हेलो गाइस मेरा नाम इमरान है और आज में अपनी लाइफ की एक रियल स्टोरी बता रहा हूँ. मेरी आगे 18 साल है और आज की स्टोरी कुछ टाइम पहले की है. में आपको पहले अपने बारे में बीटीये दूं में एक क्यूट सा लड़का हूँ. छोटी हाइट है और आवरेज जिस्म है. जिस्म गोरा चितता है और बिल्कुल स्मूद. मेरी गांद थोरी मोटी है और रौंद रौंद है. पिंक पिंक निपल्स हैं और 6 इंच का लंड है. में बिल्कुल शरीफ सा लड़का था जिससे सेक्स का कुछ नही पता था.
हुआ कुछ यूँ के मेरे बाल बहोट बारे हो गये थे. यूष्यूयली तो में घर के करीब ही एक सालों से बाल कटवता था लेकिन इस बार मैने करीब ही दोसरा सालों ट्राइ करने का सोचा. सुबह सुबह का वक़्त था और सालों बिल्कुल खाली था.
अंदर एक पठान आदमी बेता था. लंबा कढ़ था और बिल्कुल फिट बॉडी थी उसकी. आगे में 40 से उपर का लग रहा था. उसकी नज़र जब मेरी तरफ पारी तो उठ के आया मेरे पास. और मुझे सर से पावं तक देखा और में छोटी टाइट शॉर्ट्स और त शर्ट पहंके गया था लग भी काफ़ी क्यूट रहा था. उसकी नज़र मेरी टाँगों पे थी. फिर थोरी ही हेलो की और अपना नाम अमजद ख़ान बताया.
अमजद: हन बचे क्या करवाना है?
मे: मुझे बाल कटवाने हैं
अमजद: कहाँ के.. हहा
मे: सर के बाल और कहाँ के..
अमजद: तुम जहाँ के बोलॉगे काट दूँगा.. चलो आओ बेतो.
मुझे बेताया और वो मेरे बाल काटने लगा. 40 मिन्स बाद में फारिघ् हो गया. अमजद हेरकट के बाद मेरे सर की आयिल से मालिश करने लगा..
अमजद: मज़ा आ रहा है?
मे: जी सुकून मिल रहा है.
अमजद: बहोट तका तका लग रहा है तू?
मे: हन वो एग्ज़ॅम्स चल रहे थे परह में गुसा हुआ था.
अमजद: मसाज करवा लो ना फिर पूरे जिस्म में सुकून आ जाएगा.
मे: नही नही मेरे पास सिर्फ़ हेरकट के पैसे हैं.
अमजद: अरे बचे तू मुझे बहोट अछा लगा इस लिए तुझसे पैसे नही लूँगा.
मे: सच में आप फ्री में करोगे?
अमजद: बिल्कुल मेरी जान… तुझे इतना सुकून दूँगा तू अगली बार खुद आएगा.
अमजद मुझे पीछे एक रूम में ले गया जहाँ सिर्फ़ एक सिंगल बेड था और कुछ नही.
अमजद: तू अपना काप्रा उतार के लेट जेया में आयिल वगेरा लेके आता हूँ.
मे: काप्राय क्यूँ उतरुण..? में नही उतार सकता.
अमजद: फिर तेरे काप्रा गंदा होज़ायगा.. देखा यहाँ कोई नही आएगा शर्मा मत वेसए भी हम दोनो मर्द ही है ना तू टेन्षन ना ले.
उसके बाद अमजद बाहर सालों का दरवाज़ा बंद करने चला गया. में अंदर सोच रहा था के शायद माना कार्दुन और चला जाओं. लेकिन मेरा दिल कर रहा था मसाज ट्राइ करने का और वो भी फ्री में मिल रही थी. में एक बचकाने दिमघ का लड़का था और में यहाँ फस चुका था.
मैने अपने काप्राय उतरे और सिर्फ़ अंडरवेर में बेत गया बेड पे. अमजद थोरी देर में आया और उसके हाथ में 3-4 आयिल की बॉटल्स थी. अमजद ने मुझे उनको स्मेल करवाया और पूछा कोंसि अची लगी. मुझे जो अची लगी मैने बताई.
अमजद ने मुझे बेड पे लेटया और फिर मुझे आँखें बंद करने को बोला. फिर मुझे चेस्ट पे आयिल गिरता फील हुआ और फिर मेरे चेस्ट पे उसके मज़बूत अपने चेस्ट पे फील हुए.
अमजद आहिस्ता आहिस्ता मेरे निपल्स को रब कर रहा था. मुझे उसकी मसाज से काफ़ी सुकून फील हो रहा था. अमजद ने फिर मेरे पैरों को मसाज की और आहिस्ता आहिस्ता मेरी टाँगों की मसाज की. मेरी थाइस को बारे प्यार से मसाज कर रहा था और मुझे काफ़ी सुकून मिल रहा था.
उसने फिर मुझे उल्टा होने को बोला. पहले उसने मेरी बॅक की मसाज की फिर वापस मेरे टाँगों पे. आहिस्ता आहिस्ता मसाज करते वो मेरी गांद तक पोंचा. उसने मेरा अंडरवेर पकड़ा और खींच दिया. में शॉक हुआ लेकिन उसने मुझे बताया के गंदा हो रहा था इस लिए उतार दिया. मैने वापस आँखें बंद करदी.
मेरा अंडरवेर उतरने के बाद अमजद सिर्फ़ मेरी गांद की मसाज कर रहा था. मेरी गांद पे उसके रफ हाथ फील होरहे थे. मेरी गांद भी दबा रहा था. मुझे पता नही क्यूँ मज़ा अरहा था. अचानक मुझे गांद के होल पे उसकी उंगली फील हुई. वो अपनी फिंगर रौंद रौंद करके घुमा रहा अफ क्या मज़ा अरहा था.
अचानक उनसे फिंगर अंदर दल्दी और मुझे दर्द हुआ. में दर्द से उठ परा लेकिन उसने मेरी बॅक रब करना शुरू करी और मुझे रिलॅक्स करने को बोला. में वापस लेट गया और उसने फिंगर वापस दल्दी. अफ वापस से दर्द हुआ. आहिस्ता आहिस्ता दर्द कम हो गया और वो भी अपनी स्पीड तेज़ तेज़ कर रहा था. मुझे भी अब मज़ा अरहा था.
अमजद ने मेरी वेस्ट पकारी और मुझे उठा दिया. मुझे उसने डोग्ग्स्त्यले पोज़िशन में सेट किया और फिंगरिंग शुरू करदी. अमजद ने मेरा लंड पकड़ा और हिलने लगा. अफ क्या मज़ा था में तो पागल हो रहा था.
10 मिन्स के बाद मेरे लंड से वाइट वाइट माल निकलना शुरू हो गया और में मज़े से काँपने लगा. में बेड पे गिर लेट गया और बहोट थकान हो रही थी. लेकिन अमजद नही रुका उसने वापस मेरी गांद फेलाइ और फिंगरिंग करने लगा.
अमजद: मज़ा आया बचे?
मे: एम्म.. बहोट ज़्यादा मज़ा आया.
अमजद: रुक तुझे और मज़ा देता हूँ.
ये बोलके अमजद ने दोसरि फिंगर भी घुसा दी. अफ वापस से दर्द हुआ लेकिन मैने बर्दाश्त किया. 15 मिन्स फिंगरिंग के बाद उसने तीसरी फिंगर भी घुसा दी.. में वापस दर्द में उछाल परा लेकिन थोरी देर बाद वो भी ख़तम हो गया और में वापस मज़े में आ गया.
अमजद: मज़ा अरहा है ना?
मे: हन आप रुक क्यूँ गये बहोट मज़ा आ रहा था.
अमजद: आँखें बंद करके लेट जा में वापस दल रहा हूँ.
मैने वेसा किया जेसे अमजद ने बोला. अमजद ने मेरी टाँगें फेलाइ और फिर काफ़ी सारा आयिल मेरे होल पे लगाया और फिंगर से अंदर तक डाला.
फिर मुझे कुछ मोटा मोटा होल पे फील हुआ. अमजद ने मुझे गहरी साँस लेने को बोला और फिर एक झटके दिया. में ज़ोर से चीख परा. मैने पीछे मुरके देखा तो अमजद बिल्कुल नंगा था और मेरी गांद में उसने अपना लंड का टोपा घुसाया हुआ था. में उठ गया क्यूंके मुझे काफ़ी दर्द हो रहा था और उसने अपना लंड निकाला.
मे: ये क्या कर रहे हो..?
अमजद: बचा सुन तुझे मज़ा आरहा था ना?
मे: हन लेकिन अब काफ़ी दर्द हुआ.
अमजद: मेरी जान तोरा दर्द बर्दाश्त करले बहोट मज़ा आएगा.
मे: नही आप उंगली डालो बस और कुछ नही.
अमजद: ट्राइ तो कर मज़ा ना आया निकल देंगे.
मेरी नज़र उसके लंड पे पारी. काफ़ी लंबा लंड था और काफ़ी मोटा भी. तकरीबन 9 इंच का लॉरा था उसका. मैने थोरी देर सोचा फिर मान गया. क्यूंके उसकी फिंगरिंग से दर्द हुआ लेकिन बाद में मज़ा भी आया. अमजद को मैने हन बोल ही दिया. अमजद ने मेरी टाँगें उठाई और काफ़ी आयिल लगाया. मेरे होल पे उसने लंड सेट किया और मेरी गांद के नीचे पिल्लो रख दिया.
आहिस्ता आहिस्ता वो ज़ोर लगा रहा था और उसका टोपा अंदर गया. दर्द से मेरी आँखें बंद हो गयी. लेकिन अमजद ने थोरी देर मुझे रेस्ट करने दिया. फिर आहिस्ता आहिस्ता उसने लंड डालता गया. उसका आधा लंड अंदर जा चुका था और में दर्द से मार रहा था. अमजद से भी अब कंट्रोल ना हुआ उसने मेरे हाथ पाखारे और अपने होन्ट मेरे होंतों से मिला दिए.
फिर अचानक से उसने एक झटके में पूरा लंड घुसा दिया. में छिला भी नही पा रहा था क्यूंके वो मेरे होंतों को आज़ाद नही कर रहा था. अमजद स्पीड से लंड अंदर बाहर कर रहा था.
15 मिन्स तक उसने किस्सिंग की और मुझे दबोच के रखा. लेकिन अब आहिस्ता आहिस्ता दर्द कम हो रहा था. अमजद का लंड मुझे पायट तक फील हो रहा था. अमजद ने अपने होन्ट हटाए और मुझे उल्टा डोग्ग्स्त्यले में कार्डिया. फिर स्पीड से छोड़ने लगा. मेरे लंड को भी मसल रहा था.
अमजद के हर झटके में मुझे मज़ा आ रहा था. 15-20 मिन्स की चुदाई के बाद में फिरसे फारिघ् हो गया. लेकिन अमजद अमजद ने मुझे 30 मिन्स और छोड़ा.
फिर उसने एक ज़ोरदार झटके से पूरा लंड अंदर तक दल्दिया और मुझे गांद में गरम गरम माल फील होने लगा. मुझे ऐसा लग रहा था किसी ने गांद में पानी का पीपे खोलदिया हुआ. अमजद फिर मेरे उपर लेट गया और उसका लंड मेरी गांद में ही था. में भी बहोट तक चुका रहा और अब मेरी गांद वापस से धुक रही थी.
अमजद: देखा कितना मज़ा आया.
मे: ह्म.. लेकिन दर्द भी हुआ.
अमजद: डेली करवाएगा तो नही होगा.
मे: मतलब मुझे रोज़ आना परेगा?
अमजद: वो तेरी मर्ज़ी है… तुझे अगर मज़ा आया तो आ जाना में रोज़ तेरी गांद मारूँगा क्यूंके तेरी गांद ने बहोट मज़ा दिया मुझे.
उसके बाद में उठा और गांद को काप्राय से सॉफ किया. अपने काप्राय पहनने लगा तो अमजद ने मुझे रोका और मेरी गांद की पिक्चर निकली. फिर में शॉर्ट्स पहन के वापस घर चला गया. मुझसे तो चला भी नही जा रहा था गांद में इतना दर्द हो रहा था. और घर जाके में सो गया.
अगले दिन दर्द बिल्कुल ख़तम हो गया और अब मेरी वापस चाहत होने लगी चुदाई की. उसके बाद क्या में गया फिर अमजद के पास वो मुझे देख के स्माइल किया. वो किसी के बाल काट रहा था और बाल काटने के बाद उसने सालों बंद किया और फिर मेरी गांद के मज़े लिए और मेरी चुदाई की. उसने मेरी गांद 2 बार मारी और मेरी गर्मी उतरी.
उसके बाद में अमजद के पास हर दोसरे दिन जाता था और अपनी गांद मरवाता था. आहिस्ता आहिस्ता मैने दोसरों से भी मिलना शुरू कार्डिया. आज भी जब मोक़ा मिलता है अमजद के साथ सेक्स कर लेता हूँ.