ही फ्रेंड्स, मैं हू अरमान. मैं आपके सामने “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” की कॅरक्टर बबिता की कहानी लेके आया हू. बबिता को आप सब जानते ही है, और उसके बारे मैं सोच कर बहुत लोग हिलाते भी होंगे. तो चलिए अब कहानी शुरू करता हू, जो आपका पानी निकाल देगी.
मंडे का दिन था, और सब लोग अपने-अपने काम पर चले गये थे. बबिता उठने में लाते हो गयी थी. जब उसने टाइम देखा, तो वो जल्दी से उठी, और बातरूम में घुस गयी. इएर काम पर जेया चुका था.
पहले बबिता फ्रेश हुई, और फिर नहाने लग गयी. उसने निघट्य पहनी हुई थी, तो उसको उसने खोला, और नीचे टब में फेंक दिया. अब वो पिंक ब्रा और पनटी में थी. ब्रा पनटी में वो खुद को शीशे में देखने लगी, और अपने सेक्सी जिस्म पर गुरूर करने लगी.
और करती भी क्यूँ ना. जिस जिस्म को पाने के लिए कोई भी मर्द उसका गुलाम बन सकता था, उसपे गुरूर करना तो बनता ही है. फिर उसने अपने सेक्सी बूब्स को ब्रा से आज़ाद किया, और पनटी भी उतार दी. अब वो नंगी थी. उसकी चूत के हल्के बाल नज़र आ रहे थे.
फिर उसने शवर ओन्न किया, और उसके जिस्म पर पानी पड़ने लगा. उसने रॅक से साबुन लिया, और उसको अपने जिस्म पर मलने लगी. इस दौरान उसने शवर बंद कर दिया. देखते ही देखते उसका पूरा जिस्म और फेस साबुन की झाग से भर गया.
फिर उसने दोबारा शवर ओं किया. लेकिन पानी नही आया. वो ताप को ओं-ऑफ करके देख रही थी, लेकिन पानी नही आ रहा था. उसको लगा टांक में पानी ख़तम हो गया होगा.
उसको नज़र नही आ रहा था, क्यूंकी उसके मूह पर साबुन की झाग थी. उसने जैसे-तैसे पास लगा मोटर का बटन ढूँढा, और पानी की मोटर छ्चोढ़ दी. लेकिन पानी नही आ रहा था. वो समझ गयी की पानी आने का टाइम निकल चुका था.
अब उसको कुछ दिखाई नही दे रहा था. फिर उसने सोचा की टवल से बदन पोंछ कर अंदर चली जाती हू. वो हाथ आयेज करके टवल ढूँढने लगी. इससे पहले की वो टवल तक पहुँच पति, किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया.
इससे बबिता हैरान हो गयी. उसने पूछा: इएर तुम हो?
लेकिन सामने से कोई जवाब नही आया. उस आदमी ने बबिता को घुमा कर दीवार के साथ लगाया, और नीचे झुका लिया. अब बबिता दीवार के सहारे घोड़ी बनी खड़ी रही. वो पूछती रही ‘कों है’ लेकिन वो आदमी नही बोला.
फिर उस आदमी ने अपना लंड पीछे से बबिता की छूट पर सेट किया, और एक ही झटके में अंदर डाल दिया. पूरा लंड एक ही बार में अंदर जाने की वजह से बबिता की चीख निकल गयी. छूट साबुन की वजह से गीली थी, तो उस आदमी ने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया.
धीरे-धीरे बबिता को भी मज़ा आने लगा गया, तो उसने ‘कों है’ पूछना बंद कर दिया, और आयेज-पीछे होके मोटे से लंड का मज़ा लेने लगी. तभी उस आदमी ने छोड़ने की स्पीड बढ़ा दी. बातरूम में ठप-ठप की आवाज़े गूंजने लगी.
अब बबिता आहह आ करके मज़े से चुड रही थी. उसकी बॉडी पर लगी झाग सूखने लगी थी. उसके बूब्स हवा में उछाल रही थी. और चूतड़ और जांघें ज़ोर के धक्को से फदाक रहे थे. तभी शवर से पानी आने लगा, और सीधा बबिता के मूह पर पड़ा. मोटर अभी तक चल रही थी, तो पानी आ गया.
जब बबिता के मूह का साबुन उतरा, तो उसने पीछे देखा की कों उसको छोड़ रहा था. जब उसने पीछे देखा, तो पीछे बगहा उसकी छूट में लंड डाले हुए था. बबिता उसको देख कर हैरान हो गयी, की वो उसके बातरूम में कैसे आ गया.
दरअसल इएर ने काम पर जाने से पहले कुछ समान खरीदा था. और उसने बगहा को समान घर पर छ्चोढने को बोला था. जब बगहा इएर के घर आया, तो दरवाज़ा खुला था. उसने अंदर आके देखा तो कोई नही था.
तभी उसको बबिता की आवाज़ आई, तो वो और आयेज बातरूम की तरफ आया. उसने महसूस किया, की आवाज़ बातरूम से आ रही थी. फिर उसने सोचा, की बबिता ज़रूर नहाने गयी होगी बातरूम में.
बगहा ने मौके का फ़ायदा उठाया, और बातरूम में देखने लगा. उसने देखा की पानी नही आ रहा था, और बबिता को साबुन की वजह से कुछ दिखाई नही दे रहा था. ये देख कर उसने अपने कपड़े उतारे, और अंदर जाके बबिता को छोड़ने लगा. अब कहानी पर वापस आते है.
बबिता ने बगहा को देख तो लिया, लेकिन उसको इतना मज़ा आ रहा था चुदाई का, की वो उसको रुकने के लिए नही बोल सकी. बगहा भी जानता था, की बबिता को मज़ा आ रहा था. उसने अपने दोनो हाथ बबिता के छूतदों पर रखे, और धक्को की स्पीड और ताक़त और बढ़ा दी. बबिता के मूह से श श निकल रहा था.
कुछ देर में बगहा ने लंड बबिता की छूट से बाहर निकाला, और उसको अपनी तरफ घुमा लिया. फिर पहले उसने अपने होंठ बबिता के होंठो के साथ चिपका दिए. वो मज़े से उसके होंठ चूसने लगा. बबिता भी होंठ चुसाई का पूरा मज़ा ले रही थी. फिर बगहा ने बबिता के दोनो रसीले बूब्स अपने हाथ में लिए, और उनको एक-एक करके चूसने लगा. ये सब बबिता को और भी मदहोश कर रहा था.
उसके बाद उसने बबिता को अपनी बाहों में उठाया, और खड़े-खड़े ही उसकी छूट में लंड डाल दिया. अब वो बाहों में उछाल-उछाल कर बबिता को छोड़ने लग गया. बबिता ने भी अपनी टांगे उसकी कमर में लपेट ली, और उछाल-उछाल कर बगहा का लंड लेने लगी.
दोनो के जिस्म पर उपर से पानी पद रहा था, और नीचे से ढाका-धक चुदाई चल रही थी. अब बबिता ने बगहा की आँखों मैं देखा, और आ आ करने लग गयी. उसकी छूट से माल निकल रहा था, जो बगहा के लंड से बहते हुए टट्टो से नीचे बह रहा था.
अब बगहा भी झड़ने वाला था. उसने जल्दी से बबिता को अपनी बाहों से उतरा, और बबिता घुटनो के बाल बैठ गयी. फिर बगहा ने लंड बबिता के मूह में डाल दिया, और धक्के देके उसका मूह छोड़ने लगा. 40-50 धक्के मार कर बगहा ने अपना लंड उसके मूह में ही खाली कर दिया.
फिर वो चला गया, और बबिता नहा कर बाहर आ गयी.
तो दोस्तों कहानी पढ़ कर आप लोगों को मज़ा तो ज़रूर आया होगा. अगर मज़ा आया हो, तो इसको अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेर करे.