नमस्ते दोस्तो, उमिद है आपको मेरी “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” चुदाई कहानी का पिच्छला पार्ट पसंद आया होगा. अब आयेज..
अब अंजलि जल्दी से लड्डू लेके आई, और कारण को लड्डू खिलाने लग गयी. फिर कारण ने दो लड्डू खा लिए. लेकिन 2 लड्डू खाने के बाद कारण खड़ा हो गया, और अपने खड़े हुए लंड को उसने अंजलि के सामने कर दिया.
कारण के खड़े हुए लंड को देखते ही अंजलि समझ गयी, की अब उसको क्या करना था. फिर अंजलि ने जल्दी से कारण के खड़े हुए लंड को पंत के उपर से अपने हाथ में पकड़ लिया. हाथ में लेके वो कारण के लंड को मसालने लग गयी.
कारण भी इस चीज़ का मज़ा ले रहा था. अंजलि के सॉफ्ट हाथ कमाल का मज़ा दे रहे थे कारण को. फिर कुछ देर के बाद अंजलि ने कारण की पंत की ज़िप खोल दी, और उसके लंड को बाहर निकाल लिया.
लंड को देख कर अंजलि की आँखों में चमक आ गयी. कारण का लंड काफ़ी बड़ा था, और ये देख कर अंजलि मॅन ही मॅन खुश हो रही थी. धीरे-धीरे कारण का लंड और बड़ा हो रहा था.
फिर अंजलि ने कारण के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया, और उसको देखने लग गयी. कारण अब मज़े ले रहा था. फिर अंजलि नीचे बैठ गयी, और कारण के लंड पर अपनी जीभ चलाने लग गयी. थोड़ी देर उसके लंड पर जीभ फेरने के बाद, अंजलि ने लंड मूह में ले लिया.
अंजलि ने अब कारण के लंड को चूसना शुरू कर दिया था. कारण की तो मानो जान ही निकल गयी थी. अंजलि कारण के बड़े से लंड को मूह में लेके चूसने के मज़े लूट रही थी. कारण को भी बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर कारण ने जल्दी से अंजलि के मूह को पकड़ा, और दे दाना दान अंजलि के मूह को छोड़ने लग गया. अंजलि भी बिना कुछ रिक्ट किया कारण के लंड से अपना मूह छुड़वा रही थी. उसको इसमे काफ़ी मज़ा आ रहा था.
अंजलि ने बूब्स हिल रहे थे, और उसके मूह से लार नीचे तपाक रही थी. लेकिन अंजलि फुल मज़े में थी. तभी फिरसे अंजलि को लड्डू की याद आ गयी. फिर अंजलि ने कारण को रुकने का इशारा किया, जो कारण को समझ में नही आया.
कारण को लगा, शायद अंजलि लंड अपनी छूट में डालने को बोल रही थी. ये सोच कर कारण ने अंजलि के मूह से अपना लंड बाहर निकाल लिया. फिर उसने अंजलि को खड़ा किया, और उसको बोला-
कारण: चलो बेड पर चलते है.
अंजलि ने उसको कहा: हा चलते है, लेकिन पहले ये लड्डू तो खा लो.
कारण ने कहा: जानू मूड बना पड़ा है, उसका क्या करू?
अंजलि ने तभी कारण के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया. फिर वो बोली-
अंजलि: जानू चिंता मत करो. पहले ये लड्डू खा लो.
फिर कारण और अंजलि बैठ गये, और फिर अंजलि ने जल्दी से कारण को लड्डू की प्लेट दी. पर अंजलि की किस्मत खराब थी. इस बार भी कारण ने कोई दूसरा लड्डू उठा लिया. फिर वो अंजलि के सामने वो लड्डू खा गया.
अब अंजलि को गुस्सा आ रहा था. लेकिन उसको पता था, की अब तो प्लेट में बस एक ही लड्डू रह गया था. फिर उसने वो लड्डू भी कारण के सामने कर दिया. कारण ने उस लड्डू को उठा लिया, और उसको अंजलि के सामने अपने मूह में लेने लगा.
अभी लड्डू कारण के मूह के पास आया ही था, की इतने में घर के दरवाज़े पर किसी के नॉक करने की आवाज़ आ गयी. ये आवाज़ सुन कर अंजलि को एक-दूं से हैरानी हुई. उसने सोचा, की पता नही इस वक़्त कों आया होगा.
फिर अंजलि ने सोचा, की जाने देती हू. और पहले कारण को लड्डू खिलाने का काम पूरा कर लेती हू. ये सोच कर उसने कारण से कहा-
अंजलि: कुछ नही होता, आप लड्डू तो खाओ.
ये सुन कर कारण ने कहा: आप पागल हो गयी हो क्या?
तभी एक-दूं से बाहर से तारक की आवाज़ आई.
तारक: अंजलि दरवाज़ा खोलो.
तारक की आवाज़ सुन कर अंजलि और कारण एक-दूं से दर्र गये. कारण ने लड्डू रख दिया, और कारण और अंजलि ने अपने-अपने कपड़ो को ठीक किया. फिर जल्दी से कारण ने अंजलि से पूछा-
कारण: मैं कहा से भागु?
अंजलि ने कहा: आप टेन्षन मत लो. आप पीछे से धीरे से चले जाना जब मैं दरवाज़ा खोलू.
अब कारण पिछले दरवाज़े के पास चला गया. अंजलि को बहुत गुस्सा आ रहा था. एक तो कारण ने लड्डू नही खाया, और अंजलि को प्यार का मज़ा भी आ रहा था. तारक बाहर खड़ा था, और अंजलि ने जल्दी से कारण को बाहर निकाल दिया.
फिर अंजलि ने दरवाज़ा खोला, और तारक घर के अंदर आ गया. अंदर आते ही तारक ने अंजलि से पूछा-
तारक: क्या हुआ, इतनी देर क्यू लग गयी दरवाज़ा खोलने में?
अंजलि ने जवाब दिया: कुछ नही, मैं कुछ काम कर रही थी. आप बैठो आराम से, मैं खाना बना देती हू आपके लिए.
तभी तारक ने लड्डू को देखा, और वो लड्डू के पास गया. फिर वो बोला-
तारक: क्या बात है, लड्डू! ये तो काफ़ी टेस्टी लग रहा है. लगता है मेरे लिए ही रखा है. मज़ा आएगा इसको खाने में तो.’
ये बोल कर तारक लड्डू की तरफ बढ़ा. जब अंजलि ने उसको लड्डू को हाथ में लेते देखा, तो वो बोली-
अंजलि: नही… रूको.
जब तारक लड्डू खाने लगा, तो अंजलि ने उसको रोक दिया. तराक लड्डू खाना चाहता था, तभी अंजलि ने उसको बोला-
अंजलि: आपको मेरी कसम है, इस लड्डू को आप मत खाओ.
तारक अंजलि की बात मान गया. फिर अंजलि ने तारक को कहा-
अंजलि: मैने आपके लिए खाना बनाया है, मज़ेदार मसले वाला. इसको मत खाओ, ये खराब है. ये नीचे गिर गया था.
खाने का नाम सुन कर तारक खुश हो गया था. लेकिन ना तो अंजलि खुश थी, और ना ही कारण खुश था. कारण इसलिए खुश नही था, क्यूकी उसको अंजलि की छूट नही मिली. और अंजलि इसलिए खुश नही थी, क्यूकी वो कारण को अभी तक लड्डू नही खिला पाई थी.
अब कारण जेथलाल का काम करने के लिए बिके की तरफ जाने लगा. लेकिन उसका लंड खड़ा हुआ था, और उसको छूट के लिए तरसा रहा था.
इसके आयेज क्या होने वाला है, वो आपको नेक्स्ट पार्ट में पता चलेगा. आप मुझे अपनी फीडबॅक मैल करके भेज सकते हो. साथ ही आप मुझसे बात भी कर सकते हो.