैतानी करते हो तुम.
फिर वो लंड पूरा मूह में दबाने लगी. पूरी मस्ती से लंड को चूज़ जेया रही थी. निश अपने दोनो हाथ मेरे घुटनो पर रख कर मूह उपर-नीचे करने लगी. उसे देख कर मुझे और नशा चढ़ने लगा.
फिर आंटी ने लंड मूह से निकाला, और मेरे दोनो काले जामुन को चूसने लगी. लंड को पकड़ कर एक-एक बॉल को चाट रही थी. इससे मेरे मूह से श उहह निकल रही थी. करीब 20 मिनिट तक निशा ने 7 इंच के लंड को खूब चूसा. मेरा अब निकालने वाला था. तो मैने कहा-
मैं: आह मेरी रंडी निशा. अब मेरा निकालने वाला है. खा जेया साली.
निशा: मैं तुम्हारे लंड को मसल दूँगी. देखना अभी सारा रस्स खा जौंगी. आपको अछा लग रहा है ना?
मैं: हा मेरी जान. तू बहुत ही कड़क माल है.
अब मैने आंटी का मूह लंड में दबा दिया. उसने भी लंड में रोक के रख लिया. फिर एक-दूं से मेरी पिचकारी मूह में निकल गयी. निशा के मूह में सारा छ्छूट गया. निशा भी लंड को चूस्टे हुए सारा वीर्या पीने लगी. उसके बाद भी उसने 5 मिनिट तक खूब लंड को आचे से चूसा. चाट-चाट कर लंड को सॉफ कर दिया. मैने कहा-
मैं: आह मेरी रानी, तुझ जैसी कोई नही है. बहुत मज़ा आया.
निशा: मुझे भी. आपका रस्स बहुत टेस्टी है. सारा पी गयी देखो.
उसने अपना मूह खोल के देखाया. निशा सारा पी गयी थी. फिर खड़ी होके मुझे चूमने लगी. 5 मिनिट मैने निशा को खूब चूसा. फिर उसके होंठो को खाने लगा. वो भी मेरे गोद में बैठ गयी, और अब धीरे-धीरे गरम होने लगी.
मैं नंगा बैठा था. आंटी मेरी गोद में कपड़े पहने हुए बैठी थी. हम दोनो सेक्स के नशे में एक-दूसरे में डूबे हुए थे. कभी वो मेरे होंठ चूस रही थी. कभी मैं उसकी ज़ुबान चूस रहा था. हमे एक दूसरे को चूमते हुए 15 से 20 मिनिट हो गये थे. इतने में घर की डोरबेल बाजी. निशा एक-दूं से खड़ी हो गयी. वो तोड़ा डरने लगी. फिर मुझसे बोली-
निशा: रोहित, देखो हो गये ना हम लाते. दीपक आ गया है. तुम अभी भी नंगे हो.
निशा: अब जल्दी से कपड़े पहनो तुम, और बाहर जाके बैठ जाओ.
मैने भी अब जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए. और मूह धोके बाहर बैठ गया. बाकी नेक्स्ट पार्ट में
कहानी कैसी लगी है, और किसी को मुझसे पर्सनल बातें करनी है तो मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पर मैल करे. थॅंक्स.