ही दोस्तों मेरा नाम आर्यन है. मैं २२ साल का हु और दिल्ली का रहने वाला हु. आज जो कहानी मैं आप सब के सामने लेके आ रहा हु वो “तारक मेहता का ूलतः चश्मः” के चरक्टेर्स दया और बाघा पर है.
आप सब तो जानते ही है की दया कितनी सेक्सी है. उसकी गांड मारने में जो मज़ा मिलता होगा वो तो जन्नत जैसा होगा. उसके मुँह में लुंड दाल कर कब से मैं छोड़ना चाहता हु. इस कहानी में बाघा दया को छोड़ेगा. तो चलिए शुरू करते है कहानी को.
दया सुबह-सुबह येलो साड़ी पहन के तैयार होती है. सुबह के ५ बजे थे और मोहल्ले के लोग सो रहे थे. फिर वो मंदिर जाने लगती है.
बाहर अभी अँधेरा था और ज़्यादा कुछ दिख नहीं रहा था. फिर जब वो घर से थोड़ा दूर पहुँचती है तो रास्ते में एक खड़ा था. वो अँधेरे में खड़ा देख नहीं पाती और उसमे गिर जाती है.
खड़ा ज़्यादा गहरा नहीं था तो दया को चोट नहीं लगी. लेकिन उसमे पानी था तो उसकी साड़ी गन्दी हो गयी. अब दया मंदिर तो जा नहीं सकती थी तो वो वापस घर की तरफ जाने लगी.
तभी रास्ते में उसको बाघा मिला. वो अपने घर के बाहर खड़ा हुआ था. उसने दया को आवाज़ लगायी और कहा-
बाघा: अरे ये क्या हो गया?
दया: वो मैं खड़े में गिर गयी.
बाघा: ओह्ह! आपकी तो पूरी साड़ी खराब हो गयी. आप आओ अंदर और चेंज कर लो.
दया: नहीं मैं घर जाके ही चेंज करुँगी.
बाघा: अरे आपका घर दूर है. आप मेरी बात मानिये यही चेंज कर लीजिये.
फिर दया ने बाघा की बात मान ली और उसके घर के अंदर चली गयी. बाघा कितने दिनों से छूट के लिए तड़प रहा था. दया को देख कर उसका लुंड खड़ा होने लग गया. जब दया अंदर जा रही थी तो बाघा की नज़र उसकी गांड पर थी.
फिर उसने दया को रूम में भेज दिया और उसको एक साड़ी दे दी. दया अंदर जाके अपनी साड़ी उतारने लगी. बाघा विंडो के पीछे छुप गया और दया को साड़ी बदलते हुए देखने लग गया.
जैसे ही दया ने साड़ी उतारी तो उसके बूब्स और कमर देख कर बाघा का लुंड खड़ा हो गया. फिर दया ने पेटीकोट उतरा और अब वो पंतय और ब्लाउज में थी. क्या मस्त जाँघे थी उसकी गोरी-गोरी.
उसके बाद दया ने अपना ब्लाउज भी उतार दिया. अब दया पंतय और ब्रा में थी. पीछे से वो मस्त लग रही थी. बाघा का दिल तो कर रहा था की वो जाके दया की गांड पर काट ले.
फिर दया नीचे झुक गयी और अपनी लेग्स पर लगी मिटटी साफ़ करने लगी. उसकी गांड बाहर आ गयी और गांड को देख कर बाघा पागल हो गया. अब उससे कण्ट्रोल नहीं हुआ और वो अंदर चला गया.
उसने दया को पीछे से पकड़ लिया और अपना लुंड उसकी गांड पर रगड़ने लग गया. दया हैरान हो गयी और घबरा गयी. उसने बाघा से कहा-
दया: बाघा ये तुम क्या कर रहे हो?
बाघा: दया जी मैं अब आपके बिना नहीं रह सकता. प्लीज मुझे आपको प्यार करने दीजिये.
दया: तुम पागल हो गए हो क्या?
बाघा: हां मैं आपके लिए पागल हु.
और ये बोल कर बाघा नीचे बैठ गया और उसने अपना मुँह दया की गांड में मारना शुरू कर दिया. इससे दया को फीलिंग आ गयी और उसने सोचा की क्यों न सेक्स का मज़ा ले ही लिया जाये.
दया ने भी काफी दिन से सेक्स नहीं किया था तो उसकी छूट भी लुंड का मज़ा लेने के आतुर हो गयी. फिर वो बोली-
दया: चलो ठीक है.
ये सुनते ही बाघा ने दया की पंतय उतार दी. अब दया की नंगी गांड उसके सामने थी. उसने गांड देखते ही उसकी गांड चाटनी शुरू कर दी.
दया को मज़ा आने लग गया और वो आहें भरने लग गयी. बाघा बड़े मज़े से उसकी गांड चाट रहा था. दया भी बाघा के सर को अपनी गांड में दबा रही थी.
फिर वो बीएड पर लेट गयी और उसने अपनी टाँगे बाघा के सामने खोल दी. बाघा दया की छूट देखते ही उस पर टूट पड़ा. वो छूट को चाटने लगा और उसको खोल-खोल कर अपनी जीभ अंदर डालने लग गया.
दया तो पूरे मज़े में थी. वो अपनी गांड हिला-हिला कर बाघा को छूट का मज़ा दे रही थी. थोड़ी देर बाघा ऐसे ही दया की छूट का पानी पीटा रहा.
फिर वो ऊपर आया और उसकी कमर चूमते हुए उसके बूब्स पर आ गया. बाघा ने दया की ब्रा निकाल दी और उसके बूब्स उछाल कर बाहर आ गए. उसने दया के दोनों बूब्स को अपने हाथो में पकड़ लिया और उनको चूसना शुरू कर दिया.
दया अब पूरी गरम हो चुकी थी और छोड़ने के लिए तड़प रही थी. फिर बाघा दया के रसीले होंठो का मज़ा लेने लग गया. दया के बूब्स पर बाघा के दांतो के निशाँ साफ़ नज़र आ रहे थे.
फिर बाघा ने अपने सारे कपडे उतार दिए. अब उसका लुंड दया के सामने हिल रहा था. दया बाघा के लुंड को देख कर मुस्कुरायी और उसको छूट में डालने का इशारा किया.
फिर बाघा ने दया की जाँघे पकड़ी और उनके बीच आ गया. वो अपना लुंड दया की छूट पर रगड़ने लग गया. दया कामुक आहें भर रही थी और लुंड अंदर डलवाने के लिए गांड मटका रही थी.
फिर जैसे ही बाघा का लुंड दया की छूट पर अटका उसने एक ज़ोर का झटका मारा. इससे बाघा का पूरा लुंड दया की छूट में चला गया. दया की आठ निकली और बाघा ने तेज़ी से लुंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया.
दया आह अहह करके चुदाई का मज़ा लेने लगी. बाघा अपनी स्पीड तेज़ करता गया और दया भी पूरा मज़ा लेती रही. वो साथ-साथ उसके बूब्स चूस रहा था और उसकी गर्दन काट रहा था.
पूरे कमरे में थप-थप की आवाज़े आ रही थी. फिर दया अपने चरम पर आ गयी और उसकी छूट ने अपना पानी छोड़ दिया. बाघा ५ मिनट और उसकी चुदाई करता रहा.
फिर बाघा का भी निकलने वाला था. ये देखते ही की बाघा का निकलने वाला था दया जल्दी से उसके नीचे से निकल गयी. फिर वो बाघा के सामने घोड़ी बन गयी और उसका लुंड मुँह में दाल लिया.
फिर वो किसी रंडी की तरह बाघा का लुंड चूसने लग गयी. बाघा ये देख कर बहुत खुश हुआ की दया जैसी सेक्सी औरत उसका लुंड चूस रही थी. फिर उसने दया के बाल पकड़ लिए और उसके मुँह में धक्के देने लगा.
वो किसी कुटिया की तरह उसका मुँह चोद रहा था. अगले २ मिनट में बाघा ने दया का मुँह अपने माल से भर दिया. उसने तब तक लुंड बाहर नहीं निकला जब तक की दया पूरा माल पी नहीं गयी.
फिर कुछ देर दोनों साथ में लेते रहे. उसके बाद दया ने अपनी साड़ी पहनी और वह से चली गयी.
दोस्तों कहानी अछि लगे तो लिखे और कमेंट ज़रूर करना.