हेलो दोस्तों, मैं कारण आ गया फिर से रोहन की कहानी को आयेज बढ़ने. तो आपको मैने बताया था रोहन और अमन के रिश्ते बारे में, जो की दोस्ती से बढ़ कर था. लेकिन अमन बिन बताए ही देल्ही शिफ्ट हो गया था फॅमिली के साथ. इसीलिए रोहन म्बा के लिए देल्ही चला गया.
तो चलिए अब उसके बाद क्या हुआ बताता हू रोहन के अंदाज़ से-
रोहन: अब मैं यूनिवर्सिटी जाता था, और खाली टाइम में देल्ही घूमता था की, शायद अमन का कुछ पता चले. लेकिन अमन का कुछ पता नही चल पा रहा था. इसलिए मैं उदास रहने लगता था.
अब एक साल हो गया था, लेकिन मेरी हालत वैसी ही थी. फिर कुछ दिन बाद मेरे बगल वाले फ्लॅट में एक लड़की रहने आई, जिसका नाम पायल था. सेम फ्लोर पे होने की वजह से हमारा आपस में सामना हो जाता था. अब हम धीरे-धीरे बात करने लगे, तो पता चला की पायल ने आर्किटेक्चर में जाय्न किया था.
एक दिन मैं च्चत पर बैठा था तो पायल आई और मेरे पास में ही बैठ गयी. फिर हम थोड़ी इधर-उधर की बातें कर रहे थे, तो पायल को एक कॉल आया. तो वो वाहा से चली गयी, और करीब आधे घंटे के बाद मेरे पास आई.
मे: बाय्फ्रेंड?
पायल: नो.
मे: फिर किसका कॉल था?
पायल: मैं क्यूँ बतौँगी?
मे: ई आम सॉरी, बस ऐसे ही पूच लिया.
फिर पायल हासणे लगी, और बोली की उसके होने वाले पति की कॉल थी.
मे: इतनी उमर में शादी क्यूँ करना चाहती हो?
पायल: आक्च्युयली अभी नही करूँगी, पढ़ाई के बाद करूँगी. हमारा बचपन में ही तय हो गया था शादी का.
मे: अची बात है.
पायल: आपकी कोई गर्लफ्रेंड नही है क्या?
मे: नही है.
पायल: क्यूँ नही है?
मे: मुझे जो पसंद है वो नही मिल रहा है.
फिर मैं डाइरेक्ट वाहा से चला आया, और पायल वैसे ही बैठी रही. मुझे अछा नही लगा, लेकिन मैं उससे सच नही बोल सकता था.
अब पायल मेरे रूम पे, और मैं पायल के रूम जाता था. फिर हम क्लोज़ फ्रेंड्स बन गये. जब पायल को उसके मंगेतर का कॉल आता था, तब वो बाल्कनी पे जेया कर बात करती थी.
मैं पायल को देख कर बहुत खुश था. एक बार पायल किचन पे छाई बना रही थी की तभी उसके मंगेतर का कॉल आया. मैने उठा के हेलो बोला, तो तब वाहा से जो आवाज़ आई वो जानी-पहचानी लगी. मगर तभी पायल आ गयी, और फोन ले गयी.
मुझे कुछ अजीब लगा, मगर मैने ज़्यादा ध्यान नही दिया. फिर कुछ दिन बाद मैं अपने रूम में बैठ कर पढ़ाई कर रहा था, की तभी मेरे दरवाज़े पे किसी ने बेल मारी.
तब उस वक़्त मैं सिर्फ़ एक शॉर्ट्स में ही था. जब मैने दरवाज़ा खोला तब देखा की एक लड़का तोड़ा सावला कलर का, मस्क्युलर बॉडी वाला एक त-शर्ट और टाइट जीन्स में था.
मैने जब गौर से देखा तो मैं समझ गया की वो लड़का और कोई नही बल्कि अमन था.
मे: अमन!
अमन: रोहन!
मे: एस.
हम दोनो सिर्फ़ एक-दूसरे को डूस मिनिट तक देख ही रहे. मुझे तो अपनी आँखों पर विश्वास ही नही हुआ उस वक़्त. फिर पीछे से पायल आई, और अमन को पीछे से ही हग करने लगी.
तब हमने होश संभाला और मैने देखा पायल अमन को हग करते हुए. लेकिन वो क्यूँ हग कर रही थी, मुझे मालूम नही था.
पायल: रोहन, इनसे मिलो, ये अमन जी है.
मे: अमन जी.
पायल: हा, ये मेरे मंगेतर है.
मुझे उस वक़्त ऐसा लगा की ये क्या हो रहा था. मुझे उस वक़्त कुछ समझ ही नही आ रहा था. पायल अमन को अपने रूम में ले जेया रही थी, और मैं अपने दरवाज़े पे देखता रहा. उस रात मैं सो नही पा रहा था. मुझे घुटन महसूस हो रही थी, इसलिए मैं डाइरेक्ट च्चत पर गया. तभी कुछ देर बाद पायल और अमन आने लगे. मैं तो पूरा हिल गया.
पायल: तुम इस वक़्त क्या कर रहे हो?
मे: वो आह मैं बस ऐसे ही आया था.
पायल: अछा अमन जी से मैं तुम्हे पहचान करवाती हू.
मे: मैं जानता हू इसे.
पायल: क्या! लेकिन उसने तो तुम्हारे बारे में मुझे कुछ नही बोला है.
मैं पूरा शॉक हो गया की अमन ने मेरे बारे में कुछ क्यूँ नही बताया.
पायल: अमन इधर आओ.
अमन: हा.
पायल: तुमने रोहन के बारे में क्यूँ नही बताया मुझे, की तुम दोनो आपस में जानते हो?
अमन: वो बात आहह एम्म.
मे: पायल, हम बचपन में दोस्त थे. लेकिन अब कुछ साल हो गये है मैं मिला नही था. इसी
लिए शायद उसने तुम्हे बताना ज़रूरी नही समझा.
पायल: ओह अछा.
मे: ठीक है, मैं चलता हू.
ये बोल के मैं चला आया, और रूम में बस सोचता रहा की अमन ने ऐसा क्यूँ किया मेरे साथ. उसके अगले दिन जब मैं लिफ्ट में जेया रहा था, तो तब अमन भी आ गया लिफ्ट में. हम दोनो चुप ही रहे पहले. फिर मैने बोल-
मे: तुम देल्ही आ गये, लेकिन मुझे बताया भी नही उस वक़्त.
अमन: पापा को देल्ही में अछा ऑफर मिला था. इसलिए जल्दी-जल्दी में आ गये.
मे: तुम्हे पता है, मैं देल्ही सिर्फ़ तुम्हे ढूँढने के लिए ही आया था.
अमन: क्यूँ? मुझे ढूँढने की क्या ज़रूरत है?
मे: तुम्हे आखरी बार नही देखा था ना, इसलिए. तुम मुझे मिस नही किए ना?
अमन: मैं क्यूँ मिस करूँगा?
मुझे बहुत गुस्सा आया, लेकिन मैने अपने आपको संभाला.
मे: हा मिस क्यूँ करोगे मुझे. वैसे पायल से तुम्हारी शादी तय हो गयी ना?
अमन: हा तुम खुश हो ना?
मे: हा, तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है, वैसे कंग्रॅजुलेशन्स.
अमन: थॅंक्स.
लिफ्ट खुल गयी, और मैं बिना कुछ बोले ही बाहर चला आया. मुझे अपने आप पे बहुत गुस्सा आ रहा था, की मैने उस लड़के के लिए इतना टाइम बर्बाद किया, जिसको मैं याद भी नही था.
मैने फैंसला कर लिया, की अब मैं उसे याद नही करूँगा, और उसको अपने दिल से निकाल दूँगा. इसलिए मैने अब पायल से भी मिलना बंद कर दिया, क्यूंकी अमन उसके साथ था. कुछ दिन बाद अमन चला गया, और मैं अमन से मिला भी नही.
जब अमन गया, उसके अगली शाम को ही पायल का एक आक्सिडेंट हो गया. तो जब मुझे पता चला तो मैं सीधा उसको मिलने हॉस्पिटल चला गया. तभी पता चला की पायल के पैर का फ्रॅक्चर हुआ था, और उसे बेड रेस्ट की ज़रूरत थी.
इसलिए मैने पायल का ख़याल रखा, और अगले दिन जब मैं पायल के लिए मेडिसिन लाने के लिए गया, तब अमन आ गया हॉस्पिटल में.
अब आयेज की कहानी अगले पार्ट में. आपको कैसी लगी कहानी महरकरण64@गमाल.कॉम पर अपने कॉमेंट भेजे.