फिर मई सदाफ़ को बोला के निशात को बोलो के हम लोग उठे गये है आकेर गाते खोल देने और जो बात करना है कर लेने.
तो सदाफ़ ने वैसा ही की जैसे मई बोला था उसने वैसे ही करते हुए निशात को फोन की. निशात भी फोन पर बात होने के फॉरन ही आकेर गाते खोल दी और रूम मे चली आई.
सदाफ़ और मेरी नज़र सारम से नीचे झुकी हुई थी. निशात आते ही पहले सदाफ़ को घूरते हुए गुस्से मे देखी. फिर वो मेरे तरफ आई और बोली दोनो की हिम्मत का डाट देना होगा. इस हाल मे अगर किसी ने देख लिया होता तो पता है क़यामत हो जाती.
निशात सदाफ़ को बोली – तुझे मेरा भाई ही मिला था..?
इससे पहले निशात सदाफ़ को कुछ और बोलती मई उसे बोला सदाफ़ की इस मे कोई ग़लती नही है. ये सब के लिए मई ही ज़िम्मेदार हू और मैने ही सदाफ़ को ये सब के लिए उकसाया था.
उसके बाद निशात चुप हो गयी. फिर सदाफ़ को बोली के छोड़ो और भूलो सब बात को. बस मुझे गुस्सा इस लिए आया था के अगर कोई और देख लेता तो मुसीबत खड़ी हो जाती. इससे हमारी दोस्ती मे कोई प्राब्लम नही हुई है. तू कल भी मेरी आक्ची दोस्त है और अब भी और हमएसा रहेगी.
फिर वो मुझ से बोली के भाई आप भी मेरी बातो का बुरा मत मानना. निशात की बातो से हमे रहट मिली और जो दर मॅन मे था वो अब ख़तम हो चुका था.
फिर निशात, सदाफ़ से पौच्ी के अब तू ये बता के तुझे मेरे भाई से शादी करना है?
तो सदाफ़ मुस्कुरा कर बोली अभी इस बारे मे कुछ सौचे नही है.
निशात बोली कामिनी बस ऐसे सब कुछ करवा ली?
सदाफ़ बोली क्या करे तेरे भाई के अंदर एक जादू है जो कोई भी बगीर कुछ सौचे समझे अपना सब कुछ दे दे उसे. मई बस इन लोगो की बाते सुन रहा.
तब सदाफ़ बोली भाई एक बात बोलू बुरा तो नही मनोगे? तब मैने कहा बोलो क्या बात है. फिर सदाफ़ बोली सच पौच्ो तो मेरा भी बहोट मॅन करता है ये सब का पर दर लगता है.
जो रीलेशन आप सदाफ़ के साथ रखे हो वो मेरे साथ रख सकते हो. इतना सुन कर मई तो उसकी फेस देखने लगा और सदाफ़ भी आँखे फाड़ कर उस की तरफ देखने लगी.
मेरा भी मॅन अब निशात के तरफ बहकने लगा. पर मई निशात को बोला तुम मेरी बाहें हो और मई तुझे कैसे छू सकता हू. तब निशात बोली क्या फ्रॅक पड़ता है अपनी बाहें नही हू.
फिर सदाफ़ बोली तो नींद मे है क्या. जो आइसा बोल रही है. निशात बोली तू तो कुछ मत बोल अकेले अकेले मज़ा ले रही थी वो भी मेरे भाई से. इतना मज़ा लूटी के कपड़े खोल कर ही सो गयी .
निशात बोली पागल रात को तेरे भाई ने कुछ किया ही नही जो किए वो तो कल किए मुझे तो ज़िंदगी का सब से ज़्यादा मज़ा कल रात मे आया. तो निसाहत बोली भैया प्ल्ज़ हाँ कर दो ना मुझे सुन सुन कर कुछ हो रहा है.
फिर सदाफ़ बोली मुझे – मान जाओ खाना खुद चल कर तुम्हारे पास आया है.
तो मई तोड़ा नखरा दिखाने के बाद मान गया.
यही सब मे सुबा मे 6 भाज गये थे. पर मुझे इंसब बातो की वजा से चुदाई करने का मॅन कर रहा था. तो मई बोला तब अभी का क्या इरादा है.
तब निशात बोली के अभी तो वक़्त बहोट कम है और 7 से 7:30 तक सब उठ जाएँगे क्यू के आज तो शादी है भाई की जिसपर सदाफ़ बोली ठीक है आज तेरे भाई की सुहाग रात होगी तो आज तो भी अपनी सोहाग्रात कर ही ले.
ये सुनकर निशात नौघट्य सी हँसी देते हुए बोली मई तो अभी से एग्ज़ाइटेड हू लड़की से औरत ब्नने के लिए. फिर वो बोली के मई अब उपेर जा रही हू तू भी चल.
तो सदाफ़ बोली तू चल मई आती हू 30 मिंट मे. ये सुन कर निशात बोली इसका मतलब तुम दोनो को अभी कुछ करना बाकी है क्या. तो सदाफ़ बोली तू तो सुहग्रात आज मनाएगी केयेम से केयेम मुझे सोहाग सुबा माना लेने दे.
तो निशात बोली ठीक है पर जो करना जल्दी करना मई बहेर से लॉक कर देती हू जब हो जाए कॉल कर देना आकेर खोल दूँगी.
ये बोल कर वो वहाँ से जाने लगी और मेरे तरफ देखते हुए बोली भैया वेट फॉर नाइट. ये बोल कर वो लॉक कर के चली गयी.
अब हम दोनो उस रूम मे अकेले थे और जो दिल मे जो दर था वो सब ख़तम हो गया था. फिर सदाफ़ मेरे पास आई और मेरे कंधे मे हाथ डाल कर बोली तब रात मे कहाँ तक काम रुका था.
मैने अपना एक हाथ उसकी छूट पर रख कर बोला ये बाकी रह गया था. तो सदाफ़ बोली तो पूरा कब करोगे? मई उसे वैसे ही उठा कर चौकी पर बैठा दिया. और बोला फले मेरा खड़ा करो.
तो सदाफ़ मेरे लंड पर हाथ रख कर बोली ये तो खड़ा ही है तो मई उसे पहले लीप पर किस किया. और बोला इसे मूह मे ले कर चूसो ना. मई अपना लंड खोल कर उसके मूह के पास ले गया.
जिसे पहले तो वो गौर से देखी फिर अपनी हटो मे भर कर हिलने लगी. फिर मैने उसे कहा चूसो ना टीबी उसने पहले मेरे लंड को एक किस दी और आहिस्ते आहिस्ते मूह मे लेने लगी.
उसके मूह का तुछ मिलते ही मई तो सातवे आसमान पर चला गया. फिर सदाफ़ उसे मूह मे लिकेर चूसना सुरू कर दी. मेरा लंड बिल्कुल लोहे की तरहा हो गया था. कभी कभी तो मई उस की सर को पकड़ कर अपना लंड उसके गले तक उतार दे रहा था. जिससे सदाफ़ की आँखो मे पानी आ रही थी.
कुछ देर के बाद वो अपने मूह से लंड निकल कर चौकी पर लेट गयी. और मुझसे बोली जल्दी से दल डीजये अंदर बहोट बेचैन हो रही हू मई. तब मैने जल्दिसे उसकी सलवार को खोला और साइड मे रख दिया. फिर येल्लो रंग का कुर्ता को उपेर किया और पहले उसकी बूब्स को मूह मे भरा और चूसने लगा.
सदाफ़ और भी ज़्यादा वाइल्ड हो गयी. फिर मई अपना लंड सदाफ़ की छूट चारो तरफ रगड़ने लगा उसके बाद छूट की छेड़ पर सेट किया और धीरे धीरे अंदर डालने लगा. सदाफ़ अपनी आँखे बंद कर ली और मुझे ज़ोर से पकड़ ली.
सदाफ़ को लग रहा था के आज भी उसे दर्द होगा पर जैसे ही मेरा लंड का टोपा अंदर गया वो तोड़ा सा आवाज़ निकली और फिर चुप हो गयी. फिर बोली आज तो कल की तरहा दुखा ही नही.
फिर मैने एक झटका दिया और लंड सदाफ़ की छूट मे पूरा उतार गया, इस बार वो चींख दी. उसके बाद मई सदाफ़ की कंधे पर हाथ रख कर दाना दान शॉर्ट मरने लगा.
सदाफ़ भी मचल रही थी बहोट ही मज़दार पल था. सुबा का वक़्त उसपर सदाफ़ की आआहह उूउउम्म्म्म.. की आवाज़ और भी जोश भर रही सदाफ़ मेरे पीठ पर हाथ फेर रही थी. मई उसे लगातार छोड़ रहा था और दिमाग़ मे निशात भी घूम रही थी के आज गुड लक उसकी भी कमसिन छूट का मज़ा मिलने वाला था.
कुछ 15 मिंट लगातार चूड़ने के बाद सदाफ़ की छूट झाड़ चुकी थी. अब वो तोड़ा संत दिख रही थी उसके कुछ पल के बाद मई भी झड़ने वाला था. मेरी स्पीड बढ़ते जा रही थी और अब मुझे फील होने लगा मे अब मेरा पानी गिर जाएगा. तो मैने फ़ौरन अपना लंड बहेर निकाला और सदाफ़ के पूरे पेट मेरा सारा लंड का पानी भर गया.
सदाफ़ और मई दोनो हाँफ रहे थे. कुछ देर जब रेलेक्ष हुए तो सदाफ़ के बगल मे मई लेट गया और सदाफ़ मेरे लीप पर किस करने लगी.
उसके बाद हम दोनो ने कपड़ा पहने पर उसी बीच निशात का कॉल आ गया सदाफ़ की फोन पर. जिसपर निशात बोली अगर भाया और भाभी का ज़रूरी काम ख़त्म हो चुका हो तो मई गाते खोल डू?
सदाफ़ बोली सब हो गया हम लोग रेडी है तू आकेर जल्दी से गाते खोल अब. उसके बाद सदाफ़ मुझे हग कर के खड़ी हो गयी. फिर निशात गाते खोली और हम लोग उपेर चले गये.
तो बे कंटिन्यूड…