ही दोस्तों, मेरा नाम अविनाश है. मैं देल्ही का रहने वाला हू. मेरी फॅमिली में मैं, मेरी बीवी, मेरा बेटा, और मेरी बेटी रहते है. हमारा घर काफ़ी बड़ा है, तो सब के अपने-अपने रूम्स है.
मेरी उमर 50 साल है. मेरी बेटी की उमर 21 साल है, और वो कॉलेज में पढ़ती है. बेटा मेरा कॅनडा में स्टडी कर रहा है. और बीवी मेरी कॉलेज में लेक्चरर है.
मैं एक मंक में जॉब करता हू, और मेरी पोस्ट काफ़ी अची है. मेरी हाइट 5’9″ है, और लंड मेरा 7 इंच का है. ये कहानी 3 महीने पहले की है. तो चलिए अब कहानी की तरफ बढ़ते है.
मेरी शादी को 22 साल हो चुके थे, और पिछले काफ़ी सालों से सेक्स ना होने के कारण मैं बहुत हॉर्नी फील करता था. इसी वजह से मैं कभी-कभी बाहर किसी रंडी के साथ मूह मार लेता था.
घर में अगर बीवी को सेक्स के लिए बोलता था, तो वो उमर हो गयी है का बोल के माना कर देती थी. मेरी आग बढ़ती जेया रही थी, और फिर एक दिन मेरी गंदी नज़र अपनी ही बेटी के जिस्म पर पड़ी.
मेरी बेटी का नाम महक है. उसका फिगर 32-30-34 है, और लंबे बाल है उसके. वो ज़्यादातर जीन्स ही पहनती है, और वो भी टाइट वाली. इस तरह की जीन्स में उसकी गांद से लेके पैरों तक की शेप सॉफ दी दिखती है. उसका रंग बहुत सॉफ है.
तो हुआ यू, की मैं सुबा-सुबा उठ कर च्चत पर गया. जब मैं वाहा पहुँचा तो मैने देखा महक योगा कर रही थी. उसने स्लीव्ले त-शर्ट पहनी थी, और साथ में लेगैंग्स पहनी हुई थी.
जब मेरी नज़र उसकी गांद पर गयी, तो मेरा लंड खड़ा होने लगा. आप तो जानते ही होंगे, की सुबा-सुबा मर्द सबसे ज़्यादा हॉर्नी होते है. वो अलग-अलग पोज़ बना कर योगा करती रही, और मैं उसके सेक्सी जिस्म को देखता रहा.
उसकी ड्रेस में उसके हर बॉडी पार्ट की शेप सॉफ दिख रही थी. फिर मैं बातरूम में गया, और वाहा जाके अपनी बेटी को इमॅजिन करके मूठ मारने लग गया. हालाकी मूठ मारने के बाद मैने अपने आप को बहुत कोसा, की मैने ऐसा क्यूँ सोचा.
लेकिन फिर ये बार-बार होने लगा. अब मैं जब भी उसको देखता, तो उसकी पूरी बॉडी को अपनी हवस भारी सोच में नंगी इमॅजिन करता. उसके बारे में सोच-सोच कर मैं हर रोज़ मूठ मारने लगा.
मैने फैंसला कर लिया था, की मैं उसको छोड़ूँगा, लेकिन सवाल था कैसे? वो कहते है ना की अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो, तो पूरी काएनआत उसको आपसे मिलाने की कोशिश करने लगती है. ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ.
बेटी के कॉलेज जाने, और मेरी और बीवी की जॉब्स की वजह से सारा दिन घर में कोई नही रहता. एक दिन मैं ऑफीस में बैठा था, तो अचानक से मेरे सर में दर्द होने लगा.
मेडिसिन लेने के बाद भी मुझे बड़ा अनकंफर्टबल लग रहा था, तो मैने घर जाने का सोचा. फिर मैने अपना बाग लिया, और घर के लिए निकल गया. मेरे ऑफीस से घर का रास्ता 20 मिनिट का है, और अगर ट्रॅफिक ज़्यादा हो तो 40 मिनिट भी लग जाते है.
जब मैं घर पहुँचा, तो गाते पर लॉक नही था. मैने सोचा की शायद आज कोई जल्दी घर आ गया होगा. फिर मैं अंदर गया, और देखने लगा की कों आया था घर में.
अभी मैं तोड़ा अंदर गया ही था, की मुझे अंदर से आवाज़े आने लगी. ये आवाज़े मेरे रूम में से आ रही थी. कोई 2 लोग आपस में बातें कर रहे थे. एक आवाज़ फीमेल की थी, और दूसरी आवाज़ किसी माले की थी. मैं सोच में पद गया.
मैने सोचा की फीमेल तो ठीक है, ये मैल कों था जिसकी आवाज़ आ रही थी. फिर मैं अपने रूम की तरफ गया. दरवाज़ा तोड़ा खुला हुआ था, तो मैने अंदर देखा.
अंदर महक थी, और उसके साथ कोई लड़का था. मैं उस लड़के को देख कर हैरान हो गया. वो मेरे बेड पर लेता हुआ था, और महक सामने खड़ी थी. वो लड़का जीन्स और त-शर्ट में था, और महक जीन्स और टॉप में थी. फिर वो लड़का उसको बोला-
लड़का: चलो भी अब जल्दी करो.
महक: करती हू ना बाबा. बड़ी जल्दी में हो.
लड़का: अर्रे इतने मस्त माल के लिए तो हर किसी को जल्दी होगी.
महक ये सुन कर हासणे लगी, और तभी उसने अपनी जीन्स खोल कर नीचे कर दी. मैं उसको ऐसा करते देख कर हैरान हो गया. मुझे लगा था की मेरी बेटी बहुत शरीफ थी. लेकिन ये तो कपड़े उतार रही थी किसी लड़के के सामने.
अब महक रेड पनटी और त-शर्ट में थी. उसकी जांघें सेक्सी थी, और मेरा लंड भी उसको देख कर हार्ड होने लगा था. फिर महक ने बड़े ही कामुक अंदाज़ में अपनी त-शर्ट भी उतार दी. और अब वो रेड ब्रा-पनटी में थी.
मैं देख पा रहा था, की उस लड़के का भी लंड हार्ड हो रहा था. महक कमाल की लग रही थी. अब वो उस लड़के को देख कर वही खड़ी मुस्कुरा रही थी. फिर वो लड़का बोला-
लड़का: चल जल्दी कर कुटिया. इनको भी उतार.
कुटिया! मेरी बेटी कुटिया! और महक ये सुन कर हस्स रही थी. मैं मॅन ही मॅन सोच रहा था, की क्या मेरी बेटी इतनी बड़ी रंडी थी, की कुटिया शब्द सुन कर भी वो हस्स रही थी.
फिर महक अपने हाथ पीछे लेके गयी, और उसने अपनी ब्रा के हुक खोल दिए. हाथ आयेज करते ही उसकी ब्रा उसके जिस्म से अपने आप अलग हो गयी. अब उसकी गोरी-गोरी चूचियाँ मेरे और उस लड़के के सामने थी.
बिल्कुल क़ास्सी हुई चूचियाँ थी मेरी बेटी की. फिर वो नीचे झुकी, और अपनी पनटी को नीचे पैरों तक खींच कर ले गयी. उसकी छूट पर थोड़े काले बाल थे, जो व-शेप में ट्रिम करे हुए थे.
जिस बेटी को मैने बचपन में नंगा देखा था, वो आज जवानी में मेरे सामने नंगी खड़ी थी. मेरा लंड पंत से बाहर आने को तड़प रहा था. दिल तो कर रहा था की अभी अंदर जाके उसकी छूट में अपना लंड घुसा डू. लेकिन मैं देखना चाहता था, की कितनी बड़ी रंडी बन चुकी थी मेरी बेटी. तभी वो लड़का बोला-
लड़का: अब सोच क्या रही है? चल शुरू हो जेया.
इसके आयेज क्या हुआ, और मैने अपनी बेटी के कों-कों से रंग देखे, वो सब आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.