हेलो दोस्तों, मेरा नाम शालिनी है। एक-दम गोरी-चिट्टी हूं, उम्र 23 साल है, और हाइट 5 फ़ीट 6 इंच है। कुल मिला कर मेरा फिगर आकर्षक है।
मैं बिहार के पटना शहर के बिल्कुल सटे इलाके में रहती हूं। जो कहने को तो गांव है, पर पटना ही है।
ये मेरी पहली कहानी है, जब मैं 20 साल की थी, तब की। हम दो बहनें और एक भाई है। बहन बड़ी (संगीता) अभी शादी-शुदा है, और भाई (संगम) मुझसे छोटा है।
ये कहानी उन दिनों की है, जब बहन की शादी तय हो चुकी थी, और उसकी सगाई भी हो गयी थी। आशा है आप लोग मेरी सेक्स लाइफ की कहानी को पसंद करेंगे।
मैं बचपन से ही काफी शर्मीली लड़की रही हूं। पर मुझे मॉडर्न फैशन बहुत पसंद था। मैं हमेशा अपने लुक और फिगर पे बहुत ध्यान देती थी। मेरे नाख़ून हाथ और पैर दोनों के हमेशा लम्बे, साफ़, और अच्छे से पेंट किये रहते थे, जो कि लड़कों को खूब अच्छे लगते थे। मेरी दीदी और भाई इसके विपरीत बिल्कुल बिंदास थे। दीदी के बॉयफ्रेंड की गिनती करने लगूं तो घंटों लग जायेंगे।
भाई मेरा एक-दम मॉडल लगता था। तो लड़कियां मरती थी खूब उसपे। हमारे मम्मी-पापा हम लोगों की पर्सनल लाइफ पे ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। उनके व्यस्त रहने के अपने कई कारण थे।
मुझे भी लड़कों से बात करना बहुत अच्छा लगता था। मेरे मन में भी लड्डू फूटते थे कि कोई मेरा भी बॉयफ्रेंड होता तो मैं भी दीदी की तरह गप्पे मारती। पर हाय रे मेरा शर्मीला स्वभाव, कभी आगे बढ़ ही नहीं पाती थी।
उस इलाके के अधिकांश लड़के तो गांव के ही थे, और रिश्ते में भाई ही लगते थे। पर मैं ठहरी संस्कारी लड़की, कि भाई लोग से दूर ही रहना इन सब बातों में। पर मेरी खूबसूरती इन भाइयों को ऐसी खटकती थी, कि लगता था कि मौका मिले तो मुझे चोद दें वो लोग।
ताड़ने का मौका नहीं छोड़ते थे वो लोग, पर रिश्ते की मर्यादा का ख्याल रखते हुए कभी तंग नहीं करते थे। वैसे तंग कर भी नहीं सकते थे, चूंकि गांव के लड़के शहर से अलग होते है। भले ही मेरा गांव पटना शहर में ही है।
मेरा भाई मजाक-मजाक में कहता था कि, “दीदी तुम ऐसे ही रह जाओगी। कभी मस्ती नहीं कर पाओगी। चलो मैं ही तुम्हारा बॉयफ्रेंड बन जाता हूं।”
मैं भी हंस के रह जाती थी और बोलती थी कि, “जिसका इतना हैंडसम भाई हो, उसको क्या ज़रुरत? घर पर ही बॉयफ्रेंड मिल गया है मुझको। ये कहके थोड़ा होंठों को किनारे से दबा हुआ मुस्कुरा देती थी। भाई मेरा “हाय-हाय मेरी जान” कहके हग कर लेता था।
सच्ची में मैं अपने भाई से जितना ज्यादा ओपन थी, उतना किसी और लड़के से नहीं थी। वो मेरे सामने ही लड़कियों से बातें करता था, और फोन पर ही चुम्मा-चाटी की बातें भी करता था। वो मुझसे कुछ चिपटा नहीं था। ऐसे ही छेड़-छाड़ में दिन गुजर रहे थे।
फिर एक दिन:-
मैं दीदी के रूम के सामने से गुजर रही थी, तो दीदी को किसी से बात करते सुनी। वैसे दीदी का रोज़ का काम था। वो तो गांव के भाइयों से भी घंटो बात कर लेती थी। पर मेरा पैर ठिठक गया। मुझे लगा कि वो मेरे होने वाले जीजू से बात कर रही थी। फिर आवाज सुन के लगा कि पक्का उसके रूम में कोई लड़का था, मेरे तो बाल खड़े हो गए और मैं कान लगा के सुनने लगी उनकी बातें।
दीदी: अब ना करो ना ये सब जान?
लड़का: नहीं मेरी जान, आज एक बार तो चुदाई करने दो!
दीदी: नहीं ना, अब मेरी शादी होने वाली है। हमें अब ये सब छोड़ देना चाहिए ना? क्या कहते हो?
लड़का: ठीक है, मैं छोड़ दूंगा। पर क्या तुम मेरे लंड के बिना खुश रह पाओगी?
दीदी: पता नहीं, मैं तो तेरी चुदाई की इतनी दीवानी हो गयी हूं कि सब रिश्ते नाते को ताक पर रख दिया। गलत किया ना भैया?
मेरा तो माथा ठनक गया, भैया? ये भैया बोलने वाला कौन है? कहीं संगम तो नहीं? क्या संगम और दीदी का सेक्सुअल रिश्ता भी है? क्या भाई बहन के रिश्ते की मर्यादा उन दोनों ने तोड़ दी?
कौन है वो? दीदी की तो 5 दिन पहले ही सगाई हुई थी। फिर मैं कोशिश की तो खिड़की में एक दरार मिल गया।
देखा की संतोष भैया थे वहां। वो हम लोगों के अपने चचेरे भैया थे। बगल का ही घर था। छत हम लोगों का सटा हुआ था। उनके कोई बहन नहीं थी, तो हम दोनों बहने ही उनको राखी बांधती थी। दीदी और वो लगभग हमउम्र ही थे। खूब मस्ती करते रहते थे दोनों।
पर मेरा छोटा भाई उनका पक्का चेला था। वो दोनों जिम के शौक़ीन इतने थे कि अपनी जिम ही खोल ली थी। तो इस तरह मेरी दीदी अपने भैया से ही चुदवा लेती है? शर्म नहीं आती उन दोनों को?
मेरे मन में तो गुस्से की लहर चल पड़ी थी। मेरा पूरा शरीर कांप रहा था। बचपन से चाहे जितनी भी फ्री रही हूं, पर भाई-बहन के रिश्ते को सबसे सीरियस मानती रही थी मैं।
तभी मेरा ध्यान टूटा। वो दोनों फिर से बातें करने लगे। मुझे ना जाने क्या मन किया कि मैंने फिर से अपनी आंख उस दरार पे लगाने की कोशिश की, और थोड़ी सी खिड़की को खोली तो सब कुछ साफ़-साफ़ दिखने लगा था, और मुझे वे दोनों पूरे नंगे दिखे।
दीदी और भैया। दोनों के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था, और भैया की गोद में दीदी बैठी हुई थी। भैया अपने हाथ से दीदी के चूचे मसल रहे थे, और दीदी भैया के सीने पे होंठ रख उनके छोटे-छोटे निप्पल को चूस रही थी।
दीदी तो मेरी थी बड़ी खूबसूरत। बड़ी-बड़ी आंखे थी, उसपे अच्छा सा काजल लगा था। बाल उसने खुले छोड़े थे। गले में एक बहुत सुंदर सा गोल्डन चैन था, जो कि होने वाले जीजू दिए थे।
दीदी ब्यूटी पार्लर नियमित जाती थी। तो पेडीक्योर, मेनिक्योर और वैक्सिंग के कारण पूरी रोम की नग्न देवी ही लग रही थी।
उसके हाथ और पैर के नेल्स एक-दम सुन्दर और बड़े-बड़े थे, और सेक्सी रेड कलर की नेल पोलिश लगाई थी। उसके हाथ में हीरे की बड़ी सी अंगूठी थी, सगाई वाली। एक नजर तो मैं भी दीदी को देखती ही रह गयी। वो थी ही इतनी आकर्षक, कि कोई भी उसका दीवाना हो जाये।
भैया ने दीदी को समझाना शुरू किया-
भैया: एक-दम नहीं रे संगीता। तू मेरी बहन हे। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। मेरी अपनी बहन नहीं है तो तुझे उससे भी बढ़ कर माना। रही बात ये सब की, तो एक बात जान ले, एक लड़के और लड़की के बीच लंड और बुर का रिश्ता हमेशा रहता है। चाहे कोई और रिश्ता भी हो, तो भी ये रिश्ता रहता ही है।
दीदी: क्या भैया, गलत को गलत बोलो ना। मैं आपकी बहन हूं, और हम-आप इस अनैतिक रिश्ते में जुड़े हैं। गलत तो है ही। और मैं अब छोडना चाहती हूं इस रिश्ते को भैया।
भैया: सुनो संगीता, मैं खूब पढ़ चूका हूं सेक्स के बारे में। कहीं से भी गलत नहीं है भाई-बहन की चुदाई। हां बच्चा होना अलग बात है। दूसरे धर्मों में तो चचेरे भाई-बहन लोग शादी भी करते हैं। क्या वो गलत नहीं हे?
तभी भैया ने दीदी के बूब्स चूसने शुरू कर दिए।
फिर बोले: हम लोग तो सगे भाई-बहन हैं नहीं। दूसरा हम कोई बच्चा पैदा नहीं कर रहे हैं। तुम्हीं बोलो कि क्या ये भगवान ने गलत बनाया होता, तो मेरे मन में तुम्हारे लिए और तुम्हारे मन में मेरे लिए सेक्स की फीलिंग लाते ही नहीं। मेरा लंड जब बुर में जा रहा है, तो वो जाता ही नहीं।
दीदी अब कुछ बोल नहीं पा रही थी।
भैया: ऐसा नहीं है मेरी बहना कि मैं बस तुमको बहलाने के लिए बोल रहा हूं। मैं सेक्स नहीं भी करूंगा तुमसे, तब भी इतना ही प्यार करूंगा।
और भइया दीदी के होंठों को चूसने लगे। दीदी भी साथ देने लगी। मैं समझ गयी कि दीदी का प्रतिरोध ख़त्म हो गया। इन सब बातों ने मेरा भी मन कहीं घुमा दिया। मैं सोच में पड़ गयी अपनी गीली बुर के साथ, और मेरा पूरा लेगिंग्स भींग गया।
आगे क्या हुआ, पढ़ने के लिए मैं जल्दी ही अगली कहानी लिखूंगी। आप सब लोग सुझाव के लिए मुझे मेल जरूर करें।